कै, $कै
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क़ैंची (तु.स्त्री.)-बाल, कपड़े आदि कतरने का औज़ार, कतरनी; दो लम्बी लकडिय़ाँ या लोहे की छड़ें, जो $कैंची की शक्ल में एक-दूसरे पर रखी हों। '$कैचीÓ भी प्रचलित है।'क़ैंची करनाÓ-कतरना। 'कैं़ची काटनाÓ-कहकर मुकर जाना; निगाह बचाकर निकल जाना।
क़ै (अ़.स्त्री.)-उलटी, वमन, मतली, उद्गार।
कै ($फा.पु.)-सम्राट्, शाहंशाह, ईरान के चार समाट् हुए-कैकाऊस, कै$कुबाद, कैख़्ाुस्रौ, कैलोह्रास्प। (हिं.वि.)-कितना, किस $कदर, (हिं.अव्य.)-वमन, उल्टी, (देश.पु.)-एक प्रकार का जड़हन धान जो मोटा होता है।
कै (अ़.पु.)-गर्म लोहे का दा$ग; शरीर के किसी अंग को दा$गकर रोग की चिकित्सा करना।
कैक ($फा.पु.)-काटनेवाला एक लाल कीड़ा।
कैकाऊस ($फा.पु.)-ईरान का एक समाट्, काऊस।
कैख़्ाुस्रो ($फा.पु.)-ईरान का एक समाट्।
$कैची (तु.स्त्री.)-कतरनी, कपड़ा आदि काटने का यंत्र, कर्तरी, कर्तनी।
$कैतून (तु.स्त्री.)-एक $िकस्म की जऱी और रेशम की बटी हुई डोरी; रेशम की गोट, जो कपड़े की सिलाई करते समय दामन और गले पर लगा देते हैं।
$कैद (अ़.स्त्री.)-बन्दीगृह में रखा जाना, बंधन, गिरिफ़्तारी; कारावास, जेल की सज़ा; पहरे में रोके रखना; रोक, पाबन्दी।
कैद (अ़.स्त्री.)-छल, कपट, धोखा, $िफरेब।
$कैदक (अ़.$फा.स्त्री.)-नत्थी, $फाइल। एक प्रकार का का$गज़ का बन्द या पट्टी या लि$फा$फा जिसमें एक विषय या व्यक्ति से सम्बधिन्त का$गज़-पत्र रखे जाते हैं।
$कैदख़्ाान: (अ़.फ़ा.पु.)-जेल, कारागृह, कारागार, जि़न्दाँ।
$कैदख़्ााना (अ़.फ़ा.पु.)-दे.-'$कैदख़्ाान:Ó, वही उच्चारण शुद्घ है।
$कैदी (अ.वि.)-बंधुवा, बन्दी; वह जिसे $कैद की सज़ा दी गई हो, जेल या कारागार में अपनी सज़ा के दिन काटनेवाला; वह जिसे न्यायिक हिरासत में तो रखा गया हो मगर उस पर आरोप सिद्घ होना बा$की हो; कारावासी; आबद्घ, गिरिफ़्तार।
कै़दे तन्हाई (अ़.$फा.स्त्री.)-एकान्तवास की सज़ा; ऐसी $कैद, जिसमें $कैदी को अलग कोठरी में बन्द कर दिया जाता है, वहीं उससे काम लिया जाता है अथवा श्रम कराया जाता है और वहीं उसे खाना आदि दिया जाता है, काल-कोठरी की सज़ा।
कै़दे $िफरंग (अ़.$फा.स्त्री.)-अंग्रेज़ी $कैद, जिसकी प्रचण्डता और निर्दयता कुख्यात रही है।
कै़दे बामशक़्क़त (अ़.$फा.स्त्री.)-सश्रम कारावास, ऐसी $कैद जिसमें $कैदी से काम कराया जाए, कठोर कारावास, असाधारण कारावास।
कै़ैदे बिला मशक़्क़त (अ़.स्त्री.)-जिस $कैद में श्रम का कोई काम न करना पड़े, सामान्य कारावास, साधारण कारावास।
कै़दे बेमशक़्$कत (अ़.स्त्री.)-बिना श्रम अथवा परिश्रम का कारावास, सादी अथवा साधारण जेल।
कै़दे मह्ज़ (अ़.स्त्री.)-साधारण कारावास, बिना परिश्रम का कारावास।
$कै़दे शदीद (अ़.स्त्री.)-कठोर कारावास, असाधारण कारावास, $कैदे बामशक़्$कत।
कै़दे सख़्त (अ़.$फा.स्त्री.)-दे.-'$कैदे शदीदÓ।
$कैन (अ़.पु.)-लुहार, लोहार, लोहकार।
कैन (हिं.स्त्री.)-बांस की टहनी; किसी वृक्ष की पतली टहनी या शाखा।
कैनूनत (अ़.स्त्री.)-पैदाइश, उत्पत्ति; आफ्रि़निश, सृष्टि; होना।
कै$फ (अ़.पु.)-आनन्द, सुरूर; नशा, मद, (अव्य.)-किस तरह, क्योंकर।
कै$फ ओ कम (अ़.पु.)-कैसा और कितना।
कै$फदान (अ़.$फा.पु.)-नशे की वस्तु रखने का डिबिया।
कै$फर ($फा.पु.)-प्रत्यपकार, बुराई का बदला।
कै$फरे कर्दार ($फा.पु.)-कर्म-दण्ड, करनी की सज़ा, बुरे कर्मों का बदला।
कै$िफयत (अ़.स्त्री.)-दे.-'कै$फीयतÓ, वही उच्चारण शुद्घ है।
कै$फी (अ़.वि.)-नशेबाज़, नशे में चूर, सरशार, मदोन्मत्त, मत्त, चूर, मख़्मूर।
कै$फीयत (अ़.स्त्री.)-दशा, हालत; हाल, समाचार, ख़्ाबर, ह$की$कत; तफ़्सील, विवरण; हर्ष, आनन्द, सुरूर, मस्ती, नशा; रिमार्क, नोट, टिप्पणी, स$फाई, स्पष्टीकरण। मुहा.-'कै$फीयत आनाÓ-मज़ा या लुत्$फ आना। कै$फीयत उठानाÓ-आनन्द प्राप्त करना। 'कै$फीयत लूटनाÓ-मज़ा लूटना। 'क$ैफीयत तलब करनाÓ-नियमानुसार विवरण माँगना, कारण पूछना।
$कैमा$क (तु.स्त्री.)-क्षीरसार, दूध पर पडऩेवाली मलाई, बालाई।
कै़माज़ ($फा.स्त्री.)-सेविका, दासी, $कनीज़।
कैमूस (अ़.पु.)-भोजन आदि खाने से शरीर में उत्पन्न होने-वाला रस; खाए हुए अन्न का वह रस, जो आमाशय में बनता है।
कैयाद (अ़.वि.)-अत्यन्त धूर्त, बहुत बड़ा $फरेबी, बहुत बड़ा छली, महाकपटी।
कैयादी (अ़.स्त्री.)-कपट, द$गाबाज़ी, छल करना।
कैयाल (अ़.वि.)-नापनेवाला, नापनहार, तौलनहार, पैमानों से अनाज आदि नापने या तौलनेवाला।
$कैयूम (अ़.वि.)-नित्य, अनश्वर, जिसका विनाश न हो, लाज़वाल; ईश्वर का एक नाम।
कैय़ूर (अ़.वि.)-वर्णसंकर, अज्ञातवंश, जिसके कुल अथवा ख़्ाानदान का कुछ पता न हो, संशितिकुल।
$कैरात (अ़.स्त्री.)-दे.-'$कीरातÓ।
कै़रूती (अ़.स्त्री.)-एक $िकस्म का रौगऩ, मरहम, मोम-मिश्रित तेल की भाँति सीने आदि पर मलने की एक दवा।
कैल: (अ़.पु.)-दे.-'कैलÓ।
कैल (अ़.पु.)-सूखी वस्तु नापने का पैमाना।
$कैलूल: (अ़.पु.)-दोपहर को खाना खाकर थोड़ी देर आराम करना।
कैलूस (अ़.पु.)-खाए हुए अन्न का पहला पचाव या हज़्म होना, जो आमाशय में होता है।
कैलोह्रास्प ($फा.पु.)-ईरान का एक सम्राट्।
कैवाँ ($फा.पु.)-शनिग्रह, ज़ुहुल; सातवाँ आस्मान जिसमें शनिग्रह का निवास माना जाता है, 'कैवानÓ का लघु.।
कैवान ($फा.पु.)-दे.-'कैवाँÓ।
कै़स (अ़.पु.)-अऱब का वह प्रेमी, जो लैला पर मुग्ध हुआ था और अधिकांश लोग जिसे मजनूँ के नाम से जानते हैं। इसका 'सÓ उर्दू के 'सेÓ अक्षर से बना है।
कै़स (अ़.पु.)-दाँतों का जड़ से निकल जाना; पेट की गति। इसका 'सÓ उर्दू के 'सुअ़ादÓ अक्षर से बना है।
कै़सर (अ़.पु.)-रूम के शासकों की पदवी; राजा, बादशाह, सम्राट्, नरेश।
कै़सरी (अ़.वि.)-सत्ता, राज, बादशाही।
कैसा (हिं.वि.)-किस प्रकार का, किस ढंग का; किस रंग और मूल्य का; किस सोच-समझ का; (निषेधार्थक प्रश्न के रूप में)-किसी प्रकार का नहीं।
कै़सूर (अ़.पु.)-एक नगर, जहाँ का कपूर प्रसिद्घ है।
कैसे (हिं.क्रि.वि.)-किस प्रकार से? किस ढंग से? किस हेतु? किसलिए? क्यों?
कै़ह (अ़.पु.)-मवाद, घाव की पीप अथवा कचलोहू।
कैहाँ ($फा.पु.)-जगत्, दुनिया, संसार; ज़माना, समय, काल।
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