Thursday, October 15, 2015

यौ 

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यौम (अ़.पु.)-दिन, दिवस, दिवा, रोज़।
यौम-उल-हिसाब (अ़.पु.)-यौमुल $िकयामत, $िकयामत अथवा प्रलय का दिन जब $कब्रों में दफ्ऩ सब मुर्दे जी उठेंगे और उनके कर्मों का हिसाब होगा। दे.-'यौमुलहिसाबÓ।
यौमन $फयौमन (अ़.अव्य.)-दिन-प्रतिदिन, रोज़ ब रोज़; धीरे-धीरे, क्रमश:।
यौमिय: (अ़.वि.)-दैनिक, रोज़ाना; हर रोज़, प्रतिदिन; रोज़ीना, रोज़ मिलनेवाला धन या ख़्ाुरा$क।
यौमीय: (अ़.वि.)-दे.-'यौमिय:Ó, शुद्घ उच्चारण वही है मगर इसका भी प्रचलन है।
यौमुत्तनाद (अ़.पु.)-दे.-'यौमुल$िकयामतÓ।
यौमुन्नुशूर (अ़.पु.)-दे.-'यौमुल$िकयामतÓ।
यौमुलअर्बअ़ा (अ़.पु.)-बुधवार।
यौमुलअहद (अ़.पु.)-रविवार, इतवार।
यौमुल इस्नैन (अ़.पु.)-सोमवार, पीर।
यौमुल$िकयामत (अ़.पु.)-हश्र अथवा प्रलय का दिन, जब मुर्दे $कब्रों से निकलकर उठ खड़े होंगे, वे सब एक बड़े मैदान में इकट्ठे होंगे और उनके पाप-पुझय के कर्मों का हिसाब होगा अर्थात् उनके कर्मानुसार न्याय किया जाएगा।
यौमुलख़्ामीस (अ़.पु.)-बृहस्पतिवार, जुमेरात।
यौमुलजज़ा (अ़.पु.)-दे.-'यौमुल$िकयामतÓ।
यौमुलबाहूर (अ़.पु.)-'बोहरानÓ का दिन, यूनानी चिकित्सा के अनुसार 'युद्घवाला दिनÓ, यूनानी चिकित्सा की मान्यता है कि इस दिन प्रकृति और रोग के मध्य युद्घ होता है, जब प्रकृति जीत जाती है तो रोग नष्ट हो जाता हैऔर रोग जीत जाता है तो मृत्यु हो जाती है, प्रकृति और रोग के बीच के युद्घ को 'बोहरानÓ कहते हैं।
यौमुलहश्र (अ़.पु.)-दे.-'यौमुल$िकयामतÓ।
यौमुलहिसाब (अ़.पु.)-दे.-'यौमुल$िकयामतÓ।
यौमुस्सब्त (अ़.पु.)-शनिवार, शनीश्चर।
यौमुस्सल्सा (अ़.पु.)-मंगलवार।
यौमे आज़ादी (अ़.$फा.पु.)-स्वतंत्रता-दिवस, आज़ादी का दिन।
यौमे व$फात (अ़.पु.)-मरने का दिन।
यौमे विलादत (अ़.पु.)-जन्म लेने का दिन, जन्मदिन।
यौमे हुसैन (अ़.पु.)-हज्ऱत इमाम हुसैन की शहादत के दिन का उत्सव।

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