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विअ़ा (अ़.पु.)-पात्र, बरतन, भाजन, जर्फ़़।वि$काअ़ (अ़.पु.)-युद्घ, लड़ाई; मैथुन, सहवास, संभोग, मुबाशरत।
वि$काय: (अ़.पु.)-सुरक्षा, रक्षा, देख-रेख, हि$फाज़त, जिससे किसी चीज़ की रक्षा करें।
वि$कायत (अ़.स्त्री.)-सुरक्षा, रक्षा, हि$फाज़त, देख-रेख।
वि$कार (अ़.पु.)-दे.-'व$कारÓ, शुद्घ वही है परन्तु $फार्सीवाले बहुत जगह 'ज़बरÓ को 'ज़ेरÓ अर्थात् 'ऊÓ को 'ईÓ भी पढ़ते हैं, उसी में से यह भी है।
विकालत (अ़.स्त्री.)-दे.-'वकालतÓ, दोनों शुद्घ हैं।
विजार (अ़.पु.)-बिज्जू नामक जन्तु; भेडिय़ा, वृक।
विज़ारत (अ़.स्त्री.)-मंत्री का पद; मंत्रित्व; मत्री का काम।
विज़ारतख़्ाान: (अ़.$फा.पु.)-मंत्रालय, मंत्री या वज़ीर का कार्यालय।
विज़ारते उज़्मा (अ़.स्त्री.)-प्रधानमंत्री का पद।
विज़ारते ख़्ाारिज़: (अ़.स्त्री.)-विदेशमंत्री का पद, विदेशी कामों की देख-रेख करनेवाली विज़ारत, परराष्ट्र-मंत्रित्व।
विज़ारते दाख़्िाल: (अ़.स्त्री.)-गृहमंत्री का पद, देश के भीतरी विषयों की देख-रेख करनेवाली विज़ारत, गृहमंत्रित्व।
विज्द (अ़.पु.)-ता$कतवर होना, शक्तिशाली होना; धनवान् होना, धनाढ्य होना; प्राप्त होना।
विज्दान (अ़.पु.)-खोये हुए को पाना; जानना; खोजना; काव्य-रसज्ञता, ज़ौ$क।
विज्दाने सहीह (अ़.पु.)-शुद्घ काव्य-रसज्ञता, सच्चा ज़ौ$क।
विज्न: (अ़.पु.)-गाल, कपोल, दे.-'वज्न:Ó और 'वुज्न:Ó, तीनों शुद्घ हैं।
विज्ऱ (अ़.पु.)-बोझ, भार; पीठ पर लादने-भर का बोझ; उपकरण, औज़ार; पाप, गुनाह, अपराध।
वित्र (अ़.पु.)-एक, अकेला; वह संख्या, जो दो से विभाजित न हो, विषम।
विदाअ़ (अ़.स्त्री.)-दे.-'वदाअ़Ó, शुद्घ उच्चारण वही है, $फार्सी में 'विदाअ़Ó हो गया है।
विदाद (अ़.स्त्री.)-दोस्ती, मैत्री, मित्रता।
वि$फा$क (अ़.पु.)-अनुकूलता, मुआ$फक़त; दोस्ती, मैत्री, मित्रता; अनेक राष्ट्रों का संयुक्त मोरचा।
वि$फाक़त (अ़.स्त्री.)-अनुकूलता, मुआ$फक़त; दोस्ती, मैत्री, मित्रता।
वि$फाक़ी (अ़.वि.)-वि$फाक़-सम्बन्धी, संयुक्त मोरचेवाला (वाली)।
विरासत (अ़.स्त्री.)-उत्तराधिकार, दायाधिकार, रिक्थाधिकार, मीरास पाना।
विर्द (अ़.पु.)-किसी बात को बार-बार कहना अथवा किसी काम को बार-बार करना।
विला (अ़.स्त्री.)-प्रेम, मुहब्बत; आस्था, श्रद्घा; भक्ति, पूज्यजनों का पे्रम।
विलादत (अ़.स्त्री.)-उत्पत्ति, जन्म, पैदाइश।
विलायत (अ़.स्त्री.)-परराष्ट्र, अन्य देश, पहले ईरान और तुर्किस्तान आदि को कहा जाता था, अब युरोप और विशेषकर इंगलैंड को कहते हैं; वली या ऋषि होने का भाव अथवा उनका पद।
विलायती (अ़.वि.)-विलायत का, विलायतवाला; विलायत से आया हुआ।
विसाद: (अ़.पु.)-बड़ा तकिया, मस्नद।
विसाल (अ़.पु.)-मिलन, मेल; प्रेमी और प्रेमिका का संयोग; किसी धार्मिक और पूज्य व्यक्ति का निधन अथवा यमलोक गमन।
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