Wednesday, October 14, 2015

धु

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धुंध (हि.स्त्री.)- हवा में मिली हुई धूल या भाप के कारण होनेवाला अँधेरा; हवा में उड़ती हुई धूल; आँख का एक रोग जिसमें चीज़ें धँुधली दिखाई देती हैं।
धुँधला (हि.वि.)- कुछ काला या धुएँ के रंग का; स्पष्ट दिखाई न देनेवाला; कुछ-कुछ अँधेरा।
धुँधलाना (हि.क्रि.)- धुँधला या कुछ काला पडऩा; स्पष्ट दिखाई न देना।
धुआँ (हि.पु.)- सुलगती हुई आग से निकलनेवाली काली भाप, धूम।
धुआँधार (हि.वि.)- धुएँ से भरा, धूममय; गहरे रंग का, भड़कीला, भव्य; धुएँ के समान काला; बड़े ज़ोर का, प्रचण्ड, घोर (क्रि.वि.)- बड़े वेग से और बहुत अधिक, बहुत ज़ोर से।
धुकधुकी (हि.स्त्री.)- पेट और छाती के बीच की भाग जो गहरा-सा होता है; कलेजा, हृदय; कलेजे की धड़कन या कम्प; डर, भय।
धुन (हि.स्त्री.)- किसी कार्य को बराबर करते रहने की अनिवार्य प्रवृत्ति, लगन; मन की तरंग, मौज; चिन्ता; गाने की तजऱ्।
धुनकी (हि.स्त्री.)- धुनियों का धनुष का-सा औज़ार जिससे वह रुई धुनते हैं।
धुनना (हि.क्रि.)- धुनकी की सहायता से रुई सा$फ करना; ख़्ाूब मारना-पीटना; दूसरे की बात बिना सुने अपनी बात बराबर कहते जाना; कोई काम लगातार करते जाना।
धुरंधर (हि.सं.वि.)- जो सब में बहुत बड़ा, भारी या बली हो; भार उठानेवाला; श्रेष्ठ, प्रधान।
धुर (हि.पु.)- रथ या गाड़ी का धुरा, अक्ष; शीर्ष या उच्च स्थान; आरम्भ, शुरू; भार, बोझ; जूआ जो बैलों आदि के कंधों पर रखा जाता है। (सं.अव्य.)- न इधर, न उधर, बिलकुल ठीक; एकदम दूर।
धुलना (हि.क्रि.)- पानी से सा$फ या स्वच्छ किया जाना, धोया जाना।
धुलवाना (हि.क्रि.)- किसी को धोने में प्रवृत्त करना।
धुलाई (हि.स्त्री.)- धोने का काम या भाव; धोने की मज़दूरी।
धुलेंड़ी (हि.स्त्री.)-होली के दूसरे दिन होनेवाला हिन्दुओं का एक त्यौहार जिसमें परस्पर अबीर लगाते और रंग डालते हैं।

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