सै
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सै$कल (अ़.स्त्री.)-तलवार आदि को रगड़कर उसमें चमक पैदा करना।सै$कलगर (अ़.$फा.वि.)-तलवार या दूसरे अस्त्रों को चमकदार बनानेवाला; बर्तनों पर $कलई करनेवाला।
सै$कली (अ़.$फा.स्त्री.)-सान, वह पत्थर जिस पर रगड़कर तलवार आदि में धार पैदा करते हैं।
सैद (अ़.पु.)-शिकार, मृगया, आखेट, अहेर; शिकार किया हुआ जानवर।
इसका 'सैÓ उर्दू के 'सुअ़ादÓ अक्षर से बना है।
सैद (अ़.पु.)-'सैयिदÓ का लघु., दे.-'सैयिदÓ।
सैदअफ्ग़न (अ़.$फा.वि.)-शिकारी, आखेटक, लुब्धक, व्याध।
सैदअफ्ग़नी (अ़.$फा.स्त्री.)-शिकार खेलना, आखेट, मृगया।
सैदकुन (अ़.$फा.वि.)-शिकार करनेवाला, आखेटक।
सैदकुनाँ (अ़.$फा.वि.)-शिकार करता हुआ, शिकार खेलता हुआ।
सैदगाह (अ़.$फा.स्त्री.)-वह जंगल जहाँ शिकार खेला जाए, मृगयावन, आखेट-स्थल।
सैदगीर (अ़.$फा.स्त्री.)-शिकार पकडऩेवाला, जाल या कुत्ते का सहारा लेकर शिकार खेलनेवाला।
सैदा (अ़.पु.)-वन, कानन, जंगल, बीहड़।
सैदे ज़बूँ (अ़.$फा.पु.)-बहुत-ही छोटा शिकार, जिससे किसी का पेट न भरे।
सैदे रमीद: (अ़.$फा.पु.)-गोली खाकर भागा हुआ शिकार।
सैदे हरम (अ़.पु.)-वे जानवर जो अऱब में मक्का के आसपास (पूर्व-पश्चिम 24 कोस और उत्तर-दक्षिण 36 कोस की परिधि में) रहते हैं और जिनका शिकार अथवा वध करना धर्मानुसार हराम है।
सै$फ: (अ़.पु.)-जिल्दसाज़ों का वह औज़ार, जिससे वे कागज़़ काटते हैं।
सै$फ (अ़.स्त्री.)-तलवार, खड्ग, कृपाण, तेग़। इसका 'सैÓ उर्दू के 'सीनÓ अक्षर से बना है।
सै$फ (अ़.पु.)-गर्मी का मौसम, ग्रीष्मऋतु। इसका 'सैÓ उर्दू के 'सुअ़ादÓ अक्षर से बना है।
सै$फज़बाँ (अ़.$फा.वि.)-जिसकी ज़बान में तलवार-जैसी काट हो; जो बहुत तेज़ बोले; जो मन को पीड़ा पहुँचानेवाली बात करे, जो हृदय को काटनेवाली बात करे।
सै$फज़बानी (अ़.$फा.स्त्री.)-तेज़ और ज़ोरदार भाषण देना; मन को पीड़ा पहुँचानेवाली बातें करना।
सै$फी (अ़.स्त्री.)-एक अभिचार, जिससे शत्रु का मारण करते हैं। इसका 'सैÓ उर्दू के 'सीनÓ अक्षर से बना है।
सै$फी (अ़.वि.)-ग्रीष्मकाल का, गर्मी के मौसम का। इसका 'सैÓ उर्दू के 'सुअ़ादÓ अक्षर से बना है।
सै$फूर ($फा.पु.)-एक प्रकार का काला बहुमूल्य रेशमी कपड़ा।
सै$फी $कलम (अ़.पु.)-तलवार और $कलम, सिपाहीपन और कलाकारी।
सैयाग़ (अ़.पु.)-स्वर्णकार, सुनार।
सैयाद (अ़.पु.)-मृग-लुब्धक, हिरन आदि का शिकार करनेवाला; चिडिय़ा पडऩेवाला, शंकुतिक, बहेलिया।
सैयाद$िफत्रत (अ़.वि.)-जो दूसरों को जाल में फँसाना ख़्ाूब जानता हो; निर्दय, कठोर, ज़ालिम।
सैयादसीरत (अ़.वि.)-दे.-'सैयाद$िफत्रतÓ।
सैयादी (अ़.स्त्री.)-सैयाद का काम; निर्दता, बेरहमी।
सैयादे अज़ल (अ़.पु.)-मृत्यु-रूपी शिकारी, यमराज, मलकुल मौत।
सैया$फ (अ़.वि.)-खड्गजीवी, तलवार से अपनी रोज़ी कमानेवाला; जल्लाद, वधिक।
सैया$फी (अ़.स्त्री.)-तलवार चलाना, मार-काट करना; तलवार से $कत्ल करना, जल्लादी।
सैयार: (अ़.पु.)-वह तारा, जो एक जगह स्थिर न रहकर गतिमान हो, ग्रह; तारा, सितारा।
सैयार:दाँ (अ़.$फा.वि.)-तारों की चाल अथवा गति को समझने और उससे शुभ-अशुभ का हिसाब लगानेवाला, ज्योतिषी, नुजूमी
सैयार:बीं (अ़.$फा.वि.)-दे.-'सैयार:दाँÓ।
सैयार:शनास (अ़.$फा.वि.)-दे.-'सैयार:दाँÓ।
सैयार (अ़.वि.)-बहुत चलने-फिरनेवाला; सैयार:, ग्रह।
सैयारात (अ़.पु.)-'सैयार:Ó का बहु., सैयारे, सितारे, ग्रह-समूह।
सैयाह (अ़.वि.)-बटोही, यात्री, मुसा$िफर; पर्यटक, देश-विदेश घूमनेवाला।
सैयाही (अ़.स्त्री.)-यात्रा, स$फर; देश-विदेश का भ्रमण करना और वहाँ के हालात देखना।
सैयिअ़: (अ़.स्त्री.)-बुराई, ख़्ाराबी, बदी।
सैयिअ़ात (अ़.स्त्री.)-'सैयिअ़:Ó का बहु., बुराइयाँ, ख़्ाराबियाँ।
सैयिद: (अ़.स्त्री.)-सय्यिद ख़्ाानदान की स्त्री, हज्ऱत इमाम हुसैन की वंशजा।
सैयिद (अ़.पु.)-सय्यिद ख़्ाानदान का व्यक्ति, हज्ऱत इमाम हुसैन की औलाद का वंशज।
सैयिदज़ाद: (अ़.$फा.पु.)-सय्यिद का लड़का।
सैयिदैन (अ़.पु.)-दोनो सैय्यिद अर्थात् इमाम हसन और हज्ऱत इमाम हुसैन।
सैयिब (अ़.वि.)-वह स्त्री या पुरुष जो अविवाहित न हो।
सैर (अ़.स्त्री.)-पर्यटन, सियाहत, भ्रमण; मनोविनोद, तफ्ऱीह; घूमना-फिरना, सैर-सपाटा; चहल$कदमी, वायु-सेवन, हवाख़्ाोरी; कौतुक, तमाशा।
सैरकुनाँ (अ़.$फा.वि.)-घूमते-फिरते हुए, टहलते हुए, देखते-भालते हुए।
सैरगाह (अ़.$फा.स्त्री.)-सैर करने का स्थान्र घूमने-फिरने की जगह।
सैर पसंद (अ़.$फा.वि.)-बहुत भ्रमण करनेवाला, बहुत अधिक घूमने-फिरनेवाला।
सैरफ़ी (अ़.वि.)-सर्रा$फ, खरा-खोटा सिक्का परखनेवाला।
सैरान (अ़.पु.)-भ्रमण करना, सैर करना, घूमना-फिरना।
सैरे अफ़्लाक (अ़.स्त्री.)-आकाश-भ्रमण, आस्मानों में घूमना।
सैरे $कमर (अ़.स्त्री.)-चाँद की सैर, चाँद तक पहुँचना, चन्द्रलोक की सैर करना।
सैरे मिर्रीख़्ा (अ़.स्त्री.)-मंगलग्रह की सैर, मंगलग्रह तक पहुँच।
सैरो तफ्ऱीह (अ़.स्त्री.)-घूमना और दिल बहलाना, दिल बहलाने के लिए घूमना।
सैरो शिकार (अ़.$फा.पु.)-जंगल में घूमना और शिकार करना।
सैल (अ़.पु.)-पानी का बहाव; प्लावन, सैलाब।
सैलान (अ़.पु.)-स्राव, बहाव।
सैलानी (अ़.वि.)-बहाव से सम्बन्धित; जिसे सैरो-तफ्ऱीह बहुत पसंद हो।
सैलानुर्रहिम (अ़.पु.)-एक रोग जिसमें गर्भाशय से लाल रंग का-सा पानी बहता है, रक्त-प्रदर।
सैलाब (अ़.$फा.पु.)-जल-प्लावन, नदी आदि के पानी की बाढ़।
सैलाबज़द: ($फा.वि.)-वह भूमि जो बाढ़ के पानी में डूब गई हो या उसकी खेती ख़्ाराब हो गई हो।
सैलाबज़दगी ($फा.स्त्री.)-बाढ़ के पानी से ज़मीन या $फसल का ख़्ाराब होना।
सैलाबदीद: ($फा.वि.)-जिस ज़मीन पर से बाढ़ का पानी गुजऱा हो।
सैलाबी ($फा.वि.)-बाढ़ का; बाढ़ से सम्बन्धित।
सैले अ़रिम (अ़.पु.)-प्रचण्ड बाढ़, ज़ोर की बाढ़।
सैले अश्क (अ़.$फा.पु.)-आँसुओं की बाढ़।
सैले हवादिस (अ़.पु.)-हादिसों की बाढ़, दुर्घटनाओं और आ$फतों की बाढ़, विपत्ति-रूपी नदी की बाढ़।
सैह: (अ़.पु.)-चीख़्ा, चीत्कार, ज़ोर की आवाज़।
सैहून (अ़.पु.)-इरा$क की एक नदी।
सैहूनियत (अ़.स्त्री.)-यहूदीपन।
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