मो
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मोज़: ($फा.पु.)-पाँव में पहनने का जुर्राब।मोज़:गीर ($फा.पु.)-वह घोड़ा, जो सवार के पाँव को पकड़े या काटे।
मोÓजम: (अ़.वि.)-उर्दू का वह अक्षर जिस पर बिन्दी हो, जैसे-'जीमÓ, 'शीनÓ, 'येÓ आदि।
मोÓजिज़: (अ़.पु.)-वह चमत्कार जो अवतार या पै$गम्बर दिखाए; वह काम जो मानव-शक्ति से परे हो।
मोÓजिज़ (अ़.वि.)-बुद्घि या अ़क़्ल को आश्चर्य में डालने-वाला; मोÓजिज्:, वह काम जो मानव-शक्ति से परे हो।
मोÓजिज़निगार (अ़.$फा.वि.)-ऐसा अच्छा लेखक जो पाठक को आश्चर्य में डाल दे।
मोÓजिजऩुमा (अ़.$फा.वि.)-मोÓजिज़: दिखानेचाला, अपने काम से आश्चर्य में डालनेवाला, चमत्कार दिखानेवाला, चमत्कारी।
मोÓजिजऩुमाई (अ़.$फा.स्त्री.)-मोÓजिज़: दिखाना, चमत्कार दिखाना।
मोÓजिज़बयाँ (अ़.$फा.वि.)-बहुत अच्छा बोलनेवाला, सुवक्ता।
मोÓजिज़बयानी (अ़.$फा.स्त्री.)-बहुत अच्छा भाषण।
मोÓजिज़ात (अ़.पु.)-'मोÓजिज़:Ó का बहु., मोÓजिज़े।
मोÓजिब (अ़.वि.)-घमण्डी, अभिमानी।
मोÓत$कद (अ़.वि.)-एति$काद रखा हुआ, विश्वास या भरोसा रखा हुआ, वह बात जिसका विश्वास हो।
मोÓत$कदात (अ़.पु.)-'मोÓत$कदÓ का बहु., वे बातें जिनका विश्वास हो, अ़$कीदे।
मोÓत$िकद (अ़.वि.)-एति$काद रखनेवाला, विश्वास या भरोसा रखनेवाला, धर्मविश्वास रखनेवाला, धार्मिक आस्था रखनेवाला, श्रद्घालु, श्रद्घावान्।
मोÓतकि$फ (अ़.वि.)-एकान्त अथवा एक कोने में बैठकर ईश्वर की आराधना करनेवाला; एकान्तवासी, सबसे अलग होकर एकान्तवासी हो जानेवाला।
मोÓतज़ल: (अ़.पु.)-एक साम्प्रदाय, जो यह कहता है कि ईश्वर कभी दिखाई नहीं दे सकता, और आदमी जो कुछ करता है स्वयं करता है ईश्वर कुछ नहीं कराता।
मोÓतजि़ली (अ़.वि.)-मोÓतज़ल: सम्प्रदाय का अनुयायी।
मोÓतद [द्द] (अ़.वि.)-गिना हुआ, शुमार किया हुआ।
मोÓतदबिहि (अ़.वि.)-का$फी, पर्याप्त; अत्यधिक, बहुत अधिक।
मोÓतदिल (अ़.वि.)-समशीतोष्ण, जिसमें गर्मी-सर्दी बराबर हो; जिसमें कोई बात आवश्यकता से कम या अधिक न हो, संतुलित; दरमियानी, मध्यम।
मोÓतबर (अ़.वि.)-जिसका एतिबार हो, जिसका विश्वास या भरोसा हो, विश्वस्त।
मोÓतमद (अ़.वि.)-जिस पर भरोसा हो, विश्वासपात्र।
मोÓतमद अ़लैह (अ़.वि.)-जिस पर भरोसा हो, विश्वासी, विश्वस्त, विश्वासपात्र।
मोÓतरज़ात (अ़.पु.)-एतिराज़ की बातें, आपत्तिजनक बातें।
मोÓतरिज़ (अ़.वि.)-एतिराज़ करनेवाला, आपत्ति करनेवाला, आपत्तिकर्ता।
मोÓतरि$फ (अ़.वि.)-एतिरा$फ करनेवाला, स्वीकार करने-वाला, अपने अपराध को मान लेनेवाला, इक़्रार करनेवाला, स्वीकृत करनेवाला।
मोÓताद (अ़.वि.)-मात्रा, मिक़्दार; पूरी खुराक, पूरी मात्रा; आदी, व्यसनी, लती।
मोÓती (अ़.वि.)-अ़ता करनेवाला, दाता, प्रदाता, अनुदाता; ईश्वर का एक नाम।
मोम ($फा.पु.)-सिक्थ, मधुशिष्ट, माक्षिज।
मोमजाम: ($फा.पु.)-वह कपड़ा जो मोम में तर कर लिया गया हो, मोम चढ़ाया हुआ कपड़ा।
मोमरौ$गन ($फा.पु.)-तेल में मोम मिलाकर बनाया हुआ तेल।
मोमिन: (अ़.स्त्री.)-मुसलमान स्त्री, मुस्लिम महिला।
मोमिन (अ़.पु.)-मुसलमान पुरुष, मुस्लिम मर्द।
मोमिनात (अ़.स्त्री.)-'मोमिन:Ó का बहु., मुस्लिम महिलाएँ।
मोमियायी (अ़.स्त्री.)-पत्थर से टपकनेवाला ऐ मद, औषध, शिलाजतु, सलाजीत, शिलाजीत।
मोर ($फा.स्त्री.)-च्यूँटी, पिपीलिका; च्यूँटा, चींटा।
मोरच: ($फा.पु.)-जंग; मैल; मल।
मोरचाल ($फा.पु.)-वह गड्ढ़ा, जिसमें बैठकर शत्रु पर गोली चलाते हैं, मोरचा।
मोरे ज़ई$फ (अ़.$फा.स्त्री.)-कमज़ोर च्यूँटी अर्थात् असमर्थ और दीन व्यक्ति।
मोरे नातुवाँ ($फा.स्त्री.)-दे.-'मोरे ज़ई$फÓ।
मोरोमलख़्ा ($फा.पु.)-चींटी और टिड्डी, अर्थात् छोटे-छोटे प्राणी।
मोह्मल (अ़.वि.)-व्यर्थ, बेकार; निरर्थक, बेमानी; बकवास; ल$फंगा, अविश्वसनीय, बेएतिबार।
मोह्मलगो (अ़.वि.)-निरर्थक बातें करनेवाला, बकवास करनेवाला, बकवासी, बहुभाषी, $फुज़ूल की बातें करनेवाला।
मोह्मलगोई (अ़.स्त्री.)-बहुभाषण करना, निरर्थक बातें करना, बकवास करना, $फुज़ूल की बातें करना।
मोह्लत (अ़.स्त्री.)-अवकाश, $फुर्सत; छुट्टी, ताÓतील; समय, वक़्त, विलम्ब, ढील, देर।
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