शे
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शेख़्ाी (तु.स्त्री.)-हेकड़ी, शान; डींग, ला$फ; दे.-'शैख़्ाीÓ।शेफ़्त: ($फा.वि.)-मोहित, मुग्ध, आसक्त, अ़ाशि$क।
शेफ़्तगी ($फा.स्त्री.)-मोह, मुग्धता, आसक्ति, $िफरेफ़्तगी।
शेब ($फा.वि.)-निचाई, निशेब।
शेरंदाम ($फा.वि.)-सिंहसाहसी, वह व्यक्ति जो शेर-जैसे साहस का हो; वह व्यक्ति जिसका सीना चौड़ा, कमर पतली और जिसके सीने में साहस कूट-कूटकर भरा हो।
शेÓर (अ़.पु.)-कविता में दो मिस्रों अर्थात् पंक्तियों का समाहार, बैत।
शेर ($फा.पु.)-व्याघ्र, सिंह, पंचानन, केसरी, बाघ।
शेरअंदाम ($फा.वि.)-दे.-'शेरंदामÓ।
शेरअफ्ग़न ($फा.वि.)-व्याघ्रविजेता, शेर को परास्त करनेवाला।
शेÓरआशोब (अ़.$फा.वि.)-वह पद्य, जिसमें काव्य-कला की अनाडिय़ों के हाथों दुगर्ति का वर्णन हो।
शेÓरख़्वाँ (अ़.$फा.वि.)-शेÓर पढऩे या सुनानेवाला।
शेÓरख़्वानी (अ़.$फा.स्त्री.)-शेÓर पढऩा; एक जगह बैठकर परस्पर शेÓर सुनना-सुनाना।
शेरगीर ($फा.वि.)-वह व्यक्ति, जो अधिक शराब पीकर भी बेहोश न हो; मदोन्मत्त, मस्त; प्रतिष्ठित व्यक्ति, सम्मानित आदमी।
शेÓरगो (अ़.$फा.वि.)-शेÓर कहने या लिखनेवाला, कवि, शाइर।
शेÓरगोई (अ़.$फा.स्त्री.)-शेÓर कहना या लिखना, कविता करना।
शेरदहाँ ($फा.वि.)-व्याघ्रमुख, जिसका मुँह शेर-जैसा हो, सिंहमुख।
शेरदिल ($फा.वि.)-जो शेर-जैसा दिलेर हो, जिसका हृदय शेर-जैसे हौसलेवाला हो, बहुत-ही साहसी।
शेÓर$फह्म (अ़.वि.)-शेÓर अथवा कविता के गुण-दोष समझनेवाला, रसज्ञ, सहृदय, काव्य-मर्मज्ञ।
शेÓर$फह्मी (अ़.स्त्री.)-शेÓर समझना, काव्य-मर्मज्ञता, काव्य-निपुणता।
शेरबच: ($फा.पु.)-सिंह-शावक, शेर का बच्चा।
शेरमर्द ($फा.वि.)-शेर-जैसे दिल-गुर्दे का मनुष्य, पुरुष-केसरी।
शेरमाही ($फा.स्त्री.)-एक बहुत बड़ी मछली।
शेरसवार ($फा.वि.)-शेर पर सवारी करनेवाला, व्याघ्र पर चढऩेवाला, सिंहवाहन, सिंहयान।
शेरान: ($फा.वि.)-शेरों-जैसा, वीरों-जैसा, वीरोचित।
शेÓरी (अ़.वि.)-शेÓर का, काव्य का, काव्य-सम्बन्धी।
शेÓरीयत (अ़.स्त्री.)-शेÓरपन, काव्य-कला का रस।
शेरे आबी ($फा.पु.)-पानी का शेर, जलव्याघ्र।
शेरे $कालीं ($फा.पु.)-$कालीन पर बना हुआ शेर, जो कोई अनिष्ट नहीं कर सकता।
शेरे ख़्ाुदा ($फा.पु.)-हज्ऱत अ़ली की उपाधि, असदुल्लाह, ईश्वर का शेर।
शेÓरे ख़्ाुश्क (अ़.$फा.पु.)-ऐसा शेÓर, जिसमें कोई रस न हो।
शेरे जिय़ाँ ($फा.पु.)-फाड़ खानेवाला शेर, व्याघ्र।
शेÓरे तर (अ़.$फा.पु.)-काव्य-कलापूर्ण शेÓर, सरस शेÓर।
शेरे नयस्ताँ ($फा.पु.)-जंगली शेर, कानन अर्थात् जंगल में रहनेवाला शेर।
शेरे बब्र ($फा.पु.)-एक विशेष प्रजाति का शेर, जो सबसे ज़्यादा ख़्ातरनाक माना जाता है, बब्बर शेर, बबर शेर, सिंह।
शेरे यज़्दाँ ($फा.पु.)-दे.-'शेरे ख़्ाुदाÓ।
शेÓरोअदब (अ़.पु.)-दे.-'शेÓरोसुख़्ानÓ।
शेÓरोसुख़्ान (अ़.$फा.पु.)-कविता, काव्य; साहित्य, अदब।
शेव: ($फा.पु.)-ढंग, तर्ज़, तरी$का, शैली, पद्घति, परिपाटी।
शेवए ज़ुल्म (अ़.$फा.पु.)-ज़ुल्म ढाने का तरी$का, अत्याचार का ढंग, अनीति की पद्घति।
शेवए बेदाद ($फा.पु.)-अनीति और अत्याचार का तरी$का।
शेवए लुत्$फ (अ़.$फा.पु.)-कृपा और दया का ढंग, अनुकम्पा की पद्घति।
शेवन ($फा.पु.)-रोना-पीटना, रुदन, विलाप; मातम, मृतशोक।
शेवनगर ($फा.वि.)-रोने-पीटनेवाला, विलाप करनेवाला, रुदन करनेवाला।
शेवा ($फा.वि.)-वाक्-पटु, भाषण-पटु, कलापूर्ण भाषा में बातचीत करनेवाला।
शेवाज़बाँ ($फा.वि.)-दे.-'शेवाबयाँÓ।
शेवाज़बानी ($फा.स्त्री.)-दे.-'शेवाबयानीÓ।
शेवाबयाँ (अ़.$फा.पु.)-जिसकी बातचीत बहुत-ही मधुर और रुचिकर हो, जिसकी वाक्-शैली बहुत-ही सुन्दर और कलापूर्ण हो।
शेवाबयानी (अ़.$फा.स्त्री.)-बातचीत की पटुता और सुन्दरता, बातचीत की मधुरता और रोचकता।
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