छी
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छींक (हि.स्त्री.)-नाक तथा मुँह से एकाएक वेग सहित निकलनेवाला वायु का झोंका।छींकना (हि.क्रि.अक.)-छींक निकालना।
छींट (हि.स्त्री.)-जलकण, सीकर; रंगीन बेल-बूटों का छपा हुआ कपड़ा।
छींटा (हि.पु.)-जलकण, सीकर; किसी द्रव्य-पदार्थ की छिटकी हुई बूँदें।
छीका (हि.पु.)-वस्तुओं को रखने का वह गोल जाल, जो रस्सियों से बना होता है और छत से लटका रहता है; जालीदार खिड़की या झरोखा; बैलों के मुँह पर बाँधा जानेवाला जाल, मुसीका; रस्सियों का बना झूलनेवाला पुल, झूला।
छीनना (हि.क्रि.सक.)-काटकर अलग करना; जबरदस्ती लेना; हरण करना; अनुचित रूप से अधिकार करना।
छीनाझपटी (हि.स्त्री.)-किसी वस्तु को छीनकर लेने की क्रिया या भाव।
छीलना (हि.क्रि.अक.)-छिलका या छाल उतारना; खुरचकर अलग करना।
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