सो
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सोक ($फा.पु.)-रंज, विषाद, दु:ख, शोक, सोग।सोख़्त: ($फा.वि.)-जला हुआ, दग्ध।
सोख़्त:$िकस्मत (अ़.$फा.वि.)-हतभाग्य, बद$िकस्मत, बदनसीब।
सोख़्त:कौकब ($फा.वि.)-जिसके सौभाग्य के ग्रह जल गए हों, बद$िकस्मत, अभागा, बदनसीब।
सोख़्त:जाँ ($फा.वि.)-दग्धहृदय, दिलजला अर्थात् अ़ाशि$क, प्रेमी।
सोख़्त:जिगर ($फा.वि.)-दे.-'सोख़्त:दिलÓ।
सोख़्त:दिल ($फा.वि.)-दग्धहृदय, दिलजला अर्थात् अ़ाशि$क, प्रेमी।
सोख़्त:पा ($फा.वि.)-जिसके पाँव जल गए हों, जो कहीं आने-जाने में असमर्थ हो अर्थात् बेबस।
सोख़्त:बख़्त ($फा.वि.)-दे.-'सोख़्त:$िकस्मतÓ।
सोख़्त:बाल ($फा.वि.)-जिसके पर अर्थात् पंख जल गए हों, जो उड़ न सके, बेबस, लाचार, दीन-हीन।
सोख़्त ($फा.वि.)-जलन, जलावट; नष्ट, बरबाद।
सोख़्तगी ($फा.स्त्री.)-जलन, जलावट।
सोख़्तनी ($फा.वि.)-जलाने के $काबिल, जैसे-सोख़्तनी लकड़ी।
सोग ($फा.पु.)-किसी के मरने का रंज, शोक, मृतशोक, मातम।
सोगनाम: ($फा.पु.)-शोकपत्र, मातमपुर्सी का ख़्ात।
सोगवार ($फा.वि.)-शोकग्रस्त।
सोगवारी ($फा.स्त्री.)-किसी के मरने पर शोक में होना।
सोग़ात (तु.स्त्री.)-उपहार, उपायन, तोह$फा, दे.-'सौग़ातÓ, दोनों शुद्घ हैं।
सोगियान: ($फा.वि.)-मातमी लिबास, शोकवस्त्र।
सोगी ($फा.वि.)-शोकग्रस्त, शोक मनानेवाला।
सोज़ ($फा.प्रत्य.)-जलानेवाला, जैसे-'दिल सोज़Ó-दिल को जलानेवाला, (पु.)-जलन, तपिश, ताप; मुर्रम में पढ़ी जानेवाली एक प्रकार की नज़्म।
सोज़ख़्वाँ ($फा.वि.)-मुहर्रम में 'सोज़Ó पढऩेवाला।
सोज़ख़्वानी ($फा.स्त्री.)-मुहर्रम में 'सोज़Ó पढऩा।
सोजऩ ($फा.स्त्री.)-सुई, सूची।
सोजऩकारी ($फा.स्त्री.)-सुई से कपड़े पर बनाया हुआ बारीक काम।
सोजऩ ज़द: ($फा.वि.)-सुई चुभोया हुआ, जिसे सुई चुभोई गई हो।
सोजऩाक ($फा.वि.)-दग्ध, जला हुआ।
सोजऩी ($फा.स्त्री.)-वह कपड़ा जिस पर सुई से बारीक काम किया गया हो, सोजऩकारी किया हुआ कपड़ा; पलंग पर बिछाने का एक कपड़ा।
सोज़ाँ ($फा.वि.)-जलता हुआ, ज्वलित।
सोज़ाक ($फा.पु.)-एक बीमारी, शुक्रकृच्छ्र, मूत्रकृच्छ्र, गनोरिया, मूत्रघात।
सोजिं़द: ($फा.वि.)-जलानेवाला।
सोजि़श ($फा.स्त्री.)-जलन, प्रदाह।
सोजि़शे दुरूँ ($फा.स्त्री.)-हृदय की जलन, इश्$क की आग, प्रेमाग्नि।
सोस: ($फा.पु.)-गेहूँ का कीड़ा, घुन।
सोहान ($फा.पु.)-रेतने का यंत्र, रेती।
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