द
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दंग ($फा.वि.)- हक्का-बक्का, चकित, निस्तब्ध, हैरान, शशधर।दंगई (उ.वि.)- उपद्रवी, झगड़ालू, $फसादी।
दंगल ($फा.पु.)- पहलवानों के कुश्ती लडऩे का अखाड़ा; पहलवानों की कुश्ती; जनसमूह, भीड़, हुजूम।
दंगा ($फा.उ.पु.)- उपद्रव, झगड़ा, हंगामा, मारपीट, शोर-$गुल।
दंद ($फा.पु.)- जुलाहे की राछ; शत्रुता, दुश्मनी।
दंदसार ($फा.पु.)- दुश्मनी फैलाना।
दंदाँ ($फा.पु.)- दाँत, दन्त।
दंदाँज़नी ($फा.स्त्री.)- द्वेष, दुश्मी, शत्रुता, वैर।
दंदाँदराज़ ($फा.वि.)- लोभी, लालची, लोलुप।
दंदाँसाज़ ($फा.पु.)- दन्त-चिकित्सक, दन्तकार, डैंटिस्ट।
दंदान: ($फा.पु.)-दाँतुआ, किसी आरी आदि का दाँता।
दंदाने ख़्िारद ($फा.पु.)- अक़्ल दाढ़, अक़्ली डाढ़।
दंदानेगीर ($फा.पु.)- सामने के दाँत।
दंदाने शीर ($फा.पु.)- दूध के दाँत।
दंदीदन ($फा.पु.)- क्रोध के कारण, $गुस्से की वजह से।
दंब ($फा.पु.)- छोटा, अल्प।
दअ़त ($फा.पु.)-आनन्द, सुख-चैन, आराम।
दअ़वात (अ.स्त्री.)- 'दाÓवतÓ का बहु., दुअ़ाएँ, अनेक आशीर्वाद।
दअ़ावी ($फा.पु.)- दाÓवा का बहु., दावे, अनेक वाद।
द$क [क़्$क] (अ.पु.)- खटखटाना, ठोंकना; कूटना, पीसना।
दकन ($फा.पु.)- दक्षिण, दक्खिन। नोट- कुछ वर्ष पहले तक हैदराबाद के निज़ाम की रियासत के अर्थ में भी इस शब्द का इस्तेमाल होता था।
द$काइ$क (अ.पु.)- 'द$की$क:Ó का बहु., बारीकियाँ, गूढ़ता, नुक़्ते।
द$की$क: (अ.पु.)- महीन, बारीकी, गूढ़ता, सूक्ष्मता; एक घण्टे का साठवाँ भाग, एक मिनट; क्षण, पल; कसर, कमी।
द$की$क:रस (अ.$फा.वि.)- विवेचक, विवेचना करनेवाला, कुशाग्रबुद्घि, तीव्रप्रतिभ, बात की तह तक पहुँच जानेवाला, मर्म को समझनेवाला। मुहा.- 'कोई द$की$क: बा$की न रखनाÓ- पूर्ण रीति से प्रयत्न करना।
द$की$क:शनास (अ.$फा.वि.)- कुशाग्रबुद्घि, तीव्रप्रतिभ, बात की तह तक पहुँच जानेवाला, मर्म को समझनेवाला, विवेचक, विवेचना करनेवाला।
द$की$क (अ.$वि.)- सूक्ष्म, गूढ़, नाज़ुक; कठिन, मुश्किल; बारीक, महीन।
दक़्$का$क (अ.$वि.)- सूक्ष्मवादी, गूढ़ एवं सूक्ष्म बात कहनेवाला; कूटनेवाला, महीन करनेवाला।
दक़्$कुलबाब (अ.पु.)- दस्तक देना, दरवाज़ा खटखटाना।
दक़्$कोल$क (अ.$वि.)- चटियल मैदान।
दक्य़ानूस (अ.पु.)- इतिहास-काल से पहले का एक बहुत ही क्रूर और अत्याचारी बादशाह; (अ.$वि.)- पुराना, प्राचीन, बुड्ढा। नोट- हिन्दी में 'द$िकयानूसÓ प्रचलित है।
दक्य़ानूसी (अ.$वि.)- दक्य़ानूस के समय का अर्थात् अत्यन्त प्राचीन; पुरानी सोच रखनेवाला; बड़ी आयुवाला; बहुत दुनिया देखे हुए; अत्यन्त पुरानी और बेकार वस्तु।
दख़्ाल (अ.पु.)- दे.- 'दख़्लÓ, वही शुद्घ है।
दख़्ाील (अ.$वि.)- प्रभाव रखनेवाला, पहुँच रखनेवाला; $कब्ज़ा रखनेवाला, $काबिज़; अधिकार-प्राप्त।
दख़्ाीलकार (अ.$$फा.वि.)- वह किसान जिसे अपनी ज़मीन पर $कब्ज़े का ह$क हासिल हो।
दख़्म: ($फा.पु.)- जहाँ अग्नि-पूजक पारसियों के शवों को $द$फनाया जाता है; आतशपरस्तों का $कब्रिस्तान जो कुएँ की आकृति का होता है।
दख़्ल (अ.पु.)- हस्तक्षेप, मुज़ाहमत; अधिकार, $कब्ज़ा; थोड़ी-बहुत जानकारी, शुदबुद; पहुँच, रसाई।
दख़्ल दर माÓ$कूलात (अ.$फा.अव्य.)- बीच में बोलना, बातों में दख़्ाल देना, किसी विषय में बिना कारण दख़्ल देना, अनधिकृत चेष्टा।
दख़्ल दिहानी (अ.$फा.स्त्री.)- अधिकार दिलाना, $कब्ज़ा दिलाना, किसी सम्पत्ति आदि पर किसी एक के स्थान पर दूसरे को ह$कदार और मालिक बनाना।
दख़्लनाम: (अ.$फा.पु.)- $कब्ज़े की तहरीर, अदालत का वह परवाना जिसमें लिखा हो कि दख़्ाल दे दिया या दिला दिया।
दख़्लयाब (अ.$फा.$वि.)- अधिकार पाया हुआ, $कब्ज़ा पाया हुआ, दख़्ल पाया हुआ।
दख़्लयाबी (अ.$फा.स्त्री.)- दख़्ाल पा लेना, अधिकार प्राप्त कर लेना, $कब्ज़ा-प्राप्ति।
दख़्ले बेजा (अ.$फा.पु.)- अकारण हस्तक्षेप, बिना आज्ञा प्रवेश।
दग़दग़ा ($फा.पु.)- दे.- 'दग़्दग़:Ó, वही शुद्घ है, अन्देशा, धड़का, डर, भय, खटका, आशंका, शंका, सन्देह; छोटी कंदील।
द$गल ($फा.पु.)- धोखा, छल, कपट, $फरेब; बहाना, हीला; खोटा सोना या चाँदी।
द$गल $फसल ($फा.पु.)- चालाकी; $फरेब; ($फा.वि.)- $फरेबी, चालबाज़, कपटी।
द$गा ($फा.स्त्री.)- धोखा, $फरेब, छल, वंचना, ठगी, मक्कारी।
द$गादार ($फा.वि.)- दे.- 'द$गाबाज़Ó।
द$गाबाज़ ($फा.वि.)- धोखेबाज़, छली, कपटी, वंचक, छलिया, ठगिया।
द$गाबाज़ी ($फा.स्त्री.)- छल, कपट, धोखा; विश्वासघात, कूटकर्म, $फरेबकारी।
दग़्दग़: ($फा.पु.)- अन्देशा, धड़का, डर, भय, खटका, आशंका, शंका, सन्देह; छोटी कंदील।
दजाज (अ.स्त्री.)- मादा कुक्कुट, मु$र्गी, (अ.पु.)- मु$र्गा, कुक्कुट। दे.- 'दिजाजÓ।
दज्जाल (अ.वि.)- बहुत बड़ा ऐबी, अत्यन्त दुष्ट; बहुत बड़ा छली, बहुत बड़ा मायाबी; (अ.पु.)- मुसलमानों के मतानुसार एक व्यक्ति जो $िकयामत से कुछ पहले पैदा होगा और ख़्ाुदा होने का दावा करेगा; काना, एक आँखवाला।
दज्म: (अ.पु.)- अँधेरा, तम।
दज्ल: (अ.पु.)- एक नदी जो ब$गदाद के नीचे बहती है; नदी, दरिया। दे.- 'दिज्ल:Ó।
दद: (तु.स्त्री.)- दाई, आया, खिलाई, वह स्त्री जो बच्चों को दूध पिलाती और उनकी देख-भाल करती है, धाय, अंकपाली, अन्ना।
दद: ($फा.पु.)- हिंसक पशु, फाड़ खानेवाला दरिन्दा, श्वापद।
दद ($फा.पु.)- हिंसक पशु, दद:, फाड़खानेवाला दरिन्दा, श्वापद।
दनस (अ.स्त्री.)- मैलापन, मलिनता, गन्दगी; नसाजत, अपवित्रता, अशुद्घि।
दनानीर (अ.पु.)- 'दीनारÓ (अरबी 'दिन्नारÓ) का बहु., मुह्रें, अश$िर्फयाँ।
दनी (अ.वि.)- पामर, नीच, पाजी, अधम, कमीना।
दनीउत्तब्अ़ (अ.वि.)- नीचाश्य, नीच प्रवृति का, ज़लील तबीअ़त का।
दनीउल$िफत्रत (अ.वि.)- नीचाश्य, नीच प्रवृति का, ज़लील तबीअ़त का, दनीउत्तब्अ़।
द$फ ($फा.पु.)- बड़ी डफली, गोलाकार खाल मढ़ा हुआ एक बाजा।
द$फाइन (अ.पु.)- 'द$फीन:Ó का बहु., द$फीने, निधियाँ।
द$फातिर (अ.पु.)- 'दफ़्तरÓ का बहु., कई द$फ़्ता, अनेक कार्यालय।
द$फीन: (अ.पु.)- निधि, कोष, गड़ा हुआ ख़्ाजाना।
दफ़्अ: (अ.स्त्री.)- बार, एक बार; धारा, $कानून की द$फा।
दफ़्अ़तन (अ.अव्य.)- अचानक, अकस्मात्, सहसा।
दफ़्अ़ात (अ.स्त्री.)- 'दफ़्अ़:Ó का बहु., अनेक बार; $कानून की धाराएँ।
दफ़्ईय: (अ.पु.)- निवारण, रोक, तदारुक।
दफ़्उल्वक़्ती (अ.पु.)- समय व्यतीत करना, वक़्त गुज़ारना, टालना।
दफ़्ए $गम (अ.पु.)- कष्ट निवारण करना, दु:ख दूर करना।
दफ़्ए मजऱ् (अ.पु.)- रोग-मुक्ति, रोग-निवारण, बीमारी का ख़्ाातिमा।
दफ़्तर ($फा.पु.)- कार्यालय, आ$िफस; $कोई लम्बी-चौड़ी बात, तूमार, जैसे- शिकायतों का दफ़्तर; $किसी बड़ी किताब का एक भाग, ग्रन्थ-खण्ड, वालूम।
दफ़्तर निगार (अ.$फा.पु.)- कार्यालय का लिपिक, क्लर्क, मुहर्रिर।
दफ़्तरी (अ.पु.)- कार्यालय के रजिस्टरों और का$गज़ों की जिल्दसाज़ी करनेवाला और रजिस्टरों आदि पर लकीरें व$गैरह खींचनेवाला।
दफ्ऩ (अ.पु.)- मुर्दे आदि को भूमि में गाडऩा, ज़मीन में दफ्ऩ करना, (वि.)- गाड़ा हुआ, मद्$फन।
दबरान (अ.पु.)- रोहिणी, चौथा नक्षत्र।
दबा (अ.पु.)- लाठी मारना।
दबाज़त (अ.पु.)- मोटापन, स्थूलता, गाढ़ापन।
दबाब ($फा.पु.)- नौकर, सेवक, दास, गुलाम।
दबाबीस ($फा.पु.)- जहाज़ के वे कमरे जो महिलाओं के लिए होते हैं। 'दबूस:Ó का बहु.।
दबाव (हि.पु.)- दाबने की क्रिया; दाबने का भाव; प्रभाव; रौब।
दबिस्ताँ ($फा.पु.)- 'अदबिस्ताँÓ का लघुरूप, मदरसा, पाठशाला, छोटे बच्चों का विद्यालय।
दबिस्तानी ($फा.पु.)- शिक्षार्थी से सम्बन्धित, विद्यार्थी से सम्बद्घ।
दबीज़ ($फा.वि.)- संगीन, ग$फ, मोटा।
दबीब ($फा.पु.)- रास्ता, पथ, मार्ग; रेंगना, भूमि पर धीरे-धीरे चलना; द्वार, दरवाज़ा।
दबीर ($फा.पु.)- लिपिक, लेखक, मुहर्रिर, क्लर्क।
दबीरिस्तान ($फा.पु.)- पाठशाला, छोटे बच्चों का स्कूल; कार्यालय, मुंशीख़्ााना, दफ़्तर।
दबीरुलमुल्क (अ.$फा.वि.)- राज्य सचिव; मु$गल राज्यकाल की उएक उपाधि।
दबीरे $फलक (दबीर ए $फलक) (अ.$फा.पु.)- बुधग्रह, उतारिद।
दबील: (अ.पु.)- फोड़ा, व्रण, गोल व बड़ा वरम।
दबूब (अ.पु.)- गड्ढा, $गार, खड्ड।
दबूर (अ.स्त्री.)- पश्चिम से आनेवाली हवा, पछुआ हवा, पछयाव, पछाहीं हवा, पछवा हवा।
दबूस: ($फा.पु.)- जहाज़ का वह कमरा या कैबिन जो विशेषरूप से स्त्रियों के लिए होता है।
दब्ज़ (अ.वि.)- मोटा; दलदार।
दब्दब: (अ.पु.)- प्रभाव; रौब; आतंक; तेज, प्रताप। नोट- हिन्दी में 'दबदबाÓ प्रचलित है।
दब्ब: ($फा.पु.)- चमड़े का कुप्पा; घी का कुप्पा।
दब्ब (अ.पु.)- बिना किसी आहट के चलना, दबे पाँव चलना।
दब्बा$ग: (अ.पु.)- चमड़ा पकाने और रँगने का कारख़्ााना, टैनरी।
दब्बा$ग (अ.वि.)- चमड़ा पकाने, कमाने और रँगनेवाला।
दम: ($फा.पु.)- श्वासकास, श्वास रोग, दमा।
दम ($फा.पु.)- बल, शक्ति, ज़ोर; साँस, श्वास; प्राण-वायु, रूह; व्यक्तित्व, ज़ात; हुक़्$के या चिलम का कश; क्षण, पल, लम्हा; समय, काल, वक़्त; कुछ पढ़कर फँूकना; मंत्र, टोटका; धोखा, छल, कपट, $फरेब; शेख़्ाी, डींग; तीक्ष्णता, पैनापन, धार, तेज़ी।
दम (अ.पु.)- प्राण, जीवन, जि़न्दगी; रक्त, लहू, ख़्ाून।
दमक (अ.पु.)- पसीना।
दमकश ($फा.वि.)- गानेवाले के साथ सुर मिलानेवाला; चुप, मौन, ख़्ाामोश।
दमकशी ($फा.स्त्री.)- सहगायकी, गानेवाले के स्वर में स्वर मिलाना; मौन, ख़्ाामोशी, चुप्पी।
दमख़्ाम ($फा.पु.)- शक्ति, ज़ोर, ता$कत; तलवार की वक्रता और उसकी धार।
दमज़दन ($फा.पु.)- ज़रा-सी देर, क्षण, पल, लम्हा; कुछ कहना; दम मारना।
दमदम: ($फा.पु.)- वह कृत्रिम दुर्ग या $िकला जो युद्घ के समय थैलों में मिट्टी भरकर बनाते हैं, मोरचा।
दमदार ($फा.वि.)- जिसमें दम, जान अथवा साँस हो, प्राणी; शक्तिशाली, ज़ोरदार, ता$कतवर।
दमन ($फा.पु.)- मिट्टी का ढेर, टीला; पहाड़ी।
दमपुख़्त ($फा.पु.)- हाँडी का मुँह बन्द करके हलकी आँच पर पकाई हुई कोई चीज़; मु$र्गे के पेट में कोई चीज़ भरकर पकाया हुआ मु$र्गा; देग का मुँह बन्द करके पकाई हुई बिरयानी या पुलाव।
दम बख़्ाुद ($फा.वि.)- मौन, चुप, ख़्ाामोश। 'शम्अ़ चुप, परवाना शशदर, अहले-मह$िफल 'दम बख़्ाुदÓ, हाय क्या तस्वीर का अ़ालम तेरी मह$िफल में हैÓ- जिगर मुरादाबादी
दम बदम ($फा.वि.)- निरन्तर, लगातार, क्षण-प्रतिक्षण, हर समय, हरदम।
दमबाज़ ($फा.वि.)- कपटी, धूर्त, छली, वंचक, मक्कार।
दमबाज़ी ($फा.स्त्री.)- कपट, छल, $फरेब, धूर्तता, मक्कारी।
दमर ($फा.वि.)- औंधा, उलटा, अधोमुख।
दमवी (अ.वि.)- रक्त-सम्बन्धी, ख़्ाून से सम्बंध रखनेवाला; रक्त के दबाव या दोष से होनेवाला।
दमशुमारी (अ.$फा.स्त्री.)- मृत्यु-शैया पर साँसें गिनना, मरते समय की आख़्िारी साँसें।
दमस ($फा.स्त्री.)- एक रद्दा चुनाई, चुनाई की एक तह।
दमसाज़ ($फा.वि.)- सहगायक अथवा सहवादक, गाने या न$फीरी आदि में साथ देनेवाला; मित्र, सखा, दोस्त, हमदम।
दमाँ ($फा.वि.)- $गुस्से की अधिकता में चीखनेवाला, क्रोध के आवेग में डौंकने, दहाडऩे और चिंघाडऩेवाला। नोट- यह शब्द विशेषत: शेर, अजगर, हाथी और मगरमच्छ के लिए आता है, वैसे बाढ़-ग्रस्त नदी और पानी की बाढ़ के लिए भी प्रयुक्त होता है।
दमादम ($फा.अव्य.)- निरन्तर, लगातार, क्षण-प्रतिक्षण, हर समय, हरदम।
दमान ($फा.वि.)- भयभीत, डरा हुआ; $गुस्से में, क्रोधित; बलवान, शक्तिशाली।
दमानक ($फा.स्त्री.)- एक प्रकार की छोटी बन्दू$क।
दमानीदन ($फा.पु.)- उगाना।
दमाम: ($फा.पु.)- धौंसा, बड़ा नक़्क़ारा।
दमामील (अ.पु.)- 'दुम्मलÓ का बहु., फोड़े।
दमार (अ.पु.)- हत्या, वध, हनन, हलाकी।
दमासात (अ.स्त्री.)- स्वभाव की नम्रता, नर्मी, कोमलता।
दमिन्द: ($फा.पु.)- निकलेवाला, उगनेवाला।
दमी ($फा.स्त्री.)- एक प्रकार का छोटा हुक़्$का, फुँकना।
दमीद: ($फा.वि.)- उगा हुआ, ज़मीन से निकला हुआ; फूँका हुआ।
दमीदगी ($फा.स्त्री.)- जमाव, उगाव; फँूक।
दमीदन ($फा.पु.)- निकलना, उगना, जमना; फँूकना।
दमीम (अ.वि.)- असुन्दर, कुरूप, बदसूरत, कदाकार।
दमूर (अ.पु.)- किसी पर धावा बोलना, किसी पर टूट पडऩा।
दमे आख़्िारी (अ.पु.)- मृत्यु-शैया पर, अंतिम समय, प्राण निकलने का समय।
दमे आब ($फा.पु.)- पानी का एक घूँट।
दमे ईसा (अ.$फा.पु.)- हज्ऱत ईसा की फँूक, जिससे मृत प्राणी जीवित हो जाते थे; प्राण देनेवाला, जीवित करनेवाला।
दमे एहतिज़ार (अ.$फा.पु.)- प्राण निकलते समय; प्राण निकलने का समय।
दमे ख़्ांजर (अ.$फा.पु.)- दमे ते$ग, तलवार की धार।
दमे गुर्ग ($फा.पु.)- झूठा सवेरा, वह प्रकाश जिसके बाद फिर अँधेरा छा जाता है।
दमे चंद ($फा.पु.)- क्षण-भर, थोड़ी देर, इतनी देर जिसमें चार-पाँच साँसें ली जा सकें।
दमे तस्लीम (अ.$फा.पु.)- आज्ञा चाहना; मृत्यु-शैया पर ली जानेवाली साँसें, मरते वक़्त की साँसें; मौन, चुप्पी, ख़्ाामोशी।
दमे ते$ग ($फा.पु.)- दमे ख़्ांजर, तलवार की धार।
दमे नक़्द ($फा.पु.)- उसी समय, उसी वक़्त, तत्काल।
दमे पसीं ($फा.पु.)- दमे वापसीं, मरते समय की अंतिम साँसें।
दमे बाज़पसीं ($फा.पु.)- दमे वापसीं, मरते समय की अंतिम साँसें।
दमे रुख़्सत ($फा.पु.)- विदाई के समय, बिछोह के वक़्त।
दमे वापसीं ($फा.पु.)- दमे पसीं, मरते समय की अंतिम साँसें, दमे बाज़पसीं।
दमे शम्शीर ($फा.पु.)- दमे ख़्ांजर, दमे ते$ग, तलवार की धार।
दमे सर्द ($फा.पु.)- सर्द आह, ठण्डी साँस।
दमे सहर ($फा.पु.)- दमे सुब्ह, तड़का, प्रात:काल, भोर।
दमे सुब्ह ($फा.पु.)- दमे सहर, तड़का, प्रात:काल, भोर।
दमे सूर (अ.$फा.पु.)- महाप्रलय-काल, 'सूरÓ फँूकने का समय।
दम्अ़: (अ.$फा.पु.)- आँसू, अश्रु।
दम्क (अ.$फा.पु.)- स्वेद, पसीना।
दया$कूज़: (अ.पु.)- एक यूनानी दवा।
दय्यान ($फा.वि.)- आज्ञा देनेवाला, आदेश देनेवाला; नेकी का बदला, अच्छे काम का प्रतिकार।
दय्यार ($फा.वि.)- निवास करनेवाला, निवासी, रहनेवाला, घरवाला।
दय्यूब ($फा.वि.)- छिद्रान्वेषी, निंदक, पिशुन।
दरंग ($फा.स्त्री.)- देर, विलम्ब, ढील, वक़्$फ; आलस्य, सुस्ती। दे.- 'दिरंगÓ, दोनों शुद्घ हैं।
दरंदाज़ ($फा.वि.)- चु$गुलख़्ाोर, लगातूतरा, पिशुन, दो लोगों में लड़ाई करा देनेवाला। दे.- 'दरअंदाज़Ó।
दरंदाज़ी ($फा.स्त्री.)- लगालूतरी, चु$गुलख़्ाोरी, पिशुनता, इधर की उधर लगाकर आपस में लड़ाई कराना।
दर: ($फा.पु.)- घाटी, दो पहाड़ों के बीच का सिकुड़ा और तंग रास्ता, दर्रा।
दर ($फा.पु.)- द्वार, दरवाज़ा; ($फा.अव्य.)- में, भीतर, अन्दर। नोट- यह शब्द अनेकार्थी है। जब एक ही शब्द को दो बार लिखा जाए और उसके बीच में 'दरÓ आए तो यह 'बहुत या अनेकÓ का अर्थ देता है, जैसे- सह्रा दर सह्राÓ- जंगलों में; कभी यह शब्द 'ऊपरÓ का अर्थ देता है, जैसे- 'सूद दर सूदÓ- ब्याज पर ब्याज। यह शब्द 'गुणाÓ का अर्थ भी देता है, जैसे- 'दह दर दहÓ अर्थात् दस गुणा दस। ($फा.प्रत्य.)- चीरनेवाला, जैसे- 'स$फदरÓ- सेना की पंक्तियों को चीर डालनेवाला। ($फा.उप.)- शब्द के अर्थ में विशेषता पैदा करता है, जैसे- 'दरगुज़रÓ- किसी का दोष देखते हुए उसे अनदेखा करके गुज़र जाना। कहीं-कहीं शब्द-सौन्दर्य के लिए भी इस शब्द का प्रयोग किया जाता है जैसे- 'दरमियानÓ- अर्थात् जो मियान यानी 'बीचÓ में हो।
दरअंदाज़ ($फा.वि.)- चु$गुलख़्ाोर, लगातूतरा, पिशुन, दो लोगों में लड़ाई करा देनेवाला।
दरअंदाज़ी ($फा.स्त्री.)- लगालूतरी, चु$गुलख़्ाोरी, पिशुनता, इधर की उधर लगाकर आपस में लड़ाई कराना।
दरअस्ल (अ.$फा.अव्य.)- वस्तुत:, वास्तव में, ह$की$कत में, अस्ल में।
दरआमद ($फा.स्त्री.)- दरामद, आयातित वस्तु, वह माल या सामान जो किसी देश में विदेश से आए।
दरक: (अ.पु.)- अधोतल, नीचे का तल, 'दरज:Ó का विपरीत, वह ऊपर की मंजि़ल के लिए आता है, नरक, दोजख़। दे.- 'दर्क:Ó।
दरकात (अ.पु.)- अधोतल, नीचे के तल; सारे नरक, सारे दोजख़।
दरकार ($फा.अव्य.)- ऐच्छिक, अभिलषित, वाँछित, मतलूब।
दरकिनार ($फा.अव्य.)- परे, दूर, अलग, एक तर$फ; परे रहा, दूर रहा, अलग रहा, एक तर$फ रहा, जैसे- मोहित तो दरकिनार अर्णव भी पूजा में नहीं पहुँचा।
दरकुशा ($फा.वि.)- दरवाज़ा खोलनेवाला, द्वार खोलनेवाला; चाबी, कुञ्जी।
दरख़्ाुर ($फा.अव्य.)- पहुँच, पँठ, रसाई, दख़्ल; योग्य, $काबिल, जैसे- 'दरख़्ाुरे अ़जऱ्Ó- कहने योग्य।
दरख़्ाुरे एतिना (अ.$फा.अव्य.)- ध्यातव्य, ध्यान देने योग्य।
दरख़्ाुर्द ($फा.वि.)- पात्र, योग्य, लाइ$क (लाय$क)।
दरख़्त ($फा.पु.)- वृक्ष, पेड़, शजर, द्रुम, पादप। 'धूप से कह दो न इसकी नींद में डाले ख़लल, इन दरख़्तों के तले ये छाँव सोई है अभीÓ- माँझी
दरख़्ितस्तान ($फा.पु.)- वृक्षों का झुण्ड, पेड़ों का झुरमुट, कुञ्ज।
दरख़्वास्त ($फा.स्त्री.)- प्रार्थना-पत्र, निवेदन-पत्र, अ़जऱ्ी, एप्लीकेशन; कथन, कहना, प्रार्थना, निवेदन।
दरख़्वास्त कुनिंद: ($फा.वि.)- निवेदक, प्रार्थी, प्रार्थना-पत्र देनेवाला, निवेदन करनेवाला।
दरख़्शाँ ($फा.वि.)- दे.- 'दुरख़्शाँÓ।
दरख़्शानी ($फा.स्त्री.)- चमक, ज्योति, प्रकाश, आभा।
दरगाह ($फा.पु.)- किसी वली का मज़ार, रौज़ा; चौखट, देहलीज़, आÓस्तान:; दरबार, राजसभा।
दर गिरिफ़्त ($फा.पु.)- अधीन, $कब्ज़े में, पकड़ में, अधिकार में।
दरगुज़र ($फा.पु.)- चश्मपोशी, दोष देखकर भी उसे अनदेखा करके गुज़र जाना; मुअ़ा$फी, क्षमा।
दरगोर ($फा.पु.)- वह रोगी जो कुछ ही दिनों का मेहमान हो, मृत्यु के निकट।
दरज: (अ.पु.)- पद, उहदा (ओहदा); श्रेणी, वर्ग, तब$का; राशि-चक्र का 360 वाँ भाग; मकान की मंजि़ल; दुर्गति, बुरी हालत; कक्षा, क्लास, जमाअ़त; मिनिट; दे.- 'दर्ज:Ó, उर्दू में वही बोला जाता है और वही शुद्घ भी है।
दरज़दन (अ.पु.)- उत्कंठित, अभिलाषी, इच्छुक।
दरजात (अ.पु.)- 'दरज:Ó का बहु., दर्जे।
दरदम ($फा.अव्य.)- तुरन्त, $फौरन, उसी समय, तत्क्षण, तत्काल।
दरदस्त ($फा.पु.)- हाथ में, अधिकार में, अधीन।
दरपए आज़ार ($फा.अव्य.)- कष्ट पहुँचाने, सताने और हानि पहुँचाने की घात में, परेशान करने और नुकसान पहुँचाने की ताक में।
दरपए जाँ ($फा.अव्य.)- जान लेने की घात में, प्राण लेने अथवा मार डालने की ताक में।
दरपए तज़्हीक (अ.$फा.अव्य.)- बदनाम करने की घात में, निन्दा और बदनामी की ताक में।
दरपर्द: ($फा.अव्य.)- पर्दे में , छुपकर, गुप्त रूप में।
दरपेश ($फा.अव्य.)- किसी समस्या या कार्य की उपस्थिति, जैसे- 'मुअ़ामला दरपेशÓ या 'स$फर दरपेशÓ।
दरपोश ($फा.वि.)- द्वार खोलनेवाला; संन्यासी।
दरपै ($फा.अव्य.)- घात में, ताक में; पीछे पड़ा हुआ, संलग्न; इच्छुक, ख़्वाहिशमंद, अभिलाषी।
दरफ़्श ($फा.पु.)- सिलाई करने अथवा गाँठने का एक यंत्र, मोचियों का सूजा, सुताली।
दरफ़्शाँ ($फा.वि.)- रौशन, ज्योतिर्मय, प्रकाशमान्। दे.- 'दुरफ़्शाँÓ, दोनों शुद्घ हैं।
दरबंद ($फा.पु.)- चारदीवारी, परकोट; दो राष्ट्रों के बीच का अन्तर; बड़ा दरवाज़ा; नदी का घाट।
दरबंदान ($फा.पु.)- हड़ताल।
दरबंदी ($फा.स्त्री.)- तलाशी से पहले मकान के दरवाज़े बन्द कर देना।
दरबदर ($फा.अव्य.)- घर-घर, गली-गली, एक दरवाज़े से दूसरे दरवाज़े।
दरबान ($फा.पु.)- सुरक्षा के लिए दरवाज़े पर नियुक्त व्यक्ति, द्वारपाल, ड्योढ़ीदार।
दरबानी ($फा.स्त्री.)- चौकसी, चौकीदारी, पहरेदारी।
दरबाब ($फा.अव्य.)- सन्दर्भ में, बारे में, सम्बन्ध में।
दरबार: ($फा.अव्य.)- दे.- 'दरबाबÓ।
दरबार ($फा.पु.)- राजा की सभा, राजसभा, बादशाही कचहरी; किसी ऋषि-मुनि या वली का आश्रम अथवा ख़ान$काह।
दरबारदारी ($फा.स्त्री.)- किसी प्रतिष्ठित अथवा बड़े आदमी के यहा ख़्ाुशामद में प्रति-दिन की उपस्थिति।
दरबारी ($फा.वि.)- दरबार से सम्बन्ध रखनेवाला, वह व्यक्ति जो दरबार में निमंत्रित होता हो; राजा या बादशाह का सभासद, पार्षद।
दरबारी ज़बान ($फा.स्त्री.)- कचहरी में प्रयोग की जानेवाली भाषा, न्यायालय की भाषा, सुसज्जित भाषा।
दरबारे अ़ाम (अ.$फा.पु.)- जनता का दरबार, वह सभा या दरबार जिसमें सब आ-जा सकें, सार्वजनिक दरबार।
दरबारे ख़ास (अ.$फा.पु.)- वह सभा या दरबार जिसमें केवल राज्याधिकारी और बड़े-बड़े लोग ही शामिल हो सकें।
दरबारे ख़्ाुदाबंदी (अ.$फा.पु.)- ख़्ाुदा का दरबार, ईश्वर की सभा, ईश्वर के समक्ष।
दरबारे रिसालत (अ.$फा.पु.)- हज्ऱत मुहम्मद का दरबार।
दरमाँ ($फा.स्त्री.)- 'दरमानÓ का लघुरूप, दे.- 'दरमानÓ।
दरमाँद: ($फा.वि.)- दीन, हीन, दु:खित, नि:सहाय, निराश्रय, ेकस, मज़बूर।
दरमाँदगी ($फा.स्त्री.)- दीनता, हीनता, बेबसी, मज़बूरी, बेकसी, नि:सहायता, निराश्रयता।
दरमान ($फा.स्त्री.)- इलाज, चिकित्सा, उपचार।
दरमाह: ($फा.पु.)- मासिक वेतन, महीने पर मिलनेवाली पगार।
दरमाह:दार ($फा.वि.)- मासिक वेतन पानेवाला, महीने पर पगार पानेवाला।
दरमियान ($फा.पु.)- बीच, मध्य, में।
दरमियान: ($फा.वि.)- मध्यवर्ती, बीचवाला, न बड़ा न छोटा।
दरमियानी ($फा.वि.)- दरमियानवाला, बीच का, मध्यवर्ती; बीच में पड़कर वाद या झगड़े को समाप्त करानेवाला व्यक्ति, मध्यस्थ, बिचौलिया।
दरयाफ़्त ($फा.स्त्री.)- पूछताछ, जाँच, टोह, जिज्ञासा; अनुसंधान, गवेषणा, तह$की$क।
दरयाफ़्त कुनिंद: ($फा.वि.)- पूछताछ करनेवाला, टोह लेनेवाला, जाँच-पड़ताल करनेवाला, अन्वेषी।
दरयाफ़्त तलब ($फा.वि.)- पूछताछ योग्य, जाँच के योग्य।
दरयाब ($फा.स्त्री.)- समझ-बूझ, बुद्घि, विवेक; नदी, दरिया, सरिता।
दरयूज़: ($फा.पु.)- भिक्षाटन, भिक्षाकर्म, भीख माँगना।
दरयूज़:गर ($फा.वि.)- भिक्षुक, भिखारी, मँगता, भीख माँगनेवाला।
दरयूज़:गरी ($फा.स्त्री.)- भिक्षाटन, भिक्षावृति, भिक्षाकर्म, भीख मााँगना।
दरयूज़गी ($फा.स्त्री.)- दे.- 'दरयूज़:गरीÓ।
दरवाज़: ($फा.पु.)- दरवाज़ा, द्वार, दर।
दरवेश ($फा.पु.)- साधु, संन्यासी; पुनीतात्मा, सिद्घ, , ख़्ाुदा रसीद:; विनीत, विनम्र, ख़ाकसार; भिखारी, भिक्षुक।
दरवेश खय़ाल ($फा.वि.)- शुद्घ आत्मावाला, नेक खय़ाल, अच्छे विचारवाला।
दरवेश ख़स्लत ($फा.वि.)- सादा मिज़ाज, सरल स्वभाव।दरवेश सि$फत (अ.$फा.वि.)- $फ$कीरों-जैसा, दरवेशों-जैसा, सरल स्वभाव रखनेवाला, सीधी-सादी प्रवृति का।
दरवेशान: ($फा.अव्य.)- $फ$कीरों-जैसा, दरवेशों-जैसा, जैसे- 'दरवेशान: जि़न्दगीÓ- सीधी-सादी और मोटी-झोटी दिनचर्या।
दरवेशी ($फा.स्त्री.)- संन्यास, $फ$कीरी।
दरसाअ़त ($फा.अव्य.)- उसी समय, तत्काल, तत्क्षण।
दर ह$की$कत ($फा.अव्य.)- दरअस्ल, वस्तुत:, वास्तव में, ह$की$कत में, अस्ल में।
दरहम ($फा.वि.)- तितरबितर, अस्त-व्यस्त। नोट- यह शब्द अकेला नहीं बोला जाता, 'बरहमÓ के साथ मिलाकर 'दरहम बरहमÓ बोला जाता है।
दरहमी ($फा.स्त्री.)- गड़बड़, गड़बड़ी।
दरहाल ($फा.पु.)- इसी समय, इसी वक़्त।
दराँ ($फा.अव्य.)- उसमें।
दरा ($फा.पु.)- घडिय़ाल, घण्टा, वह घण्टा जो यात्रीदल के साथ रहता है। दे.- 'दिराÓ, दोनों शुद्घ हैं।
दराए कारवाँ ($फा.पु.)- यात्रीदल के साथ रहनेवाला घण्टा, का$िफले में बजनेवाला घडिय़ाल।
दराज़ ($फा.वि.)- दीर्घ, तवील, लम्ब, लम्बा।
दराज़$कद ($फा.वि.)- दीर्घकाय, लम्बे $कदवाला, लम्बे शरीरवाला, लम्बकाय।
दराज़$कामत (अ.$फा.वि.)- दीर्घकाय, लम्बे $कदवाला, लम्बे शरीरवाला, लम्बकाय।
दराज़गोश ($फा.वि.)- लम्बे कानवाला, लम्बकर्ण। ($फा.पु.)- एक प्रकार का गधा।
दराज़दस्त ($फा.वि.)- लम्बे हाथोंवाला; अन्यायी, अत्याचारी, ज़ालिम।
दराज़दस्ती ($फा.स्त्री.)- अत्याचार, अन्याय, ज़ुल्म।
दराज़दुम ($फा.पु.)- लम्बी दुमवाला, लम्बी पूँछवाला, लम्बपुच्छ; कृकलास, गिरगिट।
दराज़न$फसी (अ.$फा.स्त्री.)- बहुत बातें करना, बहुत बोलना, वाचालता।
दराजि़ए उम्र (अ.$फा.स्त्री.)- दीर्घायु, आयु की लम्बाई, अधिक जीना।
दराज़ी ($फा.स्त्री.)- दीर्घता, लम्बाई, तवालत।
दरामद ($फा.स्त्री.)- आयात, वह माल जो किसी देश में विदेश से आए।
दराहिम (अ.पु.)- 'दिर्हमÓ का बहु., बहुत-से दिर्हम।
दरिंद: ($फा.पु.)- श्वापद, फाड़ खानेवाला जंगली जानवर।
दरीं ($फा.अव्य.)- इसमें।
दरींअस्ना (अ.$फा.अव्य.)- इस बीच, इसी बीच, इसी दरमियान।
दरीं ख़्ाुसूस (अ.$फा.अव्य.)- इस बारे में, इस विषय में, इस सम्बन्ध में।
दरीं ताज़गी (अ.$फा.अव्य.)- हाल में।
दरीं सूरत (अ.$फा.अव्य.)- इस दशा में।
दरीं ह$र्फ (अ.$फा.अव्य.)- उसी समय, तत्क्षण।
दरी ($फा.स्त्री.)- $फारसी भाषा की एक शाखा।
दरीच: ($फा.पु.)- गवाक्ष, खिड़की, झरोखा, जालार। 'ढलने लगी है रात दरीचे को खोल दे, अय जाने-इन्तिज़ार सज़ा पा रहे हैं लोगÓ- माँझी
दरीद: ($फा.वि.)- विदीर्ण, फटा हुआ।
दरीद:दहन ($फा.वि.)-मुक्तकण्ठ, मुँहफट।
दरूँ ($फा.पु.)- 'दरूनÓ का लघुरूप, दे.- 'दरूनÓ।
दरून ($फा.पु.)- आत्मा, मन, चित्त, हृदय।
दरूना ($फा.पु.)- वह घाव या फोड़ा जिसका मुँह भीतरी हो।
दरूनी ($फा.वि.)- अन्दरूनी, भीतरी; मानसिक, हार्दिक, रूहानी।
दरूनेख़्ाान: ($फा.पु.)- घर का भीतरी हिस्सा, गृह का आन्तरिक भाग।
दरे दौलत ($फा.पु.)- किसी धनवान व्यक्ति के घर का द्वार; किसी दूसरे के मकान के प्रति सम्मान दर्शाने के लिए भी इस शब्द का प्रयोग करते हैं।
दरो$ग ($फा.पु.)- मिथ्या, असत्य, झूठ। दे.- 'दुरो$गÓ, दोनों शुद्घ हैं।
दरो$गगो ($फा.वि.)- मिथ्यावादी, झूठ बोलनेवाला, झूठा, काजि़ब।
दरो$गगोई ($फा.स्त्री.)- असत्य कहना, झूठ बोलना, मिथ्यावाद।
दरो$गज़न ($फा.वि.)- दे.- 'दरो$गगोÓ।
दरो$गबयाँ ($फा.वि.)- दे.- 'दरो$गगोÓ।
दरो$गबा$फ ($फा.वि.)- असत्य गढऩेवाला, अपने मन से झूठी बातें बनानेवाला, झूठ गढऩेवाला।
दरो$गबा$फी ($फा.स्त्री.)- झूठी बात बनाना, झूठ बोलना।
दरो$गहल्$फी (अ.$फा.स्त्री.)- झूठी शपथ उठाना, झूठी $कसम खाना।
दरोगी ($फा.वि.)- झूठ बोलनेवाला, झूठा।
दर्क: (अ.पु.)- दे.- 'दरक:Ó, उर्दू में 'दर्क:Ó ही बोलते हैं।
दर्क (अ.पु.)- विवेक, तमीज़, ज्ञान; अक़्ल, बुद्घि, समझ।
दर्कुल (अ.पु.)- सब, सम्पूर्ण, तमाम।
द$र्गाल (अ.पु.)- पहाड़ी दर्रा।
दर्ज: (अ.पु.)- दे.- 'दरज:Ó, उर्दू में अधिकतर 'दर्ज:Ó ही बोलते हैं।
दर्ज:बंदी (अ.पु.)- विशेष पद या दर्जा निश्चित होना।
दर्ज:वार (अ.पु.)- सिलसिलेवार, क्रमश:, एक के बाद एक।
दर्ज (अ.वि.)- लिखित, अंकित; लिखा हुआ, प्रविष्ट; बही या रजिस्टर आदि में लिखा हुआ; लिखला, दर्ज करना, अंकित करना।
दजऱ् ($फा.स्त्री.)- फटन, दरार, शिगा$फ; ख़्ााना, जैसे- मेज़ की दजऱ्।
दजऱ्बंदी ($फा.स्त्री.)- दरार को भरना, फटन को सीना या उसकी मरम्मत करना।
दजऱ्ी ($फा.पु.)- कपड़ा सीनेवाला, सूचिक।
दर्द ($फा.पु.)- दु:ख, तक्ली$फ, कष्ट, व्यथा, यातना; मुसीबत, क्लेश; पीड़ा, चीस, चसक, चबक; करुणा, दया, तरस।
दर्दअंगेज़ ($फा.वि.)- कष्टजनक, पीड़ोत्पादक, दर्द पैदा करनेवाला, दु:खदायक।
दर्दअफ़्ज़ा ($फा.वि.)- दु:ख-वद्र्घक, दर्द बढ़ानेवाला, पीड़ा-वद्र्घक।
दर्द आगीं ($फा.वि.)- दर्द से भरा हुआ, पीड़ाग्रस्त, दु:खग्रस्त।
दर्दआमेज़ ($फा.वि.)- कष्टजनक, पीड़ोत्पादक, दर्द पैदा करनेवाला, दु:खदायक।
दर्दआलूद ($फा.वि.)- दु:खी, शोकग्रस्त। 'दर्दआलूद चेह्राÓ- शोकग्रस्त मुखड़ा, जिसके चेहरे से दु:ख प्रक्ट होता हो।
दर्दआश्ना ($फा.वि.)- हमदर्द, सहानुभूतिकर्ता, मित्र, दु:ख में सहायता करनेवाला; जो किसी के दर्द को जानता हो, जो किसी के कष्ट से परिचित हो।
दर्द नाआश्ना ($फा.वि.)- जो किसी की पीड़ा न समझे, संगदिल, निर्दय, कठोर हृदय।
दर्दनाक ($फा.वि.)- दर्दअंगेज़, कष्टजनक, पीड़ोत्पादक, दर्द पैदा करनेवाला, दु:खदायक।
दर्द$िफज़ा ($फा.वि.)- दर्दअफ़्ज़ा, दु:ख-वद्र्घक, दर्द बढ़ानेवाला, पीड़ा-वद्र्घक।
दर्दमंद ($फा.वि.)- सहानुभूति प्रकट करनेवाला, हमदर्द, दिलासा देनेवाला।
दर्दमंदी ($फा.स्त्री.)- दया और करुणा का भाव, सहानुभूति, हमदर्दी।
दर्दा ($फा.अव्य.)- हाए-हाए, हाए अ$फसोस।
दर्देजिगर ($फा.पु.)- दर्दे-दिल, मन की व्यथा, मनस्ताप; इश्$क का $गम, प्रेम की पीड़ा।
दर्देज़ेह ($फा.पु.)- प्रसवपीड़ा, प्रसव-वेदना, बच्चा पैदा होने के समय की पीड़ा।
दर्देदिल ($फा.पु.)- हृदय की पीड़ा, मन की व्यथा, मनस्ताप; इश्$क का $गम, प्रेम की पीड़ा।
दर्देसर ($फा.पु.)- सिर का दर्द, शिर-पीड़ा; झंझट, खटराग।
दर्दो$गम (अ.$फा.पु.)- कष्ट-समूह, बहुत-सी मुसीबतें, अनेक दु:ख।
दर्ब (अ.पु.)- किवाड़, दरवाज़ा, द्वार।
दर्मक: ($फा.स्त्री.)- चपाती, रोटी।
दर्मक ($फा.स्त्री.)- मैदा की स$फेद रोटी।
दर्मां ($फा.पु.)- चिकित्सा, इलाज, उपचार।
दर्मांतलब (अ.$फा.वि.)- चिकित्सा का अभिलाषी, उपचार या इलाज का इच्छुक।
दर्मांतलबी (अ.$फा.स्त्री.)- उपचार की इच्छा।
दर्मांद: ($फा.वि.)- असहाय, दु:खी, निराश्रय।
दर्मांपिज़ीर ($फा.वि.)- उपचार के योग्य, इलाज के योग्य, चिकित्सा के योग्य।
दर्या ($फा.पु.)- दरिया, नद, नदी, सरिता, तरंगिणी, अपगा, निम्नगा, तटिनी, शैवलिनी।
दर्याई ($फा.वि.)- नदी-सम्बन्धी; नदी में रहनेवाला, जैसे- 'दर्याई घोड़ाÓ; नदी में उत्पन्न होनेवाला, जैसे- 'दर्याई सद$फÓ; नदी का।
दर्याए अह्मर (अ.$फा.पु.)- लाल सागर, बह्रे $कुल्ज़ुम।
दर्याए ज़ख़्ख़्ाार (अ.$फा.पु.)- लबालब बहनेवाली नदी, उफान पर बहनेवाली नदी, ठाठें मारती हुई नदी।
दर्याए शोर ($फा.पु.)- लवण-सागर, खारे पानी का समंदर, खारे पानी की नदी; वह समुद्र जिसमें अण्डमान-निकोबार के टापू हैं और जहाँ अंग्रेज़ी शासनकाल में आजीवन कारावासी भेजे जाते थे, काला पानी।
दर्याच: ($फा.पु.)- छोटी नदी।
दर्यादिल ($फा.वि.)- उदारमना, वदान्य, मुक्तहस्त, दानशील, जो बहुत दानी हो, दाता, सखी, दिलदर्याव।
दर्यादिली ($फा.स्त्री.)- उदारता, दानशीलता।
दर्याबरामद ($फा.स्त्री.)- पुलिन, नद्युत्सृष्ट, वह भूमि जो किसी नदी के स्थान छोडऩे से निकली हो।
दर्याबरार ($फा.स्त्री.)- दे.- 'दर्याबरामदÓ।
दर्याबार ($फा.वि.)- दानशील, सखी, वदान्य, $फैयाज़; बहुत बरसनेवाला, जैसे- 'अब्रे दर्याबारÓ- बहुत बरसनेवाले मेघ या बादल।
दर्याबुर्द ($फा.स्त्री.)- वह भूमि जो बाढ़ के पानी से कटकर नष्ट हो गई हो; वह ज़मीन जो नदी की बाढ़ में डूब गई हो।
दर्याबेगी ($फा.पु.)- नौ-सेना का सेनापति, , जल-सेनापति, नवाधिपति।
दर्र: ($फा.स्त्री.)- घाटी, दो पहाड़ों के बीच का रास्ता।
दर्राक (अ.वि.)- कुशाग्र-बुद्घि, प्रतिभाशाली।
दर्स (अ.पु.)- अध्ययन करना, पढऩा, पठन; पढ़ाना, पाठन; शिक्षा, सीख, नसीहत; उपदेश, सदुपदेश।
दर्सोतद्रीस (अ.पु.)- पढऩा-पढ़ाना, पढऩे-पढ़ाने का व्यापार, शैक्षणिक कारोबार।
दलाइल (अ.पु.)- 'दलीलÓ का बहु., दलीलें।
दलालत (अ.पु.)- अ़लामत, चिह्नï, निशान, लक्षण, पहचान; तर्क, युक्ति, दलील; मार्ग-दर्शन, रहनुमाई, पथ-प्रदर्शन।
दलीद: ($फा.पु.)- दलीया, मोटा दला हुआ अनाज। (वि.)- दला हुआ।
दलील (अ.स्त्री.)- तर्क, युक्ति; प्रमाण, सुबूत।
दलीले $कवी (अ.स्त्री.)- पुष्ट प्रमाण, मज़बूत दलील, ठोस दलील।
दलीले कामिल (अ.स्त्री.)- एकदम ठोस साक्ष्य, पूर्ण प्रमाण, पूरा सुबूत; ऐसी दलील या तर्क जिसका खण्डन न हो सके।
दलीले ना$िकस (अ.स्त्री.)- कमज़ोर तर्क, अपुष्ट साक्ष्य, कुतर्कक, वह सुबूत या तर्क जो ठोस न हों और जिनका खण्डन किया जा सके।
दल्$क (अ.स्त्री.)- सू$िफयों और $फ$कीरों के पहनने का ऊनी लिबास; भिखारियों की गुदड़ी।
दल्क (अ.पु.)- मालिश, जिस्म का मलना, अंगमर्दन।
दल्$कपोश (अ.$फा.वि.)- भिखारी, भिक्षुक, $फ$कीर; सू$फी-सन्त, ब्रह्मïवादी।
दल्लाक (अ.पु.)- वह व्यक्ति जो स्नानागार में शरीर मलता और मैल छुड़ाता है।
दल्लाल: (अ.स्त्री.)- कुटनी, कुट्टनी; स्त्रियों को बहकाकर पर-पुरुष से मिलानेवाली स्त्री; चु$गली खानेवाली स्त्री।
दल्लाल (अ.पु.)- दलाल, आढ़ती, एजेंट; लिवाल और ख़्ारीददार के बीच सौदा तय करानेवाला व्यक्ति।
दल्लाली (अ.स्त्री.)- बीच में पड़कर सौदा तय कराने का काम, आढ़त का काम; कराए गए सौदे पर ली जानेवाली र$कम; कुटनीपन।
दवाँ ($फा.वि.)- भागता हुआ, दौड़ता हुआ।
दवा (अ.स्त्री.)- दवाई, औषध; चिकित्सा, इलाज, उपचार; उपाय, तद्बीर। 'दर्दे-दिल की दवा किससे कहाँ ले 'माँझीÓ, शह्र का शह्र ही बीमार नज़र आता हैÓ- माँझी
दवाइर (अ.पु.)- 'दाइर:Ó का बहु., दाइरे (दायरे)।
दवाउलमिस्क (अ.स्त्री.)- एक यूनानी औषध जो हृदय के लिए शक्तिवद्र्घक है।
दवाए दिल (अ.$फा.स्त्री.)- प्रेम-रोग की दवा, दिल के रोग की औषध।
दवाख़्ाान: (अ.$फा.पु.)- जहाँ दवाएँ मिलती या बिकती हैं, औषधालय।
दवात (अ.स्त्री.)- मसिदान, सियाही रखने का पात्र।
दवादविश ($फा.अव्य.)- प्रयास, कोशिश, परिश्रम, दौड़-भाग।
दवादौ ($फा.अव्य.)- दे.- 'दवादविशÓ।
दवापिज़ीर (अ.$फा.वि.)- उपचार के योग्य, दवाई के $काबिल, साध्य, ऐसा रोग जो इलाज से ठीक हो सके।
दवा$फरोश (अ.$फा.पु.)- औषध-विक्रेता, दवा बेचनेवाला।
दवाब [ब्ब] (अ.पु.)- 'दाब्ब:Ó का बहु., पशु, मवेशी, चौपाये।
दवाम (अ.पु.)- स्थायित्व, नित्यता, हमेशगी; नित्य, हमेशा, स्थायी।
दवामी (अ.वि.)- स्थायी, अनश्वर, नित्य, हमेशा रहनेवाला; जीवन-भर के लिए, आयु-पर्यन्त।
दवाल ($फा.पु.)- दे.- 'दुवालÓ, दोनों शुद्घ हैं; चमड़े का तस्मा, पेटी; वह तस्मा जिससे नक़्$कारा (नगाड़ा) बजाते हैं।
दवावीन (अ.पु.)- 'दीवानÓ का बहु., कवियों की काव्य-कृतियाँ, शाइरों के दीवान।
दवासाज़ (अ.$फा.पु.)- दवाएँ बनानेवाला, दवा-विक्रेता, दवा-$फरोश, फार्मासिस्ट, अ़त्तार।
दवी (अ.स्त्री.)- कान में होनेवाली झनझनाहट।
दवीद: ($फा.वि.)- दौड़ा हुआ, भागा हुआ।
दश्त ($फा.पु.)- जंगन, वन, काना, बियाबान, निर्जन।
दश्तआवार: ($फा.वि.)- दस्मगर्द, वनभ्रमी, काननचारी, वनों में भटकनेवाला, जंगलों में मारा-मारा फिरनेवाला।
दस्तआवारगी ($फा.स्त्री.)- दे.- 'दस्तगर्दीÓ।
दश्तगर्द ($फा.वि.)- वनभ्रमी, काननचारी, वनों में भटकनेवाला, जंगलों में मारा-मारा फिरनेवाला, दस्तआवार:।
दश्तगर्दी ($फा.स्त्री.)- वन-भ्रमण, जंगलकनन में मारा-मारा फिरना।
दश्न: ($फा.पु.)- भुजाली, खंजर, कटार, जम्बिया, एक प्रकार का छुरा। दे.- 'दिश्न:Ó, दोनों शुद्घ हैं।
दसाइस (अ.पु.)- 'दसीस:Ó का बहु., अनेक षड्यंत्र, कुचक्र-समूह, साजि़शें।
दसातीर (अ.पु.)- 'दुस्तूरÓ का बहु., रीतियाँ, परम्पराएँ; $काइदे, $कानून; पारसियों का धार्मिक ग्रंथ।
दसीस: (अ.पु.)- षड्यंत्र, साजि़श, कुचक्र, दुरभि-सन्धि।
दस्तंदाज़ ($फा.वि.)- दे.- 'दस्तअंदाज़Ó।
दस्तंदाज़ी ($फा.स्त्री.)- दे.- 'दस्तअंदाज़ीÓ।
दस्तंबू ($फा.पु.)- अनेक सुगन्धित पदार्थों और इत्रों को मिलाकर बनाया हुआ गुल्ला, जो सूँघने के लिए हाथ में रखा जाए; कचरी, सुँधिया।
दस्तंबूय: ($फा.पु.)- दे.- 'दस्तंबूÓ।
दस्त: ($फा.पु.)- चा$कू या छुरी आदि की मूठ; जग या डोंगे आदि का हैंडिल; मुट्ठा, जैसे-गलदस्ता यानी फूलों का मुट्ठा या दस्ता; 25 का$गज़ों का मुट्ठा, रीम का बीसवाँ हिस्सा; खरल का मूसला; $फौज की टुकड़ी, गारद; संजा$फ, हाशिया।
दस्त ($फा.पु.)- हाथ, हस्त, कर; पतला शौच, विरेचन।
दस्तअंदाज़ ($फा.वि.)- किसी काम में हस्तक्षेप करनेवाला, बाधा डालनेवाला, बाधक, विघ्नकारक, मुज़ाहिम।
दस्तअंदाज़ी ($फा.स्त्री.)- बाधा डालना, हस्तक्षेप करना, मुज़ाहमत।
दस्तअफ्ऱाज़ ($फा.पु.)- उपकरण, औज़ार, कारीगर के काम करने का यंत्र, हथियार।
दस्तअफ़्शाँ ($फा.वि.)- किसी आदत या वस्तु को त्यागनेवाला, किसी काम से विरक्त होनेवाला, विरक्त, त्यागी।
दस्तआमोज़ ($फा.वि.)- हाथ पर सधाया हुआ जानवर। दे.- 'दस्तामोज़Ó।
दस्तक ($फा.स्त्री.)- खटखटाना; करताल, ताली, चर्चरी; कुर्की, ज़ब्ती, आसंजन; राजादेश, हुक्मनाम:।
दस्त$कलम (अ.$फा.अव्य.)- शुद्घ उच्चारण 'दस्तो$कलमÓ है।
दस्तकश ($फा.वि.)-उदासीन, विरक्त, बेतअ़ल्लु$क।
दस्तकशी ($फा.स्त्री.)- किसी काम से स्वयं को नि:सम्बन्ध कर लेना, उपेक्षा, उदासीनता।
दस्तकार ($फा.पु.)- कारीगर, शिल्पी, शिल्पकार, हाथ के काम का माहिर।
दस्तकारी ($फा.स्त्री.)- कला, शिल्प, हस्तशिल्प।
दस्तकी ($फा.स्त्री.)- हाथ में लेने या जेब आदि में योग्य छोटी चीज़।
दस्तख़्ात ($फा.पु.)- स्वाक्षर, हस्ताक्षर, अपने $कलम से लिखा हुआ अपना नाम, जो किसी तहरीर की सनद के लिए हो।
दस्तख़्ाती ($फा.वि.)- जिस पर हस्ताक्षर हो।
दस्तगर्दां ($फा.वि.)- अलिखित उधार, बगैऱ तहरीर का $कजऱ्ा, हथ-उधार।
दस्तगह ($फा.स्त्री.)- 'दस्तगाहÓ का लघु., दे.- 'दस्तगाहÓ।
दस्तगाह ($फा.स्त्री.)- सामथ्र्य, शक्ति, योग्यता, विद्वता, इल्मीयत।
दस्तगिरिफ़्त: ($फा.वि.)- जिसे सहायता दी हो, जिसका हाथ सहारा देने के लिए पकड़ा हो।
दस्तगी ($फा.स्त्री.)- वह दस्ताना जो बाज़-पक्षी को हाथ पर बैठाते समय पहनते हैं; पानी का लोटा जिससे वज़ू या शोच करते हैं; दस्ता, हैंडिल।
दस्तगीर (अ.$फा.वि.)- हाथ पकड़कर सहारा देनेवाला अर्थात् सहायक, मददगार।
दस्तगीरी (अ.$फा.स्त्री.)- मदद, सहायता, गिरते को थामना।
दस्तचर्ब ($फा.वि.)- किसी दस्तकारी में दक्ष, किसी कला में निपुण। ($फा.पु.)- मदद, सहायता।
दस्तचीर ($फा.वि.)- ज़ुल्मी, अन्यायी, अत्याचारी; $गालिब, बलवान्, ता$कतवर।
दस्तदराज़ ($फा.वि.)- ज़ुल्मी, अन्यायी, अत्याचारी, जाबिर; हाथ छोड़ देनेवाला, हथाछुट, मार बैठनेवाला; निडर, बेबाक।
दस्तदराज़ी ($फा.स्त्री.)- अनीति, अत्याचार, ज़ुल्म; मारपीट; गुस्ताख़्ाी, दुस्साहस।
दस्तनिगर ($फा.वि.)- दूसरों के सहारे जीवन व्यतीत करनेवाला, दूसरों का मुँह ताकनेवाला, पराश्रय, मुखापेक्षी।
दस्तपनाह ($फा.पु.)- चीमटा, चिमटा, चूल्हे से आग निकालने का यंत्र।
दस्तपरवर्द: ($फा.वि.)- हाथ में पला हुआ, लालन-पालन में रखा हुआ।
दस्तपाक (अ.$फा.पु.)- रूमाल, वह कपड़ा जिससे भोजन के बाद हाथ-मुँह पोंछते हैं।
दस्तपेच ($फा.पु.)- साधन, ज़रीया; दस्तावेज़, लेख-पत्र।
दस्तपैमाँ ($फा.पु.)- वे कपड़े, आभूषण और धन आदि जो विवाह से पहले दुल्हन के घर जाते हैं।
दस्त$फरोश ($फा.वि.)- वह व्यक्ति जो चीज़ों को हाथ में लेकर बेचता है।
दस्त$फाल ($फा.स्त्री.)- सबसे पहली बिक्री, बोहनी, बुहनी।
दस्तफ्ऱाज़ ($फा.पु.)- 'दस्त अफ्ऱाज़Ó का शुद्घ उच्चारण उर्दू में यही है लेकिन $गलत वह भी नहीं है।
दस्तबंद ($फा.पु.)- राखी, पहुँची, कलाई का एक आभूषण; नृत्य का एक प्रकार।
दस्तबख़्ौर (अ.$फा.अव्य.)- किसी वयक्ति को जब यह बताना होता है कि अमुक व्यक्ति के शरीर में कोई बाधा या फोड़ा आदि किस स्थान पर है तो उसके शरीर पर उसी जगह हाथ रखते हुए यह वाक्य कहते हें, जैसे कहें, दस्तबख़्ौर, उनके भी इस स्थान पर फोड़ा है या था।
दस्त बदस्त ($फा.अव्य.)- तुरन्त, हाथों-हाथ; हाथों की, आमने-सामने की, जैसे- 'दस्त बदस्त जंगÓ।
दस्त बदुअ़ा (अ.$फा.अव्य.)- ईश्वर से प्रार्थना के लिए हाथ उठाए हुए।
दस्तबरदार ($फा.वि.)- विरक्त, उदासीन, बेतअ़ल्लु$क।
दस्तबरदिल ($फा.वि.)- आकुल, व्याकुल, बेचैन।
दस्तबसर ($फा.वि.)- सिर पर हाथ रखे हुए, पश्चात्ताप करनेवाला; चकित, हैरान।
दस्तबस्त: ($फा.वि.)- करबद्घ, हाथ बाँधे हुए, हाथ जोड़े हुए; बहुत ही नम्रता के साथ।
दस्तबा$फ ($फा.वि.)- सुगम, सरल, आसान।
दस्तबिरंजन ($फा.पु.)- कंगन, हाथ में पहनने का आभूषण।
दस्तबुक़्च: ($फा.पु.)- वह छोटी गठरी जो हाथ में ली जा सके।
दस्तबोस ($फा.वि.)- हाथ चूमनेवाला, हाथ को चूमनेवाला, किसी पूज्य व्यक्ति के हाथों को बोसा देनेवाला।
दस्तबोसी ($फा.स्त्री.)- हाथ चूमना, किसी पूज्य व्यक्ति के हाथों को बोसा देना, किसी आदरणीय व्यक्ति का हाथ चूमकर अभिवादन करना।
दस्तमाय: ($फा.पु.)- पूँजी, सरमाया।
दस्तमाल ($फा.पु.)- रूमाल, हाथ पोंछने का कपड़ा; रसोईघर की सा$फी या अंगोछा।
दस्तमुज़द ($फा.पु.)- पारिश्रमिक, मज़दूरी, भृति, उज्रत।
दस्तयाब ($फा.वि.)- हाथों को मिला हुआ, प्राप्त, हस्तगत, हासिल, उपलब्ध।
दस्तयाबी ($फा.स्त्री.)- उपलब्धि, उपलब्धता, प्राप्ति, हुसूल।
दस्तयार ($फा.वि.)- सहायक, मददगार, (पु.)- हथियार, उपकरण।
दस्तयारी ($फा.स्त्री.)- सहयोग, सहायता, मदद।
दस्तरंज ($फा.पु.)- परिश्रम, श्रम, मेहनत।
दस्तरख़्वान ($फा.पु.)- वह चादर जिस पर खाने की तश्तरियाँ सजाते हैं, वह कपड़ा जिस पर खाना खाते हैं।
दस्तरस, दस्तरसी ($फा.स्त्री.)- पैठ, पहुँच, रसाई; शक्ति, सामथ्र्य।
दस्तरसीद: ($फा.वि.)- जहाँ तक हाथ पहुँच गया हो।
दस्तला$फ ($फा.स्त्री.)- बोहनी, दस्त$फाल।
दस्तवान: ($फा.पु.)- कंगन, पहुँची; हाथों का एक प्रकार का आभूषण।
दस्तसाज़ ($फा.वि.)- हाथ का बनाया हुआ।
दस्ताँ ($फा.पु.)- 'दस्तÓ का बहु., छल, $फरेब; नग़्मा, गीत।
दस्तान: (हिन्दी में- दस्ताना) ($फा.पु.)- हस्तत्राण, हाथों की सुरक्षा के लिए पहना जानेवाला एक विशेष वस्त्र।
दस्तामोज़ ($फा.वि.)- 'दस्त आमोज़Ó का अधिक शुद्घ उच्चारण यही है, वह भी $गलत नहीं है। हाथ पर सधाया हुआ जानवर।
दस्तार ($फा.स्त्री.)- पगड़ी, अ़म्मामा।
दस्तारच: ($फा.पु.)- छोटी पगड़ी।
दस्तारबंद ($फा.वि.)- जिसने अरबी भाषा की पूरी योग्यता प्राप्त कर ली हो और उसे पगड़ी बाँध दी गई हो, स्नातक।
दस्तारबंदी ($फा.स्त्री.)- पूर्ण विद्योपार्जन के बाद पगड़ी बाँधने की रस्म या संस्कार।
दस्तारबुज़ुर्ग ($फा.पु.)- वह निर्लज्ज व्यक्ति जो अपनी पत्नी की कमाई खाता हो, $कुर्रम सा$क, वेश्याघटक।
दस्तावर ($फा.वि.)- रेचक, जुल्लाब, दस्त लानेवाली दवाई।
दस्तावेज़ ($फा.स्त्री.)- लेख-पत्र, व्यवस्थापत्र, इक्ऱारनामा, साधन-पत्र, तमस्सुक, $िकबाला; जिस पर हस्ताक्षर हों।
दस्तास ($फा.स्त्री.)- हाथ की चक्की।
दस्ती ($फा.वि.)- हाथ के माध्यम से, हाथ का, हाथ से सम्बन्ध रखनेवाला; हाथ में रखनेवाली चीज़; मशाल, $फलीता।
दस्तूर ($फा.पु.)- परम्परा, रिवाज; पद्घति, शैली, ढंग; रविश, व्यवहार; ह$क, कटौती, कमीशन; नियम, $काइदा; विधान, $कानून; मंत्री, सचिव, वज़ीर।
दस्तूरिय: ($फा.स्त्री.)- लोकतंत्र, गणतंत्र, जनतंत्र।
दस्तूरी ($फा.वि.)- वैधानिक, $कानूनी, (स्त्री.)- कमीशन, ह$क, कटौती।
दस्तूरुलअमल (अ..फा.पु.)- कार्य-प्रणाली, काम का ढंग या तरी$का; कार्यक्रम।
दस्ते $कुद्रत (अ..फा.पु.)- शक्ति, सामथ्र्य।
दस्ते$गैब (अ..फा.पु.)- दैवी आय, $गैबी आमदनी।
दस्ते दुअ़ा (अ..फा.पु.)- प्रार्थना के लिए उठा हुआ हाथ, दुअ़ा के लिए उठा हुआ हाथ।
दस्ते श$फ$कत (अ..फा.पु.)- छत्रछाया, परवरिश।
दस्ते शि$फा (अ..फा.पु.)- रोग-निवारण की शक्ति।
दस्तो$कलम (अ..फा.वि.)- पढ़ा-लिखा, शिक्षित।
दस्तोगिरीबाँ ($फा.वि.)- एक-दूसरे का गिरीबान पकड़े हुए, हाथापाई करते हुए।
दस्तो पा ($फा.पु.)- हाथ-पाँव; प्रयास, प्रयत्न, मेहनत, कोशिश।
दस्तो ब$गल ($फा.वि.)- आलिंगनबद्घ, आलिंगित, ब$गल$गीर।
दह ($फा.वि.)- दस, दश।
दहचंद ($फा.वि.)- दस गुणा।
दह दर दह ($फा.वि.)- वह हौज़ जो दस गज़ लम्बा और दस गज़ चौड़ा हो।
दहदिल: ($फा.वि.)- शूरवीर, वीर, बहादुर; सोच में डूबा हुआ, चिन्तित, $िफक्रमन्द; लोलुप, लालची।
दहन ($फा.पु.)- मुँह, मुख; सूराख़्ा, छिद्र, छेद।
दहनदर: ($फा.पु.)- जँभाई, जृंभा।
दहनदरीद: ($फा.वि.)- वाचाल, मुँहफट, गुस्ताख़्ा।
दहने ज़ख़्म ($फा.पु.)- घाव का मुँह, ज़ख़्म का मुँह।
दहने ते$ग ($फा.पु.)- तलवार की धार; मौत का मुँह।
दहबाशी ($फा.तु.पु.)- दस सिपाहियों का नायक।
दहमर्द: ($फा.वि.)- अनर्गल-भाषी, मिथ्यावादी, $फुज़ूलगो; बक्की, बकबक करनेवाला, बहुभाषी, बहुत बोलनेवाला, वाचाल।
दहरोज़: ($फा.वि.)- दस दिन का, थोड़े दिन का, चन्दरोज़ा, अ़ारिज़ी, अस्थायी।
दहाँ ($फा.पु.)- दे.- 'दहनÓ।
दहाँबन्द ($फा.पु.)- वह कवच जिससे शत्रु का मुँह बन्द हो जाता है।
दहा (अ.स्त्री.)- तेज़ अक़्ली, बुद्घिकुशाग्रता; प्रतिभा, ज़हानत।
दहा$कीन (अ.पु.)- 'देहक़ानÓ का बहु., किसान लोग, गाँववाले, ग्रामीण।
दहान: ($फा.पु.)- मुख, मुँह, दहन; समुद्र में नदी के गिरने का स्थान; भिश्ती की मश्क का मुँह; घोड़े की काँटोंदार लगाम; नाली, मोरी।
दहानए $िफरंग ($फा.पु.)- हरे रंग का एक पत्थर जो रासायनिक गुण रखता है और विष-नाशक है।
दहुम ($फा.वि.)- दसवाँ, दशम्।
दह्न: ($फा.पु.)- सरिता का किनारा, नदी तट, दरिया का छोर; किसी राष्ट्र की सीमा, किसी देश की सरहद; दहानए $िफरंग।
दह्नए $िफरंग ($फा.पु.)- दे.- 'दहानए $िफरंगÓ।
दह्र (अ.पु.)- समय, काल, वक़्त; युग।
दह्रिय: (अ.वि.)- दे.- 'दह्रीÓ।
दह्री (अ.वि.)- ईश्वर को न माननेवाला, अनीश्वरवादी, नास्तिक, लामज़हब।
दह्शतअंगेज़ (अ.$फा.वि.)- भीषण, भयानक, डरावना।
दह्शतअंगेज़ी (अ.$फा.स्त्री.)- डरावनापन, भयानकपन, ख़्ाौ$फनाकी; डरा-धमकाकर किसी से कुछ प्राप्त करने की अवैध कोशिश; किसी क्षेत्र में जनता को डरा-धमकाकर इस बात पर बाध्य करना कि वह अमुक व्यक्ति या दल का पक्षपात न करे या उसे सहयोग न दे अथवा उसके कामों में गड़बड़ उत्पन्न करे।
दह्शतकद: (अ.$फा.वि.)- डरावना, वह स्थान जो बहुत ही भयंकर हो।
दह्शतनाक (अ.$फा.वि.)- भयसंकुल, दह्शत से भरा हुआ, ख़्ाौ$फनाक, डरावना।
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