बो
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बोईद: ($फा.वि.)-सूँघा हुआ।बोईदन ($फा.क्रि.)-सूँघना।
बो$गदान ($फा.पु.)-मदारी का पिटारा या थैला।
बो$गबंद ($फा.पु.)-गठरी का कपड़ा, दोहरा सिया हुआ एक कपड़ाजिसमें लिहा$फ और तोशक व$गैरह बाँधकर रखते हैं।
बो$गया ($फा.पु.)-घोड़ों की एक बीमारी जिसमें शरीर के सब अंगों से पसीना टपकने लगता है, बंद-हैज़ा; घैंघा; (औरतों की बोली में)-कूड़ा-करकट; अला-बला; चुड़ैल, बदशक्ल औरत।
बोज़: ($फा.स्त्री.)-एक प्रकार की शराब जो चावल, चने और जौ के आटे से बनती है।
बोज़ ($फा.वि.)-चालाक घोड़ा; चतुर आदमी।
बोत: ($फा.पु.)-सोना-चाँदी गलाने की सुनारों की कुठाली, घरिया, बूत:; ऊँट का बच्चा (नर); झाड़ी, छोटा पेड़ जिसकी शाख़्ों ज़मीन तक लटकती हैं; मोटा, भद्दा।
बोती ($फा.स्त्री.)-ऊँट का मादा बच्चा।
बोतीमार ($फा.पु.)-बक, बगुला।
बोया ($फा.वि.)-सुगन्धित, सुवासित, ख़्ाुशबूदार।
बोरिया ($फा.पु.)-चटाई, खजूर की चटाई, मंदुरा।
बोरियानशीं ($फा.वि.)-चटाई पर बैठनेवाला, $फ$कीर।
बोरियाबाफ़ ($फा.वि.)-चटाइयाँ बनानेवाला।
बोरियाबाफ़ी ($फा.स्त्री.)-चटाइयाँ बनाने का काम।
बोल (अ़.पु.)-मूत्र, पेशाब। कहा.-'बोल ख़्ांता होनाÓ-पेशाब निकल जाना। दे.-'बौलÓ, शुद्घ उच्चारण वही है।
बोश (अ़.पु.)-शान-शौ$कत, वैभव; लुच्चा, शोहदा, पाजी।
बोस ($फा.प्रत्य.)-चूमनेवाला, जैसे-'$फलकबोसÓ-आकाश को चूमनेवाला, गगनचुम्बी।
बोस कनार ($फा.पु.)-चूमा-चाटी, बोस:बाज़ी; लिपटना और चूमना, चूमना और बगल में लेना; चुम्बन और आलिंगन।
बोस: ($फा.पु.)-चुम्बन, चूमा, चूमना, प्यार करना।
बोस:गाह ($फा.स्त्री.)-वह स्थान जिसे चूमा जाए।
बोस:जऩ ($फा.वि.)-चूमनेवाला, चुम्बक।
बोस:बपै$गाम ($फा.वि.)-दूसरे के माध्यम से अपने उद्देश्य की प्राप्ति करना। '$कासिद के हाथ चूम लिये मैंने लेके ख़्ात, ये इक तरह का बोस:बपैग़ाम हो गयाÓ।
बोस:बाज़ी ($फा.स्त्री.)-एक-दूसरे को चूमना, चूमा-चाटी, चुंबा-चुंबी।
बोसिंद: ($फा.वि.)-चूमनेवाला, बाहों में भरनेवाला, आलिंगन में लेनेवाला।
बोसीद: ($फा.वि.)-चूमा हुआ, चुम्बित; फटा-पुराना, गला-सड़ा।
बोसीदगी ($फा.स्त्री.)-सड़ा-गला होना, फटा-पुराना होना; सड़ा-गलापन, फटा-पुरानापन।
बोसीदनी ($फा.वि.)-चुंबनीय, चूमने योग्य।
बोस्ताँ ($फा.पु.)-'बोस्तानÓ का लघु, दे.-'बोस्तानÓ।
बोस्ताँपैरा ($फा.वि.)-माली, उद्यानपाल।
बोस्तान ($फा.पु.)-फूलों का बा$ग, गुलज़ार; उद्यान, उपवन, आराम-वाटिका; शेख़्ा सादी की प्रसिद्घ पुस्तक का नाम।
बोहतान (अ़.पु.)-झूठा आरोप, मिथ्या अभियोग। कहा.-'बोहतान जोडऩाÓ-आरोप लगाना, कलंक लगाना।
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