मी
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मीअ़: (अ़.पु.)-सलारस, एक गाढ़ी दवा।मीअ़ले साइल: (अ़.पु.)-सलारस, दे.-'मीअ़:Ó।
मीअ़ाद (अ़.स्त्री.)-समय, काल, वक़्त; निश्चित समय; वादा, $करार; अवधि, मुद्दत। (हिन्दी भाषा में 'मियादÓ इसी अर्थ में प्रचलित है)।
मीअ़ादगाह (अ़.$फा.स्त्री.)-वह स्थान जहाँ मिलने का वादा हो, जहाँ मिलना निश्चित हो।
मीअ़ादी (अ़.वि.)-मीअ़ादवाला, जो किसी निश्चित समय तक रहे, जैसे-'मीअ़ादी बुखारÓ।
मीअ़ादे मुऐयिन: (अ़.स्त्री.)-निश्चित समय, नियत काल।
मीअ़ादे मु$कर्रर: (अ़.स्त्री.)-दे.-'मीअ़ादे मुऐयिन:Ó।
मीकल: (अ़.स्त्री.)-देगची, हाँड़ी।
मीकाईल (अ़.पु.)-जीविका का देवता, रोज़ी का $िफरिश्ता।
मी$कात (अ़.स्त्री.)-हाजियों के स$फेद वस्त्र अर्थात् एहराम बाँधने का स्थान; वादे का स्थान।
मीकाल (अ़.पु.)-दे.-'मीकाईलÓ।
मीजऩ: (अ़.पु.)-मस्जिद में अज़ान देने का स्थान।
मीज़ान (अ़.स्त्री.)-तराज़ू, तुला; कई संख्याओं का जोड़, योग$फल। 'मीज़ाने जि़न्दगी किया तो मुझको ये मिला, पाने के नाम पर भी मैं खोता रहा बहुतÓ-माँझी
मीज़ानिय: (अ़.पु.)-बजट, आयव्ययक, आय-व्यय का सरकारी अनुमान।
मीज़ानेअ़द्ल (अ़.स्त्री.)-ऐसी तराज़ू, जिसमें पासंग न हो, वह सच्ची तुला जिसमें कोई हेर-फेर न हो; वह तुला, जिसमें प्रलय के दिन अच्छे-बुरे कर्म तुलेंगे।
मीज़ाने अ़मल (अ़.स्त्री.)-दे.-'मीज़ाने अ़द्लÓ।
मीज़ाब (अ़.पु.)-वह परनाला, जिससे छनकर पानी आए।
मीना ($फा.पु.)-शराब का जग, मदिरा का बड़ा कंटर; वह रंगीन शीशा, जिससे सोने-चाँदी पर नक़्$काशी होती है।
मीनाई ($फा.वि.)-शराब के शीशे से सम्बन्धित; एक वंश, शाहमीना का वंशज।
मीनाए मय ($फा.पु.)-शराब का बड़ा कंटर, $कराबा।
मीनाए लाजवर्द ($फा.पु.)-गगन, आकाश, आस्मान।
मीनाकार ($फा.वि.)-जड़ाऊ काम करनेवाला; जिस पर जड़ाऊ काम हो।
मीनाकारी ($फा.स्त्री.)-जड़ाऊ काम, सोने-चाँदी पर मुरस्सा-साज़ी अर्थात् जड़ावट का काम।
मीनाख़्ाान: ($फा.पु.)-जहाँ शीशे हों।
मीना दर ब$गल ($फा.वि.)-ब$गल में शराब की बोतल दबाए हुए।
मीना$फाम ($फा.वि.)-नीले रंगवाला (वाली)।
मीनाबदस्त ($फा.वि.)-हाथ में शराब की जाम लिये हुए, हाथ में मदिरा का प्याला लिये हुए।
मीनाबदोश ($फा.वि.)-कंधे पर शराब का कंटर रखे हुए।
मीनाबाज़ार ($फा.पु.)-वह बाज़ार जिसमें केवल औरतें ही ख़्ारीद-$फरोख़्त यानी क्रिय-विक्रय करें, जिसे बादशाह अकबर ने प्रचलित किया था।
मीनारंग ($फा.वि.)-दे.-'मीना$फामÓ।
मीनार (उ.पु.)-लम्बी लाट, मनार; वह ऊँची जगह जहाँ रौशनी की जाए।
मीनू (अ़.$फा.वि.)-स्वर्ग, बिहिश्त; नीले रंग का; वह शीशा जो ज़ेवरों पर जड़ा जाता है, मीना।
मीनूअसास (अ़.$फा.वि.)-स्वर्ग-जैसा सुन्दर और शोभित।
मीनूसवाद (अ़.$फा.वि.)-दे.-'मीनूअसासÓ।
मीनूसिरिश्त (अ़.$फा.वि.)-दे.-'मीनूअसासÓ।
मीम (अ़.पु.)-उर्दू भाषा का एक अक्षर, जो 'मÓ की ध्वनि देता है (नायिका के मुँह के दहाने से इसकी उपमा दी जाती है)।
मीर (अ़.पु.)-'अमीरÓ का लघु., अग्रगण्य, आगे जानेवाला, सरआमद; अध्यक्ष, नायक, सरदार; आगे बढ़ जानेवाला; सैयदों की उपाधि।
मीरअज़ऱ् (अ़.पु.)-वह व्यक्ति जो लोगों के प्रार्थना-पत्र राजा के आगे प्रस्तुत करता है।
मीरआख़्ाुर (अ़.$फा.पु.)-घुड़साल का निरीक्षक, अस्तबल का दारो$गा।
मीरआख़्ाुरबाशी (तु.पु.)-घुड़साल के निरीक्षकों का प्रधान, अस्तबल के दारो$गाओं का अध्यक्ष।
मीरआतश (अ़.$फा.पु.)-तोपख़्ााने का अध्यक्ष।
मीरआब (अ़.$फा.पु.)-जल-सेना का नायक।
मीरइमारत (अ़.पु.)-शाही इमारतों की देख-रेख करनेवाला, ची$फ इंजीनियर।
मीरक़ा$िफल: (अ़.पु.)-$का$िफले अर्थात् यात्रीदल का मुखिया।
मीरकार्वां (अ़.$फा.पु.)-दे.-'मीर $का$िफल:Ó।
मीरज़ा ($फा.पु.)-शाही ख़्ाानदान के लोगों की उपाधि; मु$गल जाति का व्यक्ति।
मीरज़ाई ($फा.वि.)-मीरज़ापन; सरदारी; शहज़ादगी।
मीरज़द: ($फा.पु.)-मीर का लड़का, शहज़ादा।
मीरज़ामनिश (अ़.$फा.वि.)-भलामानस, शरी$फ आदमी।
मीरतुज़्ाुक (अ़.तु.पु.)-सेना का प्रबन्ध करनेवाला, सेनानायक।
मीर$फर्श (अ़.पु.)-वे भारी पत्थर, जो $फर्श को दबाने के लिए चारों कोनों पर रखे जाते हैं; वह व्यक्ति जो अपने स्थान से हिले-डुले नहीं।
मीरबख़्शी (अ़.$फा.पु.)-वेतन बाँटनेवाला अधिकारी।
मीरबह्रï (अ़.पु.)-जलसेना का अध्यक्ष।
मीरमंजि़ल (अ़.पु.)-वह व्यक्ति जो सेना के आगे चलकर पड़ाव आदि का प्रबन्ध करता है।
मीर मत्बख़्ा (अ़.पु.)-बाबरचीख़्ााने का दारो$गा, रसोईघर का अध्यक्ष।
मीरमह्$िफल (अ़.पु.)-सभापति, सदरे मज्लिस।
मीरमहल्ल: (अ़.पु.)-महल्ले (मुहल्ले) का चौधरी या मुखिया।
मीरमुंशी (अ़.पु.)-कार्यालय के सभी लिपिकों का मुखिया, अनुभाग अधिकारी, दफ़्तर के तमाम क्लर्कों का नायक।
मीरमुशाअऱ: (अ़.पु.)-कवि-सम्मेलन का सभापति।
मीरमैदाँ (अ़.$फा.पु.)-योद्घा, वीर, शूर, बहादुर।
मीरशबगीर (अ़.$फा.पु.)-शहर कोतवाल, रात में गश्त करनेवाला।
मीरसामाँ (अ़.$फा.पु.)-खानसामाँ।
मीराँ ($फा.पु.)-'मीरÓ का बहु., बड़े लोग।
मीरास (अ़.स्त्री.)-वह ज़मीन आदि जो किसी को गुज़ारे के लिए दी गई हो, नानकार; बिरसे में मिली हुई जायदाद, जो सम्पत्ति उत्तराधिकार में मिले।
मीरासी (अ़.वि.)-मीरास से सम्बन्ध रखनेवाली; मुसलमानों की एक जाति-विशेष, जो गाने-बजाने का काम करती है।
मीरी (अ़.वि.)-अमीरी, सरदारी; सबसे अव्वल आनेवाला, वह आदमी जो काम में सबसे बढ़कर रहे।
मीरे अज़ऱ् (अ़.पु.)-राजा या बादशाह के समक्ष प्रार्थनापत्र पेश करनेवाला (पेशकार)।
मीरे शिकार (अ़.$फा.पु.)-राजाओं अथवा बादशाहों के शिकारगाह का प्रबन्ध करनेवाला।
मील (अ़.पु.)-1760 गज़ का $फासिला; यह दूरी बतानेवाला पत्थर; सुर्मा लगाने की सलाई, अंजन-शलाका।
मीलाद (अ़.पु.)-जन्म का समय; हज्ऱत मुहम्मद के कथा की सभा।
मीलादख़्वाँ (अ़.$फा.वि.)-मीलाद पढऩेवाला, हज्ऱत मुहम्मद साहब का गुणगान करनेवाला।
मीलादी (अ़.वि.)-हज्ऱत मुहम्मद साहब की जन्मतिथि से प्रारम्भ होनेवाला साल।
मीलादे मुबारक (अ़.पु.)-मीलाद का जल्सा, हज्ऱत मुहम्मद साहब के गुणगान की सभा।
मीसा$क (अ़.पु.)-प्रतिज्ञा, अ़ह्द; वादा, अभिवचन।
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