Thursday, October 15, 2015

$फु

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$फुंदु$क (अ.स्त्री.)-छोटे बेर के बराबर लाल रंग का एक मेवा।
$फुआ$क (अ.स्त्री.)-हिचकी का रोग, हिक्का।
$फुआद (अ.पु.)-दिल, हृदय।
$फु$करा (अ.पु.)-'$फ$कीरÓ का बहु., $फ$कीर लोग।
फ़ु$कहा (अ.पु.)-'$फ$कीहÓ का बहु., बहुत से $फ$कीह, इस्लामी धर्मशास्त्र के अनेक विद्वान्।
$फु$काअ़ (अ.स्त्री.)-शराब; चावलों की मदिरा, जो नशा लाती है; नशा न लानेवाली एक प्रकार की शराब; शीशा, पियाला, कूज़:; बुलबुला, हुबाब।
$फुकाहत (अ.स्त्री.)-मनोरंजन, मनोविनोद, दिलबहलाव, ख़्ाुशतब्ई।
$फु$कुम (अ.पु.)-मुँह, मुख, दहान:।
$फुक़्$काह (अ.पु.)-कली, कलिका, गुंचा; सुमन, पुष्प, फूल।
$फुक़्दान (अ.पु.)-अभाव, बिलकुल प्राप्त न होना, अत्यधिक कमी। दे.-'$िफक़्दानÓ, दोनों शुद्घ हैं।
$फुक़्दाने $गैरत (अ.पु.)-स्वाभिमान की कमी या अभाव, निर्लज्जता।
$फुक़्दाने हया (अ.पु.)-निर्लज्जता, शर्म और लज्जा का अभाव, बेशर्मी।
$फु$ग ($फा.पु.)-प्रतिमा, मूर्ति, बुत। दे.-'$फ$गÓ, दोनों शुद्घ हैं।
$फु$गाँ ($फा.स्त्री.)-दुहाई; आत्र्तनाद, नाला।
$फु$गानी ($फा.वि.)-दुहाई देनेवाला, चिल्लानेवाला, नाला करनेवार्ला; एक ईरानी शाइर।
$फुज़ला (अ.पु.)-'$फाजि़लÓ का बहु., विद्वज्जन, पंडित लोग, विद्वान् लोग।
$फुजुल (अ.पु.)-मूली।
$फुज़ूँ ($फा.वि.)-'अफ़्जऱ्ूÓ का लघु., अधिक, प्रचुर, जिय़ादा, बहुत।
$फुज़द: ($फा.वि.)-'अफ़्ज़ूद:Ó का लघु., अधिक किया हुआ, बढ़ाया हुआ।
$फुज़ूनी ($फा.स्त्री.)-'अफ़्ज़ूनीÓ का लघु., बहुतात, अधिकता, प्रचुरता।
$फुजूर (अ.पु.)-व्यभिचार, दुराचार, पापाचार, पाप, गुनाह, पर-स्त्री गमन, हरामकारी।
$फुज़ूल (अ.वि.)-$िफज़ूल; निरर्थक, बेमतलब; व्यर्थ, बेकार; निकम्मा।
$फुज़ूलख़्ार्च (अ.$फा.वि.)-अपव्ययी, बेकार में धन बहाने-वाला, व्यर्थ में रुपया ख़्ार्च करनेवाला।
$फुज़ूलख़्ार्ची (अ.$फा.स्त्री.)-अपव्यय, बेकार में धन बहाना, व्यर्थ में रुपया ख़्ार्च करना।
$फुज़ूलगो (अ.$फा.वि.)-बक्की; बात बढ़ा-चढ़ाकर कहने-वाला; बेकार की बातें करनेवाला, वाचाल, मिथ्यावादी।
$फुज़ूलगोई (अ.$फा.स्त्री.)-बकबक करना, बकवास करना; बेकार की बातें बनाना; वाचालता, मिथ्यावाद, चित्रजल्प।
$फुज़ूली (अ.वि.)-बेकार आदमी; वह व्यक्ति जो व्यर्थ के काम करता फिरे; झूठ बोलनेवाला, मिथ्याभाषी।
$फुज़ूलीयात (अ.पु.)-आधारहीन बातें, व्यर्थ और निरर्थक बातें।
$फुज़ूह (अ.स्त्री.)-रुस्वाई, अपमान, निन्दा।
$फुज्जार (अ.पु.)-'$फाजिरÓ का बहु., कदाचारी लोग, पापी लोग, व्यभिचारी लोग।
$फुज़्ल: (अ.पु.)-जूठन, बचा हुआ खाना; विष्ठा, पुरीष, गू; फोक, वह चीज़ जो किसी पदार्थ से रस आदि निकाल लेने के बाद बचती है, जैसे-गन्ने का रस निकाल लेने के बाद बचा उसके छिलके का फोक या $फुज़्ल:।
$फुज़्लात (अ.पु.)-'$फुज़्ल:Ó का बहु., $फुज़्ले।
$फुताद: ($फा.वि.)-पड़ा हुआ, गिरा हुआ।
$फुतादगी ($फा.स्त्री.)-पतितावस्था, गिरा हुआ होना, पड़ा हुआ होना।
$फुतादन ($फा.क्रि.)-गिरने-पडऩे का कर्म अथवा भाव।
$फुतादनी ($फा.वि.)-गिरने योग्य, पडऩे योग्य।
$फुतुन (अ.वि.)-दे.-'$फातिनÓ। दक्ष, कुशल, चतुर, बुद्घिमान्, अ़क़्लमंद।
$फुतुव्वत (अ.स्त्री.)-शील, मर्यादा; बहादुरी, वीरता, शूरता।
$फुतूर (अ.पु.)-दोष, ख़्ाराबी, विकार; उत्पात, शरारत।
$फुतूरे अ़क़्ल (अ.पु.)-बुद्घि-विकार, अ़क़्ल की ख़्ाराबी।
$फुतूरे दिमा$ग (अ.पु.)-दिमा$ग की ख़्ाराबी, मस्तिष्क-दोष, अ़क़्ल की ख़्ाराबी, बुद्घि-दोष।
$फुतूरे हज़्म (अ.पु.)-मंदाग्नि, हाजि़म: का बिगाड़, अपच-रोग।
$फुतूह (अ.स्त्री.)-'$फत्हÓ का बहु., विजय-समूह, जीतें; छाँदा, ऊपर से होनेवाला लाभ, ऊपरी आय; प्राप्ति, लाभ, $फाइद:, हुसूल; समृद्घि, उन्नति।
$फुतूहात (अ.स्त्री.)-'$फुतूहÓ का बहु., प्राप्तियाँ, उपलब्धियाँ, लाभ।
$फुतूही (उ.स्त्री.)-बिना आस्तीनों की बंडी।
$फुत्र (अ.पु.)-विस्तार, फैलाव।
$फुनदून ($फा.क्रि.)-मुग्ध होना, आसक्त होना, मोहित होना।
$फुनून (अ.पु.)-'$फनÓ का बहु., कलाएँ।
$फुनूने लती$फ: (अ.पु.)-ललित कलाएँ।
$फु$फ ($फा.स्त्री.)-टोना, फूँक, कोई मंत्र आदि पढ़कर मारी गई फँूक।
$फुयूज़ (अ.स्त्री.)-'$फैज़Ó का बहु., $फैयाजिय़ाँ, बख़्िशशें, अनेक दान।
$फुरात ($फा.स्त्री.)-इरा$क की वह नदी जिसके तट पर हज्ऱत हुसैन कर्बला में शहीद हुए और जहाँ उनकी मज़ार है।
$फुराद: (अ.वि.)-'$फर्दÓ का बहु., एक-एक करके, अलग-अलग।
$फुरुश (अ.पु.)-'$िफराशÓ का बहु., बिछौने, बिस्तरे।
$फुरूअ़ (अ.स्त्री.)-'$फअऱ्Ó का बहु., शाखाएँ, टहनियाँ, मूल वस्तु से निकली वस्तुएँ।
$फुरू$क (अ.पु.)-वस्तुओं में $फ$र्क करना।
$फुरूज (अ.स्त्री.)-'$फर्जÓ का बहु., भग, योनियाँ।
$फुरूश (अ.पु.)-'$फर्शÓ का बहु., अनेक $फर्श, बहुत-से $फर्श।
$फुरो$ग ($फा.पु.)-दे.-'$फरो$गÓ, शुद्घ '$फुरो$गÓ है मगर उर्दू में '$फरो$गÓ भी बोलते हैं।
$फुरोज़ ($फा.प्रत्य.)-रौशन करनेवाला, जैसे-'दिल$फुरोज़Ó-मन को रौशनी देनेवाला।
$फुरोज़ाँ ($फा.वि.)-प्रकाशमान्, रौशन।
$फुरोजि़ंद: ($फा.वि.)-चमकानेवाला, उज्जवल करनेवाला, प्रकाशक।
$फुरोद ($फा.वि.)-निम्न, नीचे।
$फुरोदगाह ($फा.स्त्री.)-दे.-'$फरोदगाहÓ, उर्दू में वही बोलते हैं, जहाँ कोई पथिक कुछ दिन रुककर विश्राम करे, सराय, धर्मशाला।
$फुअऱ्ल (अ.पु.)-बिज्जू का बच्चा।
$फु$र्कत (अ.स्त्री.)-विरह, वियोग, जुदाई, $िफरा$क, विच्छोह।
$फु$र्कतज़द: (अ.$फा.वि.)-विरह-पीडि़त, विरहग्रस्त, वियोगी, विच्छोह के दु:ख से ग्रसित।
$फु$र्कतनसीब (अ.$वि.)-विच्छोह की मार सहता हुआ, जिसके भाग्य में जीवन-भर विरह ही विरह हो।
$फु$र्कान (अ.पु.)-$कुर्आन।
$फु$र्ग: (अ.पु.)-ऊँचा और विस्तृत स्थान।
$फुर्ज: (अ.पु.)-काम से विश्राम, अवकाश, छुट्टी, $फुर्सत; किसी चीज़ के फटने की क्रिया या भाव, फटन, शिगा$फ।
$फुर्ज:जू (अ.$फा.वि.)-अवकाश खोजनेवाला, छुट्टी का वक़्त तलाशनेवाला, $फुर्सत ढ़ँूढऩेवाला।
$फुर्सत (अ.स्त्री.)-विश्राम, अवकाश, छुट्टी; संतोष, इत्मीनान; बिटारा, $फराग़त; मुक्ति, नजात, छुटकारा।
$फुर्सततलब (अ.वि.)-आराम चाहनेवाला, छुट्टी चाहनेवाला, जिसके लिए $फुर्सत की ज़रूरत हो (अव्य.)-आराम के साथ, चैन के साथ।
$फुर्सते ज़ीस्त (अ.$फा.स्त्री.)-जीवन-काल, जि़न्दगी का ज़माना, स्वच्छंद जीवन, उन्मुक्त जीवन।
$फुलाँ (अ.पु.)-अमुक, $फलाना।
$फुलुव्व (अ.पु.)-एक वर्ष का बछड़ा।
$फुलू$क (अ.पु.)-बुवाई, खेतों में बीज बोने का काम।
$फुलूस (अ.पु.)-'$फल्सÓ का बहु., पैसे।
$फुल्क: (अ.पु.)-चखऱ्े के तकले में लगाई जानेवाली गोल टिकिया; ख़्ोमे के बाँसों में लगाई जानेवानी गोल टिकली।
$फुल्क (अ.स्त्री.)-किश्ती, नौका, नाव।
$फुवा$क (अ.स्त्री.)-हिचकी।
$फुवाज़ (अ.पु.)-मरना।
$फुव्व: ($फा.पु.)-मजीठ, मजिष्ठा नामक एक लकड़ी जो रँगाई के काम में प्रयोग की जाती है।
$फुश ($फा.पु.)-केश-पाश, बालों की लट; घोड़े की गर्दन या दुम के बाल।
$फुशुर्द: ($फा.वि.)-'अफ़्शुर्द:Ó का लघु, निचोड़ा हुआ।
$फुशुर्दन ($फा.क्रि.)-निचोडऩा।
$फुशुर्दनी ($फा.वि.)-निचोडऩे योग्य, निचोडऩे के $काबिल।
$फुसहा (अ.पु.)-'$फसीहÓ का बहु., $फसीह लोग, सज्जन लोग, सीधे-सरल लोग।
$फुसहाए वक़्त (अ.पु.)-अपने समय के सारे सज्जन और सीधे-सरल लोग।
$फुसूँ ($फा.पु.)-'अफ़्सूँÓ का लघु, अभिचार, मायाकर्म, जादू, इन्द्रजाल, शोबद:बाज़ी।
$फुसूँकार ($फा.वि.)-दे.-'$फुसूँगरÓ।
$फुसूगर ($फा.वि.)-जादूगर, मायावी।
$फुसूँगरी ($फा.स्त्री.)-वह क्रिया जिसमें लोग मंत्र पढ़कर फूँक मारकर कार्य-सिद्घि का आश्वासन देते हैं, टोना-टोटका, फूँकसाज़ी।
$फुसूँतराज़ ($फा.वि.)-दे.-'$फुसूँगरÓ।
$फुसूँसाज़ ($फा.वि.)-दे.-'$फुसूँगरÓ।
$फुसूँसाज़ी ($फा.स्त्री.)-जादूगरी का पेशा, $फुसूँगरी।
फ़ुस्त$क (अ.पु.)-पिस्ता, जो एक प्रसिद्घ मेवा है।
$फुस्तान (अ.पु.)-गाउन, एक प्रकार का लम्बा वस्त्र।
$फुस्सा$क (अ.पु.)-'$फासि$कÓ का बहुवचन, कदाचारी लोग, दुराचारी लोग।
$फुस्हत (अ.स्त्री.)-मकान की लम्बाई-चौड़ाई, क्षेत्रफल, वुस्अ़त, विस्तार।

 

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