बै
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बै (अ़.स्त्री.)-दे.-'बैअ़Ó, वही शुद्घ उच्चारण है।बैअ़ (अ़.स्त्री.)-बेचना, बिक्री, $फरोख़्त करना।
बैअ़त (अ़.स्त्री.)-किसी पीर अथवा महात्मा आदि का मुरीद होना, उसका शिष्य बनना; आज्ञाकारिता।
बैअऩाम: (अ़.$फा.पु.)-विक्रय-पत्र, किसी वस्तु को बेचने की $कानूनी लिखा-पढ़ी, बेचीनामा, बिक्री-अभिलेख, ऐसा पत्र अथचा का$गज़ जिसमें किसी वस्तु के बेचने का इ$करार हो।
बैअ़ान: (अ़.$फा.पु.)-बयाना, साई, वह धन जो मूल्य तय हो जाने पर ख़्ारीदार बेचनेवाले को इसलिए देता है कि बात पक्की हो जाए, अग्रिम-राशि, बिक्री-राशि का कुछ ज़मानती भाग।
बैअ़ोशिरा (अ़.स्त्री.)-क्रय-विक्रय, ख़्ारीद-$फरोख़्त।
बैज़: (अ़.पु.)-अंड, अंडा; अंडकोष, फोता; सिपाहियों का ख़्ाोद, लोहे की टोपी; पूरे सिर का एक दर्द।
बैज़ (अ़.पु.)-'बैज़:Ó का बहु., अंडे; अनेक अंडकोष।
बैज़ए माकियाँ (अ़.$फा.पु.)-मु$र्गी का अंडा।
बैज़ए मार (अ़.$फा.पु.)-साँप का अंडा।
बैज़ए मु$र्ग (अ़.$फा.पु.)-मु$र्गी का अंडा।
बैज़ए मोर (अ़.$फा.पु.)-च्यूँटी का अंडा।
बैज़$क (अ़.पु.)-दे.-'बैद$कÓ, दोनों शुद्घ हैं।
बैज़वी (अ़.वि.)-गोल, अंडे के आकार का, अंडाकार।
बैज़ा (अ़.वि.)-श्वेत, स$फेद; प्रकाशमान्, उज्ज्वल, रौशन; दिनकर, दिवाकर, सूर्य, सूरज; ईरान का एक प्रसिद्घ नगर।
बैज़ावी (अ़.वि.)-बैज़ा (ईरान का एक नगर) से सम्बन्ध रखनेवाला, बैज़ा का निवासी।
बैत (अ़.स्त्री.)-किसी शेÓर के दो मिस्रे जो एक बह्रï अथवा एक वजऩ के हों; (पु.)-गृह, घर, मकान; स्थान, जगह।
बैतबह्सी (अ़.स्त्री.)-दे.-'बैतबाज़ीÓ, अन्त्याक्षरी।
बैतबाज़ी (अ़.$फा.स्त्री.)-युवाओं का एक खेल जिसमें एक युवक एक शेÓर पढ़ता है और दूसरा युवक उस शेÓर के अंतिम अक्षर से प्रारम्भ होनेवाला दूसरा शेÓर पढ़ता है।
बैतार (अ़.पु.)-पशुओं की चिकित्सा करनेवाला, पशु-चिकित्सक।
बैतुन्नुत$फ (अ़.पु.)-कोठा, चकला, वेश्यालय।
बैतुलअ़ती$क (अ़.पु.)-पुराना घर; काÓब:, ख़्ाानए काÓब:।
बैतुलअ़रूस (अ़.पु.)-दुल्हन का कमरा।
बैतुलउलूम (अ़.पु.)-विश्वविद्यालय, यूनिवर्सिटी।
बैतुलख़्ाला (अ़.पु.)-शौचालय, टट्टी, पाख़्ााना, शौचघर, जाए-ज़रूर।
बैतुलगज़़ल (अ़.स्त्री.)-उम्दा शेÓर, वुने हुए शेÓर, $गज़ल का सबसे अच्छा शेÓर।
बैतुलमाÓमूर (अ़.पु.)-इस्लामी मान्यता के अनुसार चौथे आस्मान पर बनी हुई मस्जिद, जो ख़्ाानए काÓब: के ठीक ऊपर है।
बैतुलमाल (अ़.पु.)-शाही खज़ाना, राजकीय कोष; वह कोष जिसका धन सार्वजनिक कामों पर ख़्ार्च हो; लावारिस माल; ख़्ाालसा, नुज़ूल।
बैतुल मु$कद्दस (अ़.पु.)-यरोशलम, यरुशलम; पवित्र-घर, वह घर जिसका आदर-सत्कार किया जाए अथवा जिसको नमन्, प्रणाम और सलाम किया जाए अर्थात् ताÓज़ीम का घर, काÓबा, मक्का।
बैतुल्लाह (अ़.पु.)-ख़्ाुदा का घर, ईश्वर का घर; ख़्ाानए काÓब:।
बैतुलहजऩ (अ़.पु.)-रंज का घर, शोकगृह, $गमी का घर; नायक या अ़ाशि$क का घर।
बैतुलहमल (अ़.पु.)-मेषराशि, पहला बुर्ज।
बैतुलहरम (अ़.पु.)-मक्का, ख़्ाानए काÓब:।
बैतुलहुज़्न (अ़.पु.)-दे.-'बैतुलहजऩÓ, दोनों शुद्घ हैं।
बैतुश्शर$फ (अ़.पु.)-वह राशि जिसमें किसी ग्रह की उन्नति हो।
बैतुस्स$कर (अ़.पु.)-नरक, दोज़ख़्ा।
बैतुस्सनम (अ़.पु.)-मूर्तिगृह, मंदिर, बुतख़्ााना।
बैतुस्सिलाह (अ़.पु.)-शस्त्रागार, आयुद्घ-भण्डार, मैगज़ीन, अस्लिह:ख़्ााना।
बैद$ग (अ़.$फा.स्त्री.)-मोटी-ताज़ी औरत।
बैदा (अ़.पु.)-वन, कानन, जंगल, दश्त।
बैन (अ़.वि.)-$फ$र्क, $फासला, अन्तर (यौगिक शब्दों में); बीच, मध्य, दरमियान।
बैनलअक़्वाम (अ़.वि.)-अन्तर्राष्ट्र।
बैनलअक़्वामी (अ़.वि.)-अन्तर्राष्ट्रीय।
बैनलमिल्ली (अ़.वि.)-अन्तर्राष्ट्रीय।
बैनलमुल्की (अ़.वि.)-अन्तर्देशीय।
बैनस्सुतूर (अ़.पु.)-दो सत्रों के बीच में छोड़ी हुई जगह।
बैनामा (अ़.$फा.पु.)-दे.-'बैअऩाम:Ó, वही शुद्घ उच्चारण है।
बैबात (बैबिल व$फा) (अ़.स्त्री.)-ऐसा रेहन जिसमें मियाद के अन्दर रुपया अदा न होने से रेहन की हुई सम्पत्ति बिकी हुई समझी जाती है।
बैयाअ़ (अ़.वि.)-विक्रेता, बिक्री करनेवाला, बेचनेवाला; दलाल, एजेंट, अभिकर्ता।
बैयिन (अ़.वि.)-स्पष्ट, वाज़ेह, ज्वलंत।
बैर$क (तु.पु.)-झण्डा, निशान; छोटा झण्डा, झण्डी, वह झण्डी जो ज़मीन पर $कब्ज़ा करने या आबाद करने के लिए निशान के रूप में गाड़ते हैं।
बैरूँ (बैरून) ($फा.अव्य.)-बाहर, अलावा, अलग, (पु.)-आस-पास का क्षेत्र या प्रदेश, दे.-'बेरूँ या बेरूनÓ, वही शुद्घ उच्चारण हैं।
बैरूनजात ($फा.पु.)-शहर के आस-पास की बस्तियाँ, दे.-'बेरूँजातÓ, वही शुद्घ उच्चारण है।
बैरूनी ($फा.वि.)-दे.-'बेरूनीÓ, वही शुद्घ उच्चारण है, बाहरी, बाहर का।
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