Wednesday, October 14, 2015


  दु

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दुंद ($फा.पु.)- जमालगोटा।
दुंब: ($फा.पु.)- एक प्रकार का मेढ़ा जिसकी पूँछ पर चर्बी की बड़ी-सी चकत्ती होती है, मेदपुच्छ।
दुंब ($फा.स्त्री.)- दुम, पूँछ, पुच्छू।
दुंबल ($फा.पु.)- फोड़ा, व्रण।
दुंबाल: ($फा.पु.)- पँूछ, दुम; पूँछ जैसी कोई चीज़; पूँछ के आकार का।
दुंबाल:दार ($फा.वि.)- दुमछल्लेवाला, जिसमें पुछल्ला लगा हो; जिसमें लम्बी नोक निकली हो।
दुंबाल ($फा.पु.)- पूँछ, दुम, पशुओं की पूँछ, पशु-पुच्छ।
दुअ़म्ली (अ.$फा.स्त्री.)- दो प्रकार का शासन, कहीं कोई $कानून तो कहीं कोई दूसरा $कानून; दो शासकों का राज, एक का कुछ आदेश तो दूसरे का कुछ और आदेश।
दुअस्प: ($फा.पु.)- शीघ्र गति, तेज़ रफ़्तारी।
दुअ़ा (अ.स्त्री.)- ईश्वर से किसी चीज़ की प्रार्थना; धार्मिक मंत्र, वज़ी$फा वगैरह; कीर्तन, स्तुति।
दुअ़ा $कुनूत (अ.स्त्री.)- एक दुअ़ा जो रात को नमाज़ में पढ़ी जाती है।
दुअ़ाए ख़्ौर (अ.स्त्री.)- वह दुअ़ा जो किसी की भलाई के लिए की जाए।
दुअ़ाए दौलत (अ.स्त्री.)- किसी की उन्नति और समृद्घि के लिए ईश्वर से प्रार्थना।
दुअ़ा गो (अ.पु.)- दुअ़ा देनेवाला, दुअ़ा करनेवाला, शुभ-चिन्तक।
दुआज़्द: ($फा.वि.)- द्वादश, बारह।
दुआज़्दहुम ($फा.वि.)- द्वादश, बारहवाँ।
दुआतश: ($फा.पु.)- दो बार खींचा हुआ अर$क, तेज़ अर$क।
दुआब: ($फा.पु.)- दो नदियों के बीच का क्षेत्र; गंगा और यमुना के मध्य का प्रदेश।
दुआलम (अ.$फा.पु.)- इह लोक और परलोक, लोक-परलोक, दुनिया व उक़्वा, दोआलम।
दुआश्यान: ($फा.पु.)- एक प्रकार का तम्बू जिसमें दो कमरे होते हैं।
दुकाँ ($फा.स्त्री.)- 'दुकानÓ का लघुरूप, दे.- 'दुकानÓ।
दु$का$क ($फा.वि.)- बारी$क, महीन; थोड़ा।
दुकान ($फा.स्त्री.)- वस्तुओं की बिक्री करने का स्थान, सौदा बेचने की जगह, पण्यशाला।
दुकानच: ($फा.पु.)- छोटी दुकान।
दुकानदार ($फा.पु.)- दुकान में रखकर वस्तुएँ बेचनेवाला; पेशावर; किसी बात पर दुकानदारों की तरह मोल-भाव करनेवाला।
दुकानदारी ($फा.स्त्री.)- दुकान में रखकर वस्तुएँ बेचने का कार्य; किसी विषय में मोल-भाव करना।
दुकास ($फा.स्त्री.)- ऊँघ, नींद।
दुकुन ($फा.पु.)- श्यामवर्णी होना, काला होना।
दुकौन (अ.$फा.पु.)- दोनो लोक, लोक-परलोक।
दुक़्$क: ($फा.पु.)- धूल, गुबार।
दुख़्ाान (अ.पु.)- धुआँ, धूम; वाष्प, भाप।
दुख़्ाानी (अ.वि.)- भाप और ताप से चलनेवाला, आग और भाप से चलनेवाला, जैसे- 'दुख़्ाानी जहाज़Ó- भाप से चलनेवाला जहाज़।
दुख़्ाूल (अ.पु.)- घुसना, अन्दर जाना, प्रवेश करना।
दुख़्त ($फा.स्त्री.)- 'दुख़्तरÓ का लघुरूप, दे.- 'दुख़्तरÓ।
दुख़्तर ($फा.स्त्री.)- लड़की, पुत्री, बेटी, कन्या।
दुख़्तरे अंगूर ($फा.स्त्री.)- अंगूर की बेटी, अंगूर से बनी शराब, अंगूरी मदिरा।
दुख़्तरे आफ़्ताब ($फा.स्त्री.)- लाल मदिरा, सुख्ऱ्ा रंग की शराब।
दुख़्तरे ख़्ाान: ($फा.स्त्री.)- बिन ब्याही लड़की, कुमारी, क्वाँरी कन्या।
दुख़्तरे जौ ($फा.स्त्री.)- जौ की बेटी, जौ से बनी हुई शराब, यविरा, बीयर।
दुख़्तरे रज़ ($फा.स्त्री.)- अंगूर की बेटी अर्थात् अंगूर की मदिरा, अंगूर से बनी शराब।
दुख़्ते रज़ ($फा.स्त्री.)- दे.- 'दुख़्तरे रज़Ó।
दुख़्ते हव्वा (अ.$फा.स्त्री.)- हव्वा (हज्ऱत आदम की पत्नी) की लड़की अर्थात स्त्री-जाति।
दुख्ऩ: (अ.$फा.पु.)- चबेना (ज्वार, बाजरा, कोदों आदि अन्न)।
दुगान: ($फा.पु.)- वह फल जिसमें दो फल जुड़े हों, जुड़वाँ, जैसे- 'दुगान: आमÓ अर्थात् जुड़वाँ आम। एक पुरानी परम्परा के अनुसार अगर ऐसा फल किसी को धोखे से दे दिया जाता है तो वह उसके बदले में दो सौ फल देता है; शुक्राने की नमाज़ की दो रक्अ़तें (ज़मीन पर माथा टेकना )।
दुगून: ($फा.वि.)- दुगुना, दूना, दोचंद; दो प्रकार का, दो तरह का।
दुग़्द ($फा.स्त्री.)- दुल्हन, नववधु, वधु।
दुचंद ($फा.वि.)- दुगुना, दूना, दोचंद, द्विगुण।
दुचंदाँ ($फा.वि.)- दे.- 'दुचंदÓ।
दुचार ($फा.वि.)- साक्षात्, आमना-सामना, मुला$कात, भेंट।
दुचोब: ($फा.पु.)- दो बाँसोंवाला ख़्ोमा या तम्बू।
दुज़बाँ ($फा.वि.)- दो जिह्वïावाला, जिसकी दो ज़बानें हों अर्थात् कभी कुछ कहे तो कभी कुछ और या फिर किसी से कुछ कहे तथा किसी अन्य से कुछ और, दुमुँहाँ, मुना$िफ$क़ ।
दुजहाँ ($फा.पु.)- दो दुनिया अर्थात् लोक-परलोक, संसार आँर देवलोक, दुनिया और आख़्िारत।
दुजा (अ.पु.)- रात की अँधियारी।
दुज़ानू ($फा.वि.)- घुटनों के बल बैठने की मुद्रा।
दुज़ीन: ($फा.पु.)- दर्जन, बारह वस्तुओं का संग्रह।
दुजुर ($फा.स्त्री.)- लोबिया, एक तरकारी।
दुज़्द ($फा.पु.)- चोर, तस्कर।
दुजि़्दंद: ($फा.वि.)- चोरी करनेवाला, चुरानेवाला, तस्करी करनेवाला।
दुज़्दी ($फा.स्त्री.)- चोरी, चौर्य; चौर्य-कर्म, चोरी का पेशा।
दुज़्दीद: ($फा.वि.)- चुराया हुआ, चुराई हुई वस्तु।
दुज़्दीद:नज़री (अ.$फा.स्त्री.)- दे.- 'दुज़्दीद:निगाहीÓ।
दुज़्दीद:निगाही ($फा.स्त्री.)- कनखियों से देखना, तिरछी नज़रों से देखना।
दुज़्देशाहीं ($फा.पु.)- नज़र के सामने से चीज़ को उड़ा ले जानेवाला, शातिर चोर, महाचोर, पश्यतोहर।
दुज़्देहिना ($फा.पु.)- मेंहदी लगाते समय हाथ में एक छल्ला रख लेते हैं, जिससे हथेली पर एक गोल निशान बन जाता है, उसी को 'दुज़्दे हिनाÓ कहते हैं।
दुज्म: (अ.स्त्री.)- अँधेरा, अंधकार, तीरगी।
दुत$र्फ: ($फा.वि.)- दोनों तर$फ; इधरभी, उधर भी।
दुता ($फा.वि.)- दुहरा (दोहरा), झुका हुआ, ख़्ामीद:, जैसे- 'पुश्तेदुताÓ- झुकी हुई पीठ।
दुतार: ($फा.पु.)- एक प्रकार का बाजा जिसमें दो तार होते हैं।
दुदम ($फा.वि.)- दुधारी तलवार, दोहरी धारवाली तलवार।
दुदस्त: ($फा.वि.)- दोनों तर$फ, दुत$र्फा; इधर भी, उधर भी।
दुदस्ती ($फा.स्त्री.)- दोनों हाथों से तलवार चलाना; कुश्ती का एक दाँव।
दुदिल: ($फा.वि.)- जिसका मन एक बात पर जल्दी से न टिके, वहमी, भ्रमी; चिन्तित, $िफक्रमंद; दुमुँहाँ, मुना$िफ$क।
दुनीम ($फा.वि.)- आधा-आधा, दो टुकड़े।
दुन्यवी (अ.स्त्री.)- सांसारिक, संसार-सम्बन्धी; दुनिया का, दुनियावाला।
दुन्या (अ.स्त्री.)- दुनिया, जगत्, संसार, अ़ालम, मत्र्यलोक, मृत्युलोक; दुनिया के लोग, संसार-निवासी, पृथ्वीवासी।
दुन्याएदनी (अ.स्त्री.)- मोह-माया जैसी नीच प्रवृत्तियों वाला संसार, पापमय संसार, अधम और निकृष्ट संसार।
दुन्याएदूँ (अ.$फा.स्त्री.)- दे.- 'दुन्याएदनीÓ।
दुन्याए$फानी ($फा.स्त्री.)- नश्वर और विनाशकारी संसार।
दुन्यादार (अ.$फा.वि.)- दुनियादार, संसार के मोह में लिप्त; घर-गृहस्थीवाला; अवसरवादी, इब्नुल वक़्त।
दुन्यापरस्त ($फा.वि.)- दे.- 'दुन्यादारÓ।
दुन्या व माफ़ीहा (अ.स्त्री.)- संसार और संसार के भीतर की सब वस्तुएँ।
दुन्यावी (अ.वि.)- दे.- 'दुन्यवीÓ, बहुत से विद्वान 'दुन्यावीÓ को अशुद्घ मानते हैं।
दुन्यासाज़ (अ.$फा.स्त्री.)- चाटुकार, ज़ाहिरदार, मुँह पर झूठी और ख़्ाुशामद भरी बातें करनेवाला।
दुन्यासाज़ी (अ.$फा.स्त्री.)- चाटूकारिता, ज़ाहिरदारी, बनावट की बातें।
दुपल्का ($फा.पु.)- एक पत्थर जिससे अँगूठी बनती है, (उ.पु.)- एक प्रकार का नगीना; एक प्रकार की पतंग; एक प्रकार का कबूतर।
दुपाय: ($फा.वि.)- दो पैरोंवाला, दो टाँगोंवाला।
दुपार: ($फा.वि.)- द्विखण्ड, दो टुकड़े, दो टूक; टुकड़े-टुकड़े, फटा हुआ, विदीर्ण; खण्डित।
दुपियाज़: ($फा.पु.)- एक प्रकार का गोश्त जिसमें केवल पियाज़ (प्याज़) पड़ती है।
दुपैकर ($फा.वि.)- दुधारी तलवार; मिथुन राशि।
दु$फ (अ.पु.)- बड़ी डफली; डफ, दाइरा।
दु$फनवाज़ (अ.फा.पु.)- डफली बजानेवाला।
दु$फस्ली (अ.$फा.वि.)- दो पेड़ जो वर्ष में दो बार फल दे; वह भूमि जो साल में दो बार बोई जाए; दुटप्पी, गोल-मोल (बात)।
दुबार: ($फा.वि.)- दोबारा, फिर, पुन:; नए सिरे से, फिर से, दूसरी बार, दूसरी मर्तबा।
दुबार ($फा.पु.)- वृद्घ, बूढ़ा।
दुबाल (अ.स्त्री.)- खाद।
दुबाला ($फा.वि.)- दोगुना, दुगुना, दूना, दुचंद।
दुबुर (अ.स्त्री.)- पीछा, पीछे का भाग, पुश्त; गुदा, उपस्थ, मलद्वार।
दुबूर (अ.स्त्री.)- ततैया, भिड़।
दुब्ब ($फा.पु.)- रीछ, भालू।
दुब्बे अक्बर (अ.पु.)- उत्तरी ध्रुव के पास तारों से बनी हुई रीछ की दो आकृतियों में से बड़ी आकृति, सप्तर्षिमण्डल।
दुब्बे अस्$गर (अ.पु.)- उत्तरी ध्रुव के निकट कुछ तारों से मिलकर बनी हुई रीछ की दो आकृतियों में से छोटी आकृति, लघु सप्तर्षिमण्डल।
दुब्र (अ.स्त्री.)- दे.- 'दुबुरÓ।
दुमंजि़ल: (अ.$फा.पु.)- दोमंजि़ला, जिसके दो माले हों, दो मालेवाला घर।
दुमाह: ($फा.पु.)- दो महीने का वेतन।
दुम्मल (अ.पु.)- व्रण, फोड़ा।
दुरंगी ($फा.वि.)- दो रंग का; दो तरह के आचरण या व्यवहार वाला; कभी कुछ होना, कभी कुछ; कभी कुछ कहना और कभी कुछ।
दुर ($फा.पु.)- मोती, मुक्ता; रत्न, जौहर; कान का आवेज़:।
दुरअफ़्शाँ ($फा.वि.)- दे.- 'दुरफ़्शाँÓ।
दुरकाब: ($फा.पु.)- ऐसा ऊँचा घोड़ा जिस पर दो रकाबों की सहायता से ही चढ़ा जा सके।
दुरख़्ाु$फ ($फा.पु.)- भँवरा, भौंरा।
दुरख़्श ($फा.स्त्री.)- बिजली, विद्युत, चपला, चंचला, आकाशीय बिजली; ज्योति, रौशनी, प्रकाश।
दुरख़्शाँ ($फा.वि.)- ज्योतिर्मय, प्रकाशमान्, पुरनूर।
दुरगा ($फा.वि.)- दो$गला, वर्ण-संकर।
दुरदान: (अ.$फा.पु.)- मोती का दाना अर्थात् एक मोती।
दुरफ़्श ($फा.पु.)- वह तिकोना कपड़ा जो झण्डे के सिरे पर लगाते हैं और जो हवा में उड़ता रहता है।
दुरफ़्शाँ ($फा.वि.)- हिलता हुआ, लहराता हुआ।
दुरफ़्शाँ ($फा.वि.)- मोती लुटानेवाला, दानी, सख़्ाी; मधुरभाषी, ख़्ाुशगो।
दुरफ़्शानी ($फा.स्त्री.)- सखावत, दान-शीलता; मोती लुटाना।
दुरफ़्शे कावियानी ($फा.पु.)- ईरान के 'काव:Ó नामक लुहार का झण्डा, जिसमें उसने अपनी धोंकनी बाँधी थी और जिसके द्वारा उसने जनता को एकत्र करके $िफयानी राज्य को नष्ट किया था।
दुरबार ($फा.वि.)- मोतियों की वर्षा करने वाला, वदान्य, सखी, दानी; मधुर- भाषी, मृदुल-भाषी, ख़्ाुशबयाँ।
दुररेज़ ($फा.वि.)- दे.- 'दुरबारÓ।
दुराह: ($फा.पु.)- वह स्थान जहाँ दो रास्ते मिलते हों। 'पहले तय कर लें दुराहे से अभी दू हैं हम, मैं किधर जाऊँगा और आप किधर जाएँगेÓ- माँझी
दुरुख़्ा ($फा.पु.)- दो रुख़्ावाला, दोनों तर$फ, दुत$र्फा; दोमुँही, दुमँुहाँ, मऩा$िफ$क।
दुरुख़्श ($फा.स्त्री.)- दे.- 'दुरख़्शÓ, दोनों शुद्घ हैं।
दुरुख़्शाँ ($फा.वि.)- दे.- 'दुरख़्शाँÓ, दोनों शुद्घ हैं।
दुरुख़्िशंद: ($फा.वि.)- ज्योतिर्मय, चमकनेवाला।
दुरुख़्िशंदगी ($फा.स्त्री.)- ज्योति, चमक, आभा।
दुरुफ़्श ($फा.पु.)- दे.- 'दुरफ़्शÓ, दोनों शुद्घ हैं।
दुरुफ़्शाँ ($फा.वि.)- दे.- 'दुरफ़्शाँÓ, दोनों शुद्घ हैं।
दुरुश्त ($फा.वि.)- खुरदरा, खुर्रा; कठोर, सख़्त।
दुरुश्तख़्ाू ($फा.वि.)- सख़्त स्वभाववाला, रूखा, $फीका, जिसकी बोली में मिठास न हो।
दुरुश्त मिज़ाज (अ.$फा.वि.)- दे.- 'दुरुश्तख़्ाूÓ।
दुरुश्ती ($फा.स्त्री.)- कठोरता, खुर्रापन।
दुरुस्त ($फा.वि.)- संशोधित, शुद्घ, सही, ठीक; स्वस्थ, तन्दुरुस्त; सच, सत्य; उचित, मौज़ूँ; साबित, सम्पूर्ण; जो कहीं से टूटा न हो, अखडिंत।
दुरुस्ती ($फा.स्त्री.)- संशोधन, शुद्घि, इस्लाह; गोशमाली।
दुरूद ($फा.स्त्री.)- लकड़ी काटने, छीलने और बनाने का काम; खेती की कटाई।
दुरूद (अ.उभ्य.)- दुअ़ा और सलाम विशेषत: रसूल पर।
दुरूदगर ($फा.पु.)- खाती, बढ़ई, काष्ठकार, तक्षक।
दुरूदोसलाम (अ.पु.)- मुसलमानों की ओर से उनके पै$गम्बर पर दुरूद और सलाम।
दुरूय: ($फा.वि.)- दोत$र्फा, दुत$र्फा, दोनों तरफ़।
दुरूर (अ.पु.)- पसीना या दूध निकलना।
दुरे ख़्ाुश आब ($फा.पु.)- अच्छी चमक-दमक वाला मोती।
दुरे नायाब ($फा.पु.)- अलभ्य मोती, ऐसा मोती जिसके जैसा दूसरा मिल न सके; बेटा, सुपुत्र।
दुरेनासुफ़्त: ($फा.वि.)- बिन-बिंधा मोती, ऐसा मोती जिसमें छेद न किया गया हो; क्वाँरी कन्या, अविवाहित स्त्री, अक्षता।
दुरेयकता ($फा.पु.)- ऐसा मोती जो सीप में अकेला होने की वजह से बहुत बड़ा हो।
दुरेयकदान: ($फा.पु.)- दे.- 'दुरेयकताÓ।
दुरेशहवार ($फा.पु.)- बादशाहों के योग्य माती, बहुत बड़ा और बहुमूल्य मुक्ता।
दुरोग़ ($फा.पु.)- असत्य, झूठ, मिथ्या; अपराध, लाँछन, तुहमत। दे.- 'दरो$गÓ, दोनों शुद्घ हैं।
दुरो$गगो ($फा.वि.)- असत्यभाषी, मिथ्यावादी, झूठ बोलने वाला।
दुरो$गज़न ($फा.वि.)- दे.- 'दुरो$गगोÓ।
दुरो$गबयाँ ($फा.वि.)- दे.- 'दुरो$गगोÓ।
दुरो$गबयानी (अ.$फा.स्त्री.)- असत्य कहना, झूठ बोलना।
दुरो$गबा$फ ($फा.वि.)- अपने मन से झूठी बातें बनानेवाला, झूठ गढऩेवाला, मन-गढ़ंत कहनेवाला।
दुरो$गेमस्लहत आमेज़ (अ.$फा.पु.)- ऐसा झूठ जो किसी के हित के लिए या झगड़ा ख़्ात्म कराने के लिए बोला जाए।
दुरोज़: ($फा.वि.)- अस्थायी, आरिज़ी, दो दिन का, थोड़े दिन का, दोरोज़:।
दुर्ज (अ.स्त्री.)-गठरी, मंजूषा, पिटारी।
दुर्द ($फा.स्त्री.)- तरल पदार्थ के नीचे जमी हुई गाद; शराब की तलछट।
दुर्दआशाम ($फा.वि.)- तलछट पीनेवाला, पक्का शराबी।
दुर्दकश ($फा.वि.)- दे.- 'दुर्दआशामÓ।
दुर्दी (अ.स्त्री.)- गिलास, प्याले या बोतल की तली में बची हुई शराब, तलछट।
दुर्दीकश (अ.$फा.वि.)- दुर्दकश, तलछट पीनेवाला, पक्का शराबी।
दुर्दे तहे जाम ($फा.स्त्री.)- गिलास या पियाले (प्याले) में नीचे बची हुई शराब की तलछट।
दुर्र: (अ.पु.)- बड़ा मुक्ता, बड़ा मोती।
दुर्रतुत्ताज (अ.पु.)- राजा-महाराजाओं के मुकुट अथवा ताज में जड़े जाने योग्य मोती।
दुर्राज (अ.पु.)- एक प्रसिद्घ पक्षी, तीतर।
दुर्रेनजफ़ (अ.पु.)- एक प्रकार का पत्थर जिसमें बाल से दिखाई देते हैं, जिनको मुसलमानों का एक सम्प्रदाय हज्ऱत अली के बाल बताता है और इसलिए इस पत्थर को पवित्र मानता है।
दुर्रेमकनून (अ.पु.)- वह मोती जिसे छिपाकर रखा जाए, बहुत ही मूल्यवान् मुक्ता।
दुर्रेयतीम (अ.पु.)- वह बड़ा और चमकदार मोती जो सीप में अकेला ही पैदा हुआ हो।
दुर्रेशहवार (अ.पु.)- राजा-महाराजाओं के लाय$क मोती, बड़ा और मूल्यवान् मुक्ता।
दुलदुल (अ.पु.)- एक मादा खच्चर जो इस्कंदरीया (मिस्र) के शासक ने हज्ऱत मुहम्मद साहब को भेंट किया था और आपने उसे हज्ऱत अली को दे दिया था; घोड़े के आकृति का एक ताजि़या; वह घोड़ा जिस पर शोक का सामान लादकर शोक-भवन में ले जाते हैं।
दुलदुल सवार (अ.$फा.पु.)- हज्ऱत अली की एक उपाधि।
दुलम: (अ.पु.)- एक प्रकार का सालन जो बैंगन और गाजर में कीमा और पनीर डालकर पकाते हैं।
दुवल (अ.स्त्री.)- 'दौलतÓ का बहु., बहुत-से राष्ट्र।
दुवार (अ.पु.)- सिर में चक्कर आना, सिर चकराना।
दुवाल ($फा.स्त्री.)- चमड़े का तसमा, पेटी; वह तसमा जिससे नगाड़ा बजाते हैं।
दुवालबंद ($फा.पु.)- पेटी बाँधनेवाला, सिपाही।
दुवालबाज़ ($फा.वि.)- ठग, वंचक, छली, द$गाबाज़, धोखेबाज़।
दुवुम ($फा.वि.)- दूसरा, द्वितीय।
दुवुमीं ($फा.वि.)- दूसरा, द्वितीय।
दुशंब: ($फा.पु.)- सोमवार, पीर।
दुशाख़्ा: ($फा.पु.)- दो शाखोंवाली लकड़ी; दो शाखाओंवाला पेड़; दो बत्तियाँ जलाने का दीपदान; भंग अथवा भाँग छानने की लकड़ी।
दुशाल: ($फा.पु.)- जिसमें दो शाल एक साथ जुड़े हों, ऊन की कामदार दोहरी चादर। 'आँच देंगे सर्द मौसम में दुशालों की तरह, टूटने मत दीजिए सम्बन्ध प्यालों की तरहÓ- मृदुला अरुण
दुश्त ($फा.वि.)- ख़्ाराब, दुष्ट, निकृष्ट।
दुश्नाम ($फा.स्त्री.)- अपशब्द, गाली।
दुश्नामतराज़ी ($फा.स्त्री.)- गालियाँ बकना, गाली देना।
दुश्नामतराशी ($फा.स्त्री.)- गालियाँ ईजाद करना, नयी-नयी गालियाँ बनाना, गालियाँ गढऩा।
दुश्नामदेही ($फा.स्त्री.)- गालियाँ देना।
दुश्मन ($फा.पु.)- रिपु, शत्रु, वैरी, अदू; प्रतिद्वंद्वी, र$कीब।
दुश्मनकाम ($फा.वि.)- वह व्यक्ति जो अपने शत्रुओं की इच्छा के अनुसार मुसीबतों में फँसा हो।
दुश्मनी ($फा.स्त्री.)- शत्रुता, वैर, अदावत; प्रतिद्वंद्विता, र$काबत।
दुश्मने जाँ ($फा.पु.)- प्राण-घातक शत्रु, जानी दुश्मन।
दुश्वार ($फा.वि.)- मुश्किल, कठिन, दुरूह।
दुश्वारगुज़ार ($फा.वि.)- जहाँ से निकलना दूभर हो, जहाँ से गुज़रना कठिन हो।
दुश्वारी ($फा.स्त्री.)- कठिनता, मुश्किल; विपत्ति, मुसीबत, आपत्ति; दरिद्रता, $गरीबी, तंगहाली।
दुसर ($फा.वि.)- दो सिर वाला।
दुसरा ($फा.पु.)- दोनों लोक, उभयलोक।
दुसरी ($फा.स्त्री.)- मुना$फ$कत, नि$फा$क, दिल में कुछ होना और मुँह पर कुछ, दोगली बात।
दुसाल: ($फा.वि.)- दो साल का, दो वर्ष का, द्विवर्षीय; दो वर्ष की आयु का; दो साल का पुराना।
दुसुख़्ान: ($फा.पु.)- अमीर ख़्ाुस्रो की पहेलियों की एक $िकस्म, जिसमें अनेक सवालों का एक जवाब होता है।
दुसूमत (अ.स्त्री.)- चिकनाई, चाहे घी की हो या तेल की अथवा चर्बी की।
दुह$र्फी (अ.$फा.वि.)- दो ह$र्फों या अक्षरोंवाला; बहुत छोटा, बहुत-ही संक्षिप्त।
दुहुल ($फा.पु.)- धौंसा, नगाड़ा, बड़ा ढोल।
दुहुलज़न ($फा.वि.)- नगाड़ा या धौंसा बजानेवाला।
दुहुल दरीद: ($फा.वि.)- बदनाम, रुस्वा, निंदित, गर्हित; मौन, चुप, ख़्ाामोश।
दुहूर (अ.पु.)- 'दह्रÓ का बहु., युग, ज़माने।
दुह्न (अ.पु.)- तेल, तैल, रो$गन; घी, घृत; वसा, मेदा, चर्बी।
दुह्नियत (अ.स्त्री.)- चिकनाई, चाहे घी की हो या तेल की अथवा चर्बी की।
दुह्मïत (अ.स्त्री.)- कालिमा, कालौंच, सियाही, कालिख।
       

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