गि, $िग
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$िगचक ($फा.स्त्री.)-एक प्रसिद्घ बाजा, सारंगी।गिचपिच (सं.स्त्री.)-खचा-खच, गच-पच; एक में एक मिला हुआ; अस्पष्ट।
$िगचल (उ.वि.)-गंदा, मैला, $गलीज़।
$िगचली (उ.वि.)-मैला, गंदा, वह व्यक्ति जो अपने बदन की स$फाई न रखे।
$िगज़ा (अ़.स्त्री.)-खाना, भोजन, खाद्य, ख़्ाुराक; अन्न, अनाज। इसका 'ज़Ó उर्दू के 'ज़ालÓ अक्षर से बना है। '$िगज़ा लगनाÓ-खाना शरीर को रास आना, सेहत बनना।
$िगज़ा (अ़.पु.)-धर्मयुद्घ, मज़हबी जंग। दे.-'गज़़ाÓ, दोनों शुद्घ हैं। इसका 'ज़Ó उर्दू के 'ज़ेÓ अक्षर से बना है।
$िगज़ाई (अ़.वि.)-अन्न-सम्बन्धी; भोजन-सम्बन्धी।
$िगज़ाईयत (अ़.स्त्री.)-किसी खाद्य-पदार्थ में शरीर को पुष्टि पहुँचाने और रस बननेवाले अंश, अन्न-तत्त्व।
$िगज़ाईयात (अ़.$फा.स्त्री.)-अन्न-समूह, अनेक खाद्य-पदार्थ।
$िगज़ाए रूहानी (अ़.स्त्री.)-आत्मा का भोजन, अर्थात् मधुर आवाज़, गाना।
$िगज़ाए लती$फ (अ़.स्त्री.)-लघुपाक, शीघ्र पच जानेवाला भोजन, शीघ्रपाक।
$िगज़ाए स$कील (अ़.स्त्री.)-गरिष्ठ खाना, देर से पचनेवाला भोजन।
$िगज़ाज़ (अ़.पु.)-भिक्षाटन, भीख माँगना।
$िगज़ा$फ ($फा.पु.)-व्यर्थ की बात, झूठी बात; डींग, शेखी। 'ला$फो $िगज़ा$फÓ-व्यर्थ की डींग, झूठमूठ की और निरर्थक बातें।
$िगज़ाब (अ़.पु.)-हवा आदि से उड़कर आँख में पडऩेवाला तिनका; शरीर पर पडऩेवाले फफोले।
$िगज़ाल (अ़.पु.)-दे.-'$गज़ालÓ।
$िगज़े (अ़.स्त्री.)-भोजन, ख़्ाुराक।
$िगज़्य: ($फा.पु.)-जिज़्य:, $गैर-मुसलमानों से लिया जानेवाला कर (मुस्लिम शासकों द्वारा प्रचलित एक प्रकार का धर्म-कर)।
गिजि़्लक ($फा.पु.)-$कलम बनाने का चा$कू।
गिड़गिड़ाना ($हिं.क्रि.अक.)-अधिक नम्रता के साथ विनती या प्रार्थना करना।
$िगता (अ़.पु.)-वस्त्र, वसन, पहनने के कपड़े; पर्दा।
$िगत्री$फ (अ़.वि.)-ख़्ाानदानी, कुलीन, शरी$$फ; पूज्य, बुज़ुर्ग; वीर, बहादुर।
गि़त्रीस (अ़.वि.)-अहंकारी, घमण्डी, म$गरूर; ज़ुल्म ढाने वाला, ज़ालिम, अत्याचारी।
गिदस्त ($फा.पु.)-बित्ता, बालिश्त।
$िगद्दीर (अ़.वि.)-नमकहराम, अत्यधिक कृतघ्न।
गिद्य: ($फा.स्त्री.)-भिक्षाटन, भीख माँगना।
गिनना (हिं.क्रि.अक.)-गिनती करना, संख्या मालूम करना; हिसाब लगाना; कुछ महत्त्व का समझना।
$िगना (अ़.पु.)-समृद्घि, दौलतमंदी, सम्पन्नता; बेनियाज़ी, नि:स्पृहता, बे-पर्वाई।
$िगना (अ़.पु.)-गान, नग़्मा, गाना।
$िगनाइयत (अ़.स्त्री.)-नग़्मे की कै़$िफयत, संगीतमयता, लयबद्घता।
$िगनाई (अ़.वि.)-'$िगनाÓ से सम्बन्धित, नग़्मे का, गाने का।
गि़ब [ब्ब] (अ़.पु.)-इकतरा, एक-एक दिन बीच में छोड़कर आनेवाला ज्वर; जो एक दिन आए और एक दिन न आए; सप्ताह में एक दिन किसी से मिलने जाना; सीमा, हद, पराकाष्ठा।
$िगब्त: (अ़.पु.)-किसी को हानि पहुँचाए बिना उस-जैसा बनने की इच्छा; किसी को हानि पहुँचाए बिना उसके माल को प्राप्त करने की इच्छा।
$िगब्ता (अ़.पु.)-दे.-'$िगब्त:Ó, वही उच्चारण शुद्घ है।
$िगमाम: (अ़.पु.)-मुसीका, पशु के मुँह पर चढ़ाने की एक प्रकार की थैली।
गिमीज़ ($फा.पु.)-पेशाब, मूत्र।
$िगम्द ($फा.पु.)-तलवार या छुरी अथवा चा$कू का कोष, खेल, म्यान।
गिय़ाब (अ़.स्त्री.)-'गै़बÓ का बहु., गुप्त, पोशीदा, ओझल, लुप्त।
$िगयार (अ़.पु.)-ऐसा धर्म-चिह्नï जो हर समय पास रहे, जैसे-हिन्दुओं का जनेऊ, ईसाइयों का सलीब या क्रॉस तथा यहूदियों का पीला कपड़ा जो वे कंधे के पास कपड़े में सिलाए रखते हैं।
गिय़ास (अ़.पु.)-विपदा और कष्ट में सहायता करना, दु:ख और आपत्ति में मदद करना, $फरियाद सुनना, शिकायत दूर करना, (वि.)-दु:ख और कष्ट के समय सहायता करनेवाला।
गियाह ($फा.स्त्री.)-हरी घास।
$िगरंद: ($फा.वि.)-गुर्रानेवाला, अकडऩेवाला; अनुभवहीन, अव्यावहारिक व्यक्ति।
गिरच ($फा.पु.)-पुताई का चूना।
$िगर [र्र] (अ़.वि.)-निश्चेष्ट व्यक्ति, बेख़्ाबर आदमी; अनुभवहीन व्यक्ति, नातज्रिब:कार आदमी, अननुभवी आदमी।
गिर (हिं.पु.)-पहाड़, पर्वत; दस प्रकार के संन्यासियों में-से एक।
गिरदा ($फा.पु.)-चक्र, दायरा, हल$का, घेरा, मण्डल, कुंडली, गोल टिकिया; वह गोल कपड़ा जो अ़ौरतें पान-दान की थाली में रखती हंै; एक प्रकार की ख़्ामीरी मोटी और छोटी रोटी; वह गोल कपड़ा जिस पर हुक़्क़ा रखते हैं; ढोल का ख़्ाोल; एक प्रकार का छोटा गोल तकिया, गेंदुआ।
गिरदाब ($फा.पु.)-दे.-'गिर्दाबÓ।
गिरदावर ($फा.पु.)-दे.-'गिर्दावरÓ।
गिरदावरी ($फा.स्त्री.)-दे.-'गिर्दावरीÓ।
गिरना ($हिं.क्रि.अक.)-एकाएक ऊपर से नीचे को आना; भूमि पर पड़ या लेट जाना; अवनति पर होना; किसी नदी का सागर अथवा बड़े जलाशय में मिलना; शक्ति या मूल्य आदि का कम या मन्दा होना; किसी पदार्थ को लेने के निमित्त टूट पडऩा, तेज़ी से आगे को बढऩा; जीर्ण या दुर्बल होना; अपने स्थान से हटना; किसी ऐसे रोग का होना जिसेा वेग ऊपर से नीचे की ओर आता है, जैसे-$फालिज गिरना।
गिरफ़्त ($फा.स्त्री.)-दे.-'गिरिफ़्तÓ, वही शुद्घ उच्चारण है।
गिरफ़्तगी ($फा.स्त्री.)-दे.-'गिरिफ़्तगीÓ, वही शुद्घ उच्चारण है।
गिरफ़्ता ($फा.वि.)-दे.-'गिरिफ़्त:Ó, वही उच्चारण शुद्घ है।
गिरफ़्तार ($फा.वि.)-दे.-'गिरिफ़्तारÓ।
गिरफ़्तारी ($फा.स्त्री.)-दे.-'गिरिफ़्तारीÓ।
गिरवी ($फा.वि.)-गिरों रखा हुआ, बंधक, रेह्न।
गिरवीद: ($फा.वि.)-प्रेम करनेवाला, आसक्त, अ़ाशि$क, मोहित, $फरेफ़्ता, लुभाया हुआ।
गिरवीदगी ($फा.स्त्री.)-आसक्त होना, प्रेम करना, मोहित होना।
गिरवीदा ($फा.वि.)-दे.-'गिरवीद:Ó, वही शुद्घ है।
गिरह ($फा.पु.)-दे.-'गिरिहÓ, वही शुद्घ उच्चारण है।
गिरहकट ($फा.पु.)-जेब या गाँठ में बँधा हुआ माल काट लेनेवाला, चाईं, जेब-कतरा, जेब-तराश।
गिरहगीर ($फा.वि.)-बल खाये हुए, मुड़ा हुआ।
गिरहदार ($फा.वि.)-जिसमें गिरह या गाँठें हों, गँठीला, बहुत-सी गाँठोंवाला।
गिरहबाज़ ($फा.पु.)-एक जाति-विशेष का कबूतर जो उड़ते-उड़ते उलटकर कलैया खा जाता है।
गिराँ ($फा.वि.)-वज़्नी, भारी; महँगा, तेज़ भाव का; $कीमती, बहुमूल्य।
गिराँ$कद्र (अ़.$फा.वि.)-बड़े पद और रुत्बेवाला; महत्त्वपूर्ण, अहम; बहुमूल्य, $कीमती।
गिराँ$कीमत (अ़.$फा.वि.)-बहुमूल्य, बहुत दामोंवाला, बेश$कीमत।
गिराँख़्ाातिर (अ़.$फा.वि.)-खिन्न, मनोमलिन, दु:खी; बददिल, उदास।
गिराँख़्वाब ($फा.वि.)-गहरी नींद सोनेवाला।
गिराँख़्वाबी ($फा.स्त्री.)-देर से सोना और देर से उठना।
गिराँगोश ($फा.वि.)-बहरा, बधिर, ऊँचा सुननेवाला।
गिराँजाँ ($फा.वि.)-जो कड़ी आपत्तियाँ झेलकर भी जीवित रहे, सख़्तजान; सुस्त, आलसी, काहिल।
गिराँजानी ($फा.स्त्री.)-कड़ी मुसीबतों में फँसकर भी उनसे निकल जाना; सुस्ती, आलस्य, काहिली।
गिराँतर ($फा.वि.)-बहुत महँगा; बहुत भारी, अत्यधिक वज़्नी।
गिराँतरीन ($फा.वि.)-सबसे अधिक महँगा; सबसे अधिक भारी।
गिराँताब ($फा.वि.)-अच्छी तरह तपाया हुआ।
गिराँपाय: ($फा.वि.)-दे.-'गिराँ$कद्रÓ।
गिराँ$फरोश ($फा.वि.)-महँगा बेचनेवाला, ऊँचे या अधिक दामों पर बेचनेवाला।
गिराँ$फरोशी ($फा.स्त्री.)-अधिक दामों में बेचना, महँगा बेचना।
गिराँबहा ($फा.वि.)-बहुत $कीमत का, बहुमूल्य, बेश$कीमत; महत्त्वपूर्ण, अहम।
गिराँबार ($फा.वि.)-बोझ से दबा हुआ; ऋण अथवा उपकार के बोझ से दबा हुआ; किसी के एहसान तले दबा हुआ।
गिराँबारी ($फा.स्त्री.)-बोझ से दबना; ऋण आदि के बोझ तले दबना; किसी एहसान के बोझ तले दबना।
गिराँमाय: ($फा.वि.)-महत्त्वपूर्ण, अज़़ीम; $कीमती, बहुमूल्य, अधिक दामोंवाला।
गिराँरिकाब (अ़.$फा.वि.)-धैर्यवान्, शान्त-स्वभाव; वह घोड़ा जो चलने में सुस्त हो; वह सैनिक जो रणभूमि में डटकर लड़े और पाँव पीछे न हटाए।
गिराँसंग ($फा.वि.)-भारी-भरकम, गंभीर; आत्मसंतोषी।
गिराँसर ($फा.वि.)-रुष्ट, अप्रसन्न, नाख़्ाुश; अभिमानी, घमण्डी।
गिराँसरी ($फा.स्त्री.)-अभिमान, घमण्ड, $गुरूर।
गिराँसाय: ($फा.वि.)-दे.-'गिराँ$कद्रÓ।
$िगरा (अ़.स्त्री.)-जिसके चार पाँव न हों; सरेश।
गिराइंद: ($फा.वि.)-अभिलाषी, चाहनेवाला, इच्छा करने वाला, इच्छुक।
गिराइश ($फा.स्त्री.)-प्रवृत्ति, रुझान; रुचि, इच्छा, रग़्बत।
गिराईद: ($फा.वि.)-अभिलषित, चाहा हुआ, वांछित, इच्छित।
गिराई ($फा.स्त्री.)-अभिलाषा, इच्छा, विचार, चाहत, (वि.)-अभिलाषी, इच्छा करनेवाला; बोझिलता, भारीपन।
गिराईदनी ($फा.वि.)-वांछनीय, चाहने योग्य।
गिराज़ीदन ($फा.क्रि.)-पिघलना, पिघला हुआ होना।
गिराद ($फा.पु.)-पुराना कपड़ा।
गिराना ($हिं.क्रि.सक.)-पृथ्वी पर डाल देना; पतन करना; अवनत करना, घटाना; जल का बहाव ढाल की ओर करना; बल-महत्त्व आदि कम कर देना; लड़ाई में मार डालना; सहसा उपस्थित करना।
गिरानी ($फा.स्त्री.)-महँगाई, महँगापन, मूल्य अधिक होना, भाव की तेज़ी; बोझ, भारीपन; पाचन-क्रिया की ख़्ाराबी, अपच, पेट का भारीपन।
$िगरा$फ (अ़.पु.)-'$गुर्फ़Ó का बहु., $गुर्फे़, झरोखे; एक बड़ा पैमाना।
गिरामी ($फा.वि.)-महान्, अज़़ीम; पूज्य, माननीय, बुज़ुर्ग; पवित्र, पुनीत, मु$कद्दस; प्रिय, अज़़ीज़। 'नामी-गिरामीÓ-बहुत प्रसिद्घ, विख्यात; प्रसिद्घ और आदरणीय।
गिरामी$कद्र (अ़.$फा.पु.)-महोदय, महाशय, अ़ाली जनाब; महत्त्वपूर्ण, अहम।
गिरामीनाम: ($फा.पु.)-कृपापत्र, बड़े का पत्र, बुज़ुर्ग का ख़्ात।
गिरामीमनिश ($फा.वि.)-पुण्यात्मा, पुनीतात्मा, बुज़ुर्ग निहाद।
$िगरार: (अ़.पु.)-गौन, खुर्जी, गौण।
$िगरार (अ़.पु.)-आचार-व्यवहार, तौर-तरी$का; बाज़ार का मंदा होना; हानि, घाटा, कमी; मूर्खता, नादानी, बचपना, बेवु$कू$फी।
गिरावट (हिं.स्त्री.)-गिरने की क्रिया या भाव।
गिऱास (अ़.पु.)-पेड़ लगाने का समय; लगाया हुआ पेड़। इसका 'सÓ उर्दू के 'सीनÓ अक्षर से बना है।
$िगरास (अ़.पु.)-'$गरीसÓ का बहु., भूखे लोग, क्षुधातुर जन। इसका 'सÓ उर्दू के 'सेÓ अक्षर से बना है।
गिरिफ़्त: ($फा.वि.)-गृहीत, लिया हुआ, पकड़ा हुआ, पंजे में फँसा हुआ; व्यंग, कटाक्ष, तंज़; डींग; संकुचित; (ला.)-प्रेमी, अ़ाशि$क। 'अजल गिरिफ़्त:Ó-मौत के पंजे में फँसा हुआ।
गिरिफ़्त:ख़्ाातिर (अ़.$फा.वि.)-दे.-'गिरिफ़्त:दिलÓ।
गिरिफ़्त:जऩ ($फा.वि.)-दूर की हाँकनेवाला, डींगिया, डींग मारनेवाला; व्यंग करनेवाला, कटाक्ष करनेवाला, ताना देनेवाला।
गिरिफ़्त:ज़बाँ ($फा.वि.)-बात करने में जिसकी जीभ लड़खड़ाती हो; हकला; तोतला।
गिरिफ़्त:दिल ($फा.वि.)-दु:खित, रंजीदा; अप्रसन्न, उदास, संतप्त, अफ़्सुर्द:।
गिरिफ़्त:लब ($फा.वि.)-जिसके होंठ सिले हुए हों, मौन, अवाक्, चुप, ख़्ाामोश।
गिरिफ़्त ($फा.स्त्री.)-पकडऩे की क्रिया या भाव, पकड़, ग्रहण; हिसाब में त्रुटि की पकड़; अपराध की पकड़; वह बात जो बतौर एतिराज़ कही जाए, आपत्ति, एÓतिराज़; अधिकार, $कब्ज़ा; चंगुल, पंजा; हस्तक, दस्ता, मूठ। 'गिरिफ़्त में आनाÓ-चंगुल में आना, $काबू में आना।
गिरिफ़्तगी ($फा.स्त्री.)-गिरिफ़्त, पकड़; पड़ जाना, बैठ जाना (आवाज़), आवाज़ का भारी होना; खिन्नता, उदासीनता, उदासी, अफ़्सुर्दगी; फँसा होना।
गिरिफ़्तनी ($फा.वि.)-लेने के योग्य, लभ्य; पकडऩे के योग्य, ग्राह्य।
गिरिफ़्ता ($फा.वि.)-दे.-'गिरिफ़्त:Ó, वही उच्चारण शुद्घ ह।
गिरिफ़्तार ($फा.वि.)-बंदी, कै़दी; फँसा हुआ, बँधा हुआ, कसा हुआ; आसक्त, अ़ाशि$क; ग्रस्त, मुब्तिला।
गिरिफ़्तारी ($फा.स्त्री.)-गिरिफ़्तार करने का भाव, गिरिफ़्तार होने की क्रिया, पकड़, कै़द, बन्दी होना, नजऱबंदी, बँधना; फँसना; प्रेम होना; ग्रस्त होना; उलझाव, जंजाल।
गिरिय: ($फा.पु.)-दे.-'गिर्य:Ó, शुद्घ उच्चारण वही है, रुलाई, रोना-धोना, विलाप, रुदन। 'गिरिय: ओ जारीÓ-रोना-धोना, रोना-कलपना। 'गिरिय: करनाÓ-रोना, आँसू बहाना।
गिरिय:नाक, गिरिय:मंद ($फा.वि.)-रोने-धोनेवाला, विलाप करनेवाला।
गिरियाँ ($फा.वि.)-जो रोता हो, रोनेवाला, रोता हुआ।
गिरिया ($फा.पु.)-दे.-'गिरिय:Ó।
गिरिह ($फा.स्त्री.)-गाँठ, ग्रंथि; जेब, पॉकेट, ख़्ाीसा, खरीता; हड्डियों का जोड़, दो पोरों के जोड़ का स्थान; एक गज़ का सोलहवाँ हिस्सा, तीन अंगुल; कलैया, कलाबाज़ी, कलामुंडी; रंज, मलाल, शोक; समस्या, मस्अ़ला; सुद्दा, गिलटी; उलझन, परेशानी।
गिरिहकट ($फा.पु.)-जेब या गाँठ में बँधा हुआ माल काट लेनेवाला, चाईं, पॉकेटमार, जेब-कतरा, जेब-तराश।
गिरिहकुशा ($फा.वि.)-गाँठ खोलनेवाला; समस्या का हल निकालनेवाला, समाधान करनेवाला; कठिनता का निवारण करनेवाला; मुश्किल को आसान बनानेवाला।
गिरिहकुशाई ($फा.स्त्री.)-समस्या का समाधान करना; गाँठ खोलना; कठिनता का निवारण करना।
गिरिहदार ($फा.वि.)-जिसमें गिरिह या गाँठें हों, गँठीला।
गिरिह बर गिरिह ($फा.वि.)-गाँठ पर गाँठ, कठिनाई पर कठिनाई, मुश्किल पर मुश्किल, विपत्ति पर विपत्ति।
गिरिहबुर ($फा.वि.)-गाँठ काटनेवाला, जेबकतरा, जेबतराश।
गिरीबाँ ($फा.पु.)-'गिरीबानÓ का लघु., दे.-'गिरीबानÓ, कुर्ते व $कमीज़ का गला, दामन, सिरा।
गिरीबाँगीर ($फा.वि.)-गला पकडऩेवाला; त$काज़ा करने वाला।
गिरीबाँचाक ($फा.वि.)-जिसने अपना गिरीबान फाड़ डाला हो; पागल, दीवाना; प्रेमी, अ़ाशि$क।
गिरीबाँदर ($फा.वि.)-गिरीबान फाडऩेवाला; पागल; प्रेमी, अ़ाशि$क।
गिरीबाँदरीद: ($फा.वि.)-दे.-'गिरीबाँचाकÓ।
गिरीबान ($फा.पु.)-गला, गर्दन, ग्रीवा; कुर्ते-$कमीज़ आदि का गला।
गिरीबाने कोह ($फा.पु.)-पहाड़ का दामन, पहाड़ की तराई।
गिरेबाँ ($फा.वि.)-दे.-'गिरीबाँÓ, वही अधिक सौम्य है।
गिरेबान ($फा.वि.)-दे.-'गिरीबानÓ, वही अधिक सौम्य है।
गिरेव: ($फा.पु.)-टीला, ढंूह; पुश्ता; पहाड़ी, टीकरी।
$िगरेव ($फा.पु.)-शोर, कोलाहल, $गुलगपाड़ा, शोर$गुल।
$िगरेवाँ ($फा.वि.)-शोर मचाता हुआ, चीखता और चिल्लाता हुआ।
$िगरेवीदन ($फा.क्रि.)-शोर करना, चीखना।
गिरो ($फा.वि.)-दे.-'गिरौÓ, वही शुद्घ उच्चारण है।
गिरोह ($फा.पु.)-दे.-'गुरोहÓ, वही शुद्घ उच्चारण है, टोली, झुण्ड।
गिरौ ($फा.पु.)-रेह्न रखना, गिरवी रखना, बंधक करना, (वि.)-रेह्न अथवा गिरवी रखी हुई वस्तु।
$िग$िर्गर (अ़.स्त्री.)-वनकुक्कटी, जंगली मु$र्गी।
गिजऱ्ीन ($फा.पु.)-रत्नजडि़त मुकुट।
गिर्द: ($फा.पु.)-अखरोट, एक प्रसिद्घ मेवा, अक्षरोट; गोल टिकिया।
गिर्द ($फा.पु.)-इधर-उधर, आसपास, चारों ओर; आसपास का स्थान; घेरा, हल्$का। 'इर्द-गिर्दÓ-चारों ओर। 'गिर्द-नवाहÓ-आस-पास के स्थान।
गिर्दक ($फा.स्त्री.)-पहेली, प्रहेलिका; तम्बू, रावटी, ख़्ोमा; कोठा, कमरा।
गिर्दगाँ ($फा.पु.)-अखरोट, अक्षरोट।
गिर्दघुम्मा (हिं.वि.)-आवारा फिरनेवाला, किसी के आस-पास मँडरानेवाला; मु$फलिस; तमाशबीन।
गिर्दनवाह ($फा.पु.)-आस-पास का इला$का या स्थान।
गिर्द ब गिर्द ($फा.वि.)-चहुँपास, चारों ओर, आसपास।
गिर्दबाद ($फा.पु.)-हवा का बगूला, बवंडर, चक्रवात, वायुचक्र, हवा का चक्कर, वातावर्त।
गिर्दबा$फ ($फा.पु.)-अँगिया की तनी, कंचुकी की डोरी।
गिर्दबालिश ($फा.पु.)-गलतकिया, चक्रगंडु, वह गोल छोटा तकिया जो गालों के नीचे रखा जाता है।
गिर्दबाश ($फा.पु.)-गोल और छोटा तकिया।
गिर्दबुर ($फा.पु.)-बढ़इयों का बरमा, सूराख़्ा करने का एक यंत्र।
गिर्दागिर्द ($फा.वि.)-चहुँपास, चहुँओर, चारों तर$फ, हर तर$फ, चारों ओर।
गिर्दाब ($फा.पु.)-पानी का चक्कर, जलावर्त, कलंकुर, भँवर। 'कब से गिर्दाब से तुम खेल रहे हो माँझी, अब तो ये नाव किनारे से लगा दी जाएÓ-माँझी
गिर्दावर ($फा.वि.)-हर ओर गश्त लगानेवाला, दौरा करने वाला, घूमनेवाला, घूम-फिरकर काम देखनेवाला अधिकारी।
गिर्दावरी ($फा.स्त्री.)-गश्त लगाने और दौरा करने का काम; दौरा, गश्त, निगरानी।
$िगर्नौ$क (अ़.पु.)-दे.-'$गुर्नीकÓ।
$िग$र्फ: (अ़.पु.)-चुल्लू या ओक में पानी उठाना।
$िगर्बान (अ़.पु.)-'$गुराबÓ का बहु., कौए, कव्वे, काक-समूह।
$िगर्बाल (अ़.स्त्री.)-आटा आदि छानने की छलनी, चलनी, चालनी। दे.-'$गर्बालÓ, दोनों शुद्घ हैं।
$िगर्बीब (अ़.पु.)-अंगूर की एक बहुत बढिय़ा जाति।
गिर्य: ($फा.पु.)-रुदन, रोना, आँसू बहाना।
गिर्य:आवर ($फा.वि.)-आँसू लानेवाला, रुलानेवाला।
गिर्य:कुनाँ ($फा.वि.)-रुदन करता हुआ, रोता हुआ, आँसू बहाता हुआ।
गिर्यए $गम (अ़.$फा.पु.)-कष्ट-विलाप, दु:ख का रोना; किसी की मृत्यु पर रोना, शोक-विलाप।
गिर्यए शादी ($फा.पु.)-ख़्ाुशी की अधिकता में आँखों से आँसू छलक आना।
गिर्यओज़ारी ($फा.स्त्री.)-रोना-धोना, हाय-हाय करना।
$िगर्र: (अ़.स्त्री.)-अनुभवहीनता, अनाड़ीपन, नातज्रिब:कारी; प्रेम, स्नेह, इश्$क, मुहब्बत।
गिर्वीद: ($फा.वि.)-अ़ाशि$क, प्रेमी, मुग्ध, मोहित, $फरेफ़्त:, लट्टू।
गिर्वीदगी ($फा.स्त्री.)-हद से बढ़ी हुई दिलचस्पी, मोह, $फरेफ़्तगी।
गिर्वीदनी ($फा.वि.)-अ़ाशि$क होने योग्य, मुग्ध होने लाइ$क।
$िगर्स (अ़.पु.)-वह झिल्ली, जिसमें शिशु गर्भाशय में लिपटा रहता है।
गिल: ($फा.पु.)-उलाहना, उपालंभ, शिकवा, शिकायत। 'गिल: शिकवाÓ-उलाहना, शिकायत।
गिल:गुज़ार ($फा.वि.)-उलाहना देनेवाला, शिकवा करने वाला, उपालंभक, गिला करनेवाला।
गिल:गुज़ारी ($फा.स्त्री.)-उलाहना देना, शिकवा करना।
गिल ($फा.स्त्री.)-गारा, गीली मिट्टी, मृत्तिका; कीचड़, दलदल।
$िगल [ल्ल] (अ़.पु.)-अपहरण, हेराफेरी, गबन, ख़्िायानत, मोषण; द्वेष, कीना; मलिनता, गदलापन।
गिलअंदूद: ($फा.वि.)-मिट्टी अथवा गारे से लेपा हुआ, मिट्टी चढ़ाया हुआ।
गिलए रोजग़ार ($फा.पु.)-भाग्यहीनता की शिकायत, दुर्भाग्य का रोना, कालचक्र की शिकायत।
गिलकार ($फा.वि.)-गारा या पलस्तर करनेवाला।
गिलकारी ($फा.स्त्री.)-गारा बनाना, पलस्तर करना।
गिलख़्ाोर: ($फा.पु.)-केचुआ।
$िगलज़ (अ़.पु.)-गाढ़ापन; दल, मोटाई।
$िगलज़त (अ़.स्त्री.)-गाढ़ापन, गन्दापन।
गिलनाक ($फा.वि.)-मटमैला, गँदला।
$िगलमा (अ़.पु.)-दे.-'$िगल्म:Ó, वही उच्चारण शुद्घ है।
गिलमाल: ($फा.पु.)-राज की करनी, जिससे वह पलस्तर चढ़ाता है।
गिलहिकमत ($फा.स्त्री.)-कपरौटी, मिट्टी में कपड़ा सान कर उसे शीशी या हाँड़ी पर चढ़ाना। दे.-'गिलेहिकमतÓ।
गिला ($फा.पु.)-दे.-'गिल:Ó, वही शुद्घ उच्चारण है।
गिलागुज़ार ($फा.वि.)-दे.-'गिल:गुज़ारÓ, वही शुद्घ है।
$िगलाज़ (अ़.पु.)-'$गलीज़Ó का बहु., गाढ़े पदार्थ; गंदगियाँ; गू, विष्ठा।
$िगलाज़त (अ़.स्त्री.)-मल, मैल, गन्दगी, गन्दापन; गू, मल, विष्ठा; अपवित्रता, नापाकी; गाढ़ापन, $िगल्ज़।
$िगलाज़तख़्ाान: (अ़.$फा.पु.)-कूड़ा-करकट और गू-गोबर फेंकने का स्थान, घूरा।
$िगलाज़तख़्ाोर (अ़.$फा.वि.)-विष्ठा खानेवाला, सुअर, शूकर; बुरी कमाई खानेवाला।
$िगला$फ (अ़.पु.)-रजाई-तकिए आदि का ख़्ाोल, लिहा$फ; सूखे और दानेदार फल का बकला; पलक, दृगचल; तलवार आदि का कोष, म्यान। '$िगला$फी आँखÓ-वह बड़ी झुकी हुई आँख जो पपोटों से ढँकी हुई हो।
$िगला$फना, $गली$फना (अ़.क्रि.)-पागना, किसी मिठाई आदि को मीठे से तर करना, चाशनी में डालना।
गिलाब: ($फा.पु.)-मिट्टी में भूसा आदि मिलाकर बनाया हुआ दीवारों का लेस, लेसन, कहगिल, गारा।
गिलाबा ($फा.पु.)-दे.-'गिलाब:Ó, वही शुद्घ उच्चारण है।
$िगलाल: (अ़.पु.)-वह कुर्ता, जो कवच के नीचे पहनते हैं।
गिलीं ($फा.वि.)-मिट्टी का बना हुआ, मृन्मय; मिट्टी मिला हुआ।
गिली ($फा.वि.)-दे.-'गिलींÓ।
गिलीम ($फा.पु.)-एक प्रकार का ऊनी पहनावा; कम्बल, धुस्सा, लोई।
$िगल्लीम (अ़.पु.)-कामातुर, कामुक।
गिलेअर्मनी ($फा.स्त्री.)-एक प्रकार का गेरू, जो दवा में प्रयोग किया जाता है।
गिले ख़्ाुरासानी ($फा.स्त्री.)-खरिया मिट्टी।
गिलेचस्पाँ ($फा.स्त्री.)-कचला मिट्टी, चिपकनेवाली मिट्टी जिससे दीवारों पर लिसाई करने के लिए लेसन अथवा कहगिल बनता है।
गिलेमख़्तूम (अ़.$फा.स्त्री.)-एक प्रकार का गेरू जो 'गिले-अर्मनीÓ से भिन्न है।
$िगलेवाज़ ($फा.स्त्री.)-चील नामक एक प्रसिद्घ पक्षी, चिल्ल।
गिले हिकमत ($फा.स्त्री.)-दवा बनाने के लिए मटकी आदि पात्र को आग पर चढ़ाने से पहले उस पर गीली मिट्टी लगाना या गीली मिट्टी से उसका मुँह बन्द करना।
$िगलो$िगश (अ़.$फा.स्त्री.)-मैल, मल; चिन्ता, $िफक्र; बाधा, विघ्न।
$िगल्म: (अ़.पु.)-'$गुलामÓ का बहु., दास, नौकर-चाकर; लड़के, बालक; बहिश्त के वे सुन्दर बालक जो पुण्यात्माओं की सेवा करते हैं।
$िगल्माँ (अ़.पु.)-'$िगल्मानÓ का लघु., दे.-'$िगल्मानÓ।
$िगल्मान (अ़.पु.)-स्वर्ग के बालक अथवा बच्चे; यह शब्द '$गुलामÓ का बहुवचन है मगर उर्दू और $फार्सी में एकवचन में व्यवहृत है।
$िगल्लीम (अ़.वि.)-कामातुर, कामुक; तीव्र काम-वासना वाला, तेज़ शहवतवाला, तीव्र बटुक-विलासी।
$िगश [श्श] (अ़.स्त्री.)-अपहरण, $गबन, मोषण, ख़्िायानत; अशुभ चिन्तन, अमंगलकामना, बदख़्वाही; द्वेष, कीना; आत्मा की दुष्टता, मन का खोटापन।
$िगशा (अ़.स्त्री.)-झिल्ली, महीन अथवा बहुत पतली खाल; पर्दा, पटल; $िगला$फ, उपरना; वस्त्र, लिबास, वसन।
$िगशाव: (अ़.पु.)-पर्दा, पटल।
$िगशाश (अ़.पु.)-अँधेरे का प्रारम्भिक और अन्तिम समय; थोड़ी चीज़; शीघ्रता, जल्दी।
$िगश्यान (अ़.पु.)-मैथुन, रतिक्रीड़ा, संभोग, जिमाअ़, कामक्रीड़ा।
$िगसान (अ़.पु.)-बच्चों के पहनने का वस्त्र-विशेष, जो खाल अथवा चमड़े का बना होता है।
$िगस्ल (अ़.पु.)-वह पानी जिसमें कुछ धोया गया हो।
$िगस्लीन (अ़.पु.)-वह पानी जिसमें घाव धोया जाए; वह मवाद जो नरकवासियों के शरीर से बने।
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