ख़्ाो
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खोंप (हिं.स्त्री.)-सिलाई का लम्बा टांका; एक प्रकार की लम्बी सिलाई; फटने से कपड़े में हुई दर्ज़, दरार।खोंपना (हिं.क्रि.सक.)-धंसाना, गड़ाना।
खोंसना (हिं.क्रि.अक.)-अटकाना, घुसेडऩा, लगाना।
ख़्ाो ($फा.स्त्री.)-दे.-'ख़्ाूÓ, वही उच्चारण शुद्घ है।
खोआ (हिं.पु.)-खोवा, मावा, उबालकर गाढ़ा किया हुआ दूध।
खोखला (हिं.वि.)-जिसके भीतर कुछ भी न हो, पोला। (पु.)-खाली या पोला स्थान; रंध्र, बड़ा छेद।
ख़्ाोजि़स्तान ($फा.पु.)-ईरान का एक प्रदेश।
ख़्ाोज़ी ($फा.वि.)-ख़्ाोजि़स्तान का निवासी।
ख़्ाोगीर ($फा.वि.)-काठी, ज़ीन, घोड़े की पीठ का नम्दा, घोड़े का पालान, चारजामा। 'ख़्ाोगीर की भर्तीÓ-व्यर्थ और रद्दी चीजें।
ख़्ाोगीरदोज़ ($फा.वि.)-ज़ीन या पालान सीनेवाला।
ख़्ाोगीरदोज़ी ($फा.स्त्री.)-पालान सीने का काम, ज़ीन सीने का पेशा या काम।
ख़्ाोज: ($फा.पु.)-वह जो महलों में काम करने के लिए हिजड़ा बनाया गया हो, ख़्वाज:सरा।
खोज (हिं.स्त्री.)-अनुसंधान, तलाश; चिह्नï, निशान, पता।
खोजड़ा (हिं.पु.)-(अ़ौरतों द्वारा बातचीत में प्रयुक्त किया जानेवाला शब्द)-पता, सुरा$ग, नाम-निशान; भाग्य, प्रारब्ध, $िकस्मत। 'खोजड़ा खोनाÓ-सत्यानाश करना। 'खोजड़ा जायÓ-नाश हो (श्राप)। 'खोजड़ा पीटाÓ-नाशपीटा, निगोड़ा।
खोजना (हिं.क्रि.सक.)-तलाश करना, पता लगाना, ढूँढऩा।
खोट (हिं.स्त्री.)-दोष, ऐब, बुराई; किसी उत्तम द्रव्य में निकृष्ट द्रव्य का मिश्रण।
खोटा (हिं.वि.)-दूषित, ख़्ाराब, जो खरा न हो।
ख़्ाोद ($फा.पु.)-शिरस्त्राण, लोहे की वह टोपी जो सिर की सुरक्षा के लिए सैनिक पहनते हैं, कूंड। (हिं.पु.)-जाँच-पड़ताल, पूछताछ।
खोदना (हिं.क्रि.सक.)-खनन करना; गड्ढा करने के लिए कुदाल आदि से ज़मीन की मिट्टी निकालना; उसकाना, उत्तेजित करना, उभाडऩा; उपहास करना; मक्कारी करना।
खोनचा (हिं.पु.)-बड़ी थाल या परात जिसमें फेरीवाले मिठाई आदि रखकर बेचते हैं। 'खोनचा लगानाÓ-बेचने के लिए परात आदि में मिठाई आदि सजाना।
खोना (हिं.क्रि.सक.)-गँवाना, व्यर्थ फेंक देना; नष्ट करना, ख़्ाराब करना; भूल से कोई वस्तु कहीं पर छोड़ देना।
ख़्ाोर ($फा.वि.)-ख़्ाूर; खानेवाला, पीनेवाला; यौगिक शब्दों के अन्त में इस शब्द का प्रयोग होता है, जैसे-'आदमख़्ाोरÓ, 'नशाख़्ाोरÓ। (हिं.स्त्री.)-संकीर्ण पथ, सँकरी गली; पशुओं को चारा खिलाने की नाद। (सं.वि.)-लंगड़ा।
ख़्ाोरोनोश ($फा.पु.)-खाना-पीना, दाना-पानी।
ख़्ाोलंजन ($फा.पु.)-पान की जड़, कुलंजन।
खोल (सं.पु.)-गि़ला$फ, उछाड़; कीड़े का ऊपरी चमड़ा; ओढऩे का मोटा कपड़ा, मोटी चादर।
ख़्ाोलदार ($फा.वि.)-वह वस्तु, जिसका मध्यभाग रिक्त होऔर उसमें किसी अन्य वस्तु को रखने की व्यवस्था हो।
खोलना (हिं.क्रि.सक.)-उघाडऩा, अवरोध हटाना; छेदना, बिगाड़ देना; तोडऩा, काटना; मुक्त करना, छोडऩा; लगाना, ठहराना; कोई क्रम चलाना या जारी करना; सड़क, नहर आदि चलती करना; आरम्भ करना; गुप्त या गूढ़ बात प्रकट या स्पष्ट करना।
ख़्ाोलिया ($फा.वि.)-निडर, बेबाक; बेशर्म, बेहया, निर्लज्ज।
ख़्ाोश: ($फा.पु.)-गेहूँ या जौ आदि अनाज की बाल; गुच्छ, गुच्छा, मंजरी।
ख़्ाोश:चीं ($फा.वि.)-गुच्छे बनानेवाला, बाल चुननेवाला, खेतों में सिला बीननेवाला, उंच्छवृत्त; लाभ उठानेवाला।
ख़्ाोश:चीनी ($फा.स्त्री.)-अनाज के बालों के गुच्छे बनाना, खेतों में सिला बीनना; उंच्छवृत्ति; लाभ, प्राप्ति।
ख़्ाोशए अंगूर ($फा.पु.)-अंगूर का गुच्छा या गुच्छ।
ख़्ाोशए गंदुम ($फा.पु.)-गेहूँ की बाल।
ख़्ाोशए चख्ऱ्ा ($फा.पु.)-कन्याराशि, बुर्जे जौज़ा।
ख़्ाोशए पर्वी ($फा.पु.)-कृत्तिका नक्षत्र।
ख़्ाोशानीदन ($फा.क्रि.)-सुखाना।
ख़्ाोशिंद: ($फा.वि.)-सोखनेवाला, शोषक।
ख़्ाोशीदन ($फा.क्रि.)-सुखाना।
ख़्ाोशीद: ($फा.वि.)-सूखा हुआ, सुखाया हुआ।
ख़्ाोशीदनी ($फा.वि.)-सुखाने के योग्य, सूखने योग्य।
ख़्ाोस: ($फा.पु.)-खेतों में रखवाली के लिए बना हुआ आदमी का पुतला।
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