य
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यंग ($फा.पु.)-रिवाज, परम्परा; विधान, $कानून; (वि.)-समान, तुल्य; रौशन, प्रकाशमान्।यंगा ($फा.स्त्री.)-भाई की पत्नी, भाभी; चाचा की पत्नी, चाची; विवाहिता, गृहस्वामिनी; नाइन, मश्शात:।
यंबूअ़ (अ़.पु.)-नदी, दरिया, सरिता; झरना, चश्मा; स्रोत, सोता।
यअ़ा$फीर (अ़.पु.)-'याÓ$फूरÓ का बहु., अनेक हिरन, बहुत-से मृग।
यअ़ाबीब (अ़.पु.)-'याÓबूबÓ का बहु., तेज़ चलनेवाले घोड़े; तेज़ बहनेवाली नदियों की धाराएँ।
यअ़ामिल (अ़.पु.)-'याÓमलÓ का बहु., बहुत काम करने-वाले ऊँट।
यअ़ामीर (अ़.पु.)-'याÓमूरÓ का बहु., बकरी के बच्चे।
यअ़ालील (अ़.पु.)-'याÓलूलÓ का बहु., पानी के बुलबुले; मनुष्यों के लिंग।
यअ़ासीब (अ़.पु.)-'याÓसूबÓ का बहु., शहद की मक्खियों के राजा; जाति के सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति।
यऊ$क (अ़.पु.)-घोड़े के आकार की एक मूर्ति, जिसे हज्ऱत 'नूहÓ के अनुयायियों ने पूजा था।
यऊस (अ़.वि.)-निराश, हताश, नाउम्मीद।
यक ($फा.वि.)-एक की संख्या; एक वस्तु।
यकअस्प: ($फा.वि.)-दे.-'यकस्प:Ó, वह उच्चारण अधिक शुद्घ है, एक घोड़ा।
यकआतश: ($फा.वि.)-दे.-'यकातश:Ó, वह उच्चारण अधिक शुद्घ है, एक आग।
य$क$क (अ़.वि.)-बहुत अधिक सफ़ेद।
यक$कलम (अ़.$फा.वि.)-सिरे से, नितान्त, बिलकुल।
यकगून: (अ़.$फा.वि.)-किंचित्, किसी $कदर, थोड़ा-सा।
यकचन्द ($फा.वि.)-किंचित्, थोड़ा, यकगून:।
यकचश्म ($फा.वि.)-काण, काना; सबको एक आँख से देखनेवाला, समदर्शी; सूर्य, सूरज, दिनकर।
यकचश्मी ($फा.स्त्री.)-कानापन; समदर्शिता।
यकचोब: ($फा.पु.)-वह छोटा शामियाना, जो एक लकड़ी पर खड़ा होता है।
यकज़़: (अ़.पु.)-नींद न आने का रोग, अनिद्रा; जागृति, जागरण, बेदारी।
यकज़़ (अ़.वि.)-दे.-'यकिज़़Ó, दोनों शुद्घ हैं, एक-से।
यकजदी (अ़.$फा.वि.)-एक दादा का; एक दादा की संतान; यकजद्दी।
यकज़बाँ ($फा.वि.)-सहमत, एक राय।
यकज़बानी ($फा.स्त्री.)-सहमति, इत्तिफ़ाक़।
यकजहत (अ.$फा.वि.)-दे.-'यकजिहतÓ, वही शुद्घ उच्चारण है।
यकजहती (अ़.$फा.स्त्री.)-दे.-'यकजिहतीÓ, वही शुद्घ उच्चारण है।
यकजाँ ($फा.वि.)-घनिष्ठ, गहरा, दिली।
यकजा ($फा.वि.)-एक जगह; एकत्र, इकट्ठा; सम्मिलित, शामिल।
यकजाई ($फा.स्त्री.)-इकट्ठापन, एकत्रता।
यकजिंसी ($फा.स्त्री.)-एक ही वंश या नस्ल का होना; एक -जैसी प्रकृति या स्वभाव का होना; एक आयुवर्ग का होना।
यकजिलौ ($फा.वि.)-तेज़ चलनेवाला घोड़ा।
यकजिह्त (अ़.$फा.वि.)-एकराय, सहमत, मुत्तफि़क़; मित्र, दोस्त।
यकजिह्ती (अ़.$फा.स्त्री.)-सहमति, इत्तिफ़ाक़़; मित्रता, दोस्ती।
यकतन: ($फा.स्त्री.)-अकेला, एकाकी, तन्हा।
यकतन ($फा.वि.)-एक व्यक्ति, एक मनुष्य।
यकतर$फ: (अ़.$फा.वि.)-एक ओर का; एक $कतार या पंक्ति का, दाहिना या बायाँ; पक्षपाती, एक ओर का पक्षपात लिये हुए।
यकतही ($फा.वि.)-जिसमें एक परत हो; गर्मियों का हलका या पतला लिबास।
यकता ($फा.वि.)-अनुपम, अनोखा, अद्वितीय, बेमिसाल।
यकताई ($फा.स्त्री.)-अद्वैत; अकेलापन; बेमिसाल; यकरंगा।
यकताए अ़स्र (अ़.$फा.वि.)-अपने समय का सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति (किसी कला या विद्या में)।
यकताए अ़ह्द (अ़.$फा.वि.)-दे.-'यकताए अ़स्रÓ।
यकताए $फन (अ़.$फा.वि.)-किसी कला-विशेष में अनुपम और अद्वितीय।
यकताज़ ($फा.वि.)-दे.-'यक्क:ताज़Ó।
यकतार: ($फा.पु.)-एक तारवाला बाजा, इकतारा।
यकतार ($फा.वि.)-किंचित्, ईषत्, थोड़ा।
यकदंदान: ($फा.वि.)-एक-सा, समान, बराबर।
यकदक ($फा.वि.)-गुनगुना, कदुष्ण, शीतोष्ण।
यकदस्त ($फा.वि.)-समस्त, सम्पूण, सब; समान, यकसाँ, एक-जैसा।
यकदस्ती ($फा.स्त्री.)-सम्पूर्णता, समस्तता; समानता, एक-जैसापन, यकसानियत।
यकदिगर ($फा.वि.)-आपस में, परस्पर, बाहम।
यकदिल: ($फा.वि.)-शूर, वीर, बहरदुर; सहमत, एकमत, एकराय, मुत्तफि़क़।
यकदिल ($फा.वि.)-संयुक्त, संघटित, मुत्तहद; सहमत, एकमत, एकराय, मुत्त$िफ$क।
यकदिली ($फा.स्त्री.)-इत्तिहाद, एकता; मित्रता, दोस्ती; सहमति, एकराय, एकमत, इत्ति$फा$क।
यकदिश ($फा.वि.)-वर्णसंकर, दो$गला, जारज।
यकदीगर ($फा.वि.)-परस्पर, आपस में, बाहम।
यकन$फस (अ़.$फा.वि.)-क्षण-भर, थोड़ी देर; सहचर, साथी; मित्र, दोस्त।
यकन$फसी (अ़.$फा.स्त्री.)-सहचरता, साथ, मित्रता, दोस्ती।
यकनाÓल (अ़.$फा.वि.)-अत्यधिक, बहुत अधिक, बड़ी मात्रा में, बइफ्ऱात।
यकनिशस्त ($फा.वि.)-हमनशीं, साथ उठने-बैठनेवाला, संगी, साथी।
यकपा ($फा.वि.)-एक पद या पदवी; एक पाँववाला।
यकपाय: ($फा.वि.)-एक-जैसे पद अथवा पदवीवाले, सम पद, समान पद; जिसमें केवल एक खंभा हो।
यकपिदरी ($फा.वि.)-एक पिता की संतान; एक पिता की सम्पत्ति आदि।
यकफऩी ($फा.वि.)-किसी विशेष कला में निपुण; अनुपम, अनोखा, बेनज़ीर।
यकफ़र्दी ($फा.वि.)-एक व्यक्तिवाला, जिसे एक व्यक्ति कर सके, जो एक व्यक्ति के योग्य हो।
यकफ़स्ली (अ़.$फा.वि.)-वह भूमि जिसमें केवल एक $फस्ल पैदा होती हो।
यकफ़ीसदी (अ़.$फा.वि.)-एक प्रतिशत, सौ में एक, सौ में एक के अनुपात से।
यकब$गल ($फा.वि.)-अत्यधिक मात्रा में, बहुत बड़ी मात्रा में, बहुत अधिक।
यक ब यक ($फा.वि.)-अनायास, अकस्मात्, आकस्मिक, अचानक, सहसा, बिना किसी पूर्व सूचना या आभास के।
यकबार: ($फा.वि.)-अकस्मात्, आकस्मिक, अचानक, सहसा।
यकबार ($फा.वि.)-दे.-'यकबारÓ।
यकबारगी ($फा.वि.)-बिना किसी पूर्व सूचना या आभास के, बेशानोगुमान, अचानक, अकस्मात्, सहसा।
यकमंजि़ल: (अ़.$फा.वि.)-वह मकान जिसमें केवल एक ही मंजि़ल हो, उस पर दूसरी मंजि़ल न हो; वह मकान जिसमें केवल एक ही माला हो अर्थात् उस पर इमारत न हो।
यकमनी ($फा.वि.)-एक-जैसे गर्वीले, एक-जैसे घमण्डी, एक-जैसे अभिमानी; एक-से ख़्ाुदी पसन्द, एक-से तकब्बुर या अहंकारवाले, एक-से $गुरूर या घमण्डवाले; एक नुत्फ़े अथवा वीर्य के; एक बीज के।
यकमर्तब: (अ़.$फा.वि.)-एक-जैसी श्रेणी और पदवाले, समानपद, समवर्ग।
यकमादरी ($फा.वि.)-एक माता की संतान।
यकमुश्त ($फा.वि.)-इकट्ठा, सब का सब; जो थोड़ा-थोड़ा अथवा $िकस्तों में न हो, बल्कि सब एक-साथ हो, समग्र, सम्पूर्ण।
यकरंग (अ़.$फा.वि.)-एक-जैसे रंगवाले; निश्छल, निष्कपट, मुख़्िलस; जो सदा एक-जैसा रहे।
यकरंगी (अ़.$फा.स्त्री.)-एक रंग का होना; निश्छलता, निष्कपटता, मुख़्िलसी; सदा एक-जैसा रहना।
यकर$कीब ($फा.पु.)-भगवान्, ईश्वर, ख़्ाुदा।
यकरह ($फा.वि.)-सब, समस्त, समग्र; एक बार, एक द$फा; निश्छल, निष्कपट, आडम्बरहीन, बेरिया।
यकराँ ($फा.पु.)-अस्ली और कुलीन घोड़ा।
यकराई ($फा.स्त्री.)-एक मत होना, मतैक्य, सहमति।
यकराए ($फा.वि.)-सहमत, एकमत, समराय, मुत्त$िफक़।
यकरिकाबी ($फा.स्त्री.)-कार्य की संलग्नता; शीघ्रता, जल्दी; कोतल घोड़ा; कार्यतत्परता, कार्यसंलग्नता, चुस्ती, मुस्तइद्दी।
यकरिश्त: ($फा.वि.)-अनुकूल, मुआफि़क़।
यकरुख़्ाी ($फा.वि.)-एक पक्षीय, एक तर$फ का; जिसमें किसी पक्ष की तर$फदारी हो, जैसे-'यकरुख़्ाी फै़सल:Ó।
यकरू ($फा.वि.)-एक दिल, घनिष्ठ, पक्का दोस्त।
एकरूई ($फा.स्त्री.)-घनिष्ठता, पक्की दोस्ती।
यकरोज़: ($फा.वि.)-वह कार्य जो एक दिन में समाप्त हो जाए; जो एक दिन के लिए हो।
यकलख़्त ($फा.वि.)-सिरे से, नितान्त, बिलकुल; सहसा, अचानक, आकस्मिक।
यकवर$क: (अ़.$फा.वि.)-जिसमें केवल एक पन्ना हो; एक पन्ने का लेख।
यकशंब: ($फा.पु.)-रविवार, इतवार।
यकशब: ($फा.वि.)-जो एक रात का हो, जो रात-भर में समाप्त हो जाए; जो रात-भर का हो।
यकशिस्त ($फा.वि.)-सहचर, साथीे; सभासद, मुसाहिब।
यकसर: ($फा.वि.)-सिरे से, सब; नितान्त, बिलकुल।
यकसर ($फा.वि.)-नितान्त, बिलकुल; समग्र, समस्त, सब; एक सिरे से दूसरे सिरे तक।
यकसवार: ($फा.वि.)-अकेला, एकाकी, तन्हा।
यकसाँ ($फा.वि.)-समतल, चौरस; समान, बराबर; मिस्ल, सदृश।
यकसानियत ($फा.स्त्री.)-समता, साम्य, बराबरी, मुसावात; सदृशता, तुल्यता; चौरसपन।
यकसाल: ($फा.वि.)-एक वर्ष की आयुवाला; एक वर्ष में एक बार होनेवाला; एक वर्ष में समाप्त होनेवाला।
यकसू ($फा.वि.)-एक तरफ़, एक ओर; निश्चिन्त, बे$िफक्र; एकाग्रचित्त, ध्यानस्थ, मुन््हमिक; अवकाशप्राप्त, $फारि$ग।
यकसूई ($फा.स्त्री.)-निश्चिन्तता, बे$िफक्री; अवकाश, $फुर्सत; सारे झंझटों से मुक्ति अथवा निवृत्ति; एकान्त, तन्हाई।
यकस्प: ($फा.वि.)-धीरे-धीरे साधारण चाल से चलनेवाला सवार; एक-एक मंजि़ल अथवा पड़ाव पर रुकनेवाला सवार; अकेला, एकाकी।
यकातश: ($फा.वि.)-वह मदिरा अथवा अऱ$क जो एक बार खींचा गया हो।
यकायक ($फा.वि.)-अकस्मात्, अचानक, असकस्मिक, सहसा; शीघ्र, तुरन्त, $फौरन।
य$िक$क (अ़.पु.)-बहुत अधिक सफ़ेद, दे.-'य$क$कÓ, दोनों शुद्घ हैं।
य$िकज़ (अ़.वि.)-सजग, जागरूक, सावधान, जाग्रत, जागता हुआ, बेदार।
यकीता ($फा.पु.)-अध्यापक, शिक्षक, पढ़ानेवाला।
य$कीन (अ़.पु.)-विश्वास, एतिबार, भरोसा; श्रद्घा, मान्यता, एति$काद; संदेह का अभाव, शुब्हा न होना, शक न होना।
य$कीनन (अ़.वि.)-अवश्यमेव, य$कीनी, संभवत:; नि:संदेह, बिला शुब्हा।
य$कीनी (अ़.वि.)-दे.-'य$कीननÓ।
य$कीने कामिल (अ़.पु.)-पूरा य$कीन, दृढ़ विश्वास, पूरा भरोसा; अटल धर्म-विश्वास, पूरा ईमान।
य$कीने मोह्कम (अ़.पु.)-दे.-'य$कीने कामिलÓ।
य$कीने वासिक (अ़.पु.)-दे.-'य$कीने कामिलÓ।
य$कुज़ (अ़.वि.)-दे.-'य$िकज़Ó, दोनों शुद्घ हैं।
यकुम ($फा.वि.)-प्रथम, पहला; महीने की पहली तारीख़्ा।
यके ($फा.वि.)-एक, एक व्यक्ति; कोई एक, कोई एक व्यक्ति।
यके बाÓदे दीगरे (अ़.$फा.वि.)-उत्तरोत्तर, एक के पश्चात् दूसरा, क्रमश:।
यक्क: ($फा.वि.)-अकेला, तन्हा; अनुपम, अनोखा, बे-मिस्ल; एक्का, एक घोड़े से चलनेवाली गाड़ी-विशेष, इक्का।
यक्क:ताज़ ($फा.वि.)-अनेक-से अकेला लडऩेवाला, महा-योद्घा, महारथी।
यक्क:ताज़ी ($फा.स्त्री.)-अनेक-से अकेले लडऩा।
यक्क:बान ($फा.पु.)-इक्का हाँकनेवाला, घोड़ागाड़ी चलाने-वाला।
यक्कओतन्हा ($फा.वि.)-नितान्त अकेला, बिलकुल अकेला।
यक्कुम ($फा.वि.)-दे.-'यकुमÓ, वही शुद्घ उच्चारण है।
यक्ज़़ान (अ़.वि.)-जाग्रत, जागरूक, जागता हुआ, बेदार।
यक़्तीन (अ़.स्त्री.)-हर वह बेल, जो ज़मीन पर फैलती है, जैसे-लौकी, कद्दू आदि की।
यख़्ा ($फा.पु.)-ठण्ड से जमा हुआ पानी, बर्फ़, हिम।
यख़्ाख़्ाुरिंद: ($फा.वि.)-उपेक्षा करनेवाला, लापरवाह, बे-तवज्जुही बरतनेवाला।
यख़्ाख़्ाुर्द: ($फा.वि.)-उपेक्षित, जिसके साथ लापरवाही बरती गई हो, जिसके साथ बेतवज्जुही की गई हो।
यख़्ाच: ($फा.पु.)-ओला, हिमोपल।
यख़्ादरबिहिश्त (अ़.$फा.पु.)-एक प्रकार का हलुवा।
यख़्ादान ($फा.पु.)-खाना रखने की अलमारी; बर्फ़ रखने का संदू$क, बर्फ़पेटिका, रैफ्ऱीजेटर।
यख़्ापर्वर्द: ($फा.वि.)-जो बर्फ़ में लगातार ठण्डा किया गया हो।
यख़्ाबस्त: ($फा.वि.)-जो ठण्ड से जम गया हो।
यख़्ााच (अ़.पु.)-हज्ऱत ईसा मसीह का चित्र, जो गिरजाघर में रखा जाता है।
यख़्त ($फा.पु.)-वह नाव, जो अपनी निजी होती है और जिस पर सवार होकर नदी की सैर करते हैं।
यख्ऩी ($फा.स्त्री.)-ऐसा अन्न या धन जो आवश्यकता पडऩे पर काम आने के लिए संचित किया जाए, ज़ख़्ाीरा, ख़्ाज़ाना, कोष; गोश्त या मांस का ऐसा शोर्बा (शोरबा) जिसमें मसाला न डाला गया हो और जो रोगियों को दिया जाता है।
यख़्शी (तु.वि.)-जो देखने में अच्छा लगे, प्रियदर्शन, सुन्दर, ख़्ाुशनुमा; शुभ, कल्याणकर, मुबारक; उत्तम, उम्दा, बढिय़ा।
यगाँ ($फा.वि.)-अकेला, एकाकी, जिसका कोई साथी न हो; अनोखा, अनुपम, अद्भुत, बेमिस्ल, अद्वितीय; मनुष्य लोग, सामान्यजन, अ़ाम लोग, सर्वसाधारण।
यगाँ यगाँ ($फा.वि.)-एक-एक करके, एक के बाद दूसरा।
यगान: ($फा.वि.)-स्वजन, आत्मीय, अज़़ीज़; एक घराने या कुनबे का; पास का रिश्तेदार, निकट सम्बन्धी; अद्वितीय, लाजवाब, बेजोड़, अनुपम; एकाकी, अकेला।
यगान:गो ($फा.वि.)-सच बोलनेवाला, सत्यवादी, सच्चा।
यगान:गोई ($फा.स्त्री.)-सत्य बोलना, सच्चाई, सत्यभाषण।
यगानगत (उ.स्त्री.)-दे.-'यगानगीÓ।
यगानगी ($फा.स्त्री.)-स्वजनता, रिश्तेदारी; सहमति, एकमत होना, इत्तिफ़ाक़े राय; अकेलापन, एकाकीपन।
यगाम ($फा.पु.)-'$गूले बियाबानीÓ, जंगल में घूमने-फिरने वाले भूत-प्रेत।
य$गूस (अ़.पु.)-शेर के आकार की एक मूर्ति, जिसकी पूजा इस्लाम से पहले अऱब में होती थी।
यग़्मा (तु.पु.)-लूटमार, लुंठन; उचकना, झपटना, छीनना; लूट में प्राप्त माल।
यग़्माई (तु.वि.)-जो लूटा गया हो।
यज़क (तु.पु.)-सेना का वह अग्रभाग जो आगे चलता है और शत्रु-सेना के समाचार देता है, सेनाग्र, ख़्ाबरची $फौज; सेना, $फौज।
यज़कदार (तु.$फा.पु.)-आगे चलनेवाली सेना का सेनापति।
यज़ीद (अ़.पु.)-अमीर मुअ़ाविय: का लड़का, जो बहुत बदचलन, शराबी और अत्याचारी था और जिसने हज्ऱत इमाम हुसैन को शहीद कराया था, क्योंकि वे इसके शासन के विरुद्घ थे।
यज़ीदी (अ़.वि.)-वह व्यक्ति जो यज़ीद-जैसा निष्ठुर, अत्याचारी और अभिमानी हो; यज़ीद-सम्बन्धी; यज़ीद का।
यज़ीदे वक़्त (अ़.पु.)-अपने समय का बहुत-ही अत्याचारी, अभिमानी और अनीति पर चलनेवाला शासक।
यज़्द ($फा.पु.)-ईरान के शीराज़ प्रान्त का एक प्रसिद्घ नगर।
यज़्दाँ ($फा.पु.)-'यज़्दानÓ का लघु., दे.-'यज़्दानÓ।
यज़्दाँपरस्त ($फा.वि.)-ईश्वरवादी, आस्तिक, ईश्वर को माननेवाला।
यज़्दाँपरस्ती ($फा.स्त्री.)-ईश्वर को मानना, आस्तिकता।
यज़्दाँशनास ($फा.वि.)-दे.-'यज़्दाँपरस्तÓ, ईश्वर को पहचान कर सत्य और सन्मार्ग पर चलनेवाला।
यज़्दाँशनासी ($फा.स्त्री.)-दे.-'यज़्दापरस्तीÓ, सत्य और सन्मार्ग पर चलना, धर्मनिष्ठा।
यज़्दान ($फा.पु.)-आतशपरस्तों (ईरान के पुराने अग्निपूजक, जो जऱदुश्त के अनुयायी थे) के मतानुसार 'नेकी का ख़्ाुदाÓ (वे लोग दो ख़्ाुदा मानते हैं, एक नेकी का तथा दूसरा बदी का, जिसे 'अह्रमनÓ कहते हैं); ईश्वर का एक नाम जिसे पारसी लोग मानते हैं।
यज़्दानी ($फा.वि.)-ईश्वरीय, ख़्ाुदाई।
यज़्दी ($फा.वि.)-'यज़्दÓ का निवासी।
यज़्न: ($फा.पु.)-बहन का पति, बहनोई, जीजा।
यता$क (तु.पु.)-देखभाल, निगरानी, पहरा, चौकी।
यता$की (तु.वि.)-देखभाल करनेवाला, पहरेदार, चौकीदार।
यतामा (अ़.पु.)-'यतीमÓ का बहु., वे बच्चे जिनके पिता मर गए हों, अनाथ।
यतीम (अ़.वि.)-वह बालक जिसका पिता मर गया हो, अनाथ।
यतीमख़्ाान: (अ़.$फा.पु.)-अनाथ बच्चों के पालन-पोषण का स्थान, जो किसी संस्था की देख-रेख में हो, अनाथालय।
यतीमी (अ़.स्त्री.)-अनाथपन, बे बाप का हो जाना।
यतीमोयसीर (अ़.उ.पु.)-वह बालक जिसके माँ-बाप दोनों ही मर गए हों (यह शब्द उर्दूवालों ने बनाया है)।
यतूअ़ (अ़.पु.)-दे.-'यत्तूअ़Ó।
यत्तूअ़ (अ़.पु.)-वह पेड़, जिसमें दूध होता है, जैसे आक, थूहड़ आदि।
यत्न (अ़.पु.)-वह बालक, जो उलटा उत्पन्न हुआ हो, जिसके पाँव पहले निकले हों।
यद (अ़.पु.)-हाथ, कर, हस्त।
यदक ($फा.पु.)-कोतल घोड़ा।
यदुल्लाह (अ़.पु.)-ईश्वर का हाथ, अर्थात् ईश्वर द्वारा प्रदत्त सहायता, दैवीय-सहायता।
यदे $कुद्रत (अ़.पु.)-$कुद्रत का हाथ अर्थात् दैवी माया, दैवी-शक्ति।
यदे तूला (अ़.पु.)-बड़ा लम्बा हाथ अर्थात् किसी कार्य-विशेष में अधिक कुशलता।
यदे बैज़ा (अ़.पु.)-चमकता हुआ हाथ, हज्ऱत मूसा का हाथ, जिसे खोल देने से प्रकाश फैल जाता था।
यर्दन (अ़.पु.)-दोनों हाथ।
यनप्लू ($फा.स्त्री.)-मण्डी, जहाँ चारों ओर से माल बिकने आता है; यात्रीदल, $का$िफला, कारवाँ।
यनाबीअ़ (अ़.पु.)-'यंबूअ़Ó का बहु., नदियाँ; झरने, चश्में, सोते।
यनू$फ (अ़.पु.)-ऊँचा-नीचा टीला, ऊबड़-खाबड़ टीला।
यपन्लू ($फा.स्त्री.)-दे.-'यनप्लूÓ, दोनों शुद्घ हैं।
य$फन (अ़.पु.)-बहुत बूढ़ा व्यक्ति जो सठिया गया हो, पीरे $फर्तूत।
य$फाअ़ (अ़.पु.)-ऊँचा टीला, टीकरा, पहाड़ी।
यफ़्त: ($फा.पु.)-नाम-पट्टिका, साइनबोर्ड।
यब ($फा.वि.)-वृद्घ, बूढ़ा।
यबस (अ़.पु.)-सूखना, शुष्क होना, ख़्ाुश्क होना।
यबाब (अ़.वि.)-नष्ट, ध्वस्त, बरबाद।
यब्रूह (अ़.स्त्री.)-इे.-'यब्रूहुस्सनमÓ।
यब्रूहुस्सनम (अ़.स्त्री.)-एक वनौषधि, लक्ष्मी, लखमनी, $गर्दुमगिया।
यब्स (अ़.पु.)-सूखना, शुष्क होना, ख़्ाुश्क होना।
यम: ($फा.पु.)-प्रतिदिन दिया जानेवाला भोजन अथवा धन, वह ख़्ाुराक या धन जो किसी को रोज़ दिया जाए।
यम ($फा.पु.)-सरिता, नदी, दरिया, तरंगिणी।
यमक ($फा.पु.)-एक नगर, जहाँ का सौन्दर्य प्रसिद्घ है।
यमन (अ़.पु.)-अऱब का एक देश, जहाँ का लाÓल और या$कूत बा$की सारे संसार से अच्छा होता है।
यमनी (अ़.वि.)-यमन का निवासी; यमन-सम्बन्धी; यमन की वस्तु।
यमान (अ़.वि.)-यमन से सम्बन्ध रखनेवाला (वाली)।
यमानी (अ़.वि.)-यमन का; यमन-सम्बन्धी।
यमाम: (अ़.पु.)-पारावत, कबूतर; जंगली कबूतर, वन-कपोत; कबूतरी; अऱब की एक नीली आँखोंवाली स्त्री जो मैदान में 40-50 मील दूर तक की वस्तु को देख लेती थी।
यमाम (अ़.पु.)-वनकपोत, जंगली कबूतर।
यमीन: (अ़.पु.)-आमाशय, पक्वाशय, मेदा।
यमीन (अ़.वि.)-दाहिनी ओर; दायाँ अथवा दाहिना; $कसम, शपथ, सौगन्ध; बल, शक्ति, ता$कत; श्रेष्ठता, बुज़ुर्गी।
यमीनोयसार (अ़.पु.)-दाहिनी व बायीं ओर, दोनों ओर।
यमूम (अ़.पु.)-'यमÓ का बहु., नदियाँ, सरिताएँ।
यम्न: (अ़.पु.)-सीधे अथवा दाहिने हाथ की ओर।
यम्सू (तु.पु.)-बारूद, अग्निचूर्ण।
यर: (तु.पु.)-पृथ्वी, ज़मीन, भूमि।
यर$काँ (अ़.पु.)-'यर$कानÓ का लघु., दे.-यर$कानÓ।
यर$काँज़द: (अ़.$फा.वि.)-जिसे पीलिया-रोग हो, कमलरोगी, पीलियाग्रस्त।
यर$कान (अ़.पु.)-एक रोग जिसमें सारा शरीर विशेषत: आँखें पीली पड़ जाती हैं, पीलिया, कमलरोग।
यर$कानी (अ़.वि.)-पीलिया का मरीज़, पीलियाग्रस्त, कमल रोग से ग्रस्त, कमलरोगी।
यरा ($फा.स्त्री.)-झुर्री, बल, सिलवट, शिकन।
यराअ़: (अ़.पु.)-$कलम बनाने का नरकट; बजाने की बाँसुरी, मुरली; जुगनू, खद्योत।
यराअ़ (अ़.पु.)-दे.-'यराअ़:Ó।
यरा$क (तु.पु.)-अस्त्र-शस्त्र, अस्लिह:, आयुद्घ-सामग्री, हथियार, सामाने जंग; सामान, उपकरण।
यरा$ग (तु.पु.)-डाक का घोड़ा।
यराबीअ़ (अ़.पु.)-'यर्बूअ़Ó का बहु., 'जंगली चूहेÓ, दो पाँवोंवाले चूहे।
य$र्गमाल (तु.पु.)-राजवंश का वह व्यक्ति, जो किसी राज की ओर से दूसरे राज को ज़मानत के तौर पर दिया जाए, ताकि वह राज अपनी प्रतिज्ञा भंग न कर सके।
य$र्गा (तु.पु.)-तेज़ घोड़ा; तेज़ चलनेवाला व्यक्ति; आक्रमण, हमला।
य$र्गू (तु.स्त्री.)-राजनीति, सियासत; दण्ड, सज़ा।
यर्निश ($फा.वि.)-एक गाँव या नगर के रहनेवाले।
यर्बूअ़ (अ़.पु.)-जंगली चूहा, एक चूहा जो दो पाँव का होता है।
यर्मलून (अ़.पु.)-अऱबी भाषा के छह अक्षरों का समाहार, जब हल् 'न्Ó के बाद इनमें-से कोई अक्षर आता है तो हल् 'न्Ó वही अक्षर बन जाता है, जैसे-'मिन्Ó के साथ रब्बी आने से 'मिर्रब्बीÓ तथा 'मिन्Ó के साथ 'लबनÓ आने से 'मिल्लबनÓ बन जाता है।
यर्माÓ (अ़.पु.)-सफ़ेद और चमकदार पत्थर।
यर्मु$गाँ (तु.पु.)-दे.-'अर्मु$गाँÓ।
यल: ($फा.पु.)-रिहा किया हुआ, मुक्त किया हुआ; छोड़ा हुआ, त्यक्त; बन्दू$क या तोप छोड़ी हुई; दौड़ता हुआ; धावा करता हुआ, चढ़ाई करता हुआ, आक्रमण करता हुआ; (स्त्री.)-व्यभिचारिणी, दुराचारिणी, $फाहिशा।
यल ($फा.पु.)-शूर, वीर, बहादुर; मल्ल, पहलवान।
यल$क (अ़.पु.)-हर वह वस्तु जो सफ़ेद हो।
यलदगज़ ($फा.पु.)-$िकजि़ल अर्सलाँ के पिता।
यलब: (अ़.पु.)-चमड़े की ढाल; चमड़े का कवच।
यलब (अ़.पु.)-दे.-'यलब:Ó।
यलवुज (तु.पु.)-ईश-दूत, पै$गम्बर, अवतार।
यला$क (तु.पु.)-तुर्की के एक बादशाह का नाम; मिट्टी का टूटा हुआ बर्तन।
यलामि$क (अ़.पु.)-'यल्म$कÓ का बहु., कंगन।
यलूज (तु.पु.)-दे.-'यलवुजÓ।
यल्अ़ (अ़.पु.)-वह जंगल, जिसमें दूर-दूर तक वृक्ष और पानी न हो, बियाबान; मृगतृष्णा, मरीचिका।
यल्$गर (तु.स्त्री.)-दे.-'यल्$गारÓ।
यल्$गार (तु.स्त्री.)-चढ़ाई, धावा, आक्रमण।
यल्$गुर (तु.वि.)-अकेला, एकाकी, तन्हा।
यल्दा ($फा.स्त्री.)-एक रात, जो साल में सब रातों से अधिक लम्बी होती है, जब सूर्य धनुराशि के 11वें अंश पर पहुँचता है (पूस माह में) तब यह रात पड़ती है और उस रोज़ सबसे छोटा दिन होता है, यह रात अशुभ मानी जाती है।
यल्म: ($फा.पु.)-$कबा, अँगरखा, दोहरे कपड़े का लम्बा चो$गा।
यल्म$क (अ़.पु.)-दे.-'यल्म:Ó।
यल्मान ($फा.पु.)-तलवार, खड्ग।
यल्सब (अ़.पु.)-वह व्यक्ति जो विवाह-सम्बन्धी सारे संस्कार की पूर्ति करे, पुरोहित, पंडित, मुल्ला-मौलवी, $काज़ी।
यल्लले ($फा.अव्य.)-वह शब्द, जो मस्ती और ख़्ाुशी के समय बोलते हैं, जैसे-अहाहा, उहोहो, ओहोहो।
यवा$कीत (अ़.पु.)-'या$कूतÓ का बहु., अनेक या$कूत अर्थात् 'पुलकÓ नामक अनेक रत्न।
यश्क ($फा.पु.)-नुकीले और बड़े दाँत, हाथी के बाहर निकले हुए दाँत, शेर आदि के लम्बे दाँत, कुत्ते के नुकीले दाँत।
यश्कुर (अ़.पु.)-एक पै$गम्बर का नाम।
यश्ब (अ़.पु.)-एक प्रकार का हरा और कठोर पत्थर, जो दवा में प्रयुक्त होता है और दिल धड़कने की बीमारी में लाभ देता है।
यश्म: (अ़.पु.)-कच्चा चमड़ा, कच्ची खाल।
यश्म ($फा.पु.)-दे.-'यश्बÓ, दोनों शुद्घ हैं।
यश्मा$क (तु.पु.)-स्त्रियों के सिर का रूमाल।
यसर: (अ़.पु.)-वे लिपियाँ, जो उलटे हाथ की ओर लिखी जाती हैं, जैसे-हिन्दी, अंग्रेज़ी आदि।
यसल (अ़.पु.)-सेना की पंक्ति, $फौज की $कतार।
यसा$क (तु.पु.)-युद्घ की तैयारी, सैन्य-सज्जा; दरबार, राजसभा।
यसार (अ़.वि.)-वामपक्ष, बायीं ओर; धनाढ्यता, अमीरी; उलटा हाथ।
यसारत (अ़.स्त्री.)-धनाढ्यता, मालदारी।
यसाल (अ़.पु.)-दे.-'यसलÓ, दोनों शुद्घ हैं।
यसावुल (तु.पु.)-चोबदार, दण्डधारी; दरबार, सेना अथवा सभा का प्रबन्ध करनेवाला; बन्दी, कै़दी, न$कीब।
यसिर (अ़.वि.)-सुगम, सरल, आसान, सहज।
यसीर (अ़.वि.)-सुगम, सरल, आसान, सहज; कम, न्यून, थोड़ा; वह बालक, जिसकी माँ न हो (इस अर्थ में यह शब्द 'उर्दूÓ में प्रयुक्त होता है)।
यस्त्र: (अ़.पु.)-उलटी ओर, बायीं तर$फ, वामपक्ष।
यस्त्र (अ़.पु.)-ऊँट हलाल करना; दान देना, बख़्शना।
यस्त्रिय (अ़.पु.)-मदीन:, अऱब का एक प्रसिद्घ धार्मिक शहर।
यहूद (अ़.पु.)-'यहूदीÓ का बहु., यहूदी लोग।
यहूदा (अ़.पु.)-हज्ऱत यूसु$फ के बड़े भाई।
यहूदी (अ़.पु.)-हज्ऱत मूसा के धर्म के अनुयायी, इस्राईली; ज़लील $िकस्म का सरमायादार, धन-पिशाच।
यह्$फू$फ (अ़.वि.)-कुशल, दक्ष, प्रवीण, ज़ीरक; तीव्र बुद्घि, तेज़ अ़क़्ल; उदास, मलिन, बद दिल।
यह्मूम (अ़.पु.)-काला धुआँ; काली रात; रस्सी बटना।
यह्मूर (अ़.पु.)-जंगली गधा, वनगर्दभ, गोरख़्ार।
यह्या (अ़.पु.)-एक पै$गम्बर।
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