Thursday, October 15, 2015

बा

--------------------------------------------------------------------------

बाँग ($फा.स्त्री.)-ध्वनि, स्वर, नाद, आवाज़; मु$र्गे की बोली; नमाज़ की अज़ान।
बाँगे अज़ाँ (अ़.$फा.स्त्री.)-अज़ान की आवाज़, अज़ान।
बाँगे जरस ($फा.स्त्री.)-$का$िफले अथवा कारवाँ में बजनेवाले घंटे की आवाज़।
बाँगे दिरा ($फा.स्त्री.)-दे.-'बाँगे जरसÓ।
बा ($फा.उप.)-किसी शब्द के शुरूअ़ात में आकर 'साथÓ, 'वालाÓ या 'पूर्णÓ आदि का अर्थ देता है, जैसे-'बाआबोताबÓ-चमक-दमक के साथ; 'बाईमानÓ-ईमानवाला; 'बाअसरÓ-प्रभावपूर्ण।
बाअख़्ला$क (अ़.$फा.वि.)-सुशील, शिष्ट, अच्छे शीलस्वभाव वाला।
बाअदब (अ़.$फा.वि.)-शिष्ट, तमीज़दार।
बाअमल (अ़.पु.)-पालन करनेवाला, नैतिक, धर्मानुसार कार्य करनेवाला।
बाअसर (अ़.$फा.वि.)-असरवाला, प्रभावशाली।
बाआँकि (फ़ा.अव्य.)-इसके बावुजूद।
बाआबरू ($फा.वि.)-प्रतिष्ठित, इज़्ज़तदार।
बाआबोताब ($फा.वि.)-चमक-दमक के साथ, शान के साथ।
बाइक़्ितदार (अ़.$फा.वि.)-सत्ताधारी, सत्तावान्, जिसके हाथ में सत्ता हो।
बाइख़्ितयार (अ़.$फा.वि.)-अधिकार-प्राप्त, प्राप्ताधिकार, जिसके हाथ में अधिकार हो।
बाइख़्लास (अ़.$फा.वि.)-जिसमें ख़्ाुलूस और निष्कपटता हो।
बाइत्मीनान (अ़.$फा.वि.)-विश्वासपात्र, विश्वस्त, मोÓतबिर, ईमानदार।
बाइज़ (अ़.स्त्री.)-अण्डा देनेवाली मु$र्गी।
बाइस (अ़.पु.)-निमित्त, कारण, हेतु, सबब; मूल कारण, बुन्याद (बुनियाद)।
बाइसे इन्$िफअ़ाल (अ़.पु.)-पश्चात्ताप का कारण, लज्जा का कारण।
बाइसे इफ़्ितरा$क (अ़.पु.)-मतभेद का कारण, फूट का कारण।
बाइसे इब्तिहाज (अ़.पु.)-ख़्ाुशी या प्रसन्नता का कारण, हर्ष का कारण।
बाइसे इश्तिअ़ाल (अ़.पु.)-उत्तेजना का कारण।
बाइसे ख़्ाुशी (अ़.पु.)-प्रसन्नता या हर्ष का कारण।
बाइसे त$फाख़्ाुर (अ़.पु.)-गर्व या मान का कारण।
बाइसे तबाही (अ़.$फा.पु.)-विध्वंस का कारण, बरबादी अथवा नाश की जड़।
बाइसे दिरंग (अ़.$फा.पु.)-ढील और देर का कारण।
बाइसे नदामत (अ़.पु.)-दे.-'बाइसे इन्फि़अ़ालÓ।
बाइसे निफ़ा$क (अ़.पु.)-मतभेद का कारण, फूट का कारण।
बाइसे परवरिश (अ़.$फा.पु.)-अनुकम्पा या कृपा का कारण।
बाइसे $फख्ऱ (अ़.पु.)-गर्व का कारण।
बाइसे मन्फ़अ़त (अ़.पु.)-भलाई का कारण; लाभ या प्राप्ति का कारण।
बाइसे मर्हमत (अ़.पु.)-कृपा और दया का कारण।
बाइसे मसर्रत (अ़.पु.)-हर्ष और आनन्द का कारण।
बाइसे शकररंजी (अ़.$फा.पु.)-शत्रुता अथवा दुश्मनी का कारण, वैमनस्य का कारण।
बाइसे शर्म (अ़.$फा.पु.)-लज्जा का कारण, संकोच का कारण।
बाइसे शुक्र (अ़.पु.)-धन्यवाद का कारण।
बाइस्त: ($फा.वि.)-योग्य, लाइक़; उत्तम, बेहतर, बढिय़ा।
बाइस्तितअ़त (अ़.$फा.वि.)-समर्थ, सामथ्र्यवान्, योग्य; धनी, धनवान्, मालदार।
बाइस्तेÓदाद (अ़.$फा.वि.)-ज्ञानी, पंडित, विद्वान्, का$फी पढ़ा-लिखा।
बाइस्मत (अ़.$फा.वि.)-सती, साध्वी, इस्मतमअ़ाब, शीलवान्, इज़्ज़तदार।
बाईंहम: ($फा.अव्य.)-इन सब बातों के बावुजूद।
बाईमान (अ़.$फा.वि.)-ईमान का पक्का, धर्मनिष्ठ, ईमानदार, दियानतदार।
बाईसार (अ़.$फा.वि.)-त्यागी, त्यागशील।
बाए (अ़.वि.)-विक्रेता, बेचनेवाला, बिक्री करनेवाला।
बाएति$काद (अ़.$फा.वि.)-श्रद्घावान्, मोत$िकद, अच्छी आस्था -वाला।
बाएतिबार (अ़.$फा.वि.)-विश्वसनीय, विश्वासपात्र, विश्वस्त, मोÓतबर।
बाएतिमाद (अ़.$फा.वि.)-विश्वसनीय, विश्वासपात्र, विश्वस्त, मोÓतमद।
बाएहतियाज (अ़.$फा.वि.)-मुहताज, ज़रूरतमंद।
बाएहतियात (अ़.$फा.वि.)-सतर्क, सावधान; सतर्कता या सावधानी रखनेवाला, एहतियात करनेवाला।
बाएहसास (अ़.$फा.वि.)-स्वाभिमानी, ख़्ाुद्दार।
बाऔलाद (अ़.$फा.वि.)-बाल-बच्चोंवाला, संतानवाला।
बाक ($फा.पु.)-आशंका, अंदेशा; भय, डर, ख़्ाौ$फ; लज्जा, शर्म; संकोच, पसोपेश।
बा$करीन: ($फा.वि.)-$काइदे से, क्रमानुसार, नियमित; धनी, सम्पन्न।
बाकोदो काविश ($फा.अव्य.)-पूरी दौड़-धूप से।
बा$काइद: ($फा.वि.)-$बाज़ाबित:; काइदे से, $करीने से, क्रम से।
बाकमाल (अ़.$फा.वि.)-किसी काम या हुनर में महारत रखनेवाला; हुनरमंद, गुणवान्।
बाकार ($फा.वि.)-साधन-सम्पन्न, जो काम में लगा हो, जिसके पास जीविका चलाने का साधन हो।
बा$िकयात (अ़.उभ.)-बा$की बची हुई चीज़ें।
बा$िकयातुस्सालिहात (अ़.स्त्री.)-वे अच्छे काम जिनसे नाम बा$की रहे; अच्छी औलाद।
बाकिर: (अ़.स्त्री.)-कुमारी, अक्षता, बिन ब्याही लड़की, दोशीज़:।
बाकिर (अ़.पु.)-शेर, व्याघ्र, सिंह; $फाजि़ल, विद्वान्, कोविद।
बा$िकल्ल: (अ़.पु.)-मटर।
बा$की (अ़.स्त्री.)-जो र$कम अदा होने को हो; शेष बचा हुआ; अमर, अनश्वर, हमेशा रहनेवाला; ईश्वर का एक नाम।
बाकी (अ़.वि.)-रुदन करनेवाला, रोनेवाला।
बा$कीदार (अ़.$फा.वि.)-जिसे कुछ देना शेष रह गया हो, जिसके जि़म्मे $कजऱ् या ऋण बा$की हो।
बा$कीमाँद: (अ़.$फा.वि.)-शेष बचा हुआ, बा$की बचा हुआ।
बाख़्ा: (तु.पु.)-कछुआ, कच्छप, कूर्म।
बाख़्ाबर (अ़.$फा.वि.)-अभिज्ञ, वा$िक$फ; सचेत, सतर्क, होशियार; जानकार, ज्ञाता।
बाख़्ाबरी (अ़.$फा.स्त्री.)-अभिज्ञता, वाकिफ़़ीयत; ज्ञान, जानकारी; सतर्कता, होशियारी।
बाख़्िार: (अ़.स्त्री.)-भाप से चलनेवाली पनडुब्बी, स्टीमर, अग्निबोट।
बाख़्िारद ($फा.वि.)-मेधावी, मनीषी, बुद्घिमान्, अ़क़्लमंद।
बाख़्ाुदा ($फा.वि.)-पुण्यात्मा, सदात्मा।
बाख़्ौर (अ़.$फा.वि.)-जो सबके साथ भलाई करता हो; जो सबकी भलाई चाहता हो; दानशील, $फैयाज़।
बाख़्त: ($फा.वि.)-हारा हुआ, जुए के दाँव पर हारा हुआ, (प्रत्य.)-इन्हीं अर्थों में प्रयुक्त, जैसे-'दिलबाख़्त:Ó-प्रेम में मन हारा हुआ।
बाख़्तनी ($फा.अव्य.)-हारने योग्य।
बाख़्तर ($फा.पु.)-पूर्व, पूर्व दिशा, मश्रि$क; कभी पश्चिम के लिए भी आता है; ख़्ाुरासान।
बा$ग ($फा.पु.)-उपवन, उद्यान, आराम, वाटिका, गुलिस्ताँ।
बा$गच: ($फा.पु.)-फुलवारी, छोटी वाटिका, छोटा बा$ग।
बा$गपैरा ($फा.वि.)-उद्यानपाल, माली।
बा$गबा$ग ($फा.वि.)-अत्यन्त आनन्दित, बहुत ख़्ाुश।
बा$गबान ($फा.पु.)-उद्यानपाल, बा$ग की देखभाल करनेवाला, माली।
बा$गबानी ($फा.स्त्री.)-बा$ग में पौधे उगाने और उनकी देखभाल का काम, माली का काम।
बा$गबाने अज़ल (अ़.$फा.पु.)-ईश्वर, भगवान्।
बा$गर: ($फा.पु.)-गिल्टी, गूमड़ा, गुल्ठी।
बा$गात ($फा.पु.)-'बा$गÓ का बहु., उद्यान-समूह, बहुत-से उपवन।
बा$िगयान: (अ़.$फा.अव्य.)-विद्रोहियों-जैसा, बा$िगयों-जैसा।
बा$गी (अ़.वि.)-विद्रोही, ब$गावत करनेवाला; अवज्ञाकारी, सरकश।
बा$गीच: ($फा.पु.)-दे.-'बा$गच:Ó, शुद्घ उच्चारण वही है।
बा$गुंद: ($फा.पु.)-रुई का गोला।
बा$गे अ़द्न (अ़.$फा.पु.)-स्वर्ग, बिहिश्त।
बा$गे अ़ाम (अ़.$फा.पु.)-कम्पनी-बा$ग, पुरोद्यान।
बा$गे इब्राहीम ($फा.पु.)-वह आग जिसमें नम्रूद ने हज्ऱत इब्राहीम को जलाने के लिए डाल दिया था मगर ईश्वर की कृपा से वह बा$ग में परिवर्तित हो गई।
बा$गे इरम ($फा.पु.)-वह बा$ग जो शद्दाद ने बनाया था, जन्नते शद्दाद।
बा$गे कुदुस (अ़.$फा.पु.)-स्वर्ग, बिहिश्त।
बा$गे ख़्ाुल्द (अ़.$फा.पु.)-स्वर्ग, बिहिश्त।
बा$गे बिहिश्त (अ़.$फा.पु.)-स्वर्ग।
बा$गे जिनाँ (अ़.$फा.पु.)-स्वर्ग, बिहिश्त।
बा$गे रिज़्वाँ (अ़.$फा.पु.)-स्वर्ग, बिहिश्त।
बा$गे वह्श (अ़.$फा.पु.)-जन्तुशाला, अजाइबघर जिसमें हर प्रकार के जीव-जन्तु हों।
बा$गे शद्दाद (अ़.$फा.पु.)-वह कृत्रिम स्वर्ग जो शद्दाद ने बनाया था और जिसमें प्रवेश करते समय वह घोड़े से गिरकर मर गया।
बा$गैरत (अ़.$फा.वि.)-जिसमें $गैरत हो, स्वाभिमानी, ख़्ाुद्दार; लज्जावान्, बाहया।
बा$गोबहार ($फा.स्त्री.)-शोभायमान्, बारौन$क।
बाचश्मेतर ($फा.अव्य.)-सजल नेत्रों से, अश्रुपूरित आँखों से, आँखों में आँसू डबडबाते हुए, रोते हुए।
बाचश्मेनम ($फा.अव्य.)-दे.-'बाचश्मेतरÓ।
बाज ($फा.पु.)-ख़्िाराज़, चौथ।
बाज़ ($फा.पु.)-एक प्रसित्र पक्षी, श्येन, (प्रत्य.)-पुन:, फिर।
बाÓज़ (अ़.वि.)-कतिपय, चन्द; कोई-कोई।
बाज़कर्द: ($फा.पु.)-जुदा किया हुआ; खोला हुआ; पृथक् किया हुआ।
बाज़कर्दन ($फा.क्रि.)-पृथक् करना, अलग करना; जुदा करना; खोलना।
बाज़ख़्वास्त ($फा.स्त्री.)-तलाश, खोज; वापस माँगना।
बाज़ख़्वाह ($फा.वि.)-वापस माँगनेवाला।
बाज़ख़्वाही ($फा.स्त्री.)-वापस माँगना।
बाजग़श्त ($फा.स्त्री.)-लौटना, वापसी।
बाजगीर ($फा.वि.)-चौथ वसूलनेवाला, ख़्िाराज़ लेनेवाला।
बाजगुज़ार ($फा.वि.)-चौथ देनेवाला, ख़्िाराज़ देनेवाला।
बाजदार ($फा.वि.)-दे.-'बाजगीरÓ।
बाज़दाÓवा (अ़.$फा.पु.)-दावे से उदास होना, दावा वापस लेना, नालिश वापस लेना।
बाज़दीद ($फा.स्त्री.)-प्रति-भेंट, ज़वाबी मुला$कात, किसी के मिलने के लिए आने पर उससे भेंट या मुला$कात करने उसके घर जाना।
बाज़दैही ($फा.क्रि.)-पीछे हटना।
बाज़पसीं ($फा.वि.)-अंतिम काल, मृत्युकाल, मरने का समय, आख़्िारी वक़्त।
बाज़पुर्स ($फा.स्त्री.)-पूछताछ, तह$की$कात, जाँच-पड़ताल, अनुसंधान; कैफिय़त तलब करना।
बाज़माअ़त (अ़.$फा.वि.)-जमाअ़त के साथ नमाज़, मस्जिद में सबके साथ की नमाज़।
बाज़मानत (अ़.$फा.वि.)-ज़मानत के साथ, जिसके साथ ज़मानत भी देनी पड़े।
बाजमाल (अ़.$फा.वि.)-मनोहर, हसीन, रूपवान्, सुन्दर।
बाजय़ाफ़्त: ($फा.वि.)-फिर पाया हुआ।
बाजय़ाफ़्तगी ($फा.स्त्री.)-फिर से पाना, गई हुई चीज़ का मिल जाना।
बाजय़ाबी ($फा.स्त्री.)-दे.-'बाजय़ाफ़्तगीÓ।
बाजऱंग ($फा.स्त्री.)-अँगिया, चोली, कंचुकी।
बाजऱगाँ ($फा.पु.)-'बाज़ारगाँÓ का लघु., सौदागर, व्यापारी, वणिक्।
बाजऱगानी ($फा.पु.)-व्यापार, सौदागरी।
बाजऱाए (अ़.$फा.वि.)-जिसके पास साधन हों।
बाज़ाइ$क: (अ़.$फा.वि.)-सुस्वाद, स्वादिष्ठ, मज़ेदार।
बाज़ाबित: (अ़.$फा.वि.)-नियमबद्घ, नियमपूर्वक, वैधानिक तरी$के से, $कानूनी तौर पर, बा$काइद:।
बाज़ार ($फा.पु.)-हाट, जहाँ सामान बेचनेवालों की दूकानें लगी हों।
बाज़ारगाँ ($फा.पु.)-व्यापारी, वणिक्।
बाज़ारी ($फा.वि.)-बाज़ार का; बाज़ार से सम्बन्ध रखनेवाला; लो$फर, कमीना (अगर स्त्री के लिए इस शब्द का प्रयोग होता है तो उसका अर्थ होगा-'वेश्या, रंडीÓ आदि)।
बाज़ारी औरत ($फा.स्त्री.)-वेश्या, व्यभिचारिणी, नगरवधु, रण्डी।
बाज़ारू ($फा.वि.)-बाज़ार की, दूकान की, (अगर स्त्री के लिए इस शब्द का प्रयोग होता है तो उसका अर्थ होगा-'वेश्या, रंडीÓ आदि)।
बाज़ारू औरत ($फा.स्त्री.)-वेश्या, व्यभिचारिणी, नगरवधु, रण्डी।
बाज़ारे हुस्न (अ़.$फा.पु.)-कोठा, रण्डीख़्ााना, तवाय$फघर, चकला; वह स्थान जहाँ बहुत-सी रूपवती स्त्रियाँ एकत्र हों।
बाजि़ंद: ($फा.वि.)-छलिया, ठगिया, ऐयार, वंचक, छली; खिलाड़, खिलाड़ी; धूर्त, चालाक, मक्कार।
बाजि़ंदगी ($फा.स्त्री.)-मक्कारी, चालाकी, धूर्तता; वंचकता, छल; खिलाड़ीपन।
बाजि़$ग ($फा.वि.)-उदीयमान्, प्रकाशित, चमकता हुआ, रौशन।
बाजि़ल (अ़.वि.)-दानशील, वदान्य, सख़्ाी, $फैयाज़।
बाजी ($फा.वि.)-चौथ देनेवाला, बाज देनेवाला, ख़्िाराज़ देनेवाला।
बाजी (तु.स्त्री.)-आपा, बड़ी बहन, अत्तिका।
बाज़ी ($फा.स्त्री.)-कौतुहल, तमाशा, खेल; शर्त, पण; शर्त पर लगाश हुआ धन; धोखा, छल; ताश, शतरंज आदि का एक बार का खेल; ठठोल, मस्ख़्ारापन।
बाज़ीगर ($फा.वि.)-तमाशा करनेवाला, कौतुकी; मायाबी, शोबद:बाज़।
बाज़ीगरी ($फा.स्त्री.)-खेल-तमाशे करना, कौतुक दिखाना; मायाकर्म, शोबद:बाज़ी करना।
बाज़ीगाह ($फा.स्त्री.)-कौतुल-स्थल, क्रीड़ा-स्थल, खेलने की जगह।
बाज़ीगोश ($फा.स्त्री.)-खिलाड़ी, शरीर; चपल, चंचल; वह लड़का जो खिलाड़ी लड़कों की आवाज़ पर कान लगाए रहे।
बाज़ीच: ($फा.पु.)-खिलौना, जिससे बच्चे खेलें; तमाशा, खंल, क्रीड़ा, कौतुक।
बाज़ीचए अत्$फाल (अ़.$फा.पु.)-बच्चों का खिलौना; बच्चों का खेल।
बाज़ू ($फा.पु.)-बाँह, बाहु, भुजा; चिडिय़ों के डैने जिनमें पंख लगते हैं; गवैये के साथ स्वर मिलानेवाला; सहायता, मदद; बल, ज़ोर, ता$कत।
बाज़ूबंद ($फा.पु.)-बाँह में पहनने का एक आभूषण; अंगद, केयूर, बिजायठ, भुजबंद।
बाज़ूशिकन ($फा.वि.)-ता$कतवर, शक्तिशाली, ज़ोरावर।
बाज़ूशिकस्त: ($फा.वि.)-भग्न-बाहु, जिसकी भुजाएँ टूट गई हों; बेबस, लाचार, असहाय, दु:खी।
बाज़ौ$क (अ़.$फा.वि.)-रसिक, सहृद्, सुख़्ानशनास।
बातद्बीर ($फा.वि.)-कुशल, प्रवीण, चतुर, होशियार; हर काम को सली$के से करनेवाला।
बातनख़्वाह ($फा.वि.)-जो वेतन लेकर काम करता हो, जिसे काम करने का वेतन दिया जाता हो।
बातमीज़ (अ़.$फा.वि.)-शिष्ट, सभ्य, मुहज़्ज़ब, शाइस्ता; जो सारे काम सुगढ़तापूर्वक करे, तमीज़दार।
बातम्कीन (अ़.$फा.वि.)-गंभीर, संजीद:; प्रतिष्ठित।
बातर्जम: (अ़.$फा.वि.)-जिस मूल पुस्तक के साथ उसका अनुवाद भी हो, सटीक, सानुवाद।
बातर्तीब (अ़.$फा.वि.)-क्रमबद्घ, नृंखलित, क्रम से लगा हुआ।
बातसल्सुल (अ़.$फा.वि.)-अनवरत, अविच्छिन्न, लगातार; क्रमबद्घ, क्रम से लगा हुआ।
बातहज़ीब (अ़.$फा.वि.)-शिष्ट, सभ्य।
बातिन (अ़.पु.)-मन, हृदय, दिल; अन्दर, भीतर; अंदरूनी हालत।
बातिनी (अ़.वि.)-हार्दिक, मानसिक, दिली; आंतरिक, अंदरूनी।
बातनीय: (अ़.पु.)-मुसलमानों का एक सम्प्रदाय।
बातिल (अ़.वि.)-व्यर्थ, बेकार, निकम्मा, बेअसर; असत्य, झूठ, $गलत; खण्डित, रद।
बातिलपरस्त (अ़.$फा.वि.)-जो सत्यता का पालन न करके असत्यता को अपना ध्येय बनाए।
बातिलशिकन (अ़.$फा.वि.)-जो असत्य का खण्डन करे, सत्यवान्।
बातिश (अ़.वि.)-कठोरता करनेवाला, सख़्ती बरतनेवाला; हमला करनेवाला।
बातौ$कीर (अ़.$फा.वि.)-प्रतिष्ठित, सम्मानित, पूज्य।
बातौ$फी$क (अ़.$फा.वि.)-समर्थ, सामथ्र्यवान्, बामक़्दरत; धनी, समृद्घ, सम्पन्न।
बादंजान ($फा.पु.)-बैंगन, भाँटा, भंटाकी।
बाद जाने $िफरंगी ($फा.पु.)-टमाटर।
बाद: ($फा.स्त्री.)-मद्य, मदिरा, सुरा, शराब, वारुणी,हाला, कादंबिनी, माधुरी।
बाद:आशाम ($फा.वि.)-मद्यप, शराब पीनेवाला, पानकर्ता, पानप, रसाशी।
बाद:आशामी ($फा.स्त्री.)-मद्यपान, शराब पीना।
बाद:कश ($फा.वि.)-मद्यपान, शराब पीना।
शराब पीनेवाला, मद्यप।
बाद:कशी ($फा.स्त्री.)-मद्यपान, शराब पीना।
बाद:ख़्ाोर ($फा.वि.)-दे.-'बाद:कशÓ।
बाद:ख़्ाोरी ($फा.स्त्री.)-दे.-'बाद:कशीÓ।
बाद:ख़्वार ($फा.वि.)-दे.-'बाद:कशÓ।
बाद:ख़्वारी ($फा.स्त्री.)-दे.-'बाद:कशीÓ।
बाद:गुसार ($फा.वि.)-दे.-'बाद:कशÓ।
बाद:गुसारी ($फा.स्त्री.)-दे.-'बाद:कशीÓ।
बाद:चश ($फा.वि.)-थोड़ी-सी शराब पीनेवाला, केवल मुँह का स्वाद बदलने या सामनेवाले का मन रखने के लिए जऱा-सी मदिरा पी लेनेवाला।
बाद:चशी ($फा.स्त्री.)-मुँह का स्वाद बदलने के लिए जऱा-सी शराब पीना।
बाद:नोश ($फा.वि.)-दे.-'बाद:कशÓ।
बाद:नोशी ($फा.स्त्री.)-दे.-'बाद:कशीÓ।
बाद:परस्त ($फा.वि.)-बहुत अधिक मद्यपान करनेवाला, बहुत मदिरा पीनेवाला, मदिराभक्त।
बाद:परस्ती ($फा.स्त्री.)-बहुत अधिक मद्यपान करना, अत्यधिक शराब पीना, मदिरा-प्रेम।
बादपाई ($फा.स्त्री.)-तेज़ रफ़्तारी, शीघ्र गमन।
बाद:पैमा ($फा.वि.)-दे.-'बाद:कशÓ।
बाद:पैमाई ($फा.स्त्री.)-दे.-'बाद:कशीÓ।
बाद:$फरोश ($फा.वि.)-शराब बेचनेवाला, सुराजीवी, मद्यवणिक्।
बाद:$फरोशी ($फा.स्त्री.)-मद्य-व्यवसाय, शराब बेचना।
बाद:$फर्सा ($फा.वि.)-दे.-'बाद:कशÓ।
बाद:$फर्साई ($फा.स्त्री.)-दे.-'बाद:कशीÓ।
बाद:बजाम ($फा.वि.)-पियाले (प्याले) में शराब भरे हुए।
बाद:बलब ($फा.वि.)-मुँह से शराब का पियाला लगाए हुए।
बाद:संज ($फा.वि.)-दे.-'बाद:कशÓ।
बाद:संजी ($फा.स्त्री.)-दे.-'बाद:कशीÓ।
बाद:साज़ ($फा.वि.)-शराब बनानेवाला, सुराकार।
बाद:साज़ी ($फा.स्त्री.)-मद्य-संधान, शराब बनाना।
बाद ($फा.वि.)-हवा, वायु, वात; अभिमान, घमण्ड, (प्रत्य.)-शब्द के पीछे लगकर आशीर्वाद अथवा शाप के अर्थ देता है, जैसे-'जिन्द:बादÓ-जीवित रहो, या 'मुर्द:बादÓ-मर जाओ, नष्ट हो जाओ।
बाÓद (अ़.वि.)-उपरांत, पश्चात्, पीछे।
बाÓदअज़ाँ ($फा.वि.)-तत्पश्चात्, इसके बाद।
बादअफ्ऱाह ($फा.पु.)-दे.-'बादाफ्ऱाहÓ, वही उच्चारण शुद्घ है।
बादआवर्द ($फा.पु.)-एक वनौषधि; ख़्ाुस्रो परवेज़ का ख़्ाज़ाना।
बादए अंगूर ($फा.स्त्री.)-अंगूरी शराब, द्राक्षासव, मालिका।
बादए अंग्बीं ($फा.स्त्री.)-शहद की शराब, माधवी।
बादए अर्ग़वानी ($फा.स्त्री.)-सुख्ऱ्ा शराब।
बादए अह्मरी (अ़.$फा.स्त्री.)-लाल रंग की मदिरा।
बादए आतशीं ($फा.स्त्री.)-अग्निवर्णा मदिरा, आग के रंग की शराब।
बादए इनबी (अ़.फा.स्त्री.)-अंगूरी शराब, द्राक्षासव।
बादए इश्$क (अ़.$फा.स्त्री.)-प्रेम-मदिरा, मुहब्बत की शराब।
बादए कुह्न: ($फा.स्त्री.)-पुरानी शराब जो बहुत तेज़ होती है।
बादए गुलफ़ाम ($फा.स्त्री.)-वह मदिरा जिसका रंग गुलाब के रंग-जैसा हो, गुलाबी शराब।
बादए गुलरंग ($फा.स्त्री.)-दे.-'बादए गुलफ़ामÓ।
बादए तल्ख़्ा ($फा.स्त्री.)-कड़वी शराब, पुरानी शराब, बहुत तेज़ और अच्छी शराब।
बादए तहूर (अ़.$फा.स्त्री.)-पवित्र मदिरा, स्वर्ग में मिलनेवाली मदिरा।
बादए तुंद ($फा.स्त्री.)-तेज़ शराब।
बादए दोशीन: ($फा.स्त्री.)-रात की रखी हुई शराब, रात की बची हुई शराब; रात को पी हुई शराब।
बादए नाब ($फा.स्त्री.)-बहुत बढिय़ा शराब, शुद्घ और बिना मिलावट की शराब।
बादए नैशकर ($फा.स्त्री.)-गन्ने की शराब, गुड़ की शराब, ठर्रा, सीधु।
बादए नोशीं ($फा.स्त्री.)-अमृत-जैसी मदिरा, आबेहयात मिली हुई शराब।
बादए पसख़्ाुर्द: ($फा.स्त्री.)-पीने से बची हुई शराब।
बादए रैहानी (अ़.$फा.स्त्री.)-एक शराब जो अनेक प्रकार के फूलों से बनती है और बहुत स्वादिष्ठ तथा सुगन्धित होती है।
बादए लाल:$फाम ($फा.स्त्री.)-लाल: के फूल-जैसे रंग की बहुत ही सुख्ऱ्ा शराब।
बादए शबीन: ($फा.स्त्री.)-रात की पी हुई शराब।
बादए शौ$क (अ़.$फा.स्त्री.)-प्रेम-मदिरा, मुहब्बत की शराब।
बादए सा$फी (अ़.$फा.स्त्री.)-स्वच्छ और निर्मल शराब।
बादकश ($फा.पु.)-छत का पंखा; धौंकनी।
बादख़्ााय: ($फा.पु.)-अंत्रवृद्घि, $फोते बढऩे का रोग।
बादख़्वाँ ($फा.वि.)-चाटुकार, ख़्ाुशामदी; भाट, भटई करने वाला; शेख़्ाीबाज़, डींगिया।
बादगीर ($फा.स्त्री.)-वातायन, गवाक्ष, हवादार खिड़की।
बादजऩ ($फा.पु.)-पंखा, व्यजन, हाथ का पंखा।
बाददस्त ($फा.वि.)-अपव्ययी, $िफज़ूल ख़्ार्च; दरिद्र, कंगाल।
बाददस्ती ($फा.स्त्री.)-अपव्यय, $िफज़ूलख़्ार्ची; कंगाली, दरिद्रता।
बादनुमा ($फा.पु.)-वायु का वेग बतानेवाला यंत्र।
बादपर्रां ($फा.वि.)-डींग हाँकनेवाला, शेख़्ाी बघारनेवाला, हवा बाँधनेवाला।
बादपर्वा ($फा.पु.)-वातायन, गवाक्ष, हवा आनेकी खिड़की।
बादपा ($फा.वि.)-शीघ्रगति, बहुत तेज़ चलनेवाला (इस शब्द का प्रयोग प्राय: घोड़े के लिए किया जाता है)।
बादपाई ($फा.स्त्री.)-तेज़ रफ़्तारी, शीघ्र गमन।
बादपैमा ($फा.वि.)-शीघ्रगति, तेज़ रफ़्तार; मिथ्यावादी, झूठ बोलनेवाला, बकवास करनेवाला; वनचर, जंगलों में भटकने या फिरनेवाला।
बादपैमाई (अ़.$फा.स्त्री.)-जंगलों में फिरना या भटकना; तेज़ चलना; बकवास करना।
बाद$फर ($फा.स्त्री.)-फिरकी।
बाद$फराह ($फा.पु.)-अपराध की सज़ा, पाप-दण्ड; बुराई का बदला, प्रत्युपकार।
बाद$फरोश ($फा.वि.)-बातूनी, गप्पी; शेख़्ाी-ख़्ाोरा, डींग हाँकनेवाला; चाटुकार, ख़्ाुशामदी।
बाद$फरोशी ($फा.स्त्री.)-शेख़्ाी; बकवास; ख़्ाुशामद।
बादबा$की (अ़.$फा.स्त्री.)-रोकड़, शेष राशि, तहवील।
बादबान ($फा.पु.)-जहाज़ में लगाया जानेवाला पर्दा, जिसमें हवा भरकर जहाज़ चलता है, पोतपट, मरुत्पट।
बादबानी ($फा.वि.)-बादबान द्वारा चलनेवाला पोत; बादबान से सम्बन्ध रखनेवाला।
बादबाने अख्ज़ऱ (अ़.$फा.पु.)-नभ, गगन, आकाश, आस्मान।
बाद बुरूत ($फा.वि.)-अभिमानी आदमी, घमण्डी व्यक्ति।
बादब्दब: ($फा.वि.)-जिसका रौबदाब हो, जिसका दबदबा हो।
बादमे नक़्द (अ़.$फा.वि.)-अकेला, एकाकी।
बादमे सर्द ($फा.वि.)-ठण्डी आह भरकर, सर्द आहों के साथ।
बादमोहर: ($फा.पु.)-साँप का फन; सर्पमणि; विष-नाशक एक पत्थर।
बादयान ($फा.स्त्री.)-सौं$फ, शत-पुष्पा।
बादयाने ख़्ाताई ($फा.स्त्री.)-एक दवा।
बाद रंजबोय: ($फा.पु.)-एक दवा, बिलाई लोटन।
बादरफ़्तार ($फा.वि.)-वायु-वेग से चलनेवाला, हवा की भाँति शीघ्रगति से चलनेवाला।
बादरफ़्तारी ($फा.स्त्री.)-वायु-वेग से चलना, हवा की तरह तेज़ चलना।
बादरिय: ($फा.पु.)-छत का हवादान, रौशनदान, गवाक्ष, खिड़की।
बादरीश ($फा.वि.)-गर्व, घमण्ड, अभिमान, अहंकार।
बाÓदलममात (अ़.अव्य.)-मृत्यु के पश्चात्, मरणोपरान्त, मौत के बाद।
बादशह ($फा.पु.)-'बादशाहÓ का लघु., दे.-'बादशाहÓ।
बादशाह ($फा.पु.)-नृप, राजा, नरेश, शासक।
बादशाहत ($फा.स्त्री.)-दे.-'बादशाहीÓ।
बादशाही ($फा.स्त्री.)-राज्य, राष्ट्र, सल्तनत; शासन, राज, हुकूमत।
बादशाही सनद ($फा.पु.)-शासन द्वारा प्राप्त प्रमाणपत्र।
बादशाही हुक्म ($फा.पु.)-राजा का आदेश, शासनादेश।
बादसंज ($फा.वि.)-बेकार के कामों में उलझनेवाला, व्यर्थ के काम करनेवाला, व्यर्थकारी; लोभी, लालची, लोलुप।
बादसर ($फा.पु.)-अभिमानी, अहंकारी, म$गरूर, घमण्डी।
बादसवार ($फा.पु.)-छत का पंखा।
बादसार ($फा.वि.)-सम्मान-रहित, जिसकी कोई मर्यादा न हो।
बादसैर (अ़.$फा.वि.)-दे.-'बादपाÓ।
बादहवाई ($फा.स्त्री.)-झूठा वादा, बेहूदा और निर्रथक बातें, हवाई बातें, गप, वाचालता; व्यर्थ की बकवादव्यर्थ, निकम्मा, नाकारा।
बादा ($फा.अव्य.)-हो।
बादाफ्ऱाह ($फा.पु.)-अपराध-दण्ड, गुनाह की सज़ा, पाप-दण्ड; बुराई का बदला, प्रत्युपकार, बदी का बदला।
बादाम ($फा.पु.)-एक प्रसिद्घ मेवा, बदाम, वाताम।
बादामी ($फा.वि.)-बादाम-जैसे रंग का, बादाम से बना हुआ, बादाम से सम्बन्धित।
बादिंजान ($फा.पु.)-बैंगन, दे.-'बादंजानÓ, दोनों शुद्घ हैं।
बादिय: (अ़.पु.)-वन, कानन, विपिन, जंगल।
बादिय: (तु.स्त्री.)-बड़ा पियाला (प्याला)।
बादिय:गर्द (अ़.$फा.वि.)-वनभ्रमी, वनचारी, जंगलों में मारा-मारा फिरनेवाला, वनों में भटकनेवाला।
बादिय:नशीं (अ़.$फा.वि.)-वन अथवा जंगल में रहनेवाला, वनवासी, जंगली, ख़्ाान:बदोश।
बादिय:नशीनी (अ़.$फा.स्त्री.)-बनवास, जंगल में रहना।
बादिय:पैमा (अ़.$फा.वि.)-दे.-'बादिय:गर्दÓ।
बादिय:पैमाई (अ़.$फा.स्त्री.)-वनों में भटकना, जंगलों में मारा-मारा फिरना।
बादियान ($फा.स्त्री.)-दे.-'बादयानÓ, वही शुद्घ उच्चारण है।
बादियुन्नजऱ (अ़.स्त्री.)-उचटती नजऱ, पहली दृष्टि, ऊपरी या सरसरी दृष्टि।
बादिर्राय (अ़.स्त्री.)-ऊपरी विचार।
बादिले ख़्ाारख़्ाार ($फा.अव्य.)-पीडि़त हृदय से, दु:खी मन से, बहुत-ही दु:ख से, विवशता या लाचारी से।
बादिले ज़ार ($फा.अव्य.)-दु:खी मन से, रोते हुए हृदय से, पीडि़त हृदय से।
बादिले ना ख़्वास्त: ($फा.अव्य.)-मन के न चाहने पर भी, इच्छा के विरुद्घ, विवशता या लाचारी में।
बादी (अ़.वि.)-किसी कार्य को प्रारम्भ करनेवाला, आरम्भ करनेवाला, शुरूअ़ करनेवाला; आरम्भ, इब्तिदा; व्यक्त, प्रकट, ज़ाहिर।
बादी ($फा.वि.)-वायु का, पवन का, वायु या हवा से सम्बन्धित, हवाई।
बादीदए तर ($फा.अव्य.)-सजल नेत्रों से, भीगी आँखों के साथ अर्थात् रोते हुए, बहुत-ही दु:ख और पीड़ा सहित।
बादीदए नम ($फा.अव्य.)-दे.-'बादीदए तरÓ।
बादे ईसा (अ़.$फा.स्त्री.)-हज्ऱत ईसा की फूँक, जिससे मुर्दे जीवित हो उठते थे।
बादे ख़्ाज़ाँ ($फा.स्त्री.)-पतझड़-ऋतु की हवा, जिसके चलने पर पेड़ों से पत्ते झडऩे लगते हैं।
बादे गर्द ($फा.पु.)-बगुला, सारस।
बादे गेसू ($फा.स्त्री.)-ज़ुल्$फों का अभिमान अर्थात् नारी का घमण्ड।
बादेज़म्हरीर ($फा.स्त्री.)-शीत-लहर, शीतकाल की बहुत-ही ठण्डी वायु, जिसमें हाथ-पाँव ठिठुर जाते हैं।
बादे तुंद ($फा.स्त्री.)-बहुत तेज़ चलनेवाली हवा, झंझावात, झक्कड़।
बादे दबूर ($फा.स्त्री.)-पछुआ हवा, पश्चिमी-दक्षिणी दिशा से आनेवाली हवा।
बादे नसीम (अ़.$फा.स्त्री.)-शीतल, मंद और सुगंधित समीर।
बादे $फत्$क (अ़.$फा.स्त्री.)-अंत्रवृद्घि, $फोते का बढ़ जाना।
बादे $फरंग ($फा.स्त्री.)-उपदंश, आतशक, गर्मी रोग।
बादे बहार ($फा.स्त्री.)-वसन्त-ऋतु की शीतल और सुगंधित वायु।
बादे बहारीं ($फा.स्त्री.)-दे.-'बादे बहारÓ।
बादे बहारी ($फा.स्त्री.)-दे.-'बादे बहारÓ।
बादे मुआफि़$क (अ़.$फा.स्त्री.)-अनुकूल हवा, वह वायु जो नाव की दिशा में चले, जिससे नाव शीघ्र और ठीक चले।
बादे मुख़्ालि$फ (अ़.$फा.स्त्री.)-प्रतिकूल हवा, वह वायु जो नाव की विपरीत दिशा में चले, जिससे नाव के चलने में कठिनाई हो।
बादे मुराद ($फा.स्त्री.)-दे.-'बादे मुआ$िफ$कÓ।
बादे शुर्त (अ़.$फा.स्त्री.)-दे.-'बादे मुआ$िफ$कÓ।
बादे सबा ($फा.स्त्री.)-प्रभात-समीर, सवेरे की पुर्वा हवा, भोर में चलनेवाली मंद,शीतल और सुगंधित हवा।
बादे समूम (अ़.$फा.स्त्री.)-कड़ी और घातक लपट, वह वायु जिसमें विष पैदा हो गया हो।
बादे सर्सर ($फा.स्त्री.)-बहुत तेज़ चलनेवाली हवा, झक्कड़, झंझावात।
बादे सहर (अ़.$फा.स्त्री.)-प्रभतकाल में पूर्व दिशा से चलनेवाली शीतल और मंद वायु।
बान: ($फा.पु.)-पेड़ू, उपस्थ, नाभि के नीचे बालों का स्थान।
बान ($फा.प्रत्य.)-वाला, जैसे-'शुतुरबानÓ-ऊँटवाला, (पु.)-रंग, वर्ण।
बान (अ़.पु.)-एक पेड़ जिसके फल का तेल दवाई में काम आता है।
बानवा ($फा.वि.)-मालदार, धनवान्, समृद्घ, सम्पन्न।
बानसीब (अ़.$फा.वि.)-ख़्ाुशनसीब, ख़्ाुश$िकस्मत, भाग्यवान्, भाग्यशाली, अव्छे प्रारब्धवाला।
बानिए कार (अ़.$फा.पु.)-किसी कार्य का प्रवर्तक, किसी कार्य की शुरूअ़ात करनेवाला, सर्वप्रथम किसी कार्य को करनेवाला।
बानिए ज$फा (अ़.वि.)-अत्याचार करनेवाला, ज़ुल्म ढाने वाला, (ला.)-प्रेयसी, प्रेमिका, माÓशू$क।
बानिए ज़ुल्म (अ़.वि.)-दे.-'बानिए ज$फाÓ।
बानिए जौर (अ़.वि.)-दे.-'बानिए ज$फाÓ।
बानिए $फसाद (अ़.$फा.वि.)-झगड़े की जड़, झगड़ा कराने-वाला, जिसके कारण कोई झगड़ा हुआ हो, जो किसी झगड़े का कारण हो।
बानिए $िफत्न: (अ़.$फा.वि.)-दे.-'बानिए $फसादÓ।
बानिए $िफरेब (अ़.$फा.वि.)-वंचक, ठगिया, छलिया, धोखा देनेवाला।
बानिए बेदाद (अ़.$फा.वि.)-दे.-'बानिए ज$फाÓ।
बानिए शर (अ़.वि.)-दे.-'बानिए $फसादÓ।
बानिए सितम (अ़.$फा.वि.)-दे.-'बानिए ज$फाÓ।
बानी (अ़.वि.)-प्रवर्तक, किसी काम की शुरूअ़ात करने वाला।
बानीकार ($फा.वि.)-बहुत-ही धूर्त और मक्कार, वंचक, छलिया, ठगिया।
बानीमबानी (अ़.$फा.वि.)-वास्तकि कारण, मूल कारण।
बानूज (अ़.पु.)-झूला।
बा पर्हेज़ ($फा.वि.)-परहेज़ करनेवाला, बीमारी की अवस्था में खान-पान को ठीक रखनेवाला।
बा$फ ($फा.प्रत्य.)-बुननेवाला, जैसे-'शालबा$फÓ-शाल बुनने वाला।
बा$फकार ($फा.वि.)-बुननेवाला, कुविंद, जुलाहा।
बाफऱा$गत (अ़.$फा.वि.)-सरलता से, आसानी से, सुगमता-पूर्वक; संतोषपूर्वक, इत्मीनान से।
बाफिं़द: ($फा.वि.)-कुविंद, वायक, बुननेवाला, जुलाहा।
बाफिं़दगी ($फा.स्त्री.)-कपड़ा बुनने का काम।
बाफ़्त: ($फा.वि.)-बुना हुआ।
बाफ़्त ($फा.स्त्री.)-बुनाई, बुनने का काम; बुनावट, बुनत।
बाब ($फा.पु.)-योग्य, लाइक़; सम्बन्ध, मामला।
बाब (अ़.पु.)-द्वार, दरवाज़ा; पुस्तक आदि का परिच्छेद।
बाबक ($फा.पु.)-सत्यनिष्ठ, ईमानदार, अमीन; ईरान का एक प्राचीन शासक।
बाबजऩ ($फा.स्त्री.)-कबाब सेंकने की लोहे की सीख़्ा।
बाबत ($फा.स्त्री.)-बारे में, सम्बन्ध में, लिए, वास्ते।
बाबर (तु.पु.)-इस शब्द का शुद्घ उच्चारण 'बाबुरÓहै मगर उर्दू में 'बाबरÓ ही प्रचलित है; एक प्रसिद्घ नरेश जो हुमायूँ का पिता था।
बाबवार (अ़.$फा.वि.)-पुस्तक के परिच्छेदों के हिसाब से।
बाबा (अ़.पु.)-पिता, बाप; दादा, नाना; सरदार।
बाबिल (अ़.पु.)-इरा$क का एक प्राचीन नगर जो ईसा से दो हज़ार वर्ष पूर्व इरा$क की राजधानी था, अब खंडहर है। यह नगर ब$गदाद से 60 मील दूर $फुरात नदी के किनारे था, जहाँ हज्ऱत इमाम हुसैन कर्बला में शहीद हुए।
बाबी ($फा.पु.)-एक धर्म जो सैयद अ़ली मुहम्मद ईरानी ने निकाला था; इस धर्म का अनुयायी।
बाबुल (अ़.पु.)-दे.-'बाबिलÓ, वही शुद्घ उच्चारण है।
बाबुस्स्माए (अ़.पु.)-आकाश-गंगा।
बाबू ($फा.पु.)-भाई, साथी।
बाबूज ($फा.पु.)-स्लीपर, चप्पल।
बाबून: ($फा.पु.)-एक पत्ती जो दवा में काम आती है।
बाबूर (अ़.पु.)-स्टीमर, मशीन से चलनेवाली बड़ी नाव।
बाबूरुल्बर (अ़.स्त्री.)-रेलगाड़ी।
बाबे अ़दम (अ़.पु.)-यमलोक का द्वार, यमलाक।
बाबे इजाबत (अ़.पु.)-दुअ़ा या प्रार्थना की स्वीकृति का द्वार।
बाबे इल्म (अ़.पु.)-विद्यारूपी घर का द्वार।
बाबे $कबूल (अ़.पु.)-दे.-'बाबे इजाबतÓ।
बाम: (अ़.पु.)-नगाड़ा।
बाम ($फा.पु.)-अटारी, छत, पे्रमिका की कोठरी।
बामगाह ($फा.स्त्री.)-भोर, प्रात:काल, तड़का, सवेरा।
बामज़: ($फा.वि.)-मज़ेदार, सुस्वादु, स्वादिष्ठ।
बामज़ा$क (अ़.$फा.वि.)-परिहास-प्रिय, विनोदी, दिल्लगीबाज़; सहृदय, रसिक।
बामदाद ($फा.पु.)-सवेरे, तड़के, प्रात:काल।
बामदादाँ ($फा.पु.)-दे.-'बामदादÓ।
बामूए परीशाँ ($फा.अव्य.)-बाल बिखेरे हुए।
बामे अ़र्श (अ़.$फा.पु.)-सबसे ऊँचे अर्थात् नवें आकाश की चोटी, बहुत ऊँचा स्थान।
बामे गर्दूं ($फा.पु.)-आकाश की छत अर्थात् आकाश।
बामे दुन्या (अ़.$फा.पु.)-संसार की छत अर्थात् पामीर, जो मध्य एशिया का एक देश है।
बामे नुहूम ($फा.पु.)-नवाँ आकाश अर्थात् अ़र्श, जहाँ ईश्वर का सिंहासन माना जाता है।
बामे मसीह (अ़.$फा.पु.)-चौथा आकाश, जहाँ हज्ऱत ईसा का निवास माना जाता है।
बायद ($फा.क्रि.)-चाहिए।
बायदोशायद ($फा.वि.)-विचित्र, अनोखा, अद्भुत।
बायस्त: ($फा.वि.)-उत्तम, श्रेष्ठ, आÓला; योग्य, लाइक़।
बायस्तगी ($फा.स्त्री.)-उत्तमता, उम्दगी; योग्यता, लिया$कत।
बायस्तनी ($फा.वि.)-होने के योग्य, जिसको होना चाहिए; आवश्यक, ज़ुरूरी।
बार: ($फा.पु.)-घेरा, इहाता, प्राचीर; बार, दफ़ा, मर्तबा; सम्बन्ध, मुअ़ामला।
बार ($फा.स्त्री.)-भार, बोझ; ऋण, कज़ऱ्; गर्भ, हम्ल; आज्ञा, इजाजज़; पहुँच, रसाई; दफ़ा, बार, मर्तबा; (प्रत्य.)-बरसाने-वाला, जैसे-'अश्कबारÓ-आँसू बरसानेवाला।
बारअंदाज़ ($फा.पु.)-आराम करना, विश्राम करना, $िकयाम करना, ठहरना, उतरना।
बारआवर ($फा.वि.)-जिसमें फल लगे हों, फलदार; गर्भवती, हामिला; नतीज:ख़्ोज़, सफल।
बारकल्लाह (अ़.पु.)-भगवान् बरकत करे अर्थात् समृद्घि और कल्याण प्रदान करें।
बारकश ($फा.वि.)-बोझ ढोनेवाला, भार-वाहक; लद्दू जानवर।
बारकशी ($फा.स्त्री.)-भार-वहन, बोझ ढोना।
बारख़्ाान: ($फा.पु.)-सामान रखने का भवन, गोदाम।
बारगह ($फा.स्त्री.)-'बारगाहÓ का लघु., दे.-'बारगाहÓ।
बारगाह ($फा.स्त्री.)-राजसभा, दरबार; राजमहल, शाही महल; कचहरी।
बारगी ($फा.पु.)-अश्व, घोड़ा।
बारगीर ($फा.वि.)-साईस, अश्वपाल; अश्व, घोड़ा; बैल, वृषभ; ऊँट, उष्ट्र।
बारतंग ($फा.स्त्री.)-एक दाना जो दवा में काम आता है।
बारदान: ($फा.पु.)-दे.-'बारदानÓ।
बारदान ($फा.पु.)-वह चीज़ जिसमें सामान अर्थात् बोझ रखें, ख़्ाुर्जी, बोरी आदि।
बारदार ($फा.वि.)-फला हुआ, फलित; गर्भवती, हामिला।
बा रद्दोकद (अ़.$फा.अव्य.)-तर्क-वितर्क के बाद, बड़ी हुज्जतों के साथ, वाद-विवाद होकर।
बारफऱोश ($फा.वि.)-थोक सौदा बेचनेवाला, थोक-व्यापारी।
बारबद ($फा.पु.)-एक सुप्रसिद्घ गवैया, जो ख़्ाुस्रो परवेज़ के दरबार में था।
बारबर ($फा.वि.)-बोझ ले जानेवाला, बोझ ढोनेवाला।
बारबरदार ($फा.वि.)-भार-वाहक, बोझ उठानेवाला।
बारबरदारी ($फा.स्त्री.)-भार-वहन, बोझ उठाना।
बारयाब ($फा.वि.)-जिसे किसी बड़ी जगह पहुँचने की आज्ञा मिल गई हो अथवा जो बड़ी जगह पहुँच गया हो।
बारयाबी ($फा.स्त्री.)-पहुँच, रसाई; किसी बड़े और प्रतिष्ठित आदमी के पास पहुँच।
बारवर ($फा.वि.)-फल आया हुआ, फलित; संतानवान्, बाल-बच्चेवाला; सफल, कामयाब।
बारहा ($फा.वि.)-प्राय:, अक्सर, बहुधा; बारम्बार, बार-बार। 'बारहा ऐसा हुआ तेरे लिए, जि़न्दगी को दाँव पर धरना पड़ाÓ-माँझी
बाराँ ($फा.पु.)-वर्षा, बरसात; वर्षाजल, बरसात का पानी; वर्षाऋतु, बरसात का मौसिम।
बाराँगीर ($फा.पु.)-घर या मकान का छज्जा, सायबान।
बाराँगुरेज़ ($फा.पु.)-दे.-'बाराँगीरÓ।
बाराँदीद: ($फा.वि.)-जिस पर बारिश हो चुकी हो; अनुभवी, तज्रिब:कार।
बाराँबार ($फा.पु.)-वर्षा-प्रधान देश, वह देश या प्रदेश जहाँ पानी बहुत बरसता हो।
बारानी ($फा.स्त्री.)-बरसाती कोट आदि; वह भूमि जो केवल वर्षा के सहारे हो।
बाराने रहमत (अ़.$फा.पु.)-वर्षा, बारिश, ऐसी वर्षा जो लाभ-दायक हो, अनिष्ट न करे।
बारि$क: (अ़.वि.)-नूरानी, चमकदार, प्रकाशमय, प्रकाशमान्, प्रज्जवलित।
बारिज़ (अ़.वि.)-आविर्भूत, उत्पन्न; स्पष्ट, वाजि़ह; प्रकट, व्यक्त, ज़ाहिर।
बारिद (अ़.वि.)-निस्वाद, नीरस, बेमज़ा; ठण्डा, सर्द।
बारिया ($फा.वि.)-तपस्वी, योगी; पाखंडी, धर्मध्वजी।
बारियाज़त (अ़.$फा.वि.)-तपस्वी, योगी।
बारिश ($फा.स्त्री.)-वर्षा, बरसात; वर्षाजल, बरसात का पानी; वर्षाऋतु, बरसात का मौसिम।
बारिशी ($फा.वि.)-वर्षा का, वर्षा-सम्बन्धी, बरसाती।
बारिशे ख़्ाूँ ($फा.स्त्री.)-ख़्ाून बरसना, ख़्ाून की वर्षा, रक्त-वर्षा।
बारिशे गुल ($फा.स्त्री.)-पुष्पवर्षा, फूल बरसना।
बारिशेजऱ ($फा.स्त्री.)-धनवर्षा, स्वर्ण-वर्षा, सोना अर्थात् धन बरसना, धन का बाहुल्य।
बारी (अ़.पु.)-बनानेवाला, पैदा करनेवाला, सृष्टा, ईश्वर।
बारी ($फा.स्त्री.)-नौबत, पारी, जैसे-'बुख़्ाार की बारीÓ।
बारी$क: ($फा.पु.)-पतली नोक का $कलम, नोकदार लेखनी; पतली गली, तंग रास्ता।
बारीक ($फा.वि.)-महीन, पतला; सूक्ष्म, लती$फ; गूढ़, कठिन, दक़ी$क।
बारीकख़्ायाल (अ़.$फा.वि.)-सूक्ष्म विचार, नाज़ुक ख़्ायाल।
बारीक नजऱ (अ़.$फा.वि.)-सूक्ष्मता देखनेवाला, किसी चीज ़ की बारीकी देखनेवाला, किसी के गुण-दोष पहचाननेवाला, मर्मज्ञ।
बारीक निगाह ($फा.वि.)-दे.-'बारीक नजऱÓ।
बारीकबीं ($फा.वि.)-सूक्ष्मदर्शी, बारीक नजऱ, गूढ़-दृष्टि।
बारीकबीनी ($फा.स्त्री)-सूक्ष्मदर्शिता, बारीकी देख लेना।
बारीकमियाँ ($फा.वि.)-कृशोदरी, जिसकी कमर पतली हो।
बारीकरौ ($फा.वि.)-कि$फायत शिअ़ार, मितव्ययी, सोच-समझकर ख़्ार्च करनेवाला।
बारीकी ($फा.वि.)-पतलापन; सूक्ष्मता; लता$फत; गूढ़ता, जटिलता, गूढ़ता; बात की बारीकी।
बारिद: ($फा.वि.)-वर्षित, बरसा हुआ।
बारीदनी ($फा.अव्य.)-वर्षणीय, बरसने योग्य।
बारूत ($फा.स्त्री.)-दे.-'बारूदÓ।
बारूद ($फा.स्त्री.)-अग्निचूर्ण, गंधक और शोरे का मिश्रण; शोरा, श्वेतक्षार।
बारूदी ($फा.वि.)-बारूद का (की); बारूद-सम्बन्धी; बारूद बिछी हुई, जैसे-'बारूदी सुरंगÓ।
बारे ($फा.अव्य.)-अंतत:, आख़्िारकार; अस्तु, ख़्ौर।
बारे अज़़ीम (अ़.$फा.पु.)-बहुत बड़ा बोझ, बहुत बड़ा काम, बहुत बड़ी जि़म्मेदारी।
बारे अमानत (अ़.$फा.पु.)-अमानत या धरोहर की जि़म्मेदारी।
बारे अलम (अ़.$फा.पु.)-दु:ख या कष्ट का बोझ; प्रेम-पीड़ा का भार।
बारे अ़ाम (अ़.$फा.पु.)-सबकी पहुँच, सबको आने-जाने की आज्ञा, सार्वजनिक बोझ, सार्वजनिक अथवा आम आदमी के काम की जि़म्मेदारी का बोझ या भार।
बारे आलाम (अ़.$फा.पु.)-मुसीबतों अथवा परेशानियों का बोझ अर्थात् मुसीबतें या परेशानियाँ, कठिनाइयाँ, दुश्वारियाँ।
बारे क$फालत ($फा.स्त्री.)-सम्पत्ति पर ऐसा ऋण जिसके बदले सम्पत्ति गिरवी रखी गई हो।
बारे $कजऱ् (अ़.$फा.पु.)-ऋण का बोझ या भार।
बारे ख़्ाातिर (अ़.$फा.पु.)-स्वभाव अथवा तबीअ़त का बोझ, ऐसी बात या ऐसा काम जिसे मन न चाहे।
बारे गराँ ($फा.पु.)-भारी बोझ, जो उठ न सके या जिसे उठाने में कष्ट हो; बहुत बड़ी जि़म्मेदारी।
बारे गुनाह ($फा.पु.)-पाप-भार, गुनाहों का बोझ; अपराध-बोध की पीड़ा।
बारे तरदीद ($फा.स्त्री.)-आरोप रद करने की जि़म्मेदारी।
बारे दिगर ($फा.स्त्री.)-फिर, पुन:, दूसरी बार।
बारे सुबूत ($फा.स्त्री.)-प्रमाण या साक्ष्य जुटाने की जि़म्मेदारी; प्रमाणित करने की जि़म्मेदारी।
बारोÓब (अ़.$फा.वि.)-रोबोÓदाबवाला व्यक्ति, जिसका रौब वलता हो।
बाल ($फा.पु.)-कंधे से उंगलियों तक का पूरा हाथ; चिडिय़ों का डेना जिसमें पर लगे होते हैं; बाज़ू, बाँह, भुजा; पंख, पर, पक्ष।
बाल (अ़.पु.)-जी, प्राण, जान; स्थिति, अवस्था, दशा, हाल; समृद्घि, सम्पन्नता, दौलत; वैभव, शान-शौकत; ऐश, ऐश्वर्य, सुख; श्रेष्ठता, बड़प्पन।
बाÓल (अ़.पु.)-स्वामी, पति, भर्ता, शौहर, ख़्ााविंद; अऱब देश में एक मूर्ति जिसकी पूजा होती थी।
बालअफ़्शाँ ($फा.वि.)-पंख या पर फैलाए हुए; पंख झाड़ता हुआ; फडफ़ड़ाता हुआ।
बालअफ़्सानी ($फा.स्त्री.)-पंख या पर झाडऩा, पर तोलना, पंख फडफ़ड़ाना।
बालकुशा ($फा.वि.)-पंख या पर खोले हुए।
बालजुंबानी ($फा.स्त्री.)-पंख फैलाना, पर फटफटाना।
बाल$िफशाँ ($फा.वि.)-दे.-'बालअफ़्शाँÓ।
बालस्त ($फा.स्त्री.)-अविवाहित, कुमारी, कुँवारी।
बाला ($फा.वि.)-बहुत-ही अच्छा, श्रेष्ठ, अति उत्तम, प्रधान, जिसे तर्जीह हो; ऊपर, उपरि; ऊँचा, बलंद; शरीर, देह, बदन, जिस्म; आगे, सामने।
बालाई ($फा.वि.)-क्षीरसार, मलाई; उच्चता, ऊपरवाला, ऊपर का; मूल के अतिरिक्त, अस्ल के अलावा।
बालाए ता$क ($फा.वि.)-ता$क पर, पृथक्, अलग, जिससे कोई सम्बन्ध न हो।
बालाए बाम ($फा.वि.)-अटारी पर, छत पर।
बालाओपस्त ($फा.पु.)-उठाव-पतन, ऊपर-नीचे, ऊँच-नीच, ऊँचा-नीचा, उठाव-गिराव।
बालाख़्ाान: ($फा.पु.)-अट्टालिका, छत के ऊपर का कोठरा या कमरा।
बालातर ($फा.वि.)-अत्यधिक ऊँचा, किसी विशेष चीज़ से ऊँचा।
बालादवी ($फा.स्त्री.)-शीघ्र गति, तेज़ वाल, तेज़ी, जल्दी।
बालादस्त ($फा.वि.)-श्रेष्ठ, प्रतिष्ठित; उच्च, बलंद मर्तबा आÓला, ज़बर्दस्त।
बालान ($फा.पु.)-दालान, बरामदा।
बालानशीं ($फा.वि.)-मान्य, पूज्य, प्रतिष्ठित; किसी सभा का सभापति अथवा सद्र।
बालापोश ($फा.पु.)-सब कपड़ों के ऊपर पहनने का कपड़ा, निचाल, उत्तरीयक।
बालाबलंद ($फा.वि.)-लम्बे $कद का, लम्बे शरीरवाला; लम्बे शरीर की नायिका।
बालावपस्त ($फा.वि.)-ऊँच-नीच, ऊँचा-नीचा; उठाव-गिराव; आकाश और पृथ्वी।
बालिंगू ($फा.पु.)-एक प्रकार के दाने जो दवा में काम आते हैं।
बालि$ग (अ़.वि.)-वयस्क, वह लड़का या लड़की जिन्हें युवावस्था प्राप्त हो चुकी हो।
बालि$गनजऱ (अ़.वि.)-अनुभवी, परिपक्व, तज्रिब:कार; गुण-दोष का पारखी, मर्मज्ञ।
बालि$गनजऱी (अ़.स्त्री.)-अनुभव, तज्रिब:; गुण-दोष की परख, मर्मज्ञान।
बालि$गनिगार (अ़.$फा.वि.)-जिसकी रचना सारगर्भित और मर्मपूर्ण हो।
बालि$गनिगारी (अ़.$फा.स्त्री.)-रचना में गूढ़ता और सूक्ष्मता होना।
बालि$गनिगाह (अ़.$फा.वि.)-दे.-'बालि$गनजऱÓ।
बालि$गनिगाही (अ़.$फा.स्त्री.)-दे.-'बालि$गनजऱीÓ।
बालिश ($फा.पु.)-तकिया, उपधान, वह तकिया जिसके भीतर कपास या रुई की बजाय पंख (पर) भरे हों।
बालिश्त ($फा.पु.)-तकिया, उपधान; बित्ता, फैले हाथ के अँगूठे से सबसे छोटी उँगली तक की नाप, बिलाँद, लगभग बारह अँगुल की नाप; नौ इंच की नाप।
बालिश्तक ($फा.पु.)-पिन-कुशन, आलपीनें खोंसने की गद्दी।
बालिश्तिय: ($फा.पु.)-नाटा, बौना; बालिश्त के बराबर।
बालीं ($फा.स्त्री.)-तकिया, उपधान; सिरहाना, शिरोहण।
बालींपरस्त ($फा.वि.)-पलंग पर पड़ा रहनेवाला, आरामतलब।
बालींपरस्ती ($फा.स्त्री.)-पलंग पर पड़ा रहना, आरामतलबी।
बालीद: ($फा.वि.)-बढ़ा हुआ, विकसित।
बालीदगी ($फा.स्त्री.)-विकास, उठाव, चढ़ाव।
बालू ($फा.स्त्री.)-मह$िफल, सभा, नाच-गाना।
बालूअ़: (अ़.पु.)-कुण्ड, कुण्डी या गड्ढ़ा, जिसमें बरसात या घर का बेकार पानी जाता हो।
बालून (अ़.पु.)-$गुब्बारा, बागोल, अभ्रपथ।
बाले जिब्रील (अ़.$फा.पु.)-जिब्रील (एक $फरिश्ता अथवा देव-दूत जो पै$गम्बरों-अवतारों के पास ईश्वर का आदेश पहुँचाया करता था) के पंख; जिब्रील की उड़ान।
बाले हुमा ($फा.पु.)-हुमा पक्षी का पंख (कहते हैं कि इस पक्षी की परछाईं जिस व्यक्ति पर पड़ जाए वह राजा हो जाता हैए उर्दू और $फार्सी साहित्य में इस काल्पनिक पक्षी का बहुत वर्णन मिलता है। इसके बारे में कहा जाता है कि यह पक्षी केवल हड्डियाँ खाता है)।
बालोपर ($फा.पु.)-पंख और बाज़ू। शक्ति, बल, सामथ्र्य। 'बालोपर जब नोंच डाले सब मिरे, खोलता है है अब $क$फस सैयाद तूÓ-माँझी
बालोपर शिकस्त: ($फा.वि.)-जिसके पंख और बाज़ू टूट गए हों अर्थात् विवश, बेबस, लाचार।
बाव$कार (अ़.$फा.वि.)-सम्मानित, प्रतिष्ठित, श्रेष्ठ।
बावक्अ़त (अ़.$फा.वि.)-दे.-'बाव$कारÓ।
बावक्र (अ़.$फा.वि.)-दे.-'बाव$कारÓ।
बावज़्अ़ (अ़.$फा.वि.)-रख-रखाव का पाबन्द।
बाव$फा (अ़.$फा.वि.)-स्वामिभक्त, नमकहलाल, आज्ञा को माननेवाला, $फर्मांबरदार।
बावरची ($फा.पु.)-पाचक, रसोइया, खाना बनानेवाला।
बावरचीख़्ाान: ($फा.पु.)-पाकशाला, खाना बनाने का स्थान, रसोई, महानस।
बावरचीगरी ($फा.स्त्री.)-खाना पकाना, रसोइया का काम।
बावस्$फ (अ़.$फा.अव्य.)-यद्यपि, सत्यपि, बावुजूद।
बावुजूद (अ़.$फा.अव्य.)-यद्यपि, सत्यपि, बावस्$फ।
बावुजूदे कि (अ़.$फा.अव्य.)-यद्यपि, अगरचे।
बाश: ($फा.पु.)-एक शिकारी पक्षी, शिक्र:।
बाश ($फा.प्रत्य.)-रहनेवाला, जैसे-'हाजिऱबाशÓ-उपस्थित रहनेवाला।
बाशद ($फा.क्रि.)-हो; शायद।
बाशद्दोमद (अ़.$फा.अव्य.)-धूमधाम से, ज़ोर-शोर के साथ; साहस और उमंग के साथ; दाÓवे के साथ।
बाशा (तु .पु.)-एक बड़ी उपाधि, पाशा।
बाशिंद: ($फा.पु.)-निवासी, रहनेवाला। 'दोस्तो, मैं भी इसी शह्र का बाशिंद: हूँ, क्यों गिराते हो निगाहों से उठा लो मुझकोÓ-माँझी
बाशी (तु.पु.)-नायक, सरदार।
बाशुऊर (अ़.$फा.अव्य.)-बुद्घिमान्, अ़क़्लमंद; तमीज़दार।
बाÓस (अ़.पु.)-उठाना, जगाना; कियामत, महाप्रलय।
बासक ($फा.स्त्री.)-जँभाई, जृंभा।
बासगून: ($फा.वि.)-उपहार, बख़्िशश, भेंट।
बासलीक़: (अ़.स्त्री.)-शिष्ट, तमीज़दार; जिसे चीज़ों को ढंग से रखने और काम को शिष्टतापूर्वक करने की अ़ादत हो।
बासली$क (अ़.स्त्री.)-हाथ की एक नस, जो $फस्द के लिए खोली जाती है।
बासली$कून (अ़.स्त्री.)-मसी, सियाही; कालिमा, कालापन।
बासि$क (अ़.वि.)-लम्बा, ऊँचा; भभकनेवाला।
बासित (अ़.वि.)-उन्नति और विकास देनेवाला; ईश्वर का एक नाम।
बासिम (अ़.वि.)-मुस्कुरानेवाला, विहँसनेवाला।
बासिर: (अ़.स्त्री.)-दृष्टि, नज़ऱ; नेत्रशक्ति, $कुव्वते बासिर:।
बासिर (अ़.पु.)-देखनेवाला, दृष्टा।
बासिलसिल: (अ़.$फा.अव्य.)-क्रमबद्घ, सिलसिलेवार।
बासुकून (अ़.$फा.अव्य.)-संतोषपूर्ण, शान्तिमय।
बासूर (अ़.स्त्री.)-एक बीमारी, बवासीर, अर्श; नाक का बढ़ा हुआ मांस।
बासूरी (अ़.वि.)-बासूर-सम्बन्धी।
बासूरे दमवीं (अ़.स्त्री.)-ख़्ाूनी बवासीर, रक्तार्श।
बासूरे रियाही (अ़.स्त्री.)-बादी बवासीर, वातार्श।
बाÓसोनश्र (अ़.पु.)-महाप्रलय का दिन, $िकयामत का दिन, जिस दिन सब मुर्दे अपनी-अपनी $कब्रों से उठेंगे और चारों ओर फैल जाएँगे।
बास्ताँ ($फा.वि.)-पुराना, प्राचीन, पुरातन। कुछ लोग इस शब्द को 'पास्ताँÓ भी बोलते हैं, जबकि 'पास्ताÓ उच्चारण बिलकुल अशुद्घ है।
बाह (अ़.स्त्री.)-कामशक्ति, मैथुनशक्ति।
बाहम: ओ बेहम: ($फा.अव्य.)-सबके साथ, और किसी के साथ न हो। ऐसा व्यक्ति जो भलाई में सबके साथ हो और बुराई में किसी के साथ न हो।
बाहम ($फा.वि.)-आपस में, परस्पर, अन्योन्य; मिलकर, एक साथ।
बाहमदिगर ($फा.वि.)-एक-दूसरे से मिलकर, परस्पर।
बाहमी ($फा.वि.)-आपस का, पारस्परिक।
बाहमीयत (अ़.$फा.वि.)-लज्जावान्, शर्मदार, हयादार; जो स्वाभिमान से लबरेज़ हो, ख़्ाुद्दार।
बाहया (अ़.$फा.वि.)-$गैरतमंद, लज्जावान्; जिसमें लज्जा बहुत हो, शर्मीला।
बाहवास (अ़.$फा.वि.)-सचेत, जो होशोहवास में हो।
बाहिर (अ़.वि.)-रौशन, प्रकाशमान्; स्पष्ट, व्यक्त, ज़ाहिर।
बाहिस (अ़.पु.)-बहस करनेवाला, खोलनेवाला।
बाहूर (अ़.पु.)-अत्यंत गर्मी, ग्रीष्म ऋतु के आठ दिन जो बहुत गर्म होते हैं और आषाढ़ के अन्त में पड़ते हैं।
बाहैसियत (अ़.$फा.वि.)-प्रतिष्ठित, सम्मानित, इज़्ज़दार; समर्थ, समृद्घ, मालदार, सम्पन्न।
बाहौसल: (अ़.$फा.वि.)-उत्साही, हिम्मतवाला।

No comments:

Post a Comment