पै
पै ($फा.पु.)-पट्ठा, स्नायु; पट्ठे के रेशे जो धनुष आदि पर चिपकाए जाते हैं; पाँव, चरण; पाँव का निशान, पद-चिह्नï; पीछा, तअ़ा$कुब; बार, द$फा; शक्ति, बल; लिए, वास्ते, प्रति।पैक ($फा.पु.)-डाकिया, पत्रवाहक, चिट्ठीरसाँ; हरकारा, पियाद:; एलची, दूत, $कासिद, सन्देशवाहक।
पैकर ($फा.पु.)-देह, शरीर, बदन; शक्ल, आकृति।
पैकरदन ($फा.पु.)-मोड़ पर से काट देना, किसी मुड़ी हुई वस्तु को मोड़ पर से अलग करना।
पैकाँ ($फा.पु.)-'पैकानÓ का लघुरूप, दे.-'पैकानÓ।
पैकान ($फा.पु.)-बरछी की अनी; बाण की नोक।
पैकानी ($फा.वि.)-एक प्रकार का पद्मराग अर्थात् लाÓल; एक प्रकार का पुलक अथवा माणिक नाम का रत्न; एक प्रकार का नौसादर।
पैकार ($फा.पु.)-समर, युद्घ, लड़ाई जंग।
पैके अजल (अ.$फा.पु.)-यमदूत, मृत्यु का संदेशवाहक।
पैके ख़्ायाल (अ.$फा.पु.)-कल्पना-रूपी दूत, जो हर स्थान पर पहुँच सकता है।
पैके निगाह ($फा.पु.)- दृष्टि का दूत या दूत-रूपी दृष्टि।
पैख़्ाान: ($फा.पु.)-पाख़्ााना, शौचालय, जाज़रू, टट्टी-घर।
पै$गंबर ($फा.पु.)-अवतार, पयम्बर, ईश-दूत।
पै$गंबरी ($फा.स्त्री.)-अवतार अथवा ईश-दूत का पद; अवतार का कर्तव्य; ईश-दूत वाला।
पै$गाम ($फा.पु.)-संदेश, सँदेशा, पयाम; समाचार, ख़्ाबर; लड़के की ओर से लड़कीवालों से सगाई की बातचीत।
पै$गामबर ($फा.वि.)-संदेश-वाहक, दूत, $कासिद, वार्तावह।
पै$गामबरी ($फा.स्त्री.)-वार्तावहन, संदेश ले जाने का काम।
पै$गामरसाँ ($फा.वि.)-दे.-'पै$गामबरÓ।
पै$गामरसानी ($फा.स्त्री.)-दे.-'पै$गामबरीÓ।
पै$गामरसी ($फा.स्त्री.)-सँदेशा जाना, संदेश पहुँचना, पयाम जाना।
पै$गामे ज़बानी ($फा.पु.)-मौखिक संदेश, वह समाचार जो किसी कारण लिखकर नहीं बल्कि ज़बानी भेजा जाए, वह समाचार जो लिखित में न देकर हरकारा अथवा दूत अपने मुँह से सुनाए।
पै$गार: ($फा.पु.)-कटाक्ष, ताना; डाँट-फटकार, भत्र्सना।
पैगार ($फा.पु.)-दे.-'पैकारÓ, दोनों शुद्घ हैं मगर यह प्रचलन में नहीं है।
पै$गाल: ($फा.पु.)-मदिरा-पात्र।
पै$गुल: ($फा.पु.)-'पै$गूल:Ó का लघुरूप, दे.-'पै$गूल:Ó।
पै$गूल: ($फा.पु.)-कोना, एकान्त, गोश:।
पैज़ार ($फा.स्त्री.)-जूता, पादुका, पदत्राण।
पै दर पै ($फा.अव्य.)-निरन्तर, लगातार; बार-बार, बारम्बार।
पैदा ($फा.वि.)-उत्पन्न, प्रसूत, ज़ाईद:; आविर्भूत, व्यक्त, ज़ाहिर; प्राप्त, हासिल; (पु.)-प्राप्ति, हुसूल।
पैदाइश ($फा.स्त्री.)-जन्म, उत्पत्ति; आविर्भाव, ज़ुहूर; प्राप्ति, लाभ, न$फा; उपज, जमना; प्रारम्भ, शुरूअ़ात।
पैदाइशी ($फा.वि.)-जो पैदा या उत्नन्न होते समय से प्राप्त हो, जन्मसिद्घ, प्राकृत, $िफत्री।
पैदावार ($फा.स्त्री.)-माल की उत्पत्ति; व्यवसाय की आय; खेती की उपज।
पैदावारी ($फा.स्त्री.)-दे.-'पैदावारÓ।
पै ब पै ($फा.अव्य.)-दे.-'पै दर पैÓ।
पैमाँ ($फा.पु.)-'पैमानÓ का लघुरूप, दे.-'पैमानÓ।
पैमाँगुसिल ($फा.वि.)-वचन-भंजक, प्रतिज्ञा भंग करनेवाला, $कौल से हट जानेवाला, प्रतिज्ञा-भेदी।
पैमाँशिकन ($फा.वि.)-वचन-भंजक, प्रतिज्ञा भंग करनेवाला, $कौल से हट जानेवाला, प्रतिज्ञा-भेदी, पैमाँगुसिल।
पैमाँशिकनी ($फा.स्त्री.)-वचन भंग करना, वादे से मुकरना।
पैमा ($फा.प्रत्य.)-फिरनेवाला, जैसे-'दश्तपैमाÓ-जंगल में फिरनेवाला; नापनेवाला, जैसे-'कोहपैमाÓ-पहाड़ नापनेवाला; पीनेवाला, जैसे-'बाद:पैमाÓ-शराब पीनेवाला।
पैमाइंद: ($फा.वि.)-नापनेवाला।
पैमाइश ($फा.स्त्री.)-नाप; किसी कपड़े, भूमि अथवा अन्य वस्तु की लम्बाई-चौड़ाई आदि की नाप।
पैमाई ($फा.स्त्री.)-नापना।
पैमान: ($फा.पु.)-लम्बरई-चौड़ाई नापने का यंत्र, इस्केल; तरल-पदार्थ नापने का यंत्र; शराब का गिलास, पान-पात्र।
पैमान:कश ($फा.वि.)-मदिरा पीनेवाला, मद्यप।
पैमान:कशी ($फा.स्त्री.)-मदिरापान, मद्यपान, शराब पीना।
पैमान:बक$फ ($फा.वि.)-शराब का जाम लिये हुए, हाथ में मधुप्याला लिए हुए, चषकपाणि।
पैमान:बदस्त ($फा.वि.)-दे.-'पैमान:बक$फÓ।
पैमान:शिकन ($फा.वि.)-शराब का गिलास तोड़ देनेवाला अर्थात् मद्यनिषेधक, मुहतसिब।
पैमान ($फा.पु.)-वचन, $कौल; प्रतिज्ञा, वादा; शपथा-शपथी, $कसमा-$कसमी।
पैमानए $गम (अ.$फा.पु.)-प्रेम की मदिरा का प्याला।
पैमानए मय ($फा.पु.)-पानपात्र, चषकपात्र, शराब का प्याला।
पैमूद: ($फा.वि.)-नापा हुआ।
पैमूदनी ($फा.वि.)-नापने योग्य।
पैमून: ($फा.पु.)-पैमाना।
पैरवी ($फा.स्त्री.)-किसी की ओर से किसी मु$कदमे आदि की पैरोकारी; अनुकरण, अनुसरण, तक़्लीद।
पैरहन ($फा.पु.)-लिबास, वस्त्र, वसन; कुर्ता, $कमीस।
पैरा ($फा.प्रत्य.)-सजाने और सँवारनेवाला, जैसे-'चमनपैराÓ-उपवन को सजानेवाला।
पैराइंद: ($फा.वि.)-सुसज्जित करनेवाला, सजानेवाला।
पैराइश ($फा.स्त्री.)-काट-छाँट करके सजाना; सजावट, सज्जा, सुसज्जा, आराइश।
पैरामन ($फा.पु.)-दे.-'पैरामूनÓ।
पैरामुन ($फा.पु.)-'पैरामूनÓ का लघुरूप, दे.-'पैरामूनÓ।
पैरामून ($फा.पु.)-इर्द-गिर्द, चारों ओर; दौर, गिर्दागिर्द; कपड़े का दामन।
पैराय: ($फा.पु.)-सजावट, ज़ीनत; आभूषण, ज़ेवर; वस्त्र, वसन, लिबास; शैली, पद्घति, तजऱ्।
पैरास्त: ($फा.वि.)-सुसज्जित, सजा हुआ।
पैरास्तगी ($फा.स्त्री.)-सजावट, आरास्तगी, सुसज्जा।
पैरास्तनी ($फा.वि.)-सजाने योग्य।
पैराहन ($फा.पु.)-दे.-'पैरहनÓ।
पैरौ ($फा.वि.)-पैरवी करनेवाला, पैरोकारी करनेवाला; पीछे आनेवाला, अनुयायी, अनुसरणकर्ता।
पैवंद ($फा.पु.)-थिगली, जोड़; वृक्ष कर $कलम; रिश्तेदारी, ख़्ाून का रिश्ता।
पैवंदी ($फा.वि.)-जिसमें थेगली लगी हो; वह फल आदि जो $कलमी हो।
पैवस्त: ($फा.वि.)-मिला हुआ, सटा हुआ; निरन्तर, लगातार; गत, गुजऱा हुआ; हमेशा, सर्वदा।
पैवस्त ($फा.वि.)-अन्दर घुसा हुआ; मिला हुआ, जुड़ा हुआ।
पैवस्तगी ($फा.स्त्री.)-निरन्तरता, लगातारपन, सटा हुआ होना; नित्यता, हमेशगी; अन्दर घुसने या पैवस्त होने का भाव।
पैवस्तनी ($फा.वि.)-पैवस्त होने योग्य।
पैवस्ता ($फा.वि.)-दे.-'पैवस्त:Ó, वही शुद्घ है।
पैस: ($फा.पु.)-ताँबे का सिक्का, तीन पाई की मुद्रा।
पैसिपुर ($फा.वि.)-पैरों-तले कुचला हुआ, पददलित।
पैसिपुरी ($फा.स्त्री.)-पैरों-तले कुचलना, पददलन, पामाली।
पैसुराक (तु.पु.)-ख़्ाच्चर, अश्वतर।
पैहम ($फा.वि.)-बारम्बार, बार-बारे; निरन्तर, लगातार।
No comments:
Post a Comment