Wednesday, October 14, 2015


जै, ज़ै

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ज़ै ($फा.स्त्री.)- जीवन, जि़न्दगी; रूह, आत्मा।
ज़ैअ़: (अ.स्त्री.)- बर्बाद होना, नष्ट होना; खेती की भूमि; उद्योग; व्यापार।
ज़ैअ़ (अ.पु.)- नष्ट होना, बर्बाद होना; मरना, समाप्त होना।
ज़ैकल ($फा.वि.)- नंगा, जिसके पास पहनने-ओढऩे के वस्त्र न हों।
ज़ै$ग ($फा.पु.)- फिर जाना।
ज़ै$गम (अ.पु.)- शेर, सिंह, व्याघ्र।
ज़ै$गमशिकार (अ.$फा.वि.)- शेर का शिकार करनेवाला; बहुत बहादुर।
ज़ैत (अ.पु.)- दे.- 'ज़ैतूनÓ।
ज़ैतार (अ.वि.)- महा कंजूस और अनुपकारी।
ज़ैतून (अ.पु.)- एक प्रसिद्घ बीज जिसका तेल निकलता है और दवा में काम आता है।
ज़ैद (अ.पु.)- अमुक व्यक्ति के लिए व्यवहृत शब्द, किसी अपरिचित के लिए प्रयोग किया जानेवाला शब्द।
ज़ैदी (अ..वि.)- शीआ मुसलमानों का एक वंश।
ज़ैन (अ.स्त्री.)- सिंगार, सज्जा, सजावट।
ज़ैनब (अ.स्त्री.)- हज्ऱत इमाम हुसैन की बहन जिन्होंने उनकी शहादत के पश्चात् बड़ी वीरता से 'यज़ीदÓ के शासन की बुराइयों का पर्दा$फाश किया था।
ज़ै$फ (अ.पु.)- अथिति, मेहमान, आगन्तुक। नोट- इसका 'ज़Ó उर्दू के 'ज़्चादÓ अक्षर से बना है।
ज़ै$फ (अ.पु.)- रुपया या अश$र्फी का खोटापन। नोट- इसका 'ज़Ó उर्दू के 'ज़ेÓ अक्षर से बना है।
जैब (अ.$फा.पु.)- कुर्ते या अचकन आदि का गला, गिरीबान।
ज़ैयान (अ.पु.)- जंगली चमेली; मधु, शहद।
जैयिद (अ.वि.)- प्रचण्ड, धुरन्धर, बहुत बड़ा (विद्वान्), अच्छा, खरा, जो खोटा न हो।
ज़ैम (अ.पु.)- ज़ुल्म, अत्याचार, सितम।
ज़ैर (अ.पु.)- कष्ट, तकला$फ।
ज़ैल (अ.वि.)- दुर्बल, कमज़ोर, दुबला। नोट- इसका 'ज़Ó उर्दू के 'ज़्वादÓ अक्षर से बना है।
ज़ैल (अ.$फा.पु.)- दामन, कुर्ते आदि का नीचे लटकनेवाला भाग। नोट- इसका 'ज़Ó उर्दू के 'ज़ालÓ अक्षर से बना है।
ज़ैलदार (अ.$फा.पु.)- वह सरकारी अधिकारी जिसके मातहत कुछ गाँव व $कस्बे हों; एक निम्न कोटि का राज्य-कर्मचारी।
ज़ैली (अ.वि.)- तु$फैली, बिन बुलाए किसी के साथ दावत में चला जानेवाला; जो किसी के साथ हो।
जैश (अ.पु.)- सेना, $फौज; हृदय का वेग या आवेग; हाँडी का उबाल।
जैश ए मलाइक: (अ.पु.)- देवताओं की $फौज, $िफरिश्तों की सेना।
जैहून (अ.पु.)- मध्य एशिया की एक नदी जो 'बलख़्ाÓ के किनारे बहती है।

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