पु
पुंब: ($फा.पु.)-रूई, कपास। दे.-'पंब:Ó, वही अधिक प्रचलित है।पुंब:दान: ($फा.पु.)-बिनौला, कपास का बीज। दे.-'पंब:दान:Ó, वही अधिक प्रचलित है।
पुख़्ा (तु.पु.)-विष्ठा, गू, मल, पुरीष।
पुख़्त: ($फा.वि.)-दृढ़, मज़बूत; पका हुआ, परिपक्व; चूना, गच या सीमेंट से जुड़ा हुआ; स्थिर, पाएदार, टिकाऊ; नियत, तयशुदा।
पुख़्त:अक़्ल (अ.$फा.वि.)-स्थिरबुद्घि, परिपक्वमति, जिसकी समझ-बूझ पुख़्त: हो।
पुख़्त:कार ($फा.वि.)-कृतकार्य, जिसे काम का अनुभव हो।
पुख़्त:मग्ज़़ (अ.$फा.वि.)-दे.-'पुख़्त:अक़्लÓ।
पुख़्त:मिज़ाज (अ.$फा.वि.)-स्थिरचित्त, जो किसी बात पर अटल रहे, दृढ़निश्चय।
पुख़्त:मिज़ाजी (अ.$फा.स्त्री.)-चित्त की स्थिरता, किसी बात पर जमा रहना, चल-विचल न होना।
पुख़्त:राए (अ.$फा.वि.)-जिसकी सलाह उचित और शुद्घ होती हो, जो ठीक राय देता हो।
पुख़्त ($फा.स्त्री.)-पकने की क्रिया, पकाव; खाना पकाने का कार्य।
पुख़्तगी ($फा.स्त्री.)-दृढ़ता, पक्कापन; परिपक्वता, पकने का भाव।
पुख़्तनी ($फा.वि.)-पकने योग्य; पकाने योग्य।
पुख़्तो ($फा.स्त्री.)-अ$फगानियों की भाषा, पुश्तो।
पुख़्तोन ($फा.पु.)-पुख़्तो भाषा बोलनेवाला।
पुख़्तोनिस्तान ($फा.पु.)-वह देश जहाँ पुख़्तो भाषा बोली जाती है।
पुत्क ($फा.पु.)-लोहा कूटने का हथौड़ा, घन।
पु$फ ($फा.स्त्री.)-फँूक, फँूक मारना।
पुर ($फा.वि.)-भरा हुआ, पूर्ण; पूरा, भरपूर।
पुरअंदोह ($फा.वि.)-क्लेशपूर्ण, दु:खपूर्ण, कष्ट या मुसीबत से भरा हुआ।
पुरअम्न (अ.$फा.वि.)-शान्तिमय, शान्तिपूर्ण।
पुरअलम (अ.$फा.वि.)-दे.-'पुरअंदोहÓ।
पुरअश्क ($फा.वि.)-आद्र्र नयन, आँसुओं से भरी हुई आँख, छलकती आँख।
पुरआब ($फा.वि.)-पानी से भरा हुआ; आँसुओं से भरा हुआ।
पुरआबल: ($फा.वि.)-छालों से भरा हुआ, जिसमें बहुत-से छाले हों।
पुरआजऱ्ू ($फा.वि.)-इव्छाग्रस्त, जिसके मन में बहुत-सी अभिलाषाएँ हों।
पुरआशोब ($फा.वि.)-घटनाओं और विपत्तियों से भरा हुआ।
पुरउम्मीद ($फा.वि.)-जिसे किसी काम के हो जाने की आशा हो; जिसके मन में अभिलाषा हो।
पुरकार ($फा.वि.)-चालाक, मक्कार; चतुर, होशियार।
पुरकीं ($फा.वि.)-जिसके मन में द्वेष हो, जो गुप्त शत्रुता रखे।
पुरख़्ातर (अ.$फा.वि.)-बहुविघ्न, विपदाओं और ख़्ातरों से भरा हुआ; ख़्ातरनाक, भीषण, भयानक।
पुरख़्ाम ($फा.वि.)-टेढ़ा, तिरछा; घूँघरवाला (बाल); लेख में इबारत आराई, शब्दाडम्बर।
पुरख़्ाार ($फा.वि.)-कंटकाकीर्ण, कंटक-संकुल, काँटों से भरा हुआ; वह जंगल आदि जहाँ बहुत काँटें हों; (ला.)-वह काम या मार्ग जहाँ अनेक मुसीबतों का सामना करना पड़े।
पुरख़्ाुमार (अ.$फा.वि.)-मस्त, नशे में चूर।
पुरख़्ाूँ ($फा.वि.)-रक्तरंजित, रक्त से भरा हुआ, रक्तपूर्ण; $गुस्से से भरी हुई आँख।
पुर$गम (अ.फा.वि.)-शोकपूर्ण, रंज से भरा हुआ; दु:खपूर्ण, मुसीबत से भरा हुआ।
पुर$गुरूर (अ.फा.वि.)-अभिमानी, मग्रूर, घमण्ड से भरा हुआ।
पुरगो ($फा.वि.)-बातूनी, वाचाल; बहुत कविता करनेवाला, बहुत शेÓर कहनेवाला।
पुरगोई ($फा.स्त्री.)-वाचालता, बकवास; बहुत कविता करना।
पुरचीं ($फा.वि.)-बल पड़ा हुआ (माथा आदि); झुर्री पड़ा हुआ (शरीर या खाल)।
पुरजऱ ($फा.वि.)-धन-सम्पन्न, दौलत से भरपूर।
पुरजोश ($फा.वि.)-जोश से भरा हुआ, जोशीला; उमंग से भरा हुआ, उत्साहपूर्ण; आवेगपूर्ण, ज़ोरदार।
पुरतकल्लु$फ (अ.$फा.वि.)-जिसमें बहुत तकल्लु$फ किया गया हो, जो औपचारिता से भरा हो।
पुरताब ($फा.वि.)-प्रकाशमय, रोशन; शक्तिशाली, ता$कतवर।
पुरदग़ल ($फा.वि.)-दे.-'पुरद$गाÓ।
पुरदग़ा ($फा.वि.)-धूर्त, चालाक; छली, $फरेबी।
पुरदर्द ($फा.वि.)-पीडि़त, दु:खपूर्ण, $गमनाक।
पुरदिल ($फा.वि.)-बहादुर, वीर, शूर; हिम्मतवर, साहसी, उत्साही।
पुरनम ($फा.वि.)-भीगा, गीला; सजल-नेत्र, आँसुओं से भरी आँख।
पुरनूर ($फा.वि.)-चमक से भरपूर, ज्योतिर्मय, प्रकाशमान्।
पुरपेच ($फा.वि.)-पेचदार, टेढ़ा-मेढ़ा; बलदार, पुरशिकन, झुर्रीदार।
पुरपेचोख़्ाम ($फा.वि.)-जिसमें बहुत टेढ़-मेढ़ हो; जो बहुत जटिल और पेचीदा हो।
पुर$फन (अ.$फा.वि.)-छली, मक्कार, धूर्त, वंचक।
पुर$फरेब ($फा.वि.)-दे.-'पुरदग़ाÓ।
पुर$िफज़ा (अ.$फा.वि.)-हवादार, खुला हुआ, सरसब्ज़ और विस्तृत स्थान।
पुरबजिद (अ.$फा.वि.)-उद्यत, तत्पर, कटिबद्घ, तैयार।
पुरबहार ($फा.वि.)-फूलों में लदा हुआ सुन्दर स्थान; हवादार, खुला और रमणीक स्थल।
पुरबाद ($फा.वि.)-हवा से भरा हुआ, फूला हुआ; गर्व से भरा हुआ, अभिमानी।
पुरबार ($फा.वि.)-बौर अथवा फल से लदा हुआ पेड़; गुर्विणी, गर्भवती स्त्री, गर्भिणी।
पुरबास ($फा.वि.)-खेदपूण, शोकपूर्ण; कष्टपूर्ण, दु:खपूर्ण।
पुरमग्ज़़ (अ.$फा.वि.)-तत्त्वपूर्ण, सारगर्भित।
पुरमज़ा$क (अ.$फा.वि.)-हँसी और विनोद से भरी हुई बात; हास्यपूर्ण, विनोदप्रिय, जि़न्दादिल।
पुरमलाल (अ.$फा.वि.)-खिन्न, मलिन, उदास; रंज से भरा हुआ, दु:खपूर्ण।
पुरमिज़ाह (अ.$फा.वि.)-विनोदी, ठठोलिया; हँसी की बात।
पुरमिहन (अ.$फा.वि.)-कष्ट-संकुल, मुसीबतों से भरा हुआ।
पुरमेव: ($फा.वि.)-मेवों से लदी हुई डाल; मेवों से भरा हुआ पात्र।
पुररौन$क ($फा.वि.)-जहाँ बहुत रौन$क हो, शोभाशाली।
पुरशिकन ($फा.वि.)-झुर्रियाँ पड़ी हुई खाल या देह; बल पड़े हुए बाल।
पुरशिकम ($फा.वि.)-जो धापा हुआ हो, तृप्त, जिसका पेट भरा हो, जो अफरा हुआ हो, उदरपूर्ण।
पुरशिकोह ($फा.वि.)-भयानक, भीषण, भयकारी, डरावना।
पुरशुऊर ($फा.वि.)-शिष्ट, तमीज़दार; बुद्घिमान्, अक़्लमंद।
पुरशुकोह ($फा.वि.)-शानो-शौ$कतवाला, वैभवशाली, जो विभव-सम्पन्न हो।
पुरशोर ($फा.वि.)-कोलाहलपूर्ण, जहाँ अथवा जिसमें बहुत शोर हो; बहुत अधिक नमकीन, नमक से भरा हुआ।
पुरशौकत ($फा.वि.)-शानदार, वैभवशाती।
पुरसुकून (अ.$फा.वि.)-शान्तिमय, शान्तिपूर्ण, शान्ति से भरा हुआ; सारे झंझटों से मुक्त।
पुरसोज़ ($फा.वि.)-जलन और तपन से भरा हुआ।
पुरहस्रत (अ.$फा.वि.)-हताश, निराशाजनक, नाउम्मीदी से भरा हुआ, निराशापूर्ण।
पुरहील: ($फा.वि.)-बहानेबाज़, छली, बहाना करनेवाला।
पुरहैबत (अ.$फा.वि.)-भयानक, भीषण, डरावना।
पुरहौसल: (अ.$फा.वि.)-हिम्मतवाला, उत्साही, साहसी, जो अपने मन में कुछ करने का हौसला रखे।
पुरिंद: ($फा.वि.)-भरनेवाला।
पुरी ($फा.स्त्री.)-भराव, भरापन, भरने की दशा; पूर्णता, पूरा होने की अवस्था।
पुरीद: ($फा.वि.)-भरा हुआ, भरपूर।
पुरीदनी ($फा.वि.)-भरने योग्य।
पुजऱ्: ($फा.पु.)-खण्ड, टुकड़ा; पर्च:; का$गज़ का टुकड़ा; मशीन का कोई खण्ड या हिस्सा।
पुजऱ् ($फा.पु.)-रोआँ, लोम, रोम; ओढऩी, दुपट्टा; दवात में डालने का लत्ता या कपड़े का टुकड़ा।
पुर्स: ($फा.पु.)-किसी के यहाँ मृत्यु हो जाने पर शोक प्रकट करने और सहानुभूति दिखाने के लिए जाना।
पुर्स ($फा.प्रत्य.)-पूछनेवाला, जैसे-'हालपुर्सÓ-दशा या स्थिति पूछनेवाला, (स्त्री.)-पूछ, पूछताछ।
पुर्सां ($फा.वि.)-पूछनेवाला, पृच्छक, जिज्ञासु।
पुर्साने हाल (अ.$फा.वि.)-हाल पूछनेवाला, दशा जाननेवाला, ख़्ाबर लेनेेवाला।
पुर्सिंद: ($फा.वि.)-पूछनेवाला, जाननेवाला, पृच्छक।
पुर्सिश ($फा.स्त्री.)-आदर-सत्कार, इज़्ज़त, ख़्ाातिरदारी; पूछताछ।
पुर्सीद: ($फा.वि.)-पूछा हुआ, जिज्ञासित।
पुर्सीदनी ($फा.वि.)-पूछने योग्य।
पुल (तु.पु.)-पैसा।
पुलची (तु.वि.)-पैसे बेचनेवाला।
पुल रिसात ($फा.पु.)-नरक का पुल, जिसे पार करने पर ही स्वर्ग का रास्ता मिलता है।
पुलाव ($फा.पु.)-एक प्रसिद्घ खाद्य जो गोश्त और चावल से बनता है। नोट-इसका शुद्घ उच्चारण 'पलावÓ है मगर उर्दूवाले 'पुलावÓ ही बोलते हैं।
पुलुफ़्त: ($फा.पु.)-चिनगारी, अग्निकण, स्फुलिंग।
पुश्क ($फा.पु.)-मेंगनी।
पुश्क (तु.स्त्री.)-बिल्ली, मार्जारी।
पुश्त: ($फा.पु.)-टीला, ढूह; वह मिट्टी या कंकड़-चूना आदि जो दीवार को मज़बूत करने के लिए उसकी जड़ में लगाते हैं; वह मिट्टी का बन्द या दीवार जो नदी के किनारे चढ़ाव का पानी रोकने के लिए बनाते हैं।
पुश्त:बंदी ($फा.स्त्री.)-नदी का बन्द बाँधना; दीवार का पुश्ता लगाना।
पुश्त ($फा.स्त्री.)-पीठ, पृष्ठ; पिछाड़ी, पीछा; वंश, नस्ल; सहायता, मदद।
पुश्तक ($फा.स्त्री.)-घोड़े की दुलत्ती।
पुश्तख़्ाम ($फा.वि.)-कुबड़ा, कुब्ज।
पुश्तख़्ाार ($फा.पु.)-पीठ खुजलाने का पंजा।
पुश्तगर्मी ($फा.स्त्री.)-हिमायत, पृष्ठ-पोषण; सहायता, मदद।
पुश्त दर पुश्त ($फा.अव्य.)-पीढ़ी दर पीढ़ी, नस्ल दर नस्ल।
पुश्तपनाह ($फा.वि.)-हिमायती, पृष्ठ-पोषक; सहायक, मददगार।
पुश्तपनाही ($फा.स्त्री.)-हिमायत, पृष्ठ-पोषण; सहायता, मदद।
पुश्त ब दीवार ($फा.वि.)-चकित, हैरान, निस्तब्ध।
पुश्त ब पुश्त ($फा.अव्य.)-दे.-'पुश्त दर पुश्तÓ।
पुश्तमाही ($फा.स्त्री.)-निशा, रात, रात्रि।
पुश्तवार: ($फा.पु.)-दे.-'पुश्तार:Ó।
पुश्तार: ($फा.पु.)-'पुश्तवार:Ó का लघुरूप, इतना बोझ जो पीठ पर उठाया जा सके, पोट, बोझ, गट्ठर।
पुश्ती ($फा.स्त्री.)-पालन-पोषण, पर्वरिश; समर्थन, ताईद; सहायता, मदद।
पुश्तीबान ($फा.वि.)-सहयोगी, सहायक, मददगार; टेक, थूनी, आड़।
पुश्तीबानी ($फा.स्त्री.)-सहारा, टेक; मदद, सहायता।
पुश्ते दश्त ($फा.स्त्री.)-करपृष्ठ, हथेली की पीठ।
पुश्ते पा ($फा.स्त्री.)-तलवे का ऊपरी भाग।
पुश्तैनी ($फा.वि.)-परम्परागत, जो बाप-दादाओं के समय से चला आता हो, ख़्ाानदानी।
पुश्तो ($फा.स्त्री.)-दे.-'पुख़्तोÓ।
पुस ($फा.स्त्री.)-पुत्र, बेटा, लड़का, तनय, आत्मज।
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