ख़्व
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ख़्वाँ ($फा.प्रत्य.)-पढऩेवाला, जैसे-'मीलादख़्वाँÓ-मीलाद पढऩेवाला, हज्ऱत मुहम्मद साहब का गुणगान करनेवाला।ख़्वाँ ($फा.पु.)-'ख़्वानÓ का लघुरूप, दे.-'ख़्वानÓ।
ख़्वाँच: ($फा.पु.)-छोटा दस्तरख़्वान, फेरीवाले का छीबा, खोनचा।
ख़्वाँच:$फरोश ($फा.पु.)-वह फेरीवाला, जो थाल में सौदा रखकर बेचता हो।
ख़्वाँद: ($फा.वि.)-शिक्षित, पढ़ाया हुआ; आहूत, निमंत्रित, बुलाया हुआ। 'नाख़्वाँद:Ó-अनपढ़, अशिक्षित; अनिमंत्रित, बिन बुलाया हुआ।
ख़्वाँद ($फा.स्त्री.)-शिक्षा, पढ़ाई, पढ़ंत।
ख़्वाँदगी ($फा.वि.)-पढऩा, पढ़ाई, पढ़ंत; परिषद् में किसी $कानून की पढ़ाई।
ख़्वाँदनी ($फा.स्त्री.)-पाठ्य, पढऩे योग्य।
ख़्वाज: (तु.पु.)-स्वामी, पति, मालिक; सरदार; सम्पन्न व्यक्ति; हिजड़ा, जो प्राय: महलों में सेवा के लिए रखे जाते हैं।
ख़्वाज़: ($फा.स्त्री.)-मनोकामना, इच्छा, ख़्वाहिश।
ख़्वाज़:गर ($फा.वि.)-चाहनेवाला, ख़्वाहिशमंद, इच्छुक।
ख़्वाज:ताश (तु.वि.)-एक स्वामी के दास, जो आपस में ख़्वाज:ताश कहलाते हैं; एक मालिक के नौकर।
ख़्वाज:सरा (तु.$फा.पु.)-महल का रखवाला; जऩाना, नरदारा, हिजड़ा; शिखण्डी।
ख़्वाजगान ($फा.पु.)-'ख़्वाज:Ó का बहु., स्वामी, मालिक, सरदार।
ख़्वाजा (तु.पु.)-दे.-'ख़्वाज:Ó, वही शुद्घ है।
ख़्वातीन (तु.स्त्री.)-'ख़्ाातूनÓ का बहु., सभ्य और शिष्ट स्त्रियाँ, कुलीन महिलाएँ।
ख़्वान ($फा.पु.)-चंगेर, थाल, टे्र, खाने से भरा हुआ थाल।
ख़्वानचा ($फा.पु.)-(यह संस्कृत के 'खोनचाÓ शब्द का ही बदला हुआ रूप है)-खोनचा, वह थाल या परात जिसमें रखकर मिठाई आदि बेचते हैं।
ख़्वानपोश ($फा.पु.)-ख़्वान अथवा थाल पर ढँकने का कपड़ा आदि। कहा.-'ख़्वानपोश पाक, खोलके देखो तो ख़्ााकÓ-ऊपरी तड़क-भड़क (ऊँची दूकान, फीका पकवान के अर्थ में)।
ख़्वान सालार ($फा.पु.)-रसोइया, पाचक, बावर्ची।
ख़्वाना ($फा.वि.)-पुकारनेवाला, बुलानेवाला, आवाज़ देने वाला।
ख़्वानिंद: ($फा.वि.)-पुकारनेवाला, आवाज़ देनेवाला, बुलाने वाला; शिक्षा देनेवाला, शिक्षक, पढ़ानेवाला।
ख़्वानी ($फा.पु.)-ख़्वान से सम्बन्धित; पढऩे की क्रिया या भाव, जैसे-'$कुर्आनख़्वानीÓ-$कुर्आन पढऩा।
ख़्वाने करम ($फा.पु.)-दान में दिया जानेवाला भोजन।
ख़्वाने निअ़मत ($फा.पु.)-स्वादिष्ठ भोजन का थाल।
ख़्वाने यग़्मा (अ़.पु.)-लूटा हुआ भोजन।
ख़्वाब ($फा.पु.)-स्वप्न, स्वाप, सोने की क्रिया; स्वप्न जो सोते में दिखाई दें। 'रात-भर खेला जो मुझसे ख़्वाब-सा वो कौन था, आप गर सच में नहीं थे, आप-सा वो कौन थाÓ-माँझी
ख़्वाबआलूद: ($फा.वि.)-नींद में भरा हुआ, जिसमें नींद भरी हो (आँख)।
ख़्वाबआवर ($फा.वि.)-निद्राकर, निद्राकारक, नींद लाने वाली औषधि आदि।
ख़्वाबगह ($फा.स्त्री.)-'ख़्वाबगाहÓ का लघुरूप, दे.-'ख़्वाब -गाहÓ।
ख़्वाबगाह ($फा.स्त्री.)-शयनकक्ष, सोने का कमरा।
ख़्वाबनोशीं ($फा.पु.)-मीठी नींद।
ख़्वाबनीदन ($फा.क्रि.)-सुलाना, शयन करना।
ख़्वाबिंद: ($फा.स्त्री.)-सोता हुआ, सुप्त।
ख़्वाबिस्तान ($फा.पु.)-शयनकक्ष, सोने का कमरा।
ख़्वाबीद: ($फा.स्त्री.)-सोने और नींद लेने का भाव, सोने की दशा। 'ख़्वाबीद: इस शहर को ऐसे झिंझोड़कर, क्यों जा रहे हो बात अधूरी-सी छोड़करÓ-विनीता गुप्ता
ख़्वाबीदगी ($फा.वि.)-सोने के योग्य।
ख़्वाबीदन ($फा.क्रि.)-शयन करना, सोना।
ख़्वाबीदा ($फा.स्त्री.)-दे.-'ख़्वाबीद:Ó, वही शुद्घ है।
ख़्वाबे ख़्ारगोश ($फा.पु.)-$फरेब, धोखा, छल; गहरी नींद।
ख़्वाबे गफ़्लत (अ.$फा.पु.)-गहरी नींद।
ख़्वाबे परीशाँ ($फा.पु.)-उचटती हुई नींद, ऐसी नींद जो बार-बार उचट जाए; ऐसा स्वप्न जिसका स्वप्नफल न जाना जा सके।
ख़्वाबे शीरीं ($फा.पु.)-मीठी नींद, गहरी नींद; सुन्दर स्वप्न।
ख़्वाबे सैयाद (अ़.$फा.पु.)-बनावटी नींद; छल, धोखा, $फरेब।
ख़्वाबो ख़्ायाल ($फा.पु.)-असत्य बातें, जो सि$र्फ विचारों में आएँ या सपनों में दिखाई दें।
ख़्वाबो ख़्ाोर ($फा.पु.)-सोना और खाना।
ख़्वार ($फा.वि.)-तिरस्कृत, अपमानित, ज़लील; बदहाल, दुर्दशाग्रस्त।
ख़्वारी ($फा.स्त्री.)-अनादर, अपमान, जि़ल्लत; बदहाली, दुर्दशा।
ख़्वाल ($फा.पु.)-भोजन, खाना।
ख़्वालगर ($फा.वि.)-रसोइया, बावर्ची।
ख़्वालगीर ($फा.वि.)-दे.-'ख़्वालगरÓ।
ख़्वास्त: ($फा.वि.)-चाहा हुआ, अपेक्षित, माँगा हुआ।
ख़्वास्त ($फा.स्त्री.)-अपेक्षा, चाह, माँग, सवाल; इच्छा, कामना, ख़्वाहिश।
ख़्वास्तगार ($फा.वि.)-इच्छुक, चाहनेवाला, माँगनेवाला।
ख़्वास्तगारी ($फा.स्त्री.)-कामना, चाह, इच्छा, ख़्वाहिश, तमन्ना; मँगनी, लगन, सगाई।
ख़्वास्तगी ($फा.स्त्री.)-कामना, इच्छा, माँग, चाह।
ख़्वास्तनी ($फा.वि.)-माँगने योग्य, चाहने योग्य।
ख़्वाह ($फा.प्रत्य.)-अच्छा लगनेवाला, आकांक्षी, इच्छुक, चाहनेवाला। जैसे-'दिलख़्वाहÓ-मन को भानेवाला, दिल को अच्छा लगनेवाला। (अव्य.)-या, चाहे, अथवा।
ख़्वाहमख़्वाह ($फा.क्रि.वि.)-चाहे इच्छा हो और चाहे न हो, ज़बरदस्ती, बेमतलब, बेकार, मजबूरी से; अवश्य, ज़रूर।
ख़्वाहर ($फा.स्त्री.)-बहन, भगिनी।
ख़्वाहरज़ाद: ($फा.पु.)-बहन का पुत्र, भान्जा।
ख़्वाहरज़ादी ($फा.स्त्री.)-बहन की पुत्री, भान्जी।
ख़्वाहरी ($फा.स्त्री.)-बहन के परिवार का, बहन के परिवार से सम्बन्धित।
ख़्वाहाँ ($फा.वि.)-कामना करनेवाला, चाहनेवाला, इच्छुक, अभिलाषी; माँगनेवाला, याचक।
ख़्वाहिंद: ($फा.वि.)-कामना करनेवाला, चाहनेवाला, इच्छुक; माँगनेवाला, याचक।
ख़्वाहिश ($फा.स्त्री.)-कामना, चाह, इच्छा, तलब; लालसा, उत्कंठा।
ख़्वाहिशमंद ($फा.वि.)-अभिलाषी, चाहनेवाला, इच्छुक।
ख़्वाहिशात ($फा.स्त्री.)-'ख़्वाहिशÓ का बहु., कामनाएँ, इच्छाएँ, चाहतें, अभिलाषाएँ।
ख़्वाहीद: ($फा.वि.)-वांछित, चाहा हुआ, अभीप्सित।
ख़्वाहीदनी ($फा.वि.)-माँगने योग्य, चाहने योग्य।
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