पा
पाँज़द: ($फा.वि.)-पन्द्रह की संख्या; पन्द्रह वस्तुएँ।पाँज़दहुम ($फा.वि.)-पन्द्रहवाँ, चौदह के बादवाला।
पा ($फा.पु.)-पाँव, पद, चरण, पग।
पाअंदाज़ ($फा.पु.)-वह टाट या चटाई आदि जो घर के दरवाज़े पर पाँव पोंछने के लिए पड़ी रहती है।
पाअफ्ऱाज़ ($फा.पु.)-जूता, पादुका।
पाअफ़्शार ($फा.पु.)-लकड़ी का जूता, खड़ाऊँ, पादुका, चट्टी।
पा अ़लमख़्वा ($फा.वि.)-वह व्यक्ति जो मुहर्रम के दिनों में अ़लम (इस्लामी झण्डा) के नीचे खड़ा होकर मर्सिया पढ़ता है।
पाइंद: ($फा.पु.)-अमर, अनश्वर, नित्य, हमेशा रहनेवाला; स्थायी, पाएदार।
पाइंद:बाद ($फा.वा.)-एक आशीर्वचन, 'अमर रहो, हमेशा रहोÓ; अमर रहे, हमेशा रहे, जि़न्द:बाद, चिरंजीवी।
पाइंदगी ($फा.स्त्री.)-कभी न मरने का भाव; स्थायित्व, इस्ति$कलाल, पाएदारी; नित्यता, हमेशगी।
पाइँ ($फा.वि.)-'पाईनÓ का लघुरूप, दे.-'पाईनÓ।
पाईकोह ($फा.पु.)-पहाड़ की तराई।
पाइँपरस्ती ($फा.स्त्री.)-दासता, गुलामी, ख़्िादमतगारी।
पाइँबाग़ ($फा.पु.)-वह उद्यान जो मकान या कोठी से मिला हो, गृह-उद्याान, गृह-वाटिका।
पाईज़ ($फा.पु.)-पतझड़-ऋतु, वह मौसम जब पेड़ों से फूल-पत्ते आदि झड़ जाते हैं, ख़्िाजाँ का मौसम।
पाईद: ($फा.वि.)-पाएदार, स्थायी; ठहरा हुआ, दृढ़, स्थित।
पाईदनी ($फा.वि.)-ठहरने योग्य।
पाईन: (तु.पु.)-शीशा, दर्पण, मुकुर, आईना।
पाईन ($फा.वि.)-निचला, नीचेवाला; पिछला, आख़्िारी; (स्त्री.)-पाएँती, सिरहाने का विपरीत।
पाउफ़्ताद: ($फा.वि.)-पतित, गिरा हुआ; दु:खित, कष्टग्रस्त; विवश, लाचार, दीन, हीन।
पाउफ़्तादगी ($फा.स्त्री.)-पतन, गिराव; दु:ख का भाव, रंजीदगी; हीनता, विवशता, लाचारी।
पाएकार ($फा.पु.)-वह स्थान जहाँ किसी इमारत बनाने का मसाला इकट्ठा हो।
पाएकाश्त ($फा.पु.)-वह कृषक जो किसी अन्य गाँव की ज़मीन जोते हो।
पाएकुलाग़ ($फा.पु.)-लेखनी, $कलम; बहुत बुरी और टेढ़ी-मेढ़ी लिखावट।
पाएख़्ाुस्त ($फा.वि.)-दे.-'पाएमालÓ।
पाएगाह ($फा.स्त्री.)-घोड़ों का तवेला, अश्वशाला; किसी बड़े रईस या अ$फसर की ड्योढ़ी।
पाएच: ($फा.पु.)-पाजामे का वह भाग जो नीचे लटकता है।
पाएजाम: ($फा.पु.)-दे.-'पाजाम:Ó, दोनों शुद्घ हैं परन्तु वह अधिक $फसीह है।
पाएतख़्त ($फा.पु.)-शासन-केन्द्र, राजधानी, तख़्तगाह।
पाएतर्सा ($फा.पु.)-पानपात्र, शराब का प्याला।
पाएतोग़ (तु.पु.)-सेना आदि में झण्डा लेकर आगे चलनेवाले का पद।
पाएदान ($फा.पु.)-सभा में जूते उतारने का स्थान; गाड़ी, मोटर, रेल आदि के दरवाज़े का तख़्ता जिस पर पाँव रखकर चढ़ते हैं।
पाएदार ($फा.वि.)-अचल, स्थिर; दृढ़, मज़बूत; स्थायी, मुस्तकि़ल।
पाएपिस्त ($फा.वि.)-दे.-'पाएमालÓ।
पाएबंद ($फा.वि.)-दे.-'पाबंदÓ।
पाएमाल ($फा.वि.)-रौंदा हुआ, पाँव के नीचे मसला हुआ, पददलित, पदध्वस्त।
पाएरंज ($फा.पु.)-वह पुरस्कार जो एलची, दूत, पत्रवाहक अथवा अथिति को विदा करते समय सम्मानार्थ दिया जाए।
पाक ($फा.वि.)-निर्मल, पवित्र, मु$कद्दस; शुद्घ, ठीक; विशुद्घ, बिना मिलाचट का, निष्केवल, ख़्ाालिस; स्वच्छ, सा$फ; जिसमें कोई दोष न हो, निर्दोष, बे$कुसूर; सुरक्षित, मह$फूज़; निर्लिप्त, बेतअ़ल्लु$क।
पाकज़ाद ($फा.वि.)-शुद्घात्मा, स्वच्छ प्रकृतिवाला।
पाकतीनत (अ.$फा.वि.)-दे.-'पाकज़ादÓ।
पाकदामन ($फा.वि.)-सदाचारी पुरुष; सती व साध्वी स्त्री।
पाकदामानी ($फा.स्त्री.)-नेकचलनी, सदाचार, सतीत्व।
पाकदिल ($फा.वि.)-शुद्घमनस्क, जिसके मन में खोट न हो, अंत:पवित्र।
पाकनजऱ (अ.$फा.वि.)-वह व्यक्ति जिसकी दृष्टिी में खोट न हो; वह व्यक्ति जिसकी दृष्टि बुराई पर न पड़े, समदर्शी।
पाकनिगाह ($फा.वि.)-दे.-'पाकनजऱÓ।
पाकनिहाद ($फा.वि.)-दे.-'पाकदिलÓ।
पाकनीयत (अ.$फा.वि.)-जो किसी की अमानत में ख़्िायानत न करे, दे.-'पाकदिलÓ।
पाकबाज़ ($फा.वि.)-सदाचारी, शुद्घ आचरणवाला।
पाकबाज़ी ($फा.स्त्री.)-सदाचार।
पाकबीं ($फा.वि.)-दे.-'पाकनजऱÓ।
पाकबीनी ($फा.स्त्री.)-केवल अच्छाई देखना, बुराई पर दृष्टि न डालना।
पाकरू ($फा.वि.)-स्वच्छ रूप, सुन्दर रूपवाला (वाली)।
पाकसिरिश्त ($फा.वि.)-शुद्घात्मा, सत्प्रकृति, शुद्घ विचारों-वाला सत्स्वभाववाला।
पाकार ($फा.पु.)-तहसील का प्यादा; सेवक, दास, ख़्िादमती; मज़दूर, श्रमिक; भंगी, मेहतर, जमादार।
पाकी ($फा.वि.)-शुद्घता, पवित्रता, निर्मलता, स्वच्छता; निर्दोषता; नीचे के बाल।
पाकीज़: ($फा.वि.)-निर्मल, शुद्घ, पवित्र, स्वच्छ।
पाकीज़:ख़्ायाल (अ.$फा.वि.)-सद्विचारवान्, अच्छे एवं शुद्घ विचारोंवाला।
पाकीज़:ख़्ाू ($फा.वि.)-सद्-स्वभाववाला, निर्मल या पवित्र प्रकृतिवाला।
पाकीज़:गौहर ($फा.वि.)-कुलीन, अच्छे कुलवाला।
पाकीज़:तीनत (अ.$फा.वि.)-पुनीतात्मा, सत्प्रकृति, अच्छे स्वभाववाला।
पाकीज़:नफ़्स (अ.$फा.वि.)-दे.-'पाकीज़:तीनतÓ।
पाकीज़:बूम ($फा.वि.)-पवित्र स्थान का वासी, अच्छे और पुनीत स्थल का रहनेवाला।
पाकीज़:मनिश ($फा.वि.)-दे.-'पाकीज़:तीनतÓ।
पाकीज़:शिअ़ार (अ.$फा.वि.)-शुद्घाचारी, शुद्घ आचरणवाला।
पाकीज़:सिरिश्त ($फा.वि.)-दे.-'पाकीज़:तीनतÓ।
पाकीज़:सीरत (अ.$फा.वि.)-दे.-'पाकीज़:तीनतÓ।
पाकीज़:सूरत (अ.$फा.वि.)-अच्छी सूरतवाला (वाली), सुन्दर, सुन्दरी।
पाकीजग़ी ($फा.स्त्री.)-स्वच्छता, पवित्रता, निर्मलता, शुद्घता।
पाकोब ($फा.वि.)-नर्तक, नाचनेवाला; नर्तकी, नाचनेवाली।
पाकोबी ($फा.स्त्री.)-नृत्य, नर्तन, नाचना।
पाख़्ाान: ($फा.पु.)-शौचालय, मल-त्याग का स्थान; पुरीष, गू, विष्ठा।
पागाह ($फा.स्त्री.)-दे.-'पाएगाहÓ।
पागिरिफ़्त: ($फा.वि.)-स्थावर, ठहरा हुआ, जो चल न सके।
पागीर ($फा.स्त्री.)-कुश्ती का ऐ दाँव।
पा$गुंद: ($फा.पु.)-धुनकी हुई रुई का गाला।
पा$गुर (अ.$फा.पु.)-पाँवों का एक रोग, पीलपा, श्लीपद।
पा$गोश ($फा.पु.)-गोता, डुबकी, निमज्जन।
पाचंग ($फा.पु.)-गवाक्ष, खिड़की, झरोखा; जूता, पदत्राण।
पाचक ($फा.स्त्री.)-सूखा गोबर, उपला, गोहा।
पाचक दश्ती ($फा.स्त्री.)-जंगल में पड़ा हुआ सूखा गोबर जो गोल उपले के आकार का होता है।
पाचराग़ ($फा.क्रि.)-एक पाँव पर खड़ा होना।
पाचाँ ($फा.पु.)-बरसाता हुआ, छिड़कता हुआ। दे.-'पाशाँÓ।
पाचाक ($फा.स्त्री.)-दे.-'पाचकÓ।
पाचाय: ($फा.पु.)-पेशाब-पाख़्ााना, गू-मूत्र।
पाचाल ($फा.पु.)-$ग$र्की, वह गड्ढ़ा जिसमें जुलाहे कपड़ा बुनते समय पाँव लटकाते हैं।
पाचाह: ($फा.पु.)-दे.-'पाचालÓ।
पाचिल: ($फा.पु.)-बर$फ पर चलने का जूता।
पाचुनार ($फा.पु.)-ईरान का एक नगर जहाँ के निवासी आचरण के दृष्टिकोण से बहुत-ही पतित होते हैं।
पाचुनारी ($फा.स्त्री.)-पाचुनार के निवासियों-जैसा, अधम, नीच, लो$फर, कमीना; सेवक, दास, ख़्िादमती।
पाज़ंग ($फा.पु.)-दे.-'पाचंगÓ।
पाज़ह्र ($फा.पु.)-दे.-'पादज़ह्रÓ।
पाज़ाज ($फा.स्त्री.)-बच्चा जनानेवाली स्त्री, धाय, दाया, दाई।
पाजाम: ($फा.पु.)-एक विशेष अधोवस्त्र, इज़ार।
पाजी ($फा.वि.)-नीच, कमीना, अधम, पामर; धूत्र्त, दुष्ट।
पाजी परस्त ($फा.पु.)-कमीनों और नीच लोगों को मान देनेवाला, दुष्ट लोगों की ख़्ाातिर करनेवाला।
पाज़ेब ($फा.स्त्री.)-पाँव में पहनने का आभूषण, नूपुर, अंदुक।
पात ($फा.पु.)-चौकी, तख़्त।
पाताब: ($फा.पु.)-जूते के भीतर का तला; मौज़े के ऊपर पहनने का कपड़े का जूता-जैसा खोल।
पातिल: ($फा.पु.)-पतीला, चौड़े मुँह का देगनुमा देगचा।
पातुराब ($फा.वि.)-यात्रा के समय इस विचार से कि शुभ मुहूर्त खण्डित न हो, एक स्थान से दूसरे स्थान पर चले जाना, चाहे वह स्थान थोड़ी ही दूरी पर क्यों न हो।
पादंग ($फा.स्त्री.)-धान आदि कूटने की ढेकली।
पादज़ह्र ($फा.पु.)-विषनाशक एक औषधि।
पादरगिल ($फा.वि.)-दे.-'पाबगिलÓ।
पा दर रिकाब ($फा.वि.)-दे.-'पा ब रिकाबÓ।
पा दर हवा ($फा.वि.)-निराधार, बेबुनियाद; काल्पनिक, ख़्ायाली; अ$फवाह।
पादशह ($फा.पु.)-'पादशाहÓ का लघुरूप, दे.-'पादशाहÓ।
पादशाह ($फा.पु.)-राजा, नरेश, बादशाह, सम्राट्।
पादशाहज़ाद: ($फा.पु.)-राजकुमार, शाहज़ादा, राजा का बेटा, बादशाह का पुत्र।
पादशाही ($फा.स्त्री.)-सत्ता, सल्तनत, राज्य; शासन, हुकूमत; बादशाह-सम्बन्धी, बादशाह का।
पादस्त ($फा.पु.)-हथ-उधार, दस्ती, वह धन जो तुरन्त अदा करने के लिए लिया जाए।
पादाम ($फा.वि.)-जाल में बँधा हुआ पक्षी आदि।
पादारी ($फा.स्त्री.)-मज़बूती, स्थिरता।
पादाश ($फा.स्त्री.)-बदला, प्रतिकार (इस शब्द का प्रयोग प्राय: बुरे बदले के लिए किया जाता है)।
पादाशन ($फा.स्त्री.)-दे.-'पादाशÓ।
पादाशेअ़मल (अ.$फा.स्त्री.)-कर्मफल, काम का प्रतिकार अथवा बदला; कर्मदण्ड, पाप की सज़ा।
पादाशे जुर्म (अ.$फा.स्त्री.)-अपराध का दण्ड, पाप की सज़ा।
पान: ($फा.स्त्री.)-आरे से लकड़ी चीरते समय दराज़ में लगाया जानेवाला पच्चर।
पान ($फा.पु.)-एक प्रसिद्घ पत्ता जो चूना-कत्था लगाकर खाया जाता है।
पानदान ($फा.पु.)-पान रखने की पिटारी।
पापयाद: ($फा.वि.)-पैदल चलनेवाला, पैदल।
पापा ($फा.पु.)-ईसाइयों का बड़ा पादरी।
पापाए रोम ($फा.पु.)-रोम का बड़ा पादरी जो सारे संसार के रोमन कैथलिक पादरियों पर शासन करता है।
पापियाद: ($फा.वि.)-दे.-'पापयाद:Ó, दोनों शुद्घ हैं।
पापोश ($फा.स्त्री.)-पादत्र, जूता, पादुका।
पापोशकार ($फा.वि.)-जूते बनानेवाला, मोची, पादुकाकार।
पापोशकारी ($फा.स्त्री.)-जूते बनाने का काम, मोची-कर्म; जूते पडऩा, किसी की जूते से मरम्मत।
पाबंद ($फा.वि.)-वचनबद्घ, जिसने ज़बान दी हो; समय या नियम का पालन करनेवाला; विवश, लाचार; बाध्य, मजबूर; बन्दी, गिरिफ़्तार।
पाबंदी ($फा.स्त्री.)-वचनबद्घता, $कौल-$करार; समय आदि में नियमबद्घता; बाध्यता, मजबूरी।
पाबंदे ज़ंजीर ($फा.वि.)-ज़ंजीर में बँधा हुआ, जिसके पाँवों में ज़ंजीर पड़ी हो।
पाबंदे सलासिल (अ.$फा.वि.)-दे.-'पाबंदे ज़ंजीरÓ।
पा ब गिल ($फा.वि.)-दलदल में फँसा हुआ; विवश, लाचार; किंकर्तव्यविमूढ़, हक्का-बक्का।
पा ब ज़ंजीर ($फा.वि.)-पाँव में ज़ंजीर पड़ी हुई; $कैदी, बन्दी; विवश, लाचार, मजबूर। 'पा ब ज़ंजीर हूँ कोई चाँदनी उकसाती है, हो सके तीरगी-ए-शब में छिपा लो मुझको, काम आऊँगा दबे पाँव गुजऱनेवालो, मैं गए वक़्त का पत्थर हूँ उठा लो मुझकोÓ-माँझी
पा ब जूलाँ ($फा.वि.)-$कैदी, बन्दी, पाँव में बेड़ी पड़ी हुई।
पा ब रकाब ($फा.वि.)-रकाब पर पैर रखे हुए, चलने को तैयार। दे.-'पा ब रिकाबÓ, वह उच्चारण अधिक शुद्घ है।
पा ब रजा ($फा.वि.)-एक स्थान पर पाँव जमाए हुए, डटा हुआ, साबित$कदम, दृढ़निश्चय।
पा बरह्न: ($फा.वि.)-पादुकाहीन, नंगे पाँव; पुराना, जिस पर एक साल बीत गया हो।
पा ब रिकाब ($फा.वि.)-रिकाब में पाँव डाले हुए; चलने को तैयार; मरने के लिए तैयार, मरणासन्न।
पाबर्हन: ($फा.वि.)-दे.-'पा बरह्न:Ó, दोनों शुद्घ हैं।
पाबस्त: ($फा.वि.)-पाँव बँधा हुआ, बन्दी, गिरिफ़्तार।
पाबस्त ($फा.वि.)-बन्दी, $कैदी; प्रतीक्षक, मुंतजिऱ; दृढ़, मज़बूत; न्यास, नींव।
पाबस्तन ($फा.पु.)-प्रतीक्षा करना; $कैद करना।
पाबिरंजन ($फा.स्त्री.)-पाज़ेब, नूपुर।
पाबोस ($फा.वि.)-पाँव चूमनेवाला, पदचुम्बक, (पु.)-पाँव चूमना, पद-चुम्बन।
पाबोसी ($फा.स्त्री.)-पाँव चूमना, पद-चुम्बन।
पामर्द ($फा.वि.)-साहसी, उत्साही, बाहिम्मत; बहादुर, शूर, वीर; सहायक, मददगार।
पामर्दी ($फा.स्त्री.)-शूरता, बहादुरी; उत्साह, हिम्मत; मदद, सहायता।
पामाल ($फा.वि.)-पद-दलित, पाँव-तले रौंदा हुआ; मुसीबत का मारा हुआ, दुर्दशाग्रस्त, विपदा-ग्रस्त।
पामाली ($फा.स्त्री.)-पद-दलित करना, पाँव-तले मसला जाना; दु:ख से दलित होना।
पामाले $गम ($फा.वि.)-कष्टों और दु:खों के भार से परास्त; प्रेम के दु:ख से आक्रांत।
पामुज़्द ($फा.स्त्री.)-वह मजदूरी जो पाँव द्वारा चल-फिरकर की जाए।
पा मोज़ ($फा.पु.)-एक कबूतर विशेष जिसके पंजे परों से छुपे रहते हैं; वह मु$र्गी जिसके पंजों पर पर होते हैं।
पायंद: ($फा.वि.)-दे.-'पाइंद:Ó, दोनों शुद्घ हैं।
पायंदगी ($फा.स्त्री.)-दे.-'पाइंदगीÓ, दोनों शुद्घ हैं।
पाय: ($फा.पु.)-स्तम्भ, खम्भा; पलंग का मचवा; पद, दरजा; मान, प्रतिष्ठा, इज़्ज़त।
पाय: ब पाय: ($फा.वि.)-क्रमश:, धीरे-धीरे, दर्ज: ब दर्ज:।
पाय:शनास ($फा.वि.)-किसी के मान-सम्मान, प्रतिष्ठा और $कद्र को पहचाननेवाला।
पायक ($फा.पु.)-संदेश-वाहक, दूत; हरकारा, पियादा; कर उगाहनेवाला कर्मचारी।
पायाँ ($फा.पु.)-'पायानÓ का लघुरूप, दे.-'पायानÓ।
पायान ($फा.पु.)-छोर, तट, किनारा; अन्त, अख़्ाीर; सिरा, छोर; इन्तिहा, पराकाष्ठा।
पायानेकार ($फा.पु.)-अन्तत:, आख़्िारकार।
पायाब ($फा.वि.)-उथला, जो गहरा न हो, गाध (पानी)।
पायाबी ($फा.स्त्री.)-उथलापन, गाधता, नदी-ताल आदि का पानी डुबाऊ न होना।
पार: ($फा.पु.)-अंश, भाग, हिस्सा; खण्ड, टुकड़ा; कण, रेज़:; जोड़, पैवन्द; उपहार, भेंट, तोह$फा; उत्कोच, रिश्वत।
पार:कार ($फा.वि.)-अधम, नीच, कमीना, लो$फर।
पार:कारी ($फा.स्त्री.)-अधमता, नीचता, कमीनगी।
पार:दोज़: ($फा.वि.)-पैवन्द लगानेवाला, थिगली लगानेवाला; मोची; ख़्ौम: सीनेवाला।
पार:दोज़ी ($फा.स्त्री.)-पैवन्द सीना, थिगली लगाना।
पार:पार: ($फा.वि.)-धज्जी-धज्जी, टुकड़े-टुकड़े, पुजऱ्े-पुजऱ्े।
पार ($फा.पु.)-पिछला साल, गत वर्ष।
पारए नाँ ($फा.पु.)-रोटी का टुकड़ा।
पारगान: ($फा.पु.)-गवाक्ष,खिड़की, झरोखा; पसंगा, तराज़ू का पासंग; ख्याति, यशोगान। दे.-'पालगान:Ó।
पारगीं ($फा.पु.)-प्राचीनता, पुरानापन; फटा-पुरानापन।
पारगी ($फा.स्त्री.)-वह कुण्डी जिसमें घर और रसोईघर का पानी इकट्ठा हो।
पारच: ($फा.पु.)-दे.-'पार्च:Ó।
पारदुम ($फा.स्त्री.)-दे.-'पार्दुमÓ।
पारसंग ($फा.पु.)-पासंग, तराज़ू का पसंगा।
पारसा ($फा.वि.)-दे.-'पार्साÓ, वही शुद्घ उच्चारण है। पर्हेजग़ार, शुद्घ आचरणवाला, ईश्वर-सेवी; दुष्कर्मों से बचनेवाला, सदाचारी।
पारसाई ($फा.स्त्री.)-दे.-'पार्साईÓ, शुद्घ उच्चारण वही है, सदाचरण, नेकी, धर्म-निष्ठा।
पारसाल ($फा.पु.)-पिछला वर्ष, गत वर्ष; अगला साल, आगामी वर्ष।
पारार ($फा.पु.)-त्योरुस, पिछला तीसरा वर्ष।
पारिकाबी ($फा.स्त्री.)-किंचित्, बहुत थोड़ी मात्रा।
पारीद: ($फा.वि.)-फटा हुआ, टुकड़े हुआ, अलग-अलग।
पारीदन ($फा.पु.)-उडऩा, पर्वाज़ करना।
पारीन: ($फा.वि.)-पुराना, पुरातन।
पारोब ($फा.स्त्री.)-वह लकड़ी जिससे घोड़े के सुमों की लीद छुड़ाते हैं।
पार्गीं ($फा.पु.)-दे.-'पारगींÓ, दोनों शुद्घ हैं।
पार्गी ($फा.स्त्री.)-दे.-'पारगीÓ, दोनों शुद्घ हैं।
पार्च: ($फा.पु.)-वस्त्र, लिबास; वसन, कपड़ा।
पार्च:$फरोश ($फा.वि.)-कपड़ा बेचनेवाला, बजाज।
पार्च:$फरोशी ($फा.स्त्री.)-कपड़ा बेचने का काम।
पार्च:बाफ़ ($फा.वि.)-कपड़ा बुननेवाला, जुलाहा, कोरी।
पार्च:बाफ़ी ($फा.स्त्री.)-कपड़ा बुनने का काम।
पार्दुम ($फा.स्त्री.)-घोड़े की ज़ीन की दुमची।
पार्सा: ($फा.पु.)-भिक्षुक, भिखारी, $फ$कीर, मँगता।
पार्स ($फा.पु.)-एक प्रसिद्घ देश ईरान, पारस।
पार्सा ($फा.वि.)-इन्द्रिय-निग्रही, संयमी, ज़ाहिद।
पार्साई ($फा.स्त्री.)-इन्द्रिय-निग्रह, संयम, पर्हेजग़ारी।
पार्सी ($फा.पु.)-ईरान की प्राचीन अग्नि-पूजक जाति, जो अब भारत में आबाद है; ईरान की भाषा, $फारसी।
पालगान: ($फा.पु.)-पसंगा, तराज़ू का पासंग; गवाक्ष, खिड़की, झरोखा, दरीच:; ख्याति, शोहरत। दे.-'पारगान:Ó।
पालग्ज़़ ($फा.पु.)-फिसलन, ऐसा स्थान जहाँ पाँव फिसल जाए; ऐसा अवसर जहाँ दोष या पाप हो जाए; पाँव फिसलना; अपराध, पाप; दोष, $कुसूर; बुराई, ख़्ाराबी।
पालहंग ($फा.पु.)-घोड़े की बागडोर।
पाला ($फा.पु.)-कोतल घोड़ा।
पालाइश ($फा.स्त्री.)-स$फाई, माजऱ्न।
पालाईद: ($फा.वि.)-सा$फ किया हुआ, मार्जित।
पालान ($फा.पु.)-गधे या टट्टू की पीठ पर डालने का टाट आदि।
पालानी ($फा.वि.)-वह घोड़ा जिससे बोझ ढोने का काम लिया जाता है, लद्दू।
पालानेख़्ार ($फा.पु.)-गधे की पीठ पर डाला जानेवाला टाट।
पालीद: ($फा.वि.)-सा$फ किया हुआ, मार्जित; ढूँढ़ा हुआ, गवेषित।
पालूद: ($फा.वि.)-सा$फ किया हुआ, मार्जित; (पु.)-एक पेय, $फालूद:।
पालून: ($फा.पु.)-छानने का कपड़ा, सा$फी, छननी।
पालेज़ ($फा.स्त्री.)-तरबूज़ या ख़्ारबूज़े का खेत।
पालोश ($फा.पु.)-वह कपूर जो कृत्रिम हो।
पावरक़ (अ.$फा.पु.)-पुस्तक के पन्ने के अन्त में लिखा हुआ अन्तिम अक्षर जो अगले पन्ने पर लिखा जाए। (जब किताब के पन्नों पर नम्बर नहीं पड़ते थे, उस समय ऐसा लिखा जाता था)।
पाशंग ($फा.पु.)-वह ककड़ी आदि जो बीज के लिए छोड़ दी जाए। दे.-'पाहंगÓ।
पाश ($फा.प्रत्य.)-छिड़कनेवाला, जैसे-'गुलाबपाशÓ-गुलाब छिड़कनेवाला; फैलानेवाला, जैसे-'जिय़ापाशÓ-प्रकाश अथवा रोशनी फैलानेवाला।
पाश पाश ($फा.वि.)-चूर-चूर, टुकड़े-टुकड़े।
पाशाँ ($फा.वि.)-ऐसी लिखावट जिसमें अक्षर दूर-दूर हों; छिड़कता हुआ, फैलाता हुआ।
पाशा (तु.पु.)-एक उपाधि जो तुर्की में बड़े अधिकारियों को दी जाती है; गवर्नर, राजपाल, वजीर।
पाशिंद: ($फा.वि.)-छिड़कनेवाला, फैलानेवाला।
पाशिकस्त: ($फा.वि.)-जो कोई चलने-फिरने में असमर्थ हो, जिसके पाँव टूटे हों; विवश, लाचार।
पाशीद: ($फा.वि.)-बिखेरा हुआ, छिड़का हुआ।
पाशीदनी ($फा.वि.)-बिखेरने योग्य, छिड़कने योग्य।
पाशोय: ($फा.पु.)-दवाओं के पानी से रोगी के पाँव धोना अथवा दवाओं की बुकनी पाँवों पर मलना।
पाश्न: ($फा.स्त्री.)-एड़ी।
पाश्न:कोब ($फा.वि.)-पीछे दौडऩेवाला, पीछा करनेवाला, तअ़ा$कुब करनेवाला।
पाश्न:कोबी ($फा.स्त्री.)-पीछा करना, भागते हुए को पकडऩे के लिए उसके पीछे दौडऩा, तअ़ा$कुब करना।
पास: ($फा.पु.)-अधीरता, आतुरता, बेचैनी; दु:ख, क्लेश, रंज।
पास ($फा.पु.)-प्रहर, एक पहर का समय; शील, संकोच, लिहाज़; रक्षा, हि$फाज़त; निगरानी, निरीक्षण।
पासक ($फा.स्त्री.)-जृभा, जँभाई।
पासताँ ($फा.वि.)-दे.-'पास्ताँÓ।
पासदार ($फा.वि.)-निगरानी करनेवाला, निरीक्षक; पक्षपाती, तर$फदार; हिमायती, पृष्ठ-पोषक; सहायक, मददगार।
पासदारी ($फा.स्त्री.)-निगरानी, निरीक्षण; पक्षपात, तर$फदारी; हिमायत, पृष्ठ-पोषण; मदद, सहायता।
पासबान ($फा.वि.)-निगरानी करनेवाला, निगराँ, निरीक्षक; द्वारपाल, ड्योढ़ीवान, दरबान, चौकीदार, रक्षक।
पासबानी ($फा.स्त्री.)-निगरानी, निरीक्षण, ड्योढ़ीबानी, रक्षा, चौकीदारी।
पासब्ज़ ($फा.वि.)-जिसका आगमन अशुभ और अनिष्टकर हो; अभिकर्ता, एजेंट, दलाल।
पासब्ज़ी ($फा.स्त्री.)-अकल्याण, अमंगल, नुहूसत।
पासिन ($फा.स्त्री.)-एड़ी।
पासीदन ($फा.पु.)-निगहबानी करना, सुरक्षा करना।
पासुख ($फा.पु.)-जवाब, उत्तर।
पासे अदब (अ.$फा.पु.)-किसी के मान-सम्मान और प्रतिष्ठा का ख़्ायाल, प्रतिष्ठा के अनुसार उसका आदर सत्कार।
पासे अन्$फास (अ.$फा.पु.)-मुसलमान सू$िफयों का एक योगाभ्यास, जिसमें उनके प्रत्येक श्वास के साथ 'अल्लाहÓ का शब्द उच्चरित होता है।
पासे आबरू ($फा.पु.)-प्रतिष्ठा का ख़्ायाल; सतीत्व रक्षा का ख़्ायाल।
पासे ख़्ाातिर (अ.$फा.पु.)-किसी को रुष्ट न करने के लिए उसका मन रखना।
पासे नमक ($फा.पु.)-नमकहलाली, स्वामिभक्ति, कृतज्ञता।
पासे नामूस (अ.$फा.पु.)-दे.-'पासे आबरूÓ।
पासोलिहाज़ (अ.$फा.पु.)-शील-संकोच, लिहाज़, मुरब्बत।
पास्ताँ ($फा.वि.)-'पास्तानÓ का लघुरूप, दे.-'पास्तानÓ।
पास्तान ($फा.वि.)-प्राचीन, पुराना, पुरातन।
पास्तानी ($फा.वि.)-पुराने समय का, प्राचीनकाल का।
पाहंग ($फा.पु.)-दे.-'पाशंगÓ।
No comments:
Post a Comment