Manjhi Urdu Hindi Kosh
Saturday, November 21, 2015
Thursday, October 15, 2015
हौ
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हौंस (हिं.स्त्री.)-
बुरी नज़र, कुदृष्टि; ईर्ष्या, बर्बादी। 'हौंस खाना'=बुरी नज़र का असर हो जाना। 'हौंसना'=टोकना, नज़र लगाना।
हौका (हिं.पु.)-
किसी बात की बहुत प्रबल इच्छा; दीर्घ निश्वांस।
हौज़: (अ़.पु.)-
छोटा हौज़। इसका 'ज़’ उर्दू के 'ज़्वाद’ अक्षर से बना है।हौज़: (अ़.पु.)-
राज का केन्द्र, सत्ता-केन्द्र, राजधानी; छोर, किनारा; भग, योनि।हौज (अ़.स्त्री.)-
अज्ञानता, नासमझी; आतुरता, अधीरता, जल्दबाज़ी।हौज़ (अ़.पु.)-
पानी जमा रखने का पक्का कुण्ड, जो मस्जिदों या बग़ीचों में होता है।हौद: (अ़.पु.)-
ऊँट की पीठ पर रखा जानेवाला कजावा, हाथी की पीठ पर रखी जानेवाली अम्बारी।हौदज (अ़.पु.)-
ऊँट या हाथी की पीठ पर रखी जानेवाली अम्बारी, हौदा।हौन (फ़ा.पु.)-
खेत की वह ज़मीन जिसमें ढेले बहुत हों।हौन (अ़.पु.)-
सुख, शान्ति; प्रतिष्ठा, वक़ार; विनय, नम्रता; हलकापन।हौब: (अ़.पु.)-
ननिहाल।हौब (अ़.पु.)-
पाप करना, गुनाह करना; इच्छा, ख़्वाहिश; घबराहट, बेचैनी; दु:ख, रंज।हौबत (अ़.स्त्री.)-
अपराध-कर्म, पाप-कर्म, गुनाहगारी।हौबा (अ़.स्त्री.)-
आराम पाने का मन, सुखेच्छा, आरामतलबी; आलस्य, काहिली।हौम: (अ़.पु.)-
महायुद्घ, बहुत बड़ी लड़ाई; प्रत्येक बड़ी वस्तु।हौरा (अ़.स्त्री.)-
वह गोरी स्त्री जिसके बाल और आँखें स्याह हों।हौल (अ़.पु.)-
आस-पास, चौगिर्द; शक्ति, तुवानाई। इसका 'हौ' उर्दू के 'बड़े हे' से बना है।हौल (अ़.पु.)-
भय, त्रास, डर, ख़ौफ़: विकलता, घबराहट। इसका 'हौ' उर्दू के 'दोचश्मी हे' से बना है।हौलअंगेज़ (अ़.फ़ा.वि.)-
डर या भय उत्पन्न करनेवाला, भयजनक, भयानक।हौलअफ्ज़़ा (अ़.फ़ा.वि.)-
भय या डर बढ़ानेवाला, भयवर्द्धक।हौलज़द: (अ़.फ़ा.वि.)-
भयभीत, भयाकुल, त्रस्त, डरा हुआ।हौलज़ा (अ़.फ़ा.वि.)-
दे.-'हौलअंगेज़'।हौलदिल (अ़.फ़ा.पु.)-
कलेजे की धड़कन का रोग।हौलदिला (अ़.फ़ा.वि.)-
डरपोक, कायर।हौलनाक (अ़.फ़ा.वि.)-
भयंकर, भयानक, भीषण, डरावना, ख़ौफ़नाक।हौलिगी (अ़.फ़ा.वि.)-
त्रस्त, भयभीत; उद्विग्न, व्याकुल।हौले (हिं.क्रि.वि.)-
धीरे, आहिस्ते; हलके हाथ से। 'हौले से'=हलके से, आहिस्ता से।'हौले-हौले'=धीरे-धीरे, आहिस्ता-आहिस्ता।
हौवा (अ़.स्त्री.)-
दे.-'हव्वा', शुद्ध उच्चारण वही है। हज़रत आदम की पत्नी का नाम जोमनुष्य-जाति की माता मानी जाती है। (पु.)-भीषण आकार का एक
कल्पित राक्षस जिसका नाम बच्चों को डराने के लिए लिया जाता है, हौआ।
हौश (अ़.पु.)-
घर, गृह, मकान; स्थान, जगह।हौस (हिं.स्त्री.)-
चाह, कामना, लालसा; उत्साह, हौसला; उमंग, हर्षोत्कंठा।हौसल: (अ़.पु.)-
उत्साह, हिम्मत; धृष्टता, ढीठपन; साहस, जुर्अत; उद्दण्डता, गुस्ताख़ी; आवेग, जोश, वलवला।हौसल:अफ्ज़़ा (अ़.फ़ा.वि.)-
उत्साहवर्द्धक, उत्साह बढ़ानेवाला, प्रोत्साहन देनेवाला।हौसल:अफ्ज़़ाई (अ़.फ़ा.स्त्री.)-
प्रोत्साहन देना, हिम्मत बढ़ाना।हौसल:मंद (अ़.फ़ा.वि.)-
साहसी, उत्साही, हिम्मती।हौसल:मंदी (अ़.फ़ा.स्त्री.)-
उत्साह होना, जोश और वलवला होना।हौसल:शिकन (अ़.फ़ा.वि.)-
हिम्मत तोडऩेवाला, उत्साहभेदी, दिल तोड़ देनेवाला।हौसल:शिकनी (अ़.फ़ा.स्त्री.)-
हिम्मत तोडऩा, प्रोत्साहन न देना, दिल तोडऩा।हौसला (अ़.पु.)-
दे.-'हौसल:', वही उच्चारण शुद्ध है।-------------------------------------------------
हो
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होंठ (हिं.पु.)-
ओंठ, ओष्ठ, लब।
होज़ (फ़ा.वि.)-
आश्चर्य-चकित, विस्मित, चकित, हैरान; डरा हुआ, त्रस्त, भयभीत, ख़ौफ़ज़दा।होज़ाँ (फ़ा.वि.)-
मुदित, प्रफुल्ल, विकसित, शिगुफ़्ता, (स्त्री.)-नर्गिस का फूल।होड़ (हिं.स्त्री.)-
शर्त, बाज़ी; प्रतियोगिता, चढ़ा-ऊपरी; हठ, ज़िद।होना (हिं.क्रि.अक.)-
सत्ता, अस्तित्त्व, उपस्थिति आदि सूचित करनेवाली मुख्य तथा सबसेअधिक प्रचलित क्रिया; उपस्थित या मौजूद रहना; पहला रूप छोड़कर
दूसरे या नए रूप में आना; कार्य या घटना का प्रत्यक्ष रूप से सामने
आना; व्यवहार या परिणाम के रूप में सामने आना; बनना; निर्माण
किया जाना; कार्य का संपन्न किया जाना; रोग, व्याधि, अस्वस्थता
या प्रेतबाधा आदि का आना; गुज़ारना, बीतना;परिणाम निकलना,
फल देखने में आना।
होनी (हिं.स्त्री.)-
उत्पत्ति, पैदाइश; अवश्य होकर रहनेवाली बात या घटना, भावी भवितव्यता।होर (फ़ा.पु.)-
दिनकर, भास्कर, सूरज, सूर्य, रवि।होरख़्श (फ़ा.पु.)-
सूरज, सूर्य, रवि।होरमुज़्द (फ़ा.पु.)-
एक प्रसिद्घ ग्रह, बृहस्पति, मुश्तरी।होली (हिं.स्त्री.)-
हिन्दुओं का एक प्रसिद्ध त्यौहार जो फाल्गुन की पूर्णिमा को होता है।होशंग (फ़ा.पु.)-
ईरान का एक प्राचीन नरेश।होश (फ़ा.पु.)-
याद, सुधि, स्मरण; संज्ञा, चेतना, ख़बरदारी; विवेक, , तमीज़, अच्छे-बुरेमें फ़र्क़ करने की बुद्घि; बुद्घि, समझ, अ़क़्ल; नशे के उतार की अवस्था।
'होश उड़ा देना'=डरा देना, भयभीत कर देना। 'होश काफ़ूर होना'=होश जाते रहना।
होशगोश (फ़ा.पु.)-
होशयारी।होशबाख़्त: (फ़ा.वि.)-
जिसका दिमाग़ ठिकाने न हो, हतसंज्ञ।होशमंद (फ़ा.वि.)-
होशवाला, सावधान, सचेत, होशियार; बुद्घिमान्, अ़क़्लमंद।होशमंदी (फ़ा.स्त्री.)-
शऊर, दानाई, चेतना, होशियारी; बुद्घिमत्ता, अ़क़्लमंदी।होशयार (फ़ा.वि.)-
चतुर, चालाक; दक्ष, कुशल, माहिर; बुद्घिमान्, अ़क़्लमंद; सचेत, हवास में; छली, ठग।होशयारी (फ़ा.स्त्री.)-
चतुराई, चातुर्य, चालाकी; दक्षता, कुशलता; बुद्घिमत्ता, अ़क़्लमंदी; चेतना; छल, धूर्तता।होशरुबा (फ़ा.वि.)-
चेतना ले जानेवाला, होश उड़ा देनेवाला, संज्ञाहीन कर देनेवाला।होशवाला (फ़ा.वि.)-
सयाना, तज़ुर्बेकार, होशयार।होशोख़िरद (फ़ा.पु.)-
संज्ञा और बुद्घि, अ़क़्ल और तमीज़।होशोहवास (अ़.फ़ा.पु.)-
दे.-'होशोखिरद'।-------------------------------------------
है
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हैं (हिं.अव्य.)-
एक अव्यय जो आश्चर्य, असम्मति आदि का सूचक है। (क्रि.अक.)-'होना'क्रिया का वर्त्तमान रूप 'है' का बहुवचन।
है (हिं.क्रि.अक.)-
'होना' का वर्त्तमान-कालिक एकवचन रूप, जो कृषि वस्तु के होने की पुष्टि करता है।हैअ़त (अ़.स्त्री.)-
रूप, आकृति, शक्ल; ज्योतिर्विद्या, नजूम; आकाशीय पदार्थों की विद्या, खगोल-विद्या।हैअ़तदाँ (अ़.फ़ा.वि.)-
खगोल-विद्या का जानकार; ज्योतिषी।हैअ़ते कज़ाई (अ़.स्त्री.)-
वेषभूसा, शक्ल-सूरत, ऐसी धज जिसमें कोई हँसी का पहलू हो।हैअ़ते मज्मूई (अ़.स्त्री.)-
कोई वस्तु अपने सारे अंगों या अव्यवों के साथ।हैकल (अ़.स्त्री.)-
वह मूर्ति जो किसी ग्रह के नाम पर बनाई जाए; बुतख़ाना, मन्दिर; महल,प्रासाद, भवन, बड़ी इमारत; हार, गले की माला; सूरत-शक्ल, रूप, आकृति,
डील-डौल, नक़्शा; वेषभूषा, सज-धज; कवच, ता'वीज़, यन्त्र।
हैज़: (अ़.पु.)-
क़ै-दस्त का घातक रोग, विसूचिका, हैज़ा।हैज़ (अ़.पु.)-
आर्तव, पुष्प, रज, ऋतु, कुसुम, स्त्री के मासिक-धर्म का ख़ून; वह कपड़ाजिससे औरतें मासिक-धर्म का रक्त साफ़ करके फेंक देती हैं; वह शख़्स
जो बहुत ही घृणित और नीच हो तथा कोई उसे अपने पास न बैठाए ।
हैज़ए वबाई (अ़.पु.)-
वह हैज़ा, जो महामारी के रूप में फैला हो।हैज़ा (अ़.स्त्री.)-
रजस्वला, पुष्पवती, जिस अ़ौरत को मासिक-धर्म हो रहा हो।हैजा (अ़.पु.)-
युद्घ, समर, जंग, लड़ाई।हैजान (अ़.पु.)-
अशान्ति, गड़बड़ी; ज़ोर, जोश, आवेश, उबाल, तेज़ी; कोलाहल, शोर; बेचैनी, घबराहट।हैजानअंगेज़ (अ़.फ़ा.वि.)-
अशान्ति फैलानेवाला, गड़बड़ी मचानेवाला; बेचैनी फैलानेवाला।हैजानख़ेज़ (अ़.फ़ा.वि.)-
दे.-'हैजानअंगेज़'।हैजानी (अ़.वि.)-
अशान्ति और बेचैनी से सम्बन्ध रखनेवाली वस्तु।हैज़ी (अ़.वि.)-
दोग़ला, हरामी, वर्ण-संकर; पाजी, दुष्ट।हैज़ुम (फ़ा.स्त्री.)-
सूखी लकड़ी, जलाने की लकड़ी, जलावन, ईंधन।हैज़ुमकश (फ़ा.वि.)-
लकड़हारा; लगाई-बुझाई करनेवाला।हैज़ुमकशी (फ़ा.स्त्री.)-
लकड़हारे का काम; लगाई-बुझाई।हैज़ुमफ़रोश (अ़.फ़ा.वि.)-
लकड़ियाँ बेचनेवाला, ईंधन बेचनेवाला, जलावन-विक्रेता, जलाने की लकड़ी का व्यापारी।हैज़ुमफ़रोशी (फ़ा.स्त्री.)-
ईंधन बेचने का काम।हैज़ुर्रिजाल (अ़.पु.)-
निन्दा, बुराई, ग़ीबत, चुग़ली, पिशुनता।हैतान (अ़.पु.)-
अकृत, असत्य, झूठ।हैदर (अ़.पु.)-
शेर, सिंह, व्याघ्र; हज़रत अ़ली की एक उपाधि।हैदरे कर्रार (अ़.पु.)-
हज़रत अ़ली की एक उपाधि; बारम्बार शत्रु की सेना पर टूट पडऩेवाला।हैफ़ (अ़.पु.)-
खेद या शोकसूचक शब्द; हा, आह, हाय-हाय, अफ़सोस, खेद, दुःख; ज़ुल्म, अत्याचार, दरेग़।हैफ़ा (अ़.स्त्री.)-
कृशोदरी, पतली कमर वाली स्त्री।हैबत (अ़.स्त्री.)-
आतंक, रो'ब, धाक; भय, त्रास, डर; तेज, जलाल; प्रताप, इक़्बाल।हैबतअंगेज़ (अ़.फ़ा.वि.)-
भयकारक, भय उत्पन्न करनेवाला, त्रासजनक।हैबतअंगेज़ी (अ़.फ़ा.स्त्री.)-
भय उत्पन्न करना, त्रासजनक होना।हैबतज़द: (अ़.फ़ा.वि.)-
भयभीत, त्रस्त, डरा हुआ, सहमा हुआ।हैबतज़दगी (अ़.फ़ा.स्त्री.)-
त्रास, भयभीत होना, डरना।हैबतज़ा (अ़.फ़ा.वि.)-
दे.-'हैबतअंगेज़'।हैबतनाक (अ़.फ़ा.वि.)-
डरावना, रौद्र, भयंकर, भयानक, ख़ौफ़नाक।हैबतनाकी (अ़.फ़ा.स्त्री.)-
भयंकर होना, भयानक होना, डरावना, ख़ौफ़नाकी।हैमा (अ़.पु.)-
बिना पानीवाला जंगल, बियाबान।हैमीय: (फ़ा.स्त्री.)-
जलाने की सूखी लकड़ी, जलावन।हैय: (अ़.पु.)-
सर्प, साँप, अहि।हैयात (अ़.वि.)-
'हैय:' का बहु., सर्प-समूह, बहुत-से साँप; वह विद्या जिसमें पृथ्वी आदिके चलने और आकर्षण आदि का अनुशीलन होता है, ज्योतिष; सूरत,
बनावट ;दशा, अवस्था, कैफ़ियत, हालत।
हैयाल (अ़.वि.)-
महा छली, बहुत बड़ा मक्कार, अत्यधिक धूर्त।हैयिज़ (अ़.पु.)-
स्थान, जगह; छोर, किनारा, तट।हैयिज़े ख़ाकी (अ़.फ़ा.पु.)-
पृथ्वीलोक, मर्त्यलोक, जगत्, संसार, दुनिया।हैयुलअ़ालम (अ़.पु.)-
एक बूटी जो सदा हरी-भरी रहती है।हैरत (अ़.स्त्री.)-
विस्मय, अचम्भा, आश्चर्य, तअ़ज्जुब।हैरतअंगेज़ (अ़.फ़ा.वि.)-
आश्चर्यजनक, अजूबा, अजीबोग़रीब।हैरतअंगेज़ी (अ़.फ़ा.स्त्री)-
अजूबापन, आश्चर्यजनकता।हैरतअफ्ज़़ा (अ़.फ़ा.वि.)-
आश्चर्यवर्द्धक, अचम्भा बढ़ानेवाला।हैरतकद: (अ़.फ़ा.पु.)-
जहाँ हर बात आश्चर्यजनक हो, जहाँ हर तरफ़ अचम्भेवाली बात हो।हैरतख़ान: (अ़.फ़ा..पु.)-
दे.-'हैरतकद:'।हैरतख़ेज़ (अ़.फ़ा.वि.)-
दे.-'हैरतअफ्ज़़ा'।हैरतज़द: (अ़.फ़ा.वि.)-
भौंचक्का, आश्चर्यान्वित, चकित, विस्मित, निस्तब्ध, अचम्भे में पड़ा हुआ।हैरतज़दगी (अ़.फ़ा.स्त्री.)-
अचम्भे में पड़ा हुआ होना।हैरतज़ा (अ़.फ़ा.पु.)-
दे.-'हैरतअफ्ज़़ा'।हैरतनाक (अ़.फ़ा.वि.)-
दे.-'हैरतअंगेज़'।हैरतफ़ज़ा (अ़.फ़ा.वि.)-
'हैरतअफ्ज़ा' का लघु., दे.-'हैरतअफ्ज़़ा'।हैरतसरा (अ़.फ़ा.स्त्री.)-
दे.-'हैरतकद:'।हैरतसामाँ (अ़.फ़ा.वि.)-
दे.-'हैरतअंगेज़'।हैरती (अ़.वि.)-
आश्चर्य में डूबा हुआ, चकित, निस्तब्ध; तल्लीन, मस्त, सरशार।हैरते जल्व: (अ़.स्त्री.)-
प्रेमिका के दर्शन से उत्पन्न निस्तब्धता।हैरते हुस्न (अ़.स्त्री.)-
सुन्दरता के अनुभव से होनेवाली हैरत।हैरान (अ़.वि.)-
भौंचक्का, चकित, निस्तब्ध, हक्का-बक्का; परेशान भटकनेवाला, व्यग्र।हैरानी (अ़.स्त्री.)-
विस्मय, आश्चर्य, ताज्जुब, हैरत।हैल (अ़.स्त्री.)-
शक्ति, बल, ज़ोर, ताक़त।हैलूल: (अ़.पु.)-
आड़, ओट, आवरण, पर्दा।हैवान (अ़.पु.)-
पशु, चौपाया; वन-पशु, जन्तु, जंगली जानवर; प्रत्येक वह चीज़ जो प्राण रखती हो, जीवधारी; नादान, मूर्ख, वहशी।हैवानात (अ़.पु.)-
'हैवान' का बहु., पशुगण, चौपाये, मवेशी, जानवर।हैवानी (अ़.वि.)-
पाश्विक, पशु-सम्बन्धी; पशुओं का; पशुओं-जैसा।हैवानीयत (अ़.स्त्री.)-
जंगलीपन, पशुता, अमानवता, निर्दता, कठोरता; बेशर्मी, मूर्खता।हैवाने ज़ाहिक (अ़.पु.)-
हँसनेवाला प्राणी अर्थात् बन्दर।हैवाने नातिक़ (अ़.पु.)-
बोलनेवाला प्राणी अर्थात् मनुष्य।हैवाने मुत्लक़ (अ़.पु.)-
निरा पशु, बिलकुल जानवर; बेसलीक़ा, मूर्ख।हैस (अ़.स्त्री.)-
युद्घ, कलह, लड़ाई; कुमार्ग गति, बेराही।हैसबैस (अ़.स्त्री.)-
बहसा-बहसी, वाक्कलह, वाद-विवाद, तू-तू, मैं-मैं।हैसियत (अ़.स्त्री.)-
प्रतिष्ठा, इज़्ज़त; आर्थिक स्थिति, माली हालत; शक्ति, सामर्थ्य, ताक़त,योग्यता। 'हैसियत से बढ़कर'=बिसात से बाहर।
हैसियतदार (अ़.फ़ा.वि.)-
प्रतिष्ठित, इज़्ज़तदार; धनवान्, मालदार।हैसियतमंद (अ़.फ़ा.वि.)-
दे.-'हैसियतदार'।हैसियते उर्फ़ी (अ़.स्त्री.)-
साख, एतिबार, मानी हुई इज़्ज़त, सबमें मानी हुई प्रतिष्ठा।हैहात (अ़.स्त्री.)-
हा, हंत, हाय अफ़्सोस, हाय-हाय।------------------------------------------------
हे
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हें-हें (हिं.पु.)-
धीरे-धीरे हँसने का शब्द; गिड़गिड़ाने का शब्द।हे (सं.अव्य.)-
सम्बोधन-सूचक अवयव।हेकड़ी (हिं.स्त्री.)-
अक्खड़पन, उग्रता; ज़बरदस्ती।हेच (फ़ा.वि.)-
तुच्छ, हीन, पोच; व्यर्थ, बेकार, निरर्थक; कोई, कश्चित्;घृणित।हेचकस (फ़ा.वि.)-
तुच्छ, अधम, नीच, कमीना; कोई व्यक्ति।हेचकार: (फ़ा.वि.)-
निकम्मा, काहिल, जिसके किये-धरे कुछ न हो।हिचकारा (फ़ा.वि.)-
दे.-'हिचकार:', वही शुद्ध उच्चारण है।हेचगारा (फ़ा.वि.)-
नालायक़, अयोग्य; बेफ़ायदा, नाकारा।हेचगून: (फ़ा.वि.)-
किसी तरह, कैसे भी।हेचमदाँ (फ़ा.वि.)-
नादान, कुछ न जाननेवाला, निपट मूर्ख, बे-इल्म।हेचमदानी (फ़ा.स्त्री.)-
नादानी, कुछ न जानना, मूर्खता, अज्ञानता।हेचमयर्ज़ (फ़ा.वि.)-
जिसका कोई मूल्य न हो, बेक़द्र, तुच्छ।हेचमर्द (फ़ा.वि.)-
दीन और दु:खी व्यक्ति।हेम (फ़ा.स्त्री.)-
'हेमिय:' का लघु., ईंधन, जलाने की लकड़ी, जलावन।हेमा (सं.स्त्री.)-
माधवी-लता; सुन्दर स्त्री; पृथ्वी; स्वर्ग की एक अप्सरा का नाम।हेमिय: (फ़ा.स्त्री.)-
ईंधन, जलाने की लकड़ी, जलावन।हेर-फेर (हिं.पु.)-
घुमाव-फिराव, चक्कर; दाँव-पेंच, चालबाज़ी; अदल-बदल,उलट-पलट; कुछ बेचना और कुछ ख़रीदना।
हेराफेरी (हिं.स्त्री.)-
हेरफेर, अदल-बदल; इधर का उधर होना या करना।हेल: (फ़ा.पु.)-
'हलैल:' का लघु., हड़, हरीतकी।हेलमेल (हिं.पु.)-
मेल-जोल।हेला (सं.स्त्री.)-
तुच्छ और उपेक्ष्य समझना; खिलवाड़, क्रीड़ा; प्रेम की क्रीड़ा, केलि;बहुत आसान काम; साहित्य में नायिका की वह विनोदपूर्ण चेष्टा
जिसमें वह नायक पर अपने मिलने की इच्छा प्रकट करती
है। (हिं.पु.)-पुकार, हाँक; धावा, चढ़ाई; धक्का, रेला।
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हू
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हूँ (फ़ा.अव्य.)-
सावधानी-सूचक शब्द; स्वीकृति-सूचक शब्द, 'हाँ'; धृणा-सूचक शब्द, 'नहीं'।हूँकना (हिं.क्रि.अक.)-
बछड़े की याद में या और कोई दुःख सूचित करने के लिए गाय काधीरे-धीरे बोलना; वीरों का ललकारना या डपटना; सिसककर रोना।
हू (फ़ा.उभ.)-
'अल्लाह्हू' का लघु रूप., ईश्वर का एक नाम जो प्राय: ग्रन्थों या पृष्ठोंके ऊपर शुभ समझकर लिखा जाता है, ब्रह्म, ईश्वर; शून्य, ख़ला;
सुनसान, खाली; भय, डर। 'हूँ का मुक़ाम'=ऐसा उजाड़ जहाँ कहीं
कुछ भी न दिखाई दे, ख़ौफ़नाक जगह, सुनसान स्थल।
हूकना (हिं.क्रि.अक.)-
सालना, कसकना; पीड़ा से चौंक उठना।हूत (अ़.स्त्री.)-
मछली, मत्स्य; मीन राशि, बारहवाँ बुर्ज, बुर्जे हूत।हूदा (फ़ा.वि.)-
ठीक, उचित, वाजिब, दुरुस्त। 'बेहूदा'=जो ठीक न हो, अनुचित, वाहियात।हून (अ़.पु.)-
अपमान, तिरस्कार, बेइज़्ज़ती।हूब: (अ़.पु.)-
वह व्यक्ति जो न भलाई कर सके न बुराई; दरिद्र बाल-बच्चे।हूब (अ़.पु.)-
अपराध, पाप, गुनाह; वध, हत्या, हलाकत।हूबहू (फ़ा.वि.)-
बिलकुल वैसा ही, एक-जैसा, सदृश, समान, तुल्य, मिस्ल।हूर (अ़.स्त्री.)-
'हौरा' का बहु., परन्तु उर्दू और फ़ार्सी में एकवचन ही बोलते हैं; वह स्त्रीजिसके बाल और आँखें बहुत स्याह हों और शरीर बहुत गोरा हो; स्वर्ग
में रहनेवाली सुन्दर स्त्री, स्वर्गांगना, स्वर्गवधू।
हूर (अ़.पु.)-
हत्या, हलाकत; हानि, नुक़्सान।हूर-ऐन (अ़.फ़ा.स्त्री.)-
सफ़ेद रंगवाले यानी चाँदी-जैसे बाल और सुन्दर बड़ी आँखोंवाली स्त्री।हूर जमाल (अ़.वि.)-
जिसका रूप स्वर्गांगना-जैसा हो अर्थात् बहुत-ही सुन्दर स्त्री।हूर तलअ़त (अ़.वि.)-
दे.-'हूर जमाल'।हूर शमाइल (अ़.वि.)-
स्वर्गांगनाओं-जैसे हाव-भाववाली स्त्री।हूराने बिहिश्त (अ़.फ़ा.स्त्री.)-
स्वर्ग में रहनेवाली स्त्रियाँ, परियाँ, स्वर्गांगनाएँ।हूरुलईन (अ़.स्त्री.)-
सुन्दर आँखोंवाली हूर।हूरेईं (अ़.फ़ा.स्त्री.)-
दे.-'हूरुलईन'।हूरोक़ुसूर (अ़.पु.)-
स्वर्ग और स्वर्गांगनाएँ, बिहिश्त और हूर।हूश (फ़ा.वि.)-
मनुष्यताहीन, वह आदमी जो आदमीयत से ख़ारिज हो, उजड्ड,गँवार; जंगली जानवर।
हूहक़ (अ़.पु.)-
ईश्वर का भजन या स्मरण, ईश्वर में तल्लीन हो जाना; हा-हा,हू-हू, शोरोग़ुल, चहल-पहल, अबादानी। 'हू-हक़ हो जाना'=मिट
जाना, नेस्तनाबूद हो जाना।
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हु
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हुंकार (हिं.सं.पु.)-
ललकार; भयभीत करने के लिए ज़ोर से कियाजानेवाला शब्द, गर्जन; चीत्कार।
हुआ (हिं.क्रिया.अक.)-
'होना' क्रिया का भूतकालिक रूप; किसी कामके सम्पन्न होने की अवस्था।
हुकन: (अ़.पु.)-
दस्त लाने के लिए गुदा के मार्ग से पिचकारी आदि
द्वारा कोई दवा चढ़ाना, वस्ति-कर्म।
हुकम (अ़.पु.)-
दे.-'हुक्म', वही उच्चारण शुद्ध है।
हुकमा (अ़.पु.)-
'हकीम' का बहु., हकीम लोग, वैद्य लोग; वैज्ञानिक लोग, दार्शनिक लोग।हुकमाए वक़्त (अ़.पु.)-
किसी समय में उस वक़्त के वैज्ञानिक, दार्शनिक या वैद्य लोग।हुकुम (अ़.पु.)-
दे.-'हुक्म', वही उच्चारण शुद्ध है।हुक़ूक़ (अ़.पु.)-
'हक़' का बहु., अधिकार समूह, कर्त्तव्य, फ़रायज़।हुक़ूक़े इंसानियत (अ़.पु.)-
मानवाधिकार, वह अधिकार जो मानव-जाति को प्राप्त हैं ; वहअधिकार जो दूसरे जीवधारियों के मानव-जाति पर हैं।
हुक़ूक़े ज़ौजियत (अ़.पु.)-
वह अधिकार जो पत्नी को पति पर प्राप्त हैं।हुक़ूक़े निस्वानी (अ़.पु.)-
वह अधिकार जो स्त्रीवर्ग को मनुष्यों पर प्राप्त हैं।हुक़ूक़े शह्रीयत (अ़.फ़ा.पु.)-
वह अधिकार जो नगरवासियों को प्राप्त हैं, नागरिकता।हुक़ूक़े शौहरीयत (अ़.फ़ा.पु.)-
वह अधिकार जो पति को पत्नी पर प्राप्त हैं।हुकूमत (अ़.स्त्री.)-
प्रभुत्व; राजनितिक आधिपत्य, सत्ता, शासन, राज; राज्य, राष्ट्र, सल्तनत; अत्याचार, ज़ुल्म,ज़बरदस्ती, सख़्ती; सरकार, राज; अधिकार, वश।
हुकूमते आइनी (अ़.स्त्री.)-
वह राज जो विधान द्वारा चलाना जाए, नीति-नियमों से काम करनेवाली सरकार।हुकूमते इलाही (अ़.स्त्री.)-
ईश-सत्ता, ईश्वरीय सत्ता, मशीयत।हुकूमते ख़ुदइख़्तियारी (अ़.फ़ा.स्त्री.)-
स्वायत्त-शासन, वह राज जिसमें किसी की पराधीनता न हो।हुकूमते ग़ैरआइनी (अ़.फ़ा.स्त्री.)-
वह राज जिसमें कोई विधान न हो।हुकूमते जमहूरी (अ़.स्त्री.)-
दे.-'हुकूमते जुम्हूरी', वही उच्चारण शुद्ध है।हुकूमते जुम्हूरी (अ़.स्त्री.)-
वह राज्य-व्यवस्था जिसमें सब शक्ति सर्व-साधारण के हाथ में हों;जनतंत्र, गणतंत्र, लोकतंत्र, वह राज जो जनता के प्रतिनिधियों द्वारा चले।
हुकूमते शख़्शी (अ़.स्त्री.)-
वह राज अथवा व्यवस्था जिसमें कोई एक मनुष्य या राजा अर्थात् सत्ताधारीव्यक्ति अपनी राय से शासन करे और सब शक्तियाँ उसके हाथ में हों।
हुकूमते शैतानी (अ़.स्त्री.)-
अनीति, अत्याचार और अन्याय का शासन।हुक्क: (फ़ा.स्त्री.)-
हिचकी, हिक्का।हुक़्क़: (अ़.पु.)-
पिटारी, टोकरी; इत्र या आभूषण रखने का बक्सा, डिबिया; तम्बाक़ूका धुआँ या तम्बाकू पीने के लिए विशेष रूप से बना हुआ एक प्रकार
का नल-यन्त्र, गड़गड़ा, गुडग़ुड़ी, फ़र्शी, चिलम पीने का हुक़्क़ा। 'हुक़्क़ा
पानी बन्द करना'=जाति से निकाल देना।
हुक्क:बर्दार (अ़.वि.)-
हुक़्क़ा उठानेवाला; हुक़्क़ा भरने या हुक़्क़ा साथ लेकर चलनेवाला (नौकर, सेवक)।हुक्क:बर्दारी (अ़.स्त्री.)-
हुक़्क़ा-पानी का प्रबन्ध करना, हुक़्क़ा भरना।
हुक़्क़:बाज़ (अ़.फ़ा.वि.)-
भानमती, मदारी, पिटारी में से जादू या शोबदे दिखानेवाला;छली, ठग, मक्कार; बहुत हुक़्क़ा पीनेवाला।
हुक़्क़:बाज़ी (अ़.फ़ा.स्त्री.)-
मदारीपन, खेल-तमाशे दिखाना; मक्कारी, छल करना, ठगई, फ़रेबकारी।हुक़्क़ा (अ़.पु.)-
दे.-'हुक़्क़', वही उच्चारण शुद्ध है।हुक्काम (अ़.पु.)-
'हाकिम' का बहु., हाकिम लोग, पदाधिकारी-वर्ग, उच्चाधिकारी-वर्ग।हुक्कामरस (अ़.फ़ा.वि.)-
जो हाकिमों अथवा उच्चाधिकारियों से मेल-जोल रखताऔर उन पर अपना प्रभाव डाल सकता हो।
हुक्कामरसी (अ़.फ़ा.स्त्री.)-
हाकिमों अर्थात् प्रशासकों और उच्चाधिकारियों से मेल-जोल।हुक्कामे बाला (अ़.फ़ा.पु.)-
किसी पदाधिकारी के ऊपरी अधिकारी।हुक्कामे वक़्त (अ़.पु.)-
वर्तमानकाल के पदाधिकारी लोग, तत्कालीन पदाधिकारी लोग।हुक्च: (फ़ा.स्त्री.)-
हिचकी, हिक्का।हुक्ऩ: (अ़.पु.)-
स्नेह वस्ति, अनीमा, डूश।हुक्म (अ़.पु.)-
किसी बड़े आदमी का वचन जिसका पालन करना कर्त्तव्य हो;आदेश, फ़र्मान; आज्ञा, इजाज़त, अनुमति; राजादेश,
हुक्मनामा; अधिकार, शासन, प्रभुत्व; नियम, क़ायदा;
सख़्ती, ज़बरदस्ती, अत्याचार; न्याय, फैसला; ताश
के पत्तों के एक चिह्न का नाम। 'हुक्म चलना या जारी
करना'=आज्ञा देना। 'हुक्म तोडना'=आज्ञा भंग करना।
हुक्मअंदाज़ (अ़.फ़ा.वि.)-
अचूक निशानेबाज़, लक्ष्य-भेदी, ठीक निशाने पर गोली लगानेवाला।हुक्मअंदाज़ी (अ़.फ़ा.स्त्री.)-
अचूक निशानेबाज़ी, लक्ष्य-भेदन, ठीक निशाना मारना।हुक्म अखीर (अ़.पु.)-
अंतिम आज्ञा।हुक्म इम्तिनाई (अ़.स्त्री.)-
किसी काम से रोकने की आज्ञा, निषेधाज्ञा, मुमानियत का हुक्म।हुक्मउदूल (अ़.वि.)-
आज्ञा-पालन न करनेवाला, अवज्ञाकारी, उद्दण्ड, सरकश, अवज्ञ ।हुक्मउदूली (अ़.स्त्री.)-
आज्ञा-पालन न करना, उद्दण्डता, सरकशी।हुक्मन (अ़.वि.)-
हुक्म से, आदेश द्वारा।हुक्मनाम: (अ़.फ़ा.पु.)-
आदेशपत्र, वह काग़ज़़ जिस पर कोई हुक्म लिखा हो।हुक्मनामा (अ़.फ़ा.पु.)-
दे.-'हुक्मनाम:', वही उच्चारण शुद्ध है।हुक्मबरदार (अ़.फ़ा.वि.)-
दे.-'हुक्मराँ', नमक-हलाल, आज्ञाकारी, हुक्म माननेवाला।हुक्मबरदारी (अ़.फ़ा.स्त्री.)-
दे.-'हुक्मरानी', ताबे'दारी, आज्ञा-पालन।हुक्मराँ (अ़.फ़ा.वि.)-
हुक्म देनेवाला; शासन चलानेवाला, शासक, सत्ताधीश, हाकिम, बादशाह।हुक्मरानी (अ़.फ़ा.स्त्री.)-
राज्य, बादशाही, सल्तनत, शासन; शासन चलाना, हुकूमत करना।हुक्मी (अ़.वि.)-
निश्चित, यक़ीनी; ठीक निशाने पर लगनेवाला, अचूक,बेचूक, अमोघ, ख़ता न करनेवाला (दवा या निशाना);
आज्ञाकारी, हुक्म माननेवाला, जैसे--'हुक्मी बन्दा'। 'हुक्मी दवा'=शर्तिया
राम-बाण अर्थात् अचूक दवा।
हुक्मे आखिऱ (अ़.पु.)-
दे.-'हुक्मे क़त्ई'।हुक्मे इम्तिनाई (अ़.पु.)-
वह हुक्म या आदेश जो मुक़दमें के बीच में किसी कार्य-विशेषको रोकने के लिए दिया जाए, निषेधादेश।
हुक्मे क़ज़ा (अ़.पु.)-
ईश्वरीय आदेश, ख़ुदा का हुक्म; होनहार, भविष्य में होनेवाला, भावी।हुक्मे क़ज़ाओक़दर (अ़.पु.)-
भावी और होनहार; ईश्वरेच्छा, मशीयत।हुक्मे क़त्ई (अ़.पु.)-
आख़िरी और अटल हुक्म, अंतिम निर्णय, अंतिमादेश।हुक्मे गश्ती (अ़.फ़ा.पु.)-
विभागों में भेजा जानेवाला हुक्म, परिपत्र, सरकुलर,वह हुक्म जो सब जगह फिराया जाए।
हुक्मे ज़ह्री (अ़.पु.)-
वह आदेश जो प्रार्थनापत्र की पीठ पर अर्थात् पीछे की तरफ़ लिखा जाता है।हुक्मे नातिक़ (अ़.पु.)-
दे.-'हुक्मे क़त्ई'।हुक्महुक्मे मशीयत (अ़.पु.)-
दे.-'हुक्मे क़ज़ा'।हुक्मे रब्बी (अ़.पु.)-
ईश्वरादेश, ख़ुदा का हुक्म, अवश्यंभावी, मशीयत, शुदनी।हुक्मे हाकिम (अ़.पु.)-
हाकिम का हुक्म, राज्यादेश।हुक्हुक (फ़ा.स्त्री.)-
हिक्का, हिचकी।हुजज (अ़.स्त्री.)-
'हुज्जत' का बहु., हुज्जतें।हुज़न (अ़.पु.)-
दे.-'हुज़्न', वही उच्चारण शुद्ध है, रंग, दुःख।हुजरा (अ़.पु.)-
दे.-'हुज्र:', वही उच्चारण शुद्ध है।हुज़ाल (अ़.पु.)-
शरीर की क्षीणता, दुबलापन, कमज़ोरी; तपेदिक रोग की एक श्रेणी।हुज़ीं (अ़.वि.)-
ग़मगीन, दर्दनाक, दुःखपूर्ण।हुज़ुज़ (अ़.स्त्री.)-
एक प्रसिद्घ औषधि, रसौत।हुजुब (अ़.पु.)-
'हिजाब' का बहु., पर्दे, आड़ें।हुजूअ़ (अ़.पु.)-
नींद, निद्रा; स्वाप, स्वप्न, ख़्वाब; शान्ति, सुकून; सुख, आराम।हुजूद (अ़.पु.)-
रात को जागना, रात्रि-जागरण।हुजूम (अ़.पु.)-
जन-समूह, जमाव, भीड़, मज्मा; किसी चीज़ की बाहुल्यता या अधिकता।'चला जब इश्क़ की पगडंडियों पर, हुजूमे-ख़्वाब ने मुझको दबोचा'-माँझी
हुज़ूर (अ़.पु.)-
किसी बड़े का सामीप्य, समक्षता; उपस्थिति, हाज़िरी, मौजूदगी;विद्यमानता; साक्षात्, आमना-सामना; रूबरू; सम्बोधन के लिए
एक आदर-सूचक शब्द, जनाब आ़ली, हज़रत, श्रीमान्; बादशाह
की मजलिस, इजलास, दरबार, कचहरी; ख़िदमत, दरगाह।
हुजूरवाला (अ़.पु.)-
जनाबआली, श्रीमान्।हुज़ूरी (अ़.स्त्री.)-
उपस्थिति, हाज़िरी; विद्यमानता, मौजूदगी; सम्मुखता, सामना;सामीप्य, निकटता, पास होना; बादशाही, दरबार, इजलास।
हुज़ूरे यार (अ़.फ़ा.पु.)-
नायिका के सामने, मा'शूक़ के समक्ष।हुज़ूरेवाला (अ़.फ़ा.पु.)-
बड़े आदमी के लिए प्रतिष्ठा-सूचक सम्बोधन का शब्द, जनाब आ़ली, श्रीमान्।हुज़ूरोग़ैब (अ़.पु.)-
प्रत्यक्ष और परोक्ष, सामना और पीठ पीछा।हुजैफ़़: (अ़.पु.)-
पैग़म्बर साहब के एक सिहाबी।हुज्जत (अ़.स्त्री.)-
तू-तू, मैं-मैं; वाद-विवाद, बहस; कलह, झगड़ा; तर्क, दलील; प्रमाण, सुबूत।हुज्जती (अ़.वि.)-
तक़रारी, झगड़ालू, हुज्जत करनेवाला; तू-तू, मैं-मैं करनेवाला; वाद-विवाद करनेवाला।हुज्जततुल्लाह (अ़.स्त्री.)-
ईश्वर के सत्य होने का प्रमाण।हुज्जतेक़ाते' (अ़.स्त्री.)-
युक्ति-युक्त दलील, अकाट्य प्रमाण, अटल प्रमाण।हुज्जते गोया (अ़.फ़ा.स्त्री.)-
बोलती हुई दलील, तर्कसंगत प्रमाण।हुज्जते मुवज्जह (अ़.स्त्री.)-
दे.-'हुज्जतेक़ाते'।हुज्जते मोह्कम (अ़.स्त्री.)-
मज़बूत दलील; मख़मल का बना वह लिंगरूपी यंत्र जिसे एकस्त्री अपनी कमर में बाँधकर दूसरी स्त्री से चपटी लड़ाती है।
हुज्जाज (अ़.पु.)-
'हाज' का बहु., हज करनेवाले, हाजी लोग।हुज्जाब (अ़.पु.)-
'हाजिब' का बहु., ड्योढ़ीदार लोग।हुज़्ज़ार (अ़.पु.)-
'हाजिऱ' का बहु., उपस्थितजन, हाज़िरीन।हुज़्न (अ़.पु.)-
दु:ख, कष्ट, खेद, संताप, शोक, रंज, ग़म।हुज़्नीय: (अ़.पु.)-
दु:खान्त, वह खेल अथवा नाटक जिसका अन्त दु:ख पर हो।हुज़्म: (अ़.पु.)-
मुट्ठा, पूला।हुड़कना (हिं.क्रिया.अक.)-
वियोग के कारण बहुत दुःखी (विशेषत: छोटे बच्चों का); भयभीत और चिन्तित होना।हुड़दंगी (हिं.स्त्री.)-
आवारा, बेहूदा, फूहड़, हुड़दंग करनेवाला।हुतम: (अ़.स्त्री.)-
बहुत ही तेज़ आग, प्रचण्ड अग्नि; नरक का तीसरा तल।हुज्र: (अ़.पु.)-
कोठरी, छोटा कमरा; मस्जिद की वह कोठरी जिसमें लोगएकान्त में बैठकर ईश्वर की आराधना करते हैं।
हुताम (अ़.पु.)-
थोड़ा अंश, जऱा-सा।हुती (अ़.स्त्री.)-
उर्दू अब्जद के हिसाब से 'हे', 'तोय' और 'ये' जिनके अंक क्रमश: 8, 9 और 10 हैं।हुद: (फ़ा.पु.)-
सत्य, ठीक: (अ़.स्त्री.)-लाभ, फ़ायदा।हुदा (अ़.पु.)-
अ़रब के ऊँटवालों का विशेष गाना, जो वे ऊँटों को ले जातेसमय गाते हैं। इसका 'हु' उर्दू के बड़े 'हे' से बना है।
हुदा (अ़.पु.)-
सरल मार्ग, सीधा रास्ता; मोक्ष का मार्ग; सत्यता, सच्चाई। इसका 'हु' उर्दू के 'दोचश्मी हे' से बना है।हुदात (अ़.पु.)-
'हादी' का बहु., हिदायत करनेवाले, सन्मार्ग दिखानेवाले।हुदूद (अ़.उभ.)-
'हद' का बहु., सीमाएँ, हदें।हुदूदे अर्बअ़: (अ़.पु.)-
चौहद्दी, किसी स्थान या मकान से मिले हुए चारों ओर केमकान या ज़मीन; चारों तरफ़ की हदें।
हुदूदे शर्ई (अ़.पु.)-
धर्मशास्त्र की सीमाएँ; धर्मानुसार दिये जानेवाले दण्ड।हुदूस (अ़.पु.)-
नयापन, नवीनता; किसी वस्तु की नव उत्पत्ति अथवा नया पैदा होना।हुदूसो क़िदम (अ़.पु.)-
नवीनता और पुरातनता, नयापन और पुरानापन; नित्यता और नश्वरता।हुदैबिय: (अ़.स्त्री.)-
अ़रब का एक स्थान।हुद्हुद (अ़.पु.)-
कठफोड़वा नामक पक्षी, खुट-बढ़ई; मुर्ग़-सुलेमान;एक प्रसिद्ध सुन्दर कलग़ीदार पक्षी।
हुनर (फ़ा.पु.)-
गुण, ख़ूबी, विशेषता; शिल्प, दस्तकारी; कारीगरी, कला,फ़न; हाथ की सफ़ाई, चालाकी; विद्या, इल्म।
हुनरआश्ना (फ़ा.वि.)-
हुनर जाननेवाला, गुणी।हुनरनाआश्ना (फ़ा.वि.)-
जो कोई हुनर न जानता हो, गुणहीन, कलाहीन।हुनर नाशनास (फ़ा.वि.)-
जो हुनर न जानता हो; जो हुनर की क़द्र न पहचानता हो।हुनरमंद (फ़ा.वि.)-
हुनर जाननेवाला, गुणवान्, कलाकार, शिल्पकार, दस्तकार, कारीगर, गुणी।हुनरमंदी (फ़ा.स्त्री.)-
हुनर जानना, गुणी होना।हुनरवर (फ़ा.वि.)-
दे.-'हुनरमंद'।हुनरशनास (फ़ा.वि.)-
हुनर जाननेवाला; हुनर की क़द्र पहचाननेवाला।हुनरशनासी (फ़ा.स्त्री.)-
हुनर जानना; हुनर की क़द्र पहचानना।हुनूद (अ़.पु.)-
'हिन्दू' का बहु., हिन्दू लोग; हिन्दुस्तान का वे व्यक्तिजो मूर्तिपूजक और वैदिक धर्मावलम्बी हों।
हुप्पो (हिं.वि.)-
पोपली औ़रत, हड़प कर जानेवाली औ़रत।हुफ्ऩ: (अ़.पु.)-
अंजलि, करपुट, लप।हुफ़्फ़ाज़ (अ़.पु.)-
'हाफ़िज़' का बहु., वह लोग जिन्हें क़ुरान कंठस्थ अर्थात् ज़बानी याद हो।हुफ़्र: (अ़.पु.)-
गड्ढ़ा, गर्त; छिद्र, सूराख़, विवर।हुब [ब्ब] (अ़.स्त्री.)-
प्रेम, प्रीति, स्नेह, प्यार, मुहब्बत; दोस्ती, मित्रता; इच्छा, चाह।'हुब का अमल'=वशीकरण; वह क्रिया या मन्त्रजिसकी सहायता
से किसी के मन में अपने प्रति प्रेम पैदा किया जाए।
हुबल (अ़.पु.)-
अ़रब की एक प्राचीन मूर्ति जो इस्लाम-धर्म से पूर्वका'बे में थी और उसकी पूजा होती थी।
हुबाब (अ़.पु.)-
मित्रता, दोस्ती; अहि, सर्प, साँप; पिशाच, राक्षस; पानी काबुलबुला, बुदबुद; हाथ में पहनने का एक प्रकार का गहना;
शीशे का गोला जो सजावट के लिए लटकाया जाता है।
हुबाला (अ़.स्त्री.)-
'हुब्ला' का बहु., गर्भवती स्त्रियाँ।हुबाहिब (अ़.पु.)-
जुगनू, खद्योत।हुबूत (अ़.पु.)-
नीचे उतरना; मूल्य गिरना; निचली भूमि; दुबलापन।इसका 'हु' उर्दू के 'दोचश्मी हे' से बना है।
हुबूत (अ़.पु.)-
पुण्यों और सत्कर्मों का विनाश।इसका 'हु' उर्दू के 'बड़े हे' से बना है।
हुबूब (अ़.स्त्री.)-
'हब' का बहु., गोलियाँ। इसका 'हु' उर्दू के 'बड़े हे' से बना है।हुबूब (अ़.पु.)-
वायु का बहना, हवा का चलना। इसका 'हु' उर्दू के 'दोचश्मी हे' से बना है।हुबूर (अ़.पु.)-
'हिब्र' का बहु., बुद्घिमान् लोग; हर्ष, प्रसन्नता, ख़ुशी।हुब्ब (अ़.स्त्री.)-
प्रेम, मुहब्बत, उल्फ़त; दोस्ती, मित्रता; शौक़, चाह; आकांक्षा।हुब्बुलवतन (अ़.पु.)-
स्वदेशप्रेम, देशभक्ति, इश्क़े वतन।हुब्ला (अ़.स्त्री.)-
गर्भवती, अंतर्वती, हामिला।हुमक़ (अ़.पु.)-
नादानी, मूर्खता। दे.-'हुमुक़', वही उच्चारण शुद्ध है।हुमक़ा (अ़.पु.)-
'अह्मक़' का बहु., मूर्ख लोग।हुमरत (अ़.स्त्री.)-
दे.-'हुम्रत', वही उच्चारण शुद्ध है, रक्तता, लाली, सुर्ख़ी।हुमा (फ़ा.पु.)-
उर्दू और फ़ार्सी साहित्य का एक ऐसा कल्पित पक्षी, जिसकी छाया पड़जाने से मनुष्य राजा बन जाता है, यह पक्षी केवल हड्डियाँ खाता है।
हुमायूँ (फ़ा.वि.)-
शुभ, मंगलमय, मुबारक, बा-बरकत; (पु.)-एक मुग़लबादशाह जो 'अकबर' का पिता था।
हुमायूँबख़्त (फ़ा.वि.)-
सौभाग्यशाली, उच्च प्रतापी, बुलन्द इक़बाल।हुमुक़ (अ़.पु.)-
मूर्खता, अज्ञानता, नादानी, जहालत।हुमुर (अ़.पु.)-
'हिमार' का बहु., गधे, गर्दभ-समूह।हुमूज़त (अ़.स्त्री.)-
अम्लता, खटास, खट्टापन; खटाई, तुर्शी।हुमूल (अ़.पु.)-
योनि के भीतर रखने की औषधि।हुमैक़ा (अ़.स्त्री.)-
मूर्ख स्त्री, बेवकूफ़ अ़ौरत।हुमैरा (अ़.स्त्री.)-
लाल रंग की स्त्री, गोरी-चिट्टी स्त्री।हुम्क़ (अ़.पु.)-
मूर्खता, नादानी, अज्ञान, हुमुक़, जहालत।हुम्मस (अ़.पु.)-
एक प्रसिद्घ अन्न, चना, चणक।हुम्मा (अ़.पु.)-
ज्वार, ताप, बुखार।हुम्माए दमवी (अ़.पु.)-
वह ज्वर जो रक्त के कोप से आये।हुम्माए नाइब: (अ़.पु.)-
वह ज्वर जो बारी-आरी से आये।हुम्माए बल्ग़मी (अ़.पु.)-
कफ़ के प्रकोप से आनेवाला ज्वर, कफ़-ज्वर।हुम्माए मुजि़्मन: (अ़.पु.)-
बसा हुआ बुखार, सतत ज्वर।हुम्माए मोह्रिक़: (अ़.पु.)-
टाइफ़ाइड बुखार।हुम्माए राबिअ़: (अ़.पु.)-
चौथिया बुखार, चतुर्थक।हुम्माए सफ़्रावी (अ़.पु.)-
पित्त के कोप से आनेवाला ज्वर, पित्त-ज्वर।हुम्माए सौदावी (अ़.पु.)-
वात के दोष से आनेवाला ज्वर, वात-ज्वर।हुम्माज़ (अ़.पु.)-
एक खट्टी घास, चूका साग।हुम्र: (अ़.पु.)-
शरीर में लाल रंग के दाने निकलने का रोग, सुर्ख़ बादा।हुम्रत (अ़.स्त्री.)-
रक्तता, लालिमा, सुर्ख़ी।हुम्री (अ़.वि.)-
सुर्ख़ रंग का, रक्ताभ।हुर [र्र] (अ़.वि.)-
जो किसी का ग़ुलाम न हो, स्वतंत्र, आज़ाद; प्रतिष्ठित,मुअ़ज़्जज़़; वह दास जो सेवामुक्त हो गया हो।
हुरक़त (अ़.स्त्री.)-
दे.-'हुर्क़त', वही उच्चारण शुद्ध है।हुरमत (अ़.स्त्री.)-
दे.-'हुर्मत', वही उच्चारण शुद्ध है।हुरमुज़ (फ़ा.पु.)-
दे.-'हुर्मुज़', वही उच्चारण शुद्ध है।हुरसा (अ़.पु.)-
'हरीस' का बहु., लालची लोग।हुरूम (अ़.पु.)-
एहराम (हाजियों के कपड़े, जिनमें दो चादरें होती हैं) बाँधे हुए लोग।हुरूफ़ (अ़.पु.)-
'हर्फ़' का बहु., अक्षर-माला।हुरूफ़ शनास (अ़.फ़ा.वि.)-
केवल अक्षर-ज्ञान रखनेवाला, कम पढ़ा-लिखा।हुरूब (अ़.पु.)-
'हर्ब' का बहु., लड़ाइयाँ, जंगें।हुरूबे सलीबी (अ़.पु.)-
वे प्राचीन लड़ाइयाँ जो तुर्कों और यहूदियों के बीच हुईं।हुरूर (अ़.पु.)-
गर्मी, उष्णता।हुरैर: (अ़.स्त्री.)-
छोटी और ख़ूबसूरत बिल्ली।हुर्क़त (अ़.स्त्री.)-
सोज़िश, जलन (विशेषत: पेशाब की)।हुर्क़ते बौल (अ़.स्त्री.)-
पेशाब की जलन।हुर्फ़ (अ़.स्त्री.)-
एक प्रकार के दाने जो दवा में काम आते हैं, चंसुर, हालीन।हुर्मत (अ़.स्त्री.)-
बड़ाई, मान-सम्मान, प्रतिष्ठा, इज़्ज़त-आबरू ; सतीत्व,इस्मत; मर्यादा, नामूस; किसी खान-पान का धर्म में
वर्जित होना, निषेध, मनाही।
हुर्मत बहा (अ़.फ़ा.पु.)-
वह धन जो किसी की मानहानि के बदले में दिलाया जाए।हुर्मान (अ़.पु.)-
अ़क़्ल, समझ, बुद्घि, मेधा।हुर्मास (फ़ा.पु.)-
पार्सियों का बुराई का ख़ुदा, अह्रमन, शैतान।हुर्मुज़ (फ़ा.पु.)-
'हुर्मुज़्द' का लघु., दे.-'हुर्मुज़्द'; एक द्वीप; ख़लीजफ़ारिस; सौर मास का प्रथम दिन। इस दिन यात्रा
करना और नए वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है
हुर्मुज़्द (फ़ा.पु.)-
बृहस्पति, मुशतरी, दे.-'होरमुज़्द', दोनों शुद्घ हैं।हुर्र: (अ़.स्त्री.)-
स्वतंत्र स्त्री; वह दासी जो सेवामुक्त कर दी गई हो।हुर्रा (फ़ा.पु.)-
शोर, कोलाहल, नाद; भयानक शब्द, डरावनी आवाज़।हुर्रास (अ़.पु.)-
'हारिस' का बहु., किसान लोग, कृषकवर्ग।हुर्रीयत (अ़.स्त्री.)-
स्वतंत्रता, स्वाधीनता, आज़ादी।हुर्रीयतपरस्त (अ़.फ़ा.वि.)-
जो पराधीनता के बंधनों से मुक्ति चाहता हो औरइसके लिए हर क़ुर्बानी को तैयार हो।
हुलकारना (हिं.क्रि.)-
कुत्ते को शिकार पर दौड़ाना, लहकाना; किसी कोदंगा-फ़साद पर आमादा करना।
हुलफ़ा (अ़.पु.)-
'हलीफ़' का बहु., वह लोग या राष्ट्र जिन्होंने परस्परमित्र रहने की संधि की हो।
हुलल (अ़.पु.)-
'हुल्ल:' का बहु., स्वर्ग के वस्त्राभूषण।हुलसना (हिं.क्रिया.अक.)-
बहुत प्रसन्न होना।हुलाकू (तु.पु.)-
एक बहुत-ही अत्याचारी तुर्की नरेश जो 'चिंगेज़ खाँका पोता है। हिन्दी में 'हलाकू' प्रचलित।
हुलाल (हिं.स्त्री.)-
तरंग, लहर।हुलास (हिं.पु.)-
विशेष आनन्द, उल्लास, आह्लाद; (स्त्री.)-एक प्रकार की सुंघनी, नस्य।हुलिया (अ़.पु.)-
दे.-'हुल्य:', वही उच्चारण शुद्ध है।हुलुम (अ़.पु.)-
स्वप्न, ख़्वाब, दे.-'हुल्म', दोनों शुद्घ हैं।हुलूक (अ़.पु.)-
विनाश, बरबादी; हनन, वध, क़त्ल।हुलूल (अ़.पु.)-
एक चीज़ का दूसरी चीज़ में इस तरह घुसना कि अलगपहचान न हो सके; भीतर समाना, प्रवेश, पैठ; एक
आत्मा का दूसरे शरीर में प्रवेश।
हुल्क़ (अ़.पु.)-
विनाश, बरबादी; वध, क़त्ल, हत्या।हुल्ब: (अ़.पु.)-
मेथी, एक प्रसिद्घ शाक।हुल्म (अ़.पु.)-
स्वप्न, ख़्वाब, दे.-'हुलुम', दोनों शुद्घ हैं।हुल्य: (अ़.पु.)-
चेहरे की बनावट, शरीर का गठन; किसी आदमी यापशु की तलाश के लिए दिये जानेवाले शरीर के चिह्न;
गहना, आभूषण, ज़ेवर।'हुल्य: लिखाना'=भागे या खोए
हुए आदमी अथवा जानवर की पहचान लिखवाना।
हुल्ल: (अ़.पु.)-
जामा, चादर, बहिश्ती लिबास।हुल्लड़ (हिं.पु.)-
कोलाहल, हो-हल्ला; उपद्रव, उत्पात।हुल्लान (अ़.पु.)-
भेड़ या बकरी का छोटा बच्चा, हुलवान, मेमना।हुल्लाम (अ़.पु.)-
मेमना, भेड़ या बकरी का बच्चा।हुल्व (अ़.वि.)-
मधुर, मीठा।हुव:हुव: (अ़.अव्य.)-
अक्षरश:, हर्फ़ ब हर्फ़, ज्यूँ का त्यूँ, जैसा था वैसा ही।हुवल्लाह (अ़.वा.)-
वही ईश्वर है।हुवैदा (फ़ा.वि.)-
साफ़-साफ़, स्पष्ट; प्रकट, व्यक्त, ज़ाहिर।हुशयार (फ़ा.वि.)-
'होशयार' का लघु., दे.-'होशयार'।हुशयारी (फ़ा.स्त्री.)-
'होशयारी' का लघु., दे.-'होशयारी', चालाकी, सावधानी, चतुरता।हुशवार (फ़ा.वि.)-
दे.-'हुशयार'।हुशाश: (अ़.पु.)-
बचे हुए जऱा-से प्राण।हुशियार (फ़ा.वि.)-
दे.-'होशयार', वही उच्चारण शुद्ध है; चतुर, चालक,चौकस, सावधान; बुद्धिमान्।
हुसान (अ़.वि.)-
रूपवान्, सुन्दर, हसीन व्यक्ति।हुसाम (अ़.पु.)-
खड्ग, कृपाण, तलवार।हुसूद (अ़.पु.)-
'हासिद' का बहु. द्वेषी, बुरा चाहनेवाले; ईर्ष्या करनेवाले, डाही लोग।हुसून (अ़.पु.)-
'हिस्न' का बहु., क़िले, दुर्ग; रक्षा का स्थान।हुसूल (अ़.पु.)-
हासिल, प्राप्ति, लब्धि, मिलना; लाभ, नफ़ा, फ़ायदा; आय,आमदनी; परिणाम, फल; निष्कर्ष, नतीजा।
हुसूले इक्तिदार (अ़.पु.)-
सत्ता की प्राप्ति।हुसूले इल्म (अ़.पु.)-
इल्म या ज्ञान की प्राप्ति, विद्या की प्राप्ति।हुसूले कामयाबी (अ़.फ़ा.पु.)-
सफलता प्राप्ति, किसी काम में सफल होना।हुसूले ता'लीम (अ़.पु.)-
विद्योपार्जन, शिक्षा-लाभ, पढ़ाई हासिल करना।हुसूले नबात (अ़.पु.)-
मुक्ति-लाभ, बख़्शिश हासिल करना।हुसूले नियाज़ (अ़.फ़ा.पु.)-
मुलाक़ात होना, भेंट होना।हुसूले फ़ैज़ (अ़.पु.)-
कीर्ति-लाभ, यश-लाभ; अर्थ-लाभ, धन-लाभ।हुसूले बरकत (अ़.पु.)-
प्रसादलाभ।हुसूले बिहिश्त (अ़.फ़ा.पु.)-
स्वर्गलाभ, स्वर्ग मिलना, बिहिश्त मिलना।हुसूले मक़्सद (अ़.पु.)-
उद्देश्य की प्राप्ति, मनोकामना की पूर्ति, आशा की प्राप्ति।हुसूले मत्लब (अ़.पु.)-
अर्थसिद्घि, मतलब निकलना या पूरा होना, ग़रज़ पूरी होना।हुसूले मुद्दअ़ा (अ़.पु.)-
दे.-'हुसूले मत्लब'।हुसूले मुराद (अ़.पु.)-
मक़्सद और मनोकामना की सिद्घि, मनोवांछित वस्तु की प्राप्ति।हुसूले मे'राज (अ़.पु.)-
उन्नति की चरमसीमा को छूना, तरक़्क़ी के शिखर पर पहुँचना।हुसूले शिफ़ा (अ़.पु.)-
रोगमुक्ति, स्वास्थ्य-प्राप्ति।हुसूले शुह्रत (अ़.पु.)-
शोहरत और ख्याति का प्राप्त होना, किसी कार्य या कला-विशेष में प्रसिद्घि।हुसूले सअ़ादत (अ़.पु.)-
किसी पूज्य व्यक्ति की सेवा का सौभाग्य प्राप्त होना, किसी उपकार का यश मिलना।हुसूले सेहत (अ़.पु.)-
स्वास्थ्य की प्राप्ति, रोग-मुक्ति, मरज़ से शिफ़ा।हुसैन (अ़.पु.)-
हज़रत अ़ली के छोटे पुत्र का नाम, जिन्होंने यज़ीद काशासन स्वीकार नहीं किया था, इसी कारण से उनको
'कर्बला' के मैदान में शहीद किया गया था। मुसलमान
इन्हें तीसरा इमाम मानते हैं तथा मुहर्रम
में इन्हीं का मातम होता है।
हुसैनबंद (अ़.पु.)-
चाँदी के दो छल्ले जिनके बीच में चाँदी की ज़ंजीर होती है।इसे मुहर्रम में बच्चों के हाथों में पहनाते हैं।
हुस्न (अ़.पु.)-
उम्दगी, श्रेष्ठता, उत्तमता, ख़ूबी; सौन्दर्य, सुन्दरता, ख़ूबसूरती;शौभा, छटा, रौनक़; लुत्फ़, रंग। इसका 'स्' उर्दू के 'सीन' अक्षर
से बना है।'कि जिसके हुस्न का चर्चा हर इक ज़बान पे है,
ज़मीं पे है कि वो शख़्स आस्मान पे है'-माँझी
हुस्न (अ़.स्त्री.)-
सतीत्व, इफ्फ़़त। 'इसका 'स्' उर्दू के 'सुअ़ाद' अक्षर से बना है।हुस्नअफ्ज़़ा (अ़.फ़ा.वि.)-
सौन्दर्य को बढ़ानेवाला, रूपवर्द्धक, सुन्दरता बढ़ानेवाला।हुस्नआरा (अ़.फ़ा.वि.)-
सुन्दर, रूपवान्, अच्छी शक्लवाला (वाली), सुन्दरता को श्रृंगारित करनेवाला।हुस्नआराई (अ़.फ़ा.स्त्री.)-
सुन्दरता को आभूषित और श्रृंगारित करना अर्थात् बहुत सुन्दर होना।हुस्नख़ेज़ (अ़.फ़ा.वि.)-
वह स्थान जहाँ के लोग सुन्दर होते हों, सुन्दरता की उत्पत्ति करनेवाला।हुस्नख़ेज़ी (अ़.फ़ा.स्त्री.)-
सुन्दरता की उत्पत्ति, सौन्दर्य की बहुतात।हुस्नतलब (अ़.पु.)-
उत्तम या अच्छे संकेत से कोई सुन्दर वस्तु को पाने की इच्छा
प्रकट करना, जैसे किसी की कोई सुन्दर वस्तु देखकर यह
कहना--'वाह, यह कितनी बढ़िया है' ।
दे.-'हुस्ने तलब', शुद्ध उच्चारण वही है।
हुस्नदान (अ़.फ़ा.पु.)-
एक प्रकार का छोटा पानदान।
हुस्नपरस्त (अ़.फ़ा.वि.)-
सौन्दर्योपासक, सौन्दर्य की पूजा करनेवाला; सुन्दर स्त्रियोंको चाहनेवाला; सुन्दर वस्तुओं पर लट्टू रहनेवाला।
हुस्नपरस्ती (अ़.फ़ा.स्त्री.)-
सौन्दर्य की उपासना; सुन्दरता की क़द्रदानी; सुन्दर स्त्रियोंकी चाहत; सुन्दर वस्तुओं पर मुग्धता।
हुस्नपसंद (अ़.फ़ा.वि.)-
सुन्दर चीज़ों को पसन्द करनेवाला; सुन्दर स्त्रियों सेमेल-जोल रखने और उन्हें चाहनेवाला।
हुस्नपसंदी (अ़.फ़ा.स्त्री.)-
सुन्दर वस्तुओं को पसन्द करना; ख़ूबसूरती कोचाहना; सुन्दर स्त्रियों पर लट्टू होना।
हुस्नफ़रोश (अ़.फ़ा.वि.)-
रूप बेचनेवाली, गणिका, वेश्या, तवाइफ़।हुस्नफ़रोशी (अ़.फ़ा.स्त्री.)-
रूप बेचना, वेश्याकर्म।हुस्नबख़्श (अ़.फ़ा.वि.)-
सुन्दरता प्रदान रनेवाला अर्थात् रूप देनेवाला,सुन्दर बनानेवाला।
हुस्ना (अ़.स्त्री.)-
अति सुन्दर स्त्री, बहुत ही हसीन अ़ौरत, रूपवती, लावण्यप्रभा।हुस्नियात (अ़.स्त्री.)-
'हुस्ना' का बहु., सुन्दर और रूपवती स्त्रियाँ।हुस्ने अंजाम (अ़.फ़ा.पु.)-
किसी कार्य का फल और परिणाम अच्छा होना।हुस्ने अ़क़ीदत (अ़.पु.)-
किसी की ओर अत्यधिक श्रद्घा।हुस्ने अख़्लाक़ (अ़.पु.)-
सुशीलता, आचार-व्यवहार में सद्-वृत्ति ।हुस्ने अदा (अ़.फ़ा.पु.)-
बात कहने का अच्छा ढंग, लिखने की अच्छी शैली।हुस्ने आग़ाज़ (अ़.फ़ा.पु.)-
कार्यारम्भ में अच्छे शगुन और सुविधाओं की प्राप्ति।हुस्ने इंतिज़ाम (अ़.पु.)-
प्रबन्ध की ख़ूबी या उत्तमता, सुप्रबन्ध, कार्य-विशेषके प्रबन्ध की सुन्दरता।
हुस्ने इंसिराम (अ़.पु.)-
दे.-'हुस्ने इंतिज़ाम'।हुस्ने इत्तिफ़ाक़ (अ़.पु.)-
दैवयोग, किसी बात का अचानक तौर पर अच्छा होजाना; बेहतर मौक़ा, अच्छा अवसर ।
हुस्ने एतिक़ाद (अ़.पु.)-
दे.-'हुस्ने अ़क़ीदत'।हुस्ने एतिमाद (अ़.पु.)-
किसी पर अत्यधिक विश्वास।हुस्ने क़बूल (अ़.पु.)-
किसी मिली हुई वस्तु को अच्छी तरह से क़बूल यास्वीकार करना; किसी को दी जानेवाली वस्तु का
भली-भाँति स्वीकार किया जाना।
हुस्ने ख़िताब (अ़.पु.)-
अच्छी तरह से सम्बोधित करना, सम्बोधन की ख़ूबसूरती।हुस्ने ख़ुदादाद (अ़.फ़ा.पु.)-
क़ुदरती शोभा, वास्तविक ख़ूबसूरती; ईश्वर का दिया हुआसौन्दर्य अर्थात् प्राकृतिक सुन्दरता, ईश्वरदत्त सौन्दर्य।
हुस्ने ख़ुल्क़ (अ़.पु.)-
दे.-'हुस्ने अख़्लाक़'।हुस्ने गंदुमगूँ (अ़.फ़ा.पु.)-
गेहुएँ रंग का सौन्दर्य।हुस्ने गंदुमी (अ़.फ़ा.पु.)-
दे.-'हुस्ने गंदुमगूँ'।हुस्ने गुफ़्तार (अ़.फ़ा.पु.)-
बातचीत का माधुर्य, बोलचाल की सुन्दरता और शिष्टता।हुस्ने गुलूसोज़ (अ़.फ़ा.पु.)-
साँवलापन, मलाहत।हुस्ने जऩ (अ़.पु.)-
किसी की ओर से अच्छा विचार, सु-धारणा,अच्छी राय, अच्छा गुमान, नेक ख़याल।
हुस्ने तक्ऱीर (अ़.पु.)-
भाषण या बातचीत की सुन्दरता और मधुरता।हुस्ने तद्बीर (हुस्ने तदबीर) (अ़.पु.)-
अच्छी युक्ति, युक्ति-चातुर्य, प्रयत्न की पटुता;प्रबन्ध की कुशलता; कूटनीति, पॉलिसी।
हुस्ने तलब (अ़.पु.)-
किसी चीज़ को इशारे से माँगना; माँगने का अच्छा ढंग, ऐसे ढंगसे चीज़ माँगना कि देनेवाला देते हुए आनन्द का अनुभव करे।
हुस्ने ता'लील (अ़.पु.)-
एक अर्थालंकार; कारण बताने अथवा प्रमाण देने की निपुणता।हुस्ने नजऱ (अ़.पु.)-
दृष्टि की अच्छे-बुरे की परख, दृष्टि का केवल अच्छीचीज़ों को छाँटना और उन्हीं की ओर जाना।
हुस्ने नमकीं (अ़.फ़ा.पु.)-
साँवला सौन्दर्य, नमकीनी, मलाहत।हुस्ने फ़िरंग (अ़.फ़ा.पु.)-
इंगलिस्तान का सौन्दर्य, जिसमें दिखाऊपन अधिक होता है।हुस्ने बिरिश्त: (अ़.फ़ा.पु.)-
साँवला सौन्दर्य, मलाहत।हुस्ने मत्ला' (अ़.पु.)-
ग़ज़ल में पहले शे'र के बाद वाला शे'र (अगर उसकी भी दोनों पंक्तियों में तुक हो)।हुस्ने मलीह (अ़.पु.)-
साँवला सौन्दर्य, साँवलापन, नमकीनी, मलाहत।हुस्ने मह्फ़िल (अ़.पु.)-
वह व्यक्ति जिससे सभा की रौनक़ हो; एक प्रकार का हुक़्क़ा।हुस्ने मुक़ैयद (अ़.वि.)-
सांसारिक सौन्दर्य, परिमित सुन्दरता।हुस्ने मुजस्सम (अ़.पु.)-
जो सिर से पाँव तक हुस्न ही हुस्न हो, बहुत अधिक सुन्दर।हुस्ने मुत्लक़ (अ़.पु.)-
ईश्वरीय सौन्दर्य, जमाले ख़ुदावंदी।हुस्ने यूसुफ़ (अ़.पु.)-
हज़रत यूसुफ़ का सौन्दर्य, जो सांसारिकरूपों में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।
हुस्ने लाज़वाल (अ़.पु.)-
दे.-'हुस्ने मुत्लक़', ऐसा सौन्दर्य जिसका पतन या क्षरण न हो।हुस्ने सबीह (अ़.पु.)-
गोरापन, शुभ्रता।हुस्ने सब्ज़ (अ़.फ़ा.पु.)-
दे.-'हुस्ने मलीह'।हुस्ने समाअ़त (अ़.पु.)-
श्रवण-सौन्दर्य, किसी बात को ध्यानपूर्वक सुनना,अच्छी आवाज़ और अच्छी बातें सुनना।
हुस्ने साख़्त: (अ़.फ़ा.पु.)-
बनावटी सौन्दर्य, अप्राकृतिक रूप; अलंकार औरआभूषण द्वारा सजाया हुआ हुस्न।
हुस्ने साद: (अ़.फ़ा.पु.)-
बिलकुल साधारण और सरल रूप जिसमेंतनिक भी बनावट का पुट न हो।
हुस्ने सादगी (अ़.फ़ा.पु.)-
स्वभाव की सरलता और भोलापन।हुस्ने सिमाअ़ (अ़.पु.)-
श्रवण-रस, गाने का सौन्दर्य या माधुर्य।हुस्ने सुलूक (अ़.पु.)-
व्यवहार की शिष्टता; दीन-दु:खियों की आर्थिक सहायता।हुस्नोइश्क़ (अ़.पु.)-
सुन्दरता और प्रेम; नायक और नायिका।हुस्नोजमाल (अ़.पु.)-
रूप और सौन्दर्य।हुस्ब: (अ़.पु.)-
छोटी माता, हल्की चेचक, ख़सरा (ख़स्र:), दे.-'हसब:', दोनों शुद्घ हैं।हुस्बान (अ़.पु.)-
गणना, शुमार; अनुमान, अंदाज़ा; गिनती, गिनना।हुस्साद (अ़.पु.)-
'हासिद' का बहु., ईर्ष्या करनेवाले लोग, डाह करनेवाले व्यक्ति।---------------------------------------------------------------------------
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