मि
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मिंजल (अ़.स्त्री.)-खेत काटने का हँसिया, दराँती।मिंतक़: (अ़.पु.)-कटिबंध, सर्दी-गर्मी आदि के दृष्टिकोण से पृथ्वी के खण्ड, प्रत्येक खण्ड एक 'मिंत$क:Ó कहलाता है; पटका, कमर में बाँधने की पेटी।
मिंतक़ (अ़.पु.)-पटका, पेटी, कटिबंध।
मिंत$कए बारिद: (अ़.पु.)-शीत कटिबंध, वह मिंतक़ा जो बहुत अधिक ठण्डा है।
मिंतक़ए माÓतदिल: (अ़.पु.)-सम शीतोष्ण कटिबंध, वह मिंतक़ा जहाँ न बहुत अधिक ठण्ड है, न गर्मी।
मिंतक़ए मोह्र$क: (अ़.पु.)-दे.-'मिंतक़ए हार्र:Ó।
मिंतक़ए हार्र: (अ़.पु.)-उष्ण कटिबंध, वह मिंतक़ा जो बहुत गर्म है।
मिंतक़ए बुरूज (अ़.पु.)-राशिचक्र, भूचक्र।
मिंतक़ात (अ़.पु.)-'मिंतक़:Ó का बहु., मिंतक़े।
मिंदील (अ़.पु.)-कमर में बाँधने का रूमाल-विशेष; सिर पर बाँधने का रूमाल-विशेष।
मिंबर (अ़.पु.)-मस्जिद में वह ऊँचा स्थान जहाँ इमाम ख़्ाुत्बा पढ़ता है।
मिंशफ़ (अ़.पु.)-तौलिया, शरीर पौंछने का अँगोछा।
मिंशार (अ़.पु.)-आरा, लकड़ी चीरने का यंत्र; रबड़ फैलाने का यंत्र।
मिंस$फ: (अ़.पु.)-खलियान का लाँक ऊपर-नीचे करने की पाँच शाखोंवाली लकड़ी, पचा।
मिअ़ा (अ़.स्त्री.)-अंत्र, आँत।
मिअ़ाए मुस्त$कीम (अ़.स्त्री.)-सीधी आँत, शरीर की एक आँत।
मि$कस [स्स] (अ़.स्त्री.)-वह रस्सी जिससे दूध दूहते समय पशु के पाँव बाँधते हैं।
मिकास (अ़.पु.)-माल बेचने में देर करना; विलंब से माल बेचना।
मिक़्तल (अ़.पु.)-वध अथवा $कत्ल करने का यंत्र, छुरी।
मिक़्ताअ़ (अ़.पु.)-काटने या कतरने का यंत्र, कैंची।
मिक़्ताल (अ़.पु.)-वध अथवा $कत्ल करने का यंत्र, छुरी।
मिक़्दाम (अ़.पु.)-बहुत बहादुर, शूरवीर।
मिक़्दार (अ़.स्त्री.)-मात्रा, वज़्न, तौल; अनुमिति, अंदाज़ा (तौल का)।
मिक्नस: (अ़.स्त्री.)-बुहारी, झाडू, मार्जनी।
मिक्ऩा (अ़.पु.)-दूल्हा के ओढऩे का महीन कपड़ा, जिस पर सेहरा होता है; स्त्रियों के ओढऩे की महीन चादर, ओढऩी।
मिक्ऩातीस (अ़.पु.)-चुम्बक-पत्थर, दे.-'मक्ऩातीसÓ, दोनों शुद्घ हैं।
मिक्नास (अ़.पु.)-दे.-'मिक्नस:Ó।
मिक़्बस (अ़.पु.)-घुड़दौड़ के समय घोड़े के आगे बाँधी गई रस्सी।
मिक्याल (अ़.पु.)-सूखी वस्तु नापने का बर्तन।
मिक्य़ास (अ़.पु.)-मानयंत्र, नापने का यंत्र, अनुमान का यंत्र।
मिक्य़ासुलमतर (अ़.पु.)-वर्षामान, वर्षा का जल नापने का यंत्र।
मिक्य़ासुलमा (अ़.पु.)-पानी का हलका-भारीपन जानने का यंत्र।
मिक्य़ासुलमौसिम (अ़.पु.)-मौसम का हाल जानने का यंत्र।
मिक्य़ासुललबन (अ़.पु.)-दूध की मिलावट जानने का यंत्र।
मिक्य़ासुलहरार: (अ़.पु.)-शरीर की गर्मी अथवा बुखार आदि नापने का यंत्र, तापमापक, थर्मामीटर।
मिक्य़ासुलहवा (अ़.पु.)-वायु का वेग जानने का यंत्र, वायुयंत्र।
मिक्ऱाज़ (अ़.स्त्री.)-$कैंची, कर्तनी, कर्तरी।
मिक़्लम: (अ़.पु.)-लेखनी-पात्र, $कलमदान।
मिक़्ला (अ़.स्त्री.)-गुल्ली-डण्डा।
मिक़्लाद (अ़.स्त्री.)-चाबी, कुंजी।
मिक़्वल (अ़.पु.)-जीभ, जिह्वïा, ज़बान।
मिक़्वा (अ़.पु.)-दफ़्ती, पट्ठा; वह चीज़ जिससे कोई वस्तु पुष्ट की जाए, किसी चीज़ को दृढ़ करनेवाली वस्तु।
मिक्वात (अ़.स्त्री.)-शरीर के दागने का यंत्र; कपड़ों पर करने की इस्त्री।
मिक्शत: (अ़.स्त्री.)-चा$कू, छुरी।
मिक्सअ़ (अ़.स्त्री.)-जाली।
मिख़्ा्रा$क (अ़.पु.)-बड़ा मोती; चमड़े का कोड़ा।
मिख़्लात (अ़.पु.)-घोड़े का तोबड़ा, जिससे उसे खाना खिलाया जाता है।
मिख़्साल (अ़.स्त्री.)-हँसिया, दराँती।
मिगफ़ऱ (अ़.पु.)-लोहे की $फौजी टोपी, शिरस्त्राण, ख़्ाोद।
मिग्ऱ$फ: (अ़.पु.)-चमचा, क$फगीर, डोई।
मिग्लाग़ ($फा.पु.)-बल्ले की गेंद।
मिग्लात (अ़.पु.)-$गलत कार्य, भ्रष्ट कार्य।
मिज़ल्ल: (अ़.पु.)-सायबान, मण्डप, छतरी।
मिज़ल्ल (अ़.पु.)-छाया करने की वस्तु, छतरी आदि।
मिजस (अ़.पु.)-नब्ज़ पर वैद्य या हकीम के हाथ रखने का स्थान, नाड़ी देखने की जगह।
मिज़ाअ़ (अ़.पु.)-$गैर मर्द-औरत का मेलजोल।
मिज़ाज (अ़.पु.)-स्वभाव, अ़ादत; गुण, ख़्ाासियत; प्रकृति, तबीअ़त; अभिमान, घमण्ड; नाज़-नख़्ारा, मन, जी।
मिज़ाजदाँ (अ़.$फा.वि.)-जो किसी के स्वभाव से परिचित हो, जो स्वभाव पहचानकर उसी के अनुसार बात करता हो।
मिज़ाजदानी (अ़.$फा.स्त्री.)-मिज़ाज पहचानना; स्वभाव के अनुसार बात करना; हाँ में हाँ मिलाना।
मिज़ाजपुर्सी (अ़.$फा.स्त्री.)-किसी से मिलने, भेंट करने या हाल-चाल पूछने के लिए जाना; रोगी को देखने और उसे दिलासा देने के लिए जाना।
मिज़ाजशनास (अ़.$फा.वि.)-दे.-'मिज़ाजदाँÓ।
मिज़ाजशनासी (अ़.$फा.स्त्री.)-दे.-'मिज़ाजदानीÓ।
मिज़ाजे अ़ाली (अ़.पु.)-दे.-'मिज़ाजे मुबारकÓ।
मिज़ाजे मुबारक (अ़.पु.)-आपका मिज़ाज कैसा है? (भेंट अथवा मुला$कात के समय कहते हैं)।
मिज़ाजे शरीफ़ (अ़.पु.)-दे.-'मिज़ाजे मुबारकÓ।
मिज्दा$फ (अ़.पु.)-तिकोनी-चौड़ी वह लकड़ी, जिसे नाव में बाँधकर उससे नाव चलाते हैं, डाँड, पतवार।
मिज़्मर (अ़.पु.)-एक बाजा बर्बत; मुरली, वंशी, बाँसुरी।
मिज्मर (अ़.स्त्री.)-वह पात्र, जिसमें धूप या अगर जलाते हैं, धूपदानी, अगरदानी; गोरसी, अंगारदानी, अँगीठी।
मिज़्मार (अ़.पु.)-घोड़ों को सधाने के लिए दौड़ाने का मैदान। इसका 'ज़Ó उर्दू के 'ज़्वादÓ अक्षर से बना है।
मिज़्मार (अ़.स्त्री.)-मुरली, वंशी, बंसी, बाँसुरी। इसका 'ज़Ó उर्दू के 'ज़ेÓ अक्षर से बना है।
मिज्ऱ$क: (अ़.स्त्री.)-दवा की पिचकारी।
मिज्ऱाब (अ़.पु.)-सितार बजाने का यंत्र।
मिज़्हाक (अ़.पु.)-बहुत हँसानेवाला, हँसोड़।
मितान (अ़.पु.)-'मतनÓ का बहु., मूल पुस्तकें।
मित्रक़: (अ़.पु.)-हथौड़ा, जिससे निहाई पर लोहा कूटते हैं, घन।
मित्हन (अ़.स्त्री.)-आटा पीसने की चक्की, पेषणी।
मिदाद (अ़.स्त्री.)-मसि, स्याही, रौशनाई।
मिद्क़: (अ़.स्त्री.)-कूटने का यंत्र, मुगरी, डपका।
मिद्द: (अ़.स्त्री.)-घाव से निकलनेवाली पीप, मवाद।
मिद्फ़ई (अ़.पु.)-तोपची, तोप चलानेवाला।
मिद्हतसरा (अ़.$फा.वि.)-प्रशंसा करनेवाला, प्रशंसक, श्लाघी, तारी$फ करनेवाला; स्तुति-पाठक, हम्दोसना करने-वाला, गुणगान करनेवाला।
मिन (अ़.अव्य.)-से।
मिन अव्वलिही इला आख़्िार ही (अ़.वा.)-आद्योपान्त, शुरू से अन्त तक।
मिनकुल्लिलवुजूह (अ़.वा.)-सब तरह से, हर प्रकार से, पूरे तौर पर।
मिनख़्ाल (अ़.स्त्री.)-छानने का यंत्र, चालनी, चलनी।
मिनजानिब (अ़.अव्य.)-ओर से, तरफ़ से।
मिनजानिबिल्लाह (अ़.वा.)-ईश्वर की ओर से, प्रभु की महिमा से।
मिनजुम्ल: (अ़.अव्य.)-सब में से।
मिन वजहिन: (अ़.अव्य.)-एक प्रकार से, एक तरह से, एक सूरत से।
मिनहा (अ़.वि.)-उन सबमें से; निकाला हुआ, कम किया हुआ; तफ्ऱी$क किया हुआ, घटाया हुआ।
मिनहाई (अ़.स्त्री.)-कमी, कटौती, त$फरी$क, व्यवकलन।
मिना (अ़.पु.)-मक्के का एक स्थान, जहाँ हज के दूसरे दिन हाजी लोग $कुर्बानी करते और हजामत बनवाते हैं।
मिनोअऩ (अ़.वि.)-जैसा का तैसा, पूरा-पूरा, सा$फ-साफ़ , अक्षरश:, ज्यों का त्यों।
मिन्अ़ाम (अ़.पु.)-बहुत उपकार करनेवाला, अति उपकारी।
मिन्$कब (अ़.पु.)-सूराख़्ा या छेद करने का यंत्र, बर्मा।
मिन्$कर (अ़.पु.)-छैनी, टाँकी।
मिन्$का$फ (अ़.पु.)-शंख।
मिन्$काश (अ़.पु.)-मोचना, चित्रण-यंत्र, नक़्श करने अथवा चित्रकारी करने का यंत्र।
मिन्ज़ार (अ़.पु.)-दूरबीन, दूरदर्शक-यंत्र।
मिन्नत (अ़.स्त्री.)-उपकार; चाटूकारिता।
मिन्नतकश (अ़.वि.)-एहसानमंद, कृतज्ञ।
मिन्नतकशी (अ़.स्त्री.)-एहसानमंदी, कृतज्ञता।
मिन्नत पिज़ीर ($फा.पु.)-एहसान माननेवाला, आभारी, कृतज्ञ।
मिन्फ़ाख़्ा (अ़.स्त्री.)-फँूक मारने का यंत्र, फूँकनी।
मिन्सात (अ़.स्त्री.)-लाठी, डण्डा।
मिन्हाज (अ़.स्त्री.)-पथ, रास्ता, मार्ग; सड़क, राजमार्ग।
मिफ़्ताह (अ़.स्त्री.)-कुंजी, ताली, चाबी, कुंचिका।
मिब्ज़ा$क (अ़.पु.)-उगालदान, थूकने का पात्र।
मियाँ ($फा.वि.)-'मियानÓ का लघु., दे.-'मियानÓ।
मियाँजी ($फा.पु.)-एलची, दूत; एलचीगीरी, दूतकर्म, दौत्य।
मियाँतिही ($फा.वि.)-जिसका बीच ख़्ााली हो; ऐसा बिस्तर जिसके बीच में रुई न हो।
मियाँबंद ($फा.पु.)-पटका, कमर में बाँधने की पेटी, कमरबंद।
मियाँबाला ($फा.वि.)-दरमियानी $कद का, न ठिगना न लम्बा, औसत $कद का।
मियान: ($फा.पु.)-एक प्रकार की पालकी, ($वि.)-बीच का, माध्यमिक, दरमियानी।
मियान:$कद (अ़.$फा.वि.)-बीच के $कद का, न लम्बा न ठिगना, सामान्य $कद का।
मियान:$कामत (अ़.$फा.वि.)-दे.-'मियान:$कदÓ।
मियान:गीर ($फा.वि.)-बीच की चीज़ लेनेवाला, प्रत्येक कार्य में सावधानी बरतनेवाला।
मियान:रवी ($फा.स्त्री.)-बीच की चाल, सरलाचार।
मियान:रौ ($फा.वि.)-बीच की चाल चलनेवाला, सरलाचारी।
मियान ($फा.वि.)-मध्य, बीच; (स्त्री.)-तलवार की म्यान, कोष; कमर, कटि।
मियाने राह ($फा.पु.)-रास्ते में, रास्ते के बीच में; रास्ते के बीचोंबीच।
मियाने शह्र ($फा.पु.)-नगर में; नगर का बीच।
मिरा$क (अ़.पु.)-ख़्ाब्त, पागलपन।
मिरा$की (अ़.वि.)-ख़्ब्ती, पागल।
मिर्आत (अ़.पु.)-दर्पण, मुकुर, शीशा, आईना।
मि$र्कात (अ़.पु.)-सीढ़ी, सोपान, ज़ीना।
मिर्जल (अ़.पु.)-बड़ा बर्तन।
मिजऱ्ा ($फा.पु.)-'मीजऱ्ाÓ का लघु., दे.-'मीजऱ्ाÓ।
मिज़ाईयत ($फा.स्त्री.)-मिज़ापन, $कादियानियत।
मिर्फ़$क: (अ़.पु.)-तकिया।
मिर्फ़$क (अ़.स्त्री.)-कुहनी।
मिर्रीख़्ा (अ़.पु.)-मंगल तारा, बह्राम।
मिर्रीह (अ़.पु.)-बहुत ख़्ाुशी, अति प्रसन्नता।
मिर्वह: (अ़.पु.)-पंखा, व्यंजन।
मिर्साद (अ़.पु.)-सड़क, चौड़ा रास्ता, राजमार्ग।
मिलाक (अ़.पु.)-मूल वस्तु, वास्तविक चीज़।
मिलात (अ़.पु.)-इमारती मसाला, भवन-निर्माण का मसाला।
मिल्अ़क़: (अ़.स्त्री.)-चम्मच, चमचा।
मिल्$कत (अ़.पु.)-चिमटा।
मिल्$कात (अ़.पु.)-'मिल्$कतÓ का बहु., बहुत-से चिमटे।
मिल्कियत (अ़.पु.)-अधिकार; सम्पत्ति।
मिल्केयमीन (अ़.पु.)-$गुलाम; लौंडी, दासी।
मिल्जाब (अ़.पु.)-अत्यन्त कंजूस।
मिल्तस (अ़.पु.)-पत्थर तोडऩे का यंत्र, टाँकी, गैती।
मिल्दम (अ़.पु.)-घामड़, बुद्घिहीन, मूर्ख।
मिल्लत (अ़.पु.)-धर्म, मज़हब।
मिल्ली (अ़.स्त्री.)-धार्मिक, धर्म से सम्बन्धित।
मिल्ह (अ़.पु.)-नमक, लवण।
मिश्क ($फा.पु.)-दे.-'मुश्कÓ, वही शुद्घ उच्चारण है।
मिश्कात (अ़.स्त्री.)-वह बड़ा ताक जिसमें चिरा$ग, दीप, $फानूस या $िकंदील आदि रखा जाए।
मिश्त (अ़.स्त्री.)-कंघी, प्रसाधनी।
मिस ($फा.पु.)-एक प्रसिद्घ धातु, ताँबा।
मिसगर ($फा.वि.)-ताँबे का काम करनेवाला, ठइेरा।
मिसाल (अ़.स्त्री.)-आदर्श, नमूना; उदाहरण; समान, बराबर; चित्र, तस्वीर; आदेशपत्र।
मिसाली (अ़.वि.)-आदर्श, नमूने के तौर पर, नमूने का।
मिसी ($फा.स्त्री.)-एक मंजन, जिसे स्त्रियाँ बतौर सिंगार के इस्तेमाल करती हैं, (वि.)-ताँबे का, ताँबे से सम्बन्धित।
मिसीमालीद: ($फा.वि.)-मिस्सी मले हुए होंठ।
मिस्क (अ़.स्त्री.)-दे.-'मुश्कÓ।
मिस्$कब (अ़.पु.)-छेद करने का यंत्र, बरमा।
मिस्$कल: (अ़.पु.)-लोहे का एक यंत्र, जिससे तलवार, भाले आदि हथियार चमकाए जाते हैं।
मिस्$कल (अ़.पु.)-दे.-'मिस्क़ल:Ó।
मिस्$काल (अ़.पु.)-साढ़े चार माशे की एक तौल।
मिस्कीं (अ़.वि.)-विनम्र, ख़्ााकसार; भोला-भाला, सीधा-सादा, सरल; दीन, असहाय, अ़ाजिज़; दरिद्र, मुफ़्िलस।
मिस्कींतब्अ़ (अ़.वि.)-बहुत-ही सीधा-सादा, सरल स्वभाव।
मिस्कींनवाज़ (अ़.$फा.वि.)-दीन-पोषक, दीन-दु:खियों को सहारा देनेवाला।
मिस्कींसूरत (अ़.वि.)-जिसकी सूरत से सिधाई और नम्रता टपकती हो।
मिस्कीन (अ़.वि.)-दे.-'मिस्कींÓ।
मिस्तब: (अ़.वि.)-शराबख़्ााना, मदिरालय। दे.-'मस्तब:Ó, दोनों शुद्घ हैं।
मिस्तर (अ़.पु.)-का$गज़ की दफ़्ती, जिस पर मोटा डोरा सतरों की पैमाइश का लगा देते हैं और वर$क को उस पर रखकर दबाते हैं, जिससे का$गज़ पर सतरें बन जाती हैं।
मिस्दा$क (अ़.वि.)-वह, जिस पर कोई बात ठीक-ठीक घटित हो, चरितार्थ।
मिस्बाह (अ़.पु.)-दीप, दीपक, चिरा$ग, दीआ।
मिस्मार (अ़.वि.)-नष्ट, ध्वस्त; सलाख़्ा, मेख।
मिस्र (अ़.पु.)-एक प्रसिद्घ राष्ट्र जो अफ्ऱीका में है।
मिस्रए तरह (अ़.पु.)-वह मिस्राÓ जो रदी$फ, $का$िफया और वज़्न बताने के लिए मुशायरे में दिया जाता है।
मिस्राÓ (अ़.पु.)-आधार शेÓर, एक चरण।
मिस्राÓअ़ (अ़.पु.)-दे.-'मिस्राÓ।
मिस्री (अ़.पु.)-मिस्र देश का निवासी, (स्त्री.)-मिस्र देश की भाषा; कूज़े या थाल में जमी हुई शकर।
मिस्वाक (अ़.स्त्री.)-दाँत सा$फ करने की रेशेदार लकड़ी, दातौन, दन्तधावन।
मिस्वात (अ़.स्त्री.)-खेत को बराबर करने का यंत्र, पाटा।
मिह ($फा.वि.)-बड़ा, महान्, बुज़ुर्ग।
मिहतर ($फा.वि.)-महत्तम, बहुत बड़ा; सरदार, नायक; भंगी, मैला उठानेवाला।
मिहतरी ($फा.स्त्री.)-महत्त्व, बड़ाई; सरदारी, अध्यक्षता।
मिहार (अ़.स्त्री.)-ऊँट की नकेल, दे.-'महारÓ, दोनों शुद्घ हैं।
मिह्रï ($फा.स्त्री.)-सूरज, रवि, भनू, सूर्य; प्रेम, दोस्ती; कृपा, दया; ममता।
मिह्रïपर्वर ($फा.वि.)-दे.-'मिह्रïबानÓ।
मिह्रïबान ($फा.वि.)-दयावान्, कृपालु; मित्र, दोस्त।
मिह्रïबानी ($फा.स्त्री.)-अनुकम्पा, कृपा, दया, अनुग्रह।
मिह्रïवर ($फा.वि.)-दे.-'मिह्रïबानÓ।
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