धी
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धींग (हि.पु.)- हट्टा-कट्टा मनुष्य। (वि.)- मज़बूत, ज़ोरावर; उपद्रवी, शरारती; पापी, कुकर्मी।धींगड़ा (हि.पु.)- हट्टा-कट्टा मनुष्य, मुस्टंडा।
धींगाधींगी (हि.स्त्री.)- शरारत, बदमाशी; उपद्रव; बल-प्रयोग।
धींगामुश्ती (हि.स्त्री.)- उपद्रव, पाजीपन; ज़बर्दस्ती लडऩा; हाथापाई। नोट- कुछ लोग 'धींगामस्तीÓ भी बोलते हैं, जो अशुद्घ उच्चारण है।
धी (हि.स्त्री.)- लड़की, बेटी।
धीजना (हि.क्रि.)- ग्रहण या स्वीकार करना, अंगीकार करना; संतुष्ट करना; पतियाना, विश्वास करना।
धीमा (हि.वि.)- मंदगति, धीरे चलनेवाला; साधारण से नीचा, मंद (स्वर); जो अधिक उग्र, तीव्र या प्रचण्ड न हो; जिसका ज़ोर या तेज़ी कम हो गई हो।
धीर (हि.पु.)- धीरज, धैर्य, मन की स्थिरता; संतोष, सब्र (पु.)- जिसमें धैर्य हो, दृढ़ और शान्त चित्तवाला; बलवान्; विनीत, नम्र; गम्भीर; मनोहर, सुन्दर; मन्द, धीमा।
धीरता (सं.स्त्री.)- चित्त की स्थिरता, मन की दृढ़ता; सब्र, सन्तोष; स्थिरता।
धीरा (सं.स्त्री.)- साहित्य में वह नायिका जो अपने नायक के शरीर पर पर-स्त्री-रमण के चिह्नï देखकर व्यंग्य से कोप प्रकाशित करे, ताने देका अपना क्रोध प्रकट करनेवाली नायिका।
धीराधीरा (सं.स्त्री.)- साहित्य में वह नायिका जो अपने नायक में पर-स्त्री-रमण के चिह्नï देखकर कुछ गुप्त (अप्रत्यक्ष) और कुछ प्रकट रूप से अपना क्रोध प्रकट करे।
धीरे (हि.क्रि.वि.)- आहिस्ता, मन्द या धीमी गति से; हलके या नीचे स्वर से; चुपके से।
धीवर (हि.पु.)- मछली पकडऩे और बेचने का व्यवसाय करनेवाली एक जाति, मछुआ, मल्लाह।
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