ग़ौ, $गौ
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$गौ$गा ($फा.पु.)-$गुल-गपाड़ा, हुल्लड, शोर, कोलाहल; हाहाकार, चीख़्ा-पुकार, कोहराम।$गौ$गाई ($फा.वि.)-शोर मचानेवाला, कोलाहल करनेवाला; कोहराम मचानेवाला, हाहाकार करनेवाला; व्यर्थ का, निरर्थक, झूठ-मूठ का, जैसे-गौगाई ख़्ाबर।
$गौज़ (अ़.पु.)-निश्चय, संकल्प, इरादा। (स्त्री.)-गप, बात-चीत।
गौजऩ ($फा.पु.)-बारहसिंहा।
$गौत (अ़.पु.)-किसी वस्तु में घुसना; एक वस्तु का दूसरी वस्तु में समाना।
गौत ($फा.पु.)-चूतड़ा, पुट्ठा।
$गौर (अ़.पु.)-$िफक्र, सोच, विचार, चिंतन, मनन, ध्यान, खय़ाल; तवज्जुह; तन्मयता, इन्रिमाक; तसव्वुर, अनुध्यान। '$गौरपरदाश्तÓ-देख-रेख; पालन-पोषण।
$गौरतलब (अ़.वि.)-विचारणीय, जिस पर विचार किया जाए, जिस पर चिन्तन-मनन किया जाए; जिस पर विचार करना अथवा ध्यान देना आवश्यक हो।
$गौरोख़्ाौज़ (अ़.पु.)-अत्यधिक चिन्तन-मनन, बहुत सोच-विचार, बहुत अधिक ध्यान देना।
$गौरोपर्दाख़्त (अ़.$फा.स्त्री.)-रख-रखाव, परवरिश, पालन-पोषण, देख-रेख; $गौर से देखना।
$गौल (अ़.पु.)-हत्या, हनन, हलाक; अचानक पकड़ लेना; दु:ख, रंज, पीड़ा, कष्ट।
$गौवास (अ़.पु.)-$गोताख़्ाोर, पनडुब्बा।
$गौवासी (अ़.स्त्री.)-$गोता लगाना, $गोताख़्ाोरी।
$गौस (अ़.पु.)-वह मुसलमान महात्मा जो वली से बड़ा पद रखता है, (वि.)-$फरियाद, नालिश; न्याय के लिए पुकारना, दुहाई देना, गुहार लगाना; दुहाई सुननेवाला, गुहार सुननेवाला, न्यायकर्ता। इसका 'सÓ उर्दू के 'सेÓ अक्षर से बना है।
$गौस (अ़.पु.)-निमज्जन, $गोता मारना, पानी में पैठना; अचानक किसी चीज़ पर उतरना। इसका 'सÓ उर्दू के 'सुअ़ादÓ अक्षर से बना है।
गौहर ($फा.पु.)-मोती, मुक्ता, मुक्तक, मुक्ताहल; रत्न, जवाहिरात।
गौहरअफ़्शाँ ($फा.वि.)-मोती बिखेरनेवाला; ऐसी मधुर बात करनेवाला, जिसकी बातचीत से ऐसा लगो मानो मोती झर रहे हों।
गौहरअफ़्सानी ($फा.स्त्री.)-मोती बिखेरना; मधुर और मीठी बातें करना।
गौहरफऱोश ($फा.वि.)-मोती बेचनेवाला, जौहरी; गुण-ग्राहकों के सामने अपने गुणों का प्रदर्शन करनवाला।
गौहर$फरोशी ($फा.स्त्री.)-मोती बिखेरना; गुण-ग्राहकों के सामने अपने गुणों का प्रदर्शन।
गौहर$िफशाँ ($फा.वि.)-दे.-'गौहरअफ़्शाँÓ।
गौहर$िफशानी ($फा.स्त्री.)-दे.-'गौहरअफ़्सानीÓ।
गौहरबार ($फा.वि.)-मुक्तावर्षक, मोती बरसानेवाला; रोनेवाला (विशेषत: आँख)।
गौहरबारी ($फा.स्त्री.)-मुक्ता बिखेरना, मोती लुटाना; रोना, आँसू बहाना।
गौहररेज़ ($फा.वि.)-दे.-'गौहरबारÓ।
गौहररेज़ी ($फा.स्त्री.)-दे.-गौहरबारीÓ।
गौहरशनास ($फा.वि.)-मुक्ता अथवा मोती की परख रखनेवाला, जौहरी; गुण की परख रखनेवाला, गुणग्राही।
गौहरशनासी ($फा.स्त्री.)-मुक्ता अथवा मोती की परख; गुणों की परख।
गौहरसंज ($फा.वि.)-मुक्ता अथवा मोती तौलनेवाला, जौहरी; गुणों को परखनेवाला, पारखी; आलोचना या समीक्षा करनेवाला; अच्छी कविता करनेवाला।
गौहरसंजी ($फा.स्त्री.)-मोती तौलना, जौहरी -कर्म; गुणों की परख; अच्छी कविता करना; आलोचना या समीक्षा करना।
गौहरी ($फा.पु.)-जौहरी।
गौहरे ताबाँ ($फा.पु.)-बहुत अच्छी चमक देनेवाला मोती।
गौहरे दंदाँ ($फा.पु.)-मोतीरूपी दाँत, मोतियों-जैसे दाँत।
गौहरे यकता ($फा.पु.)-वह मोती जो सीप में एक ही होता है, इसलिए बड़ा और बहुमूल्य होता है।
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