नु
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नुअ़ास (अ.स्त्री.)-ऊँघ, तन्द्रा, $गुनूदगी।नुऊज़ (अ.पु.)-लिंगोत्थान, कामवेग से लिंग का खड़ा होना।
नुऊमत (अ.स्त्री.)-ताजग़ी, कोमलता।
नु$कत (अ.पु.)-'नुक़्त:Ó का बहु., नुक़्ते, बिंदियाँ, शून्य।
नु$कबा (अ.पु.)-'न$कीबÓ का बहु., अनेक चोबदार।
नु$कूद (अ.पु.)-'नक्दÓ का बहु., नक़्िदयाँ।
नु$कूल (अ.स्त्री.)-'नक़्लÓ का बहु., नक़्लें, प्रतिलिपियाँ।
नु$कूश (अ.पु.)-'नक़्शÓ का बहु., चित्र, रेखाएँ।
नुकूस (अ.पु.)-पीछे लौटना।
नुक़्त: (अ.पु.)-बिंदी, बिंदु, सिफ्ऱ, बँुदकी, चिह्नï, निशान। नोट-इसका 'तÓ उर्दू के 'तोयÓ अक्षर से बना है।
नुक्त: (अ.पु.)-तह की बात; सूक्ष्मता, बारीकी; मर्म, भेद, रहस्य; चुटकुला, लती$फा। नोट-इसका 'तÓ उर्दू के 'तेÓ अक्षर से बना है।
नुक़्त:गाह (अ.$फा.स्त्री.)-वृत्त के केन्द्र का बिन्दु।
नुक्त:चीन (अ.$फा.वि.)-आलोचक, ऐब ढँूढऩेवाला, मीन-मेख निकालनेवाला, छिद्रान्वेषी।
नुक्त:दाँ (अ.$फा.वि.)-कला-मर्मज्ञ, किसी कला-विशेष की बारीकी जाननेवाला; काव्य-मर्मज्ञ, शेÓर की बारिकियाँ समझनेवाला।
नुक्त:दानी (अ.$फा.स्त्री.)-मर्म और बारीकियाँ समझना।
नुक्त:नवाज़ (अ.$फा.वि.)-जऱा-सी बात पर प्रसन्न हो जानेवाला, आशुतोष; ईश्वर।
नुक्त:नवाज़ी (अ.$फा.स्त्री.)-जऱा-सी बात पर प्रसन्न हो जाना।
नुक्त:रस (अ.$फा.वि.)-दे.-'नुक्त:दाँÓ।
नुक्त:रसी (अ.$फा.स्त्री.)-दे.-'नुक्त:दानीÓ।
नुक्त:संज (अ.$फा.वि.)-दे.-'नुक्त:दाँÓ।
नुक्त:संजी (अ.$फा.स्त्री.)-दे.-'नुक्त:दानीÓ।
नुक़्तए इंतिख़्ााब (अ.पु.)-वह नुुक़्त: जो किसी शेÓर आदि के पसन्द आने पर किताब के हाशिए पर लगा देते हैं।
नुक़्तए त$कातोÓ (अ.पु.)-वह बन्दिु जहाँ पर दो सरल रेखाएँ एक-दूसरे को काटें।
नुक़्तए नौगुरेज़ (अ.पु.)-स्याही की वह बूँद जो लिखते समय का$गज़ पर टपक जाए।
नुक़्तए पर्कार (अ.$फा.पु.)-केन्द्र-बिन्दु, वृत्त का वह बिन्दु जहाँ से परिधि तक जितनी रेखाएँ खींची जाएँ सब बराबर हों।
नुक़्तए मु$काबिल (अ.पु.)-प्रतिद्वंद्वी, हरी$फ।
नुक़्तए मौहूम (अ.पु.)-वह बिन्दु जो इतना सूक्ष्म हो कि अटकल से ही समझा जा सके।
नुक़्तए शक (अ.$फा.पु.)-संदेह-बिन्दु।
नुक़्तए सुवैदा (अ.पु.)-वह काला तिल जो हृदय पर होता है।
नुक्ऱ: ($फा.पु.)-चाँदी, रजत।
नुक्ऱई ($फा.वि.)-चाँदी-जैसा (जैसी) उज्ज्वल; चाँदी का बना हुआ; चाँदी का मुलम्मा किया हुआ।
नुक़्ल (अ.पु.)-गज़क नामक एक मिठाई; मित्र-गोष्ठी में खाई जानेवाली चीज़; शराब के साथ खाई जानेवाली चीज़; लती$फा, चुटकुला।
नुक़्ल$फरोश ($फा.वि.)-गज़क बेचनेवाला।
नुक़्लेख़्वाज़: (अ.$फा.पु.)-एक प्रसिद्घ मेवा, चिरौंजी।
नुक़्ले मज्लिस (अ.पु.)-वह मिठाई जो मित्र-मण्डली में तफ्ऱीह के तौर पर खाई जाए; वह व्यक्ति जो सभा आदि में लोगों के मनोरंजन का विषय हो।
नुक़्ले मह$िफल (अ.पु.)-दे.-'नुक़्ले मज्लिसÓ।
नुक़्सान (अ.पु.)-क्षति, हानि, टोटा, ख़्ासारा; त्रुटि, कमी, ऐब; हरज, बाधा; तावान, दण्ड।
नुक़्सानदेह (अ.$फा.वि.)-हानिकर, नु$कसान पहुँचानेवाला।
नुक़्सानरसाँ (अ.$फा.वि.)-दे.-'नुक़्सानदेहÓ।
नुक़्साने अज़़ीम (अ.पु.)-बहुत बड़ी हानि, भारी नु$कसान।
नुक़्साने माय: (अ.$फा.पु.)-अर्थ-हानि, माली टोटा, माली नु$कसान।
नुख़्ााअ़: (अ.पु.)-बल$गम जो गले से निकले।
नुख़्ााअ़ (अ.पु.)-मेरुदंड, रीढ़ की हड्डी।
नुख़्ााल: (अ.पु.)-भूसी, तुष, चोकर।
नुख़्ाुस्त ($फा.वि.)-प्रथम, पहला।
नुख़्ाुस्तीं ($फा.वि.)-प्रथम, प्राथमिक, पहला।
नुजबा (अ.पु.)-'नजीबÓ का बहु., कुलीन लोग, शिष्ट और सभ्य लोग।
नुजूम (अ.पु.)-'नज़्मÓ का बहु., उडुगण, तारे; ज्योतिष, ज्योतिष-विज्ञान।
नुजूमदाँ (अ.$फा.वि.)-ज्योतिष-विज्ञान का ज्ञाता, ज्योतिषी, नुजूमी।
नुजूमी (अ.वि.)-ज्योतिषी।
नुज़ूल (अ.पु.)-उतरना, ऊपर से नीचे आना; सरकारी ज़मीन; आँखों का एक रो, मातियाबिंद।
नुज़ूलेइज्लाल (अ.पु.)-किसी बड़े आदमी का आगमन, किसी महान् व्यक्ति का पदार्पण।
नुज़ूलेमा (अ.पु.)-आँखों में पानी उतरने का रोग, मातियाबिंद।
नुजूलेवही (अ.पु.)-किसी अवतार को ईश्वरीय आदेश का ज्ञान होना, किसी पै$गम्बर पर ईश्वर का आदेश उतरना।
नुज्ज़ (अ.पु.)-पकना, श्सरीर में दूषित धातु या मवाद का पककर इस योग्य होना कि वह दवा के ज़ोर से बाहर निकल सके।
नुज्ज़ेकामिल (अ.पु.)-मवाद का पूरी तरह पककर इस योग्य हो जाना कि शरीर से निकाला जा सके।
नुज़्ल (अ.पु.)-आतिथ्य, मेहमानदारी।
नुज़्हत (अ.स्त्री.)-पवित्रता, पाकीजग़ी; श्रेष्ठता, उत्तमता, उम्दगी; दोष न होना, निरपराध; समृद्घि, ख़्ाुशहाली।
नुज़्हतकद: (अ.$फा.पु.)-दे.-'नुज़्हतगाहÓ।
नुज़्हतगाह (अ.$फा.स्त्री.)-क्रीड़ा-स्थल, सैर-तफ्ऱीह की जगह; सरसब्ज़ और हरा-भरा क्षेत्र।
नुज़्हते ख़्ाातिर (अ.स्त्री.)-चित्त की प्रसन्नता, प्रफुल्लता।
नुतूल (अ.पु.)-ओंटाए हुए दवाओं के पानी से शरीर के किसी अंग को धोना।
नुतुव्व (अ.पु.)-टल जाना, जगह से हट जाना।
नुतुव्वेरहिम (अ.पु.)-गर्भच्युति, गर्भाशय का अपनी जगह से हट जाना।
नुत्$क (अ.पु.)-वाक्-शक्ति, वाचन-शक्ति, गोयाई; शब्द, वाणी, बोली।
नुत्$फ: (अ.पु.)-संतान, औलाद; औरस, पुश्त; वीर्य, शुक्र, मनी।
नुत्$फए नातह्क़ीक़ (अ.$फा.पु.)-संकर, जारज, जिसके पिता का पता न हो।
नुद्ब: (अ.पु.)-मातम, शोक, रोना-पीटना, मृतक के लिए रोना; मातमी-शब्द, शोक-सूचक शब्द बोलना, मृतक के शोक में मातमी शेÓर पढऩा।
नुद्रत (अ.स्त्री.)-नयापन, नवीनता, नूतनता; अद्भुतता, विचित्रता, अजूबापन, अनोपनखा।
नु$फूज़ (अ.पु.)-अन्दर घुसनी, पैठना, सरायत करना; जारी होना, प्रचलित होना।
नु$फूस (अ.पु.)-'नफ़्सÓ का बहु., अनेक व्यक्ति, बहुत-से लोग।
नु$फूसे $कुद्सिय: (अ.पु.)-पवित्र मन के आदमी, पुनीतात्मा लोग, पाकनफ़्स लोग।
नु$फूसे सलास: (अ.पु.)-प्रायश्चित करनेवाला मन; सन्तुष्ट मन।
नुफ्ज़़: (अ.पु.)-वर्षा का छींटा।
नुफ़्$फाख़्ा: (अ.पु.)-बुलबुल, एक प्रसिद्घ चिडिय़ा।
नुबुव्वत (अ.स्त्री.)-पै$गम्बरी, नबी होना।
नुब्ल: (अ.पु.)-ढेला, जिससे इस्ंितजा (मूत्र करने के पश्चात् इंद्रिय को मिट्टी के ढेले से सा$फ करना ताकि मूत्र के छीटें कपड़ों को अपवित्र न करें) करते हैं।
नुमा ($फा.प्रत्य.)-दिखानेवाला, ज़ाहिर कानेवाला, जैसे-'राहनुमाÓ-रास्ता दिखानेवाला, पथ-प्रदर्शक; दिखाई पडऩेवाला; सदृश, समान, मानिन्द।
नुमाइंद: ($फा.पु.)-प्रतिनिधि, किसी व्यक्ति की जगह उसका दूत अथवा नाइब।
नुमाइंदए ख़्ाुसूसी (अ.पु.)-मुख्य प्रतिनिधि, किसी विशेष कार्य के लिए नियुक्त किया गया व्यक्ति-विशेष।
नुमाइंदगी ($फा.स्त्री.)-प्रतिनिधित्व, नियाबत।
नुमाइश ($फा.स्त्री.)-प्रदर्शनी, आम मेला; वह मेला अथवा प्रदर्शनी जिसमें किसी वस्तु-विशेष को सबके सामने पेश किया जाए, जैसे-'माबाइल $फोन की नुमाइशÓ; प्रदर्शन, दिखावा; सिंगार, सज्जा, सुसज्जा, सजावट, आराइश।
नुमाइशगाह ($फा.स्त्री.)-वह स्थान जहाँ नुमाइश लगी हो।
नुमाइशी ($फा.वि.)-नुमाइश अथवा प्रदर्शनी से सम्बन्ध रखनेवाला; दिखावटी, केवल देखने-भर का; जो बोदा और कमज़ोर हो तथा काम में न आ सके।
नुमायाँ ($फा.वि.)-प्रकट, आशकार, ज़ाहिर, व्यक्त; स्पष्ट, वाज़ेह।
नुमू (अ.स्त्री.)-उगना, बढऩा, विकसित होना।
नुमूद: ($फा.पु.)-देखा हुआ।
नुमूद ($फा.स्त्री.)-अस्तित्व, हस्ती, प्रकट, प्रकाशित; आविर्भाव, ज़ुहूर; धूम-धाम, तड़क-भड़क; ख्याति, प्रसिद्घि, शोहरत; उगना, निकलना, विकसित होना।
नुमूदन ($फा.स्त्री.)-देखना।
नुमूदार ($फा.वि.)-आविर्भूत, व्यक्त, ज़ाहिर; सरदार, अध्यक्ष, नायक।
नुमून: ($फा.पु.)-नमूना, बानगी; आकृति, नक़्शा; उदाहरण, मिसाल।
नुम्रूद ($फा.पु.)-एक अत्यन्त अत्याचारी राजा जो स्वयं को ईश्वर कहता था और उसी ने हज्ऱत इब्राहीम को आग के हवाले कराया था।
नुवेद ($फा.स्त्री.)-शुभ-सूचना, ख़्ाुशख़्ाबरी; निमंत्रण, बुलावा; दे.-'नवेदÓ, उर्दू में वही अकधक व्यवहृत है।
नुशूर (अ.पु.)-मरे हुए व्यक्तियों का $िकयामत (महाप्रलय) के दिन फिर से उठना।
नुशख़्वार ($फा.स्त्री.)-जुगाली।
नुसुक (अ.स्त्री.)-'नस्कÓ का बहु., प्रार्थनाएँ, इबादतें; बलि अथवा $कुर्बानियाँ।
नुसैरी (अ.पु.)-एक सम्प्रदाय जो हज्ऱत अ़ली को ईश्वर मानता है।
नुस्क (अ.स्त्री.)-पूजा, आराधना, प्रार्थना, इबादत; $कुर्बानी, बलि।
नुस्रत (अ.स्त्री.)-पृष्ठ-पोषण, हिमायत; सहायता, मदद; ताईद, समर्थन।
नुस्रतेह$क (अ.स्त्री.)-सत्य की शक्ति; ईश्वरीय सहायता।
नुह ($फा.वि.)-नव, नौ, सात और दो का योग।
नुहा$क (अ.पु.)-गधे की रेंकन।
नुहाम: (अ.स्त्री.)-चकवी।
नुहाम (अ.पु.)-चकवा।
नुहाल: (अ.पु.)-गेहूँ आदि की भूसी, दे.-'नुख़्ााल:Ó।
नुहास (अ.पु.)-ताम्र, ताँबा।
नुहासे अस्$फर (अ.पु.)-पीतल।
नुहुम ($फा.वि.)-नवम, नवाँ।
नुहूल (अ.पु.)-दुर्बलता, कमज़ोरी, शक्तिहीनता।
नुहूसत (अ.स्त्री.)-बदनसीबी, दुर्भाग्य का होना, बद$िकस्मती; अभिभूति, बे बरकती; अमंगल, जो शुभ न हो, नामुबारकी।
नुह्ज़त (अ.स्त्री.)-प्रस्थान, प्रयाण, कूच, रवानगी।
नुह्ज्त$फर्मा ($फा.वि.)-जानेवाला, कूच करनेवाला, प्रस्थायी।
नुह्बत (अ.स्त्री.)-लूटमार, ग़ारतगरी।
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