छू
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छूचक (हि.पु.)-अशौच, सूतक; हिन्दुओं में बेटी के यहाँ सन्तान होने पर माँ-बाप द्वारा भेजा जानेवाला एक नेग। ।छूट (हि.स्त्री.)-छूटने की क्रिया या भाव, छुटकारा; चूक, असावधानी के कारण कार्य के किसी अंग पर ध्यान न जाने या उसके रह जाने की अवस्था; वह अनुमति जो किसी को निज का कोई कार्य करने अथवा न करने के लिए मिले; किसी प्राप्य धन का पूरा अथवा कुछ अंश छोड़ दिया जाना, बा$की या पूरा रुपया वसूल न करना; किसी बात या कार्य की स्वतंत्रता; गाली-गलौज या गन्दी दिल्लगी; तलाक; मल्लख्ंाभ की एक कसरत।
छूटना (हि.क्रि.अक.)-किसी बँधी या कसी हुई वस्तु का अलग होना; बंधन खुलना; अलग होना या दूर होना; सा$फ होना, मिटना; मुक्त होना, आज़ाद होना; बिछुडऩा, पीछे रह जाना; प्रस्थान करना, रवाना होना; नियम-व्रत आदि भंग होना; अस्त्र आदि का चलना, जैसे बन्दू$क छूटना; बंद होना, न रह जाना; काम या नौकरी से हटाया जाना; भूल से रह जाना; कण अथवा छींटे निकलकर फैलना; रिस-रिसकर पानी आदि का निकलना; तेज़ी से निकलना; समय पर गाड़ी न पकड़ पाना।
छूत (हि.स्त्री.)-निषिद्घ संसर्ग; गन्दी वस्तु का स्पर्श या संसर्ग; अपवित्र वस्तु छूने का दोष; अस्पृश्यता; भूत-प्रेत का प्रभाव।
छूना (हि.क्रि.अक.)-स्पर्श करना, आंशिक संयोग करना; उँगली या हाथ लगाना; दान के निमित्त कोई वस्तु स्पर्श करना; दौड़ या खेल की बाज़ी में जा पकडऩा; लेप करना, पोतना।
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